शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ मंडी पुलिस ने एक्शन लिया है। पुलिस ने नश में ड्राइविंग करने पर 68 चालकों के लाइसेंस रद्द करने भेजें हैं। साथ ही पुलिस ने शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 66 लोगों को हिरासत में भी लिया है, जो गाड़ी ड्राइव करने की हालत में नहीं थे। पुलिस ने स्पेशल अभियान के दौरान 15 दिनों के भीतर 176 शराबी वाहन चालकों के चालान काटे हैं। यह जानकारी एसपी साक्षी वर्मा ने दी। एसपी ने बताया कि हिमाचल पुलिस द्वारा चलाए गए इस अभियान के दौरान शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई की है। परिवहन विभाग से की लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान 176 चालानों में 68 वाहन चालक ऐसे पाए गए हैं, जिनके पहले भी कई बार ड्रंकन ड्राइविंग के चालान हो चुके है। ऐसे में पुलिस ने परिवहन विभाग को इन लोगों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है। साक्षी वर्मा ने बताया कि शराब पीकर गाड़ी चलाना यातायात नियमों के खिलाफ है। ऐसे वाहन चालक जो शराब पीकर गाड़ी चला रहें हैं। अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी जानलेवा साबित होते है। उन्होंने वाहन चालकों से शराब पीकर गाड़ी न चलाने की अपील की है। साथ ही उन्होंने बताया कि आगे भी मंडी पुलिस का शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। 24 सिंतबर से 8 अक्टूबर तक चलाया गया था अभियान बता दें कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों पर शिकंजा कसने के लिए हिमाचल पुलिस द्वारा 24 सिंतबर से 8 अक्टूबर तक प्रदेश व्यापी अभियान चलाया गया था। इस अभियान का उद्देश्य शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के साथ, जिम्मेदार व सुरक्षित ड्राइविंग की संस्कृति को बढ़ावा देना रहा है। शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ मंडी पुलिस ने एक्शन लिया है। पुलिस ने नश में ड्राइविंग करने पर 68 चालकों के लाइसेंस रद्द करने भेजें हैं। साथ ही पुलिस ने शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 66 लोगों को हिरासत में भी लिया है, जो गाड़ी ड्राइव करने की हालत में नहीं थे। पुलिस ने स्पेशल अभियान के दौरान 15 दिनों के भीतर 176 शराबी वाहन चालकों के चालान काटे हैं। यह जानकारी एसपी साक्षी वर्मा ने दी। एसपी ने बताया कि हिमाचल पुलिस द्वारा चलाए गए इस अभियान के दौरान शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई की है। परिवहन विभाग से की लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान 176 चालानों में 68 वाहन चालक ऐसे पाए गए हैं, जिनके पहले भी कई बार ड्रंकन ड्राइविंग के चालान हो चुके है। ऐसे में पुलिस ने परिवहन विभाग को इन लोगों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है। साक्षी वर्मा ने बताया कि शराब पीकर गाड़ी चलाना यातायात नियमों के खिलाफ है। ऐसे वाहन चालक जो शराब पीकर गाड़ी चला रहें हैं। अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी जानलेवा साबित होते है। उन्होंने वाहन चालकों से शराब पीकर गाड़ी न चलाने की अपील की है। साथ ही उन्होंने बताया कि आगे भी मंडी पुलिस का शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। 24 सिंतबर से 8 अक्टूबर तक चलाया गया था अभियान बता दें कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों पर शिकंजा कसने के लिए हिमाचल पुलिस द्वारा 24 सिंतबर से 8 अक्टूबर तक प्रदेश व्यापी अभियान चलाया गया था। इस अभियान का उद्देश्य शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के साथ, जिम्मेदार व सुरक्षित ड्राइविंग की संस्कृति को बढ़ावा देना रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल बिजली बोर्ड ने नौकरी से निकाले 81 ड्राइवर:आउटसोर्स पर दे रहे थे सेवाएं; कर्मचारियों में हड़कंप, इंजीनियरों के 51 पहले खत्म किए चा चुके
हिमाचल बिजली बोर्ड ने नौकरी से निकाले 81 ड्राइवर:आउटसोर्स पर दे रहे थे सेवाएं; कर्मचारियों में हड़कंप, इंजीनियरों के 51 पहले खत्म किए चा चुके हिमाचल सरकार का उपक्रम बिजली बोर्ड घाटे से उभरने के लिए कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है। इंजीनियरों के 51 पद खत्म करने के बाद अब आउटसोर्स पर रखे गए 81 ड्राइवरों की नौकरी से निकालने की तैयारी है। इससे बोर्ड के आउटसोर्स कर्मियों में हड़कंप मच गया है। नौकरी से निकाले जा रहे ड्राइवर 10 से 12 सालों से सेवाएं दे रहे हैं। इस दौरान पूर्व की वीरभद्र सरकार और पूर्व की जयराम सरकार ने भी इनके लिए पॉलिसी बनाने का जरूर भरोसा दिया, लेकिन आज तक पॉलिसी नहीं बनाई गई। ड्राइवरों की छंटनी का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण: वर्मा लिहाजा अब तक ये कर्मचारी आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से सेवाएं देते आ रहे हैं। हिमाचल बिजली बोर्ड के जॉइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि ड्राइवरों की छंटनी करना बोर्ड का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। उन्होंने कहा कि यदि इनके लिए पॉलिसी नहीं बनाई जा सकती तो कम से कम नौकरी से न निकाला जाए। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड प्रबंधन ने उस कंपनी को पत्र लिख दिया है, जिसके जरिए ड्राइवर आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बोर्ड प्रबंधन से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स ड्राइवरों की नौकरी बहाल करने के साथ साथ इंजीनियरों के खत्म किए गए 51 पद भी बहाल किए जाए। स्क्रैप पॉलिसी के तहत लगाए वाहन हटाए गए:MD वहीं बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने बताया कि चालक आउटसोर्स पर रखे गए थे। इनकी सेवाएं कंपनी के माध्यम से ली जा रही थी। अब बिजली बोर्ड से स्क्रैप पॉलिसी के तहत वाहन हटा दिए गए है।
हिमाचल यूनिवर्सिटी में देर रात तक बवाल:SFI का आरोप; मेरिट वाले छात्रों को नहीं मिले हॉस्टल, चीफ वार्डन का घेराव
हिमाचल यूनिवर्सिटी में देर रात तक बवाल:SFI का आरोप; मेरिट वाले छात्रों को नहीं मिले हॉस्टल, चीफ वार्डन का घेराव हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) में हॉस्टल आवंटन को लेकर मंगलवार की रात हंगामा हो गया है। छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर हॉस्टल आवंटन में गड़बड़ी के आरोप लगाए। छात्र संगठन SFI के बैनर मंगलवार देर शाम को छात्रों ने विश्व विद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। SFI वर्करों और छात्रों ने देर रात तक हॉस्टल आवंटन में गड़बड़ियों को लेकर चीफ वार्डन का घेराव किया। छात्रों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन को मौके पर सुरक्षा कर्मियों को बुलाना पड़ा। छात्रों का आरोप है कि मेरिट वाले छात्रों हॉस्टल नहीं दिया गया। ईआरपी सिस्टम हॉस्टल अलॉटमेंट में गड़बड़ी एसएफआई के इकाई अध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा यूनिवर्सिटी में हॉस्टल अलॉटमेंट में एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सिस्टम में गड़बड़ी हुई है। छात्रों की परीक्षाओं में भी ईआरपी सिस्टम लाया गया। इससे बड़ी संख्या में छात्र फैल हुए हैं। अब हॉस्टल आवंटन में ईआरपी सिस्टम से किया गया। इसमें बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि एंट्रेंस एग्जाम में टॉप करने वाले छात्रों को हॉस्टल से वंचित रखा गया है। उन्होंने इस गलती में जल्द सुधार नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है और पात्र छात्रों को जल्द हॉस्टल देने की मांग की है। बीते सप्ताह हॉस्टल आवंटन को प्रदर्शन कर चुके छात्र इससे पहले बीते सप्ताह छात्रों ने हॉस्टल आवंटन में देरी को लेकर देर रात तक हॉस्टल के बाहर धरना दिया था। छात्रों के उग्र प्रदर्शन के बाद बीते मंगलवार को हॉस्टल आवंटन तो कर दिया गया। मगर अब इसमें गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं।
चंबा में भालू ने व्यक्ति पर किया हमला:लहूलुहान कर छोड़ा, शोर मचाने पहुंचे ग्रामीण; निजी काम से जा रहा था बाहर
चंबा में भालू ने व्यक्ति पर किया हमला:लहूलुहान कर छोड़ा, शोर मचाने पहुंचे ग्रामीण; निजी काम से जा रहा था बाहर चंबा जिले में भालू ने एक व्यक्ति पर हमला कर दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। व्यक्ति के शोर मचाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। जिसके देखकर भालू भाग गया। घटना फाट गांव की है। घायल बालकू पुत्र हंसराज अल सुबह करबी 6 बजे किसी काम के लिए अपने घर से निकला। जो घर से कुछ ही दूर पहुंचा था कि पास के जंगल से एक भालू आया और उसने बालकू पर हमला कर दिया। शोर मचाने पर मौके पहुंचे ग्रामीण भालू ने बालकू को बुरी तरह से नोंच डाला जिसके चलते वह लहूलुहान हो गया। अपनी जान खतरे में पाकर आत्मरक्षा के लिए बालकू जोर-जोर से चिल्लाने लगा। उसकी चिल्लाने की आवाजें सुनकर आसपास के ग्रामीण घटनास्थल की तरफ दौड आए। लोगों को अपनी तरफ आता देखकर भालू घबरा गया और खुद के लिए खतरा पाकर बालकू को छोड़ कर वहां से भाग गया। भालू के हमले में बालकू बुरी तरह से जख्मी हो चुका था जिसके चलते उसे उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज चंबा पहुंचाया गया। पीड़ित की दो जाएगी राहत राशि वन विभाग का कहना है कि घायल व्यक्ति को तय नियमों के अनुसार राहत राशि जारी की जाएगी। इस घटना के बाद से फाट गांव के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि रिहायशी क्षेत्र में मौजूद इस वन्य प्राणी को पकड़ा जाए। जिससे किसी और व्यक्ति के साथ इस प्रकार की घटना न घटे।