यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU में हर साल 10 हजार से ज्यादा बच्चों का जन्म होता है। 5 मार्च 2019 को यहां के बाल विभाग में धात्री अमृत कलश मिल्क बैंक की स्थापना हुई। गर्भवती महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग के लिए जागरूक करने के अलावा हर नवजात को उसकी मां का दूध मिले, यही इसका पहला लक्ष्य है। बच्चे के जन्म के बाद एक घंटे के भीतर ही उसे मां के दूध पिलाना जरूरी होता है। इससे नवजात बच्चे की जान गंवाने की संभावना 22% तक कम हो जाती है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 23वें ऐपिसोड में KGMU के पीडियाट्रिक विभाग की प्रमुख और मिल्क बैंक की नोडल अफसर डॉ. माला कुमार से खास बातचीत… डॉ. माला कुमार ने बताया कि अच्छी बात ये है कि हम इस काम में बहुत हद तक कामयाब हो रहे हैं। अब अगला लक्ष्य NHM के तहत प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में लैक्टेशन यूनिट को स्थापित कर, KGMU के मिल्क बैंक से लिंक करना है। इससे सभी जन्म लेने वाले बच्चों तक यदि मां का दूध मिल जाएगा, तो प्रदेश में नवजात बच्चों की मृत्यु दर में बहुत हद तक सुधार हो जाएगा। डिब्बा बंद दूध कर रहा आंत में इन्फेक्शन डॉ. माला कुमार कहती है कि शोध में ये परिणाम मिले हैं कि डिब्बे के दूध से 1500 ग्राम से कम वजन के प्री-मेच्योर नवजात की आंत में परेशानी हो सकती है। जिस कारण कई बच्चों को सीरियस कॉम्प्लिकेशन आ रहे हैं। अब इससे बचने का तरीका हर बच्चे को उसकी मां का दूध मुहैया कराना है। पर जिन बच्चों को उनकी मां का दूध नहीं मिल पाता उन्हें मिल्क बैंक से निशुल्क दूध मिल रहा है। माइनस 20℃ में डीप फ्रीजर में किया जाता है स्टोर डॉ. माला कुमार कहती है कि जन्म देने वाली कुछ माताओं में बच्चे की भूख की क्षमता से ज्यादा दूध बनता है। ऐसी मां से मिल्क बैंक के काउंसलर बात करके उन्हें दूध डोनेट करने के लिए प्रेरित करते हैं। अच्छी बात ये है कि हर महीने 50 लीटर तक दूध मिल्क बैंक में आता है। जिन बच्चे को अपनी मां का दूध नहीं मिल पाता उन्हें ही ये दूध पिलाया जाता है। डोनेट किए गए इस दूध को माइनस 20℃ के डीप फ्रीजर में स्टोर किया जाता है। यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU में हर साल 10 हजार से ज्यादा बच्चों का जन्म होता है। 5 मार्च 2019 को यहां के बाल विभाग में धात्री अमृत कलश मिल्क बैंक की स्थापना हुई। गर्भवती महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग के लिए जागरूक करने के अलावा हर नवजात को उसकी मां का दूध मिले, यही इसका पहला लक्ष्य है। बच्चे के जन्म के बाद एक घंटे के भीतर ही उसे मां के दूध पिलाना जरूरी होता है। इससे नवजात बच्चे की जान गंवाने की संभावना 22% तक कम हो जाती है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 23वें ऐपिसोड में KGMU के पीडियाट्रिक विभाग की प्रमुख और मिल्क बैंक की नोडल अफसर डॉ. माला कुमार से खास बातचीत… डॉ. माला कुमार ने बताया कि अच्छी बात ये है कि हम इस काम में बहुत हद तक कामयाब हो रहे हैं। अब अगला लक्ष्य NHM के तहत प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में लैक्टेशन यूनिट को स्थापित कर, KGMU के मिल्क बैंक से लिंक करना है। इससे सभी जन्म लेने वाले बच्चों तक यदि मां का दूध मिल जाएगा, तो प्रदेश में नवजात बच्चों की मृत्यु दर में बहुत हद तक सुधार हो जाएगा। डिब्बा बंद दूध कर रहा आंत में इन्फेक्शन डॉ. माला कुमार कहती है कि शोध में ये परिणाम मिले हैं कि डिब्बे के दूध से 1500 ग्राम से कम वजन के प्री-मेच्योर नवजात की आंत में परेशानी हो सकती है। जिस कारण कई बच्चों को सीरियस कॉम्प्लिकेशन आ रहे हैं। अब इससे बचने का तरीका हर बच्चे को उसकी मां का दूध मुहैया कराना है। पर जिन बच्चों को उनकी मां का दूध नहीं मिल पाता उन्हें मिल्क बैंक से निशुल्क दूध मिल रहा है। माइनस 20℃ में डीप फ्रीजर में किया जाता है स्टोर डॉ. माला कुमार कहती है कि जन्म देने वाली कुछ माताओं में बच्चे की भूख की क्षमता से ज्यादा दूध बनता है। ऐसी मां से मिल्क बैंक के काउंसलर बात करके उन्हें दूध डोनेट करने के लिए प्रेरित करते हैं। अच्छी बात ये है कि हर महीने 50 लीटर तक दूध मिल्क बैंक में आता है। जिन बच्चे को अपनी मां का दूध नहीं मिल पाता उन्हें ही ये दूध पिलाया जाता है। डोनेट किए गए इस दूध को माइनस 20℃ के डीप फ्रीजर में स्टोर किया जाता है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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सपा विधायक इरफान सोलंकी को आज होगी सजा:कानपुर में प्लॉट पर बने घर को फूंका था; पांचों आरोपियों को दोषी करार दे चुकी है कोर्ट
सपा विधायक इरफान सोलंकी को आज होगी सजा:कानपुर में प्लॉट पर बने घर को फूंका था; पांचों आरोपियों को दोषी करार दे चुकी है कोर्ट कानपुर की MP/MLA कोर्ट ने जाजमऊ आगजनी केस में 3 जून को सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया था। इरफान की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई थी। अब 7 जून यानी आज सजा सुनाई होगी। सभी को धारा 147, 436, 427, 504, 506, 323 में दोषी ठहराया गया था। दोषी करार देने के बाद इरफान के समर्थकों ने परिवार वालों के साथ कोर्ट परिसर में हंगामा था। धारा-386, 120B से सभी दोष मुक्त कर दिए गए थे। सबसे प्रमुख आईपीसी की धारा-436 है। इसमें कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम उम्रकैद हो सकती है। इरफान सोलंकी को 2 साल से ज्यादा की सजा होते ही उनकी विधानसभा की सदस्यता भी जाना तय माना जा रहा है। इससे पहले 11 बार तारीख देने के बाद भी कोर्ट ने फैसला नहीं दिया था। 8 नवंबर 2022 को दर्ज हुई थी रिपोर्ट
जाजमऊ के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले इरफान सोलंकी कानपुर की सीसामऊ विधानसभा से सपा से चौथी बार के विधायक हैं। इरफान के घर के पास ही रहने वाली महिला नजीर फातिमा का जिस प्लॉट पर अस्थाई घर बना था। उस प्लॉट को लेकर दोनों का विवाद चल रहा था। नजीर फातिमा ने 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान, रिजवान समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था, 7 नवंबर 2022 को रात 8 बजे उसका परिवार भाई की शादी में गया था। तभी सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और उनके साथियों ने घर में आग लगा दी। साजिश के तहत ऐसा किया गया, जिससे वह घर छोड़कर भाग जाए। विधायक परिवार उस पर कब्जा कर लें। आग से गृहस्थी, फ्रिज, टीवी, सिलेंडर और बाकी गृहस्थी का सामान पूरी तरह से जलकर खाक हो गया था। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जाजमऊ पुलिस ने जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि इरफान सोलंकी, रिजवान सोलंकी, शौकत पहलवान, इजराइल आटा वाला और मो. शरीफ के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की और एमपी/एमएलए कोर्ट में सुनवाई पूरी करने के बाद 3 जून को कोर्ट ने इन पांच आरोपियों को दोषी करार दिया था। किन धाराओं में दर्ज है केस और क्या है सजा
कानपुर की MP/MLA कोर्ट ने जाजमऊ आगजनी केस में सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया है। सभी को धारा 147, 436, 427, 504, 506, 323 में दोषी ठहराया गया है। धारा 386, 120B से सभी दोष मुक्त कर दिए गए हैं। केस में सबसे गंभीर धारा आईपीसी की धारा 436 है। इसमें कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम उम्रकैद हो सकती है। इरफान समेत पांचों आरोपी कोर्ट में होंगे हाजिर
एमपी/एमएलए कोर्ट इरफान सोलंकी आगजनी केस में सजा सुनाने के दौरान सभी आरोपियों को कोर्ट में तलब किया गया है। इरफान सोलंकी को महाराजगंज जेल से कानपुर कोर्ट लाया जाएगा। जबकि अन्य आरोपी कानपुर जेल में ही बंद हैं। इन सभी को कानपुर जेल से कड़ी सुरक्षा में लाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट से लेकर कानपुर शहर में अलर्ट
इरफान सोलंकी केस में पांच आरोपियों को कोर्ट ने 3 जून को दोषी करार दिया तो परिवार के लोगों ने कोर्ट परिसर में हंगामा काट दिया था। पुलिस ने कड़ी मशक्कत से सभी परिवार के लोगों को संभाला और कोर्ट परिसर से बाहर किया था। इसके चलते शुक्रवार को कोर्ट में भारी फोर्स तैनात किया जाएगा। इससे कि दोबारा इस तरह की स्थिति नहीं बन सके, वहीं, दूसरी तरफ शहर में भी अलर्ट घोषित किया गया है। शहर के सेंसटिव इलाकों में पैरामिलिट्री फोर्स रूट मार्च करेगी। आगजनी केस में 3 चार्जशीट दाखिल हुईं
पुलिस ने आगजनी के मुकदमे में तीन आरोप पत्र लगाए थे। पहले में इरफान, रिजवान, शौकत, शरीफ और इजराइल आटावाला के नाम थे। दूसरे में अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू को अभियुक्त बनाया गया। तीसरे आरोप पत्र में शकील चिकना का नाम आया। इसलिए अभी अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू, शकील चिकना के खिलाफ विचारण होगा। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दिलीप अवस्थी ने बताया कि इरफान, रिजवान, शौकत, शरीफ और इजराइल आटे वाले के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल पूरा हो चुका था। इन 18 गवाहों ने केस को अंजाम तक पहुंचाया
आजमगढ़ में 5 हजार KG नकली खोया पकड़ा गया:पेंट और केमिकल से बनाते थे मिठाई, पेड़े ऐसे, जो कभी खराब नहीं होते, 14 लोग हिरासत में
आजमगढ़ में 5 हजार KG नकली खोया पकड़ा गया:पेंट और केमिकल से बनाते थे मिठाई, पेड़े ऐसे, जो कभी खराब नहीं होते, 14 लोग हिरासत में आजमगढ़ में नकली खोया बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। फैक्ट्री से 5 हजार किलो (5 क्विंटल) खोया बरामद किया गया है। इसमें मिठाई भी शामिल है। यह छापेमारी गुरुवार-शुक्रवार की रात करीब 1 बजे की गई। करीब तीन घंटे के एक्शन के बाद पुलिस ने 14 लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस ने शहर कोतवाली क्षेत्र के हर्रा चुंगी के पास धर्मू नाला मोहल्ले में चल रही फैक्ट्री को सील कर दिया है। जब्त किए गए माल की कीमत लाखों में बताई जा रही है। पकड़े गए कारीगरों ने रेड के दौरान बताया- फैक्ट्री करीब एक साल से चल रही थी। दिवाली पर प्रोडक्शन ज्यादा हो रहा था। यहां ऐसे पेड़े और मिठाई बनती है, जो कभी खराब नहीं होती। छापेमारी के दौरान एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने फैक्ट्री के कारीगरों से खोया और मिठाई बनाने का प्रोसेस भी जाना। इस दौरान पता चला कि मिठाई में कलर के अलावा, पेंट भी मिलाया जाता था। प्रधान के गोदाम पर फैक्ट्री, आगरा से आए कारीगर धर्मू नाला पर जिस गोदाम में फैक्ट्री चल रही थी। वह प्रधान अवधेश कुमार का है। फैक्ट्री में आगरा से आए कारीगर जहरीली मिठाई बना रहे थे। मुख्य आरोपी हरिओम और उसका साथी विकास आगरा के थाना फतेहाबाद का रहने वाले हैं। ये लोग अपने साथ 12 लोगों को आगरा से आजमगढ़ लेकर आए। पूछताछ में आरोपियों ने बताया- इनमें चार कारीगर हैं, जो मिठाई बनाते थे। बाकी मजदूर हैं। मजदूरों में महिलाएं भी हैं। रात में बनाया जाता खोया, सुबह होती पैकिंग छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में रात को भी खोया तैयार किया जा रहा था। कुछ महिलाएं नकली खोया से पेड़े बना रही थीं। वहीं कारीगर गोदाम में मिल्क केक और खोया को स्टॉक कर रहे थे। पुलिस को देखते ही कई आरोपी फरार हो निकले। कैसे बनाते हो खोया? कारीगर ने बताया पूरा प्रोसेस एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने एक कारीगर से पूछा कि कैसे खोया और मिठाई बनाते हो? चलो पूरा प्रोसेस बताओ। इसके बाद उसने शुरू से अंत तक का प्रोसेस बताया। पहले वह एसपी सिटी को गोदाम में ले गया। यहां उसने बताया कि खोया में लगने वाला मटेरियल यहां स्टॉक किया जाता है। कारीगर ने बताया- खोया बनाने के लिए सबसे पहले पाउडर वाला दूध लाया जाता है। इसे पानी में घोलकर रखा जाता है। इसके बाद इसमें कई केमिकल डाले जाते हैं। फिर कड़ाई में डालकर इसे असली खोया की तरह चलाया जाता है। कारीगर ने बताया- मिठाई बनाने के लिए हम लोग उसमें रंग डालते हैं। इसके अलावा इसमें पेंट भी मिलाया जाता है, ताकि यह ज्यादा दिन तक चलें। इस खोया की बनी मिठाई जल्दी खराब नहीं होती। या यूं कह लीजिए कि कभी खराब नहीं होती। केमिकल-पेंट और स्टॉक की तीन तस्वीरें ऐसे केमिकल जिनमें लिखा- खाने के लिए नहीं है फैक्ट्री से भारी मात्रा में केमिकल बरामद किया गया। इनमें सिट्रिक एसिड और सोडियम फॉर्मेल्डिहाइड सल्फोक्सिलेट मिले हैं। सिट्रिक एसिड किटाणुनाशक है। इसका इस्तेमाल साबुन के मैल, कठोर पानी के दाग, चूना और जंग को हटाने के लिए होता है। सोडियम फॉर्मेल्डिहाइड सल्फोक्सिलेट किसी भी चीज को पानी में पूरी तरह घोलने में मदद करता है। इसे खाने से हो सकती है कैंसर और स्किन संबंधी बीमारी खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम के अधिकारियों के मुताबिक- फैक्ट्री में जिस केमिकल का प्रयोग किया जा रहा है। उन्हें खाने से कैंसर होने का खतरा रहता है। स्किन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। आरोपियों के कब्जे से 25 कुंतल मिल्क केक, 15 कुंतल डोडा बरफी और 10 कुंतल से अधिक पेड़ा जब्त किया गया है। टीम ने सैंपल भी लिया है। शहर से लेकर गांव तक करते थे सप्लाई इस बारे में पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने इस बात को स्वीकार किया कि दीपावली के त्योहार में बड़ी संख्या में मिठाइयों की दुकानों से ऑर्डर मिल रहे थे। ऐसे में बड़ी संख्या में कारीगरों को लगाकर नकली मिठाइयों का निर्माण कराया जा रहा था। इन नकली मिठाईयों के खरीददार शहर से लेकर बाजारों तक के बड़े-बड़े व्यापारी होते थे। जिले के सठियांव, बूढ़नपुर, अतरौलिया, कप्तानगंज के साथ शहर की कई बड़ी मिठाईयों की दुकानों पर इन मिठाईयों की सप्लाई होती थी। इस बारे में एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने कहा- आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। अभी तक इन्होंने कहां-कहां माल सप्लाई किया। इनके कस्टमर कौन थे। उनको भी पकड़ा जाएगा। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। सोता रहा फूड डिपार्टमेंट जिले का खाद्य विभाग सिर्फ सैंपलिंग के नाम पर खानापूर्ति करता रहा। एक वर्ष से चल रहे इस फैक्ट्री के बारे में उन्हें पहले पता नहीं चला। लापरवाही का आलम यह रहा कि जिले में चलने वाली इस छापेमारी में न तो शामिल रहे और न ही मामले के बारे में कोई जानकारी दे सके। हालांकि, बाद में सैंपलिंग के लिए इन्हें सूचना देकर बुलाया गया।
……………………… यह खबर भी पढ़ें झांसी में पुलिस के सामने सिपाही को पीटा, VIDEO:बाप-बेटे को पीटने से भीड़ गुस्साई; बाजार में दौड़ा-दौड़ाकर मारे लात-घूंसे झांसी में बाइक की टक्कर लगने से गुस्साए GRP सिपाहियों ने एक युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी। उसके पिता को भी नहीं बख्शा। उनके दांत तोड़ दिए। बाप-बेटे को पिटता देख लोग आक्रोशित हो गए। भीड़ ने पुलिसकर्मियों के सामने सिपाही को पीटा। बाजार में दौड़ा-दौड़ाकर जमकर लात-घूंसे मारे। पढ़ें पूरी खबर…
हिमाचल की मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने नहीं किया जॉइन:कार्मिक विभाग ने नंदिता गुप्ता को भेजा रिमांइडर, अधिकारी से पूछा कारण
हिमाचल की मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने नहीं किया जॉइन:कार्मिक विभाग ने नंदिता गुप्ता को भेजा रिमांइडर, अधिकारी से पूछा कारण हिमाचल की नव नियुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) नंदिता गुप्ता ने 21 दिन बाद भी जॉइन नहीं किया। इसे देखते हुए कार्मिक विभाग ने नंदिता गुप्ता को जॉइनिंग को लेकर रिमाइंडर भेजा है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने बीते 27 अगस्त को नंदिता गुप्ता को हिमाचल का CEO नियुक्त किया था। ECI ने नंदिता गुप्ता को एक सप्ताह में जॉइनिंग के लिए कहा था और राज्य सरकार की इसकी कंप्लायंस रिपोर्ट ECI को देने को बोला गया था। लिहाजा कार्मिक विभाग ने नंदिता गुप्ता को रिमाइंडर भेजकर जॉइन नहीं करने के कारण पूछे हैं। नंदिता गुप्ता हिमाचल कैडर की साल 2011 बैच की IAS हैं। वह अभी दिल्ली में सेवाएं दे रही है। हिमाचल की CEO बनने के बाद नंदिता गुप्ता एक बार हिमाचल जरूर आई थी, लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया। हिमाचल में उन्हें सीईओ मनीष गर्ग की जगह लेनी है। मनीष गर्ग पहले ही रिलीव हो गए हैं। वह अब केंद्रीय चुनाव आयोग में डिप्टी इलैक्शन कमिश्नर के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं।