यूपी के हापुड़ जिले के सदरपुर गांव में लोग अदृश्य सांप से दहशत में हैं। दरअसल बीते एक हफ्ते में यहां सांप के काटने से महिला और उसके दो-बच्चों की मौत हो गई, जबकि चार महिला-पुरुषों का इलाज चल रहा है। मेडिकल रिपोर्ट में सांप काटने की बात सामने आई है, लेकिन गांव में अब तक किसी ने सांप को नहीं देखा है। सांप की दहशत के चलते गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग इतने डरे हुए हैं कि करीब 30 से ज्यादा बच्चों को रिश्तेदारी में भेज दिया है। वहीं, 10-12 घरों पर ताला लग चुका है। गांव में सांप पकड़ने के लिए कई दिनों से एक्सपर्ट जुटे हुए हैं। अब तक 5 सांप पकड़े भी जा चुके हैं, लेकिन उनमें से एक भी जहरीला नहीं निकला। यानी वो जहरीला सांप कोई और है। गांव के हर घर के दरवाजे पर विशेष रंग से सांप का निशान बनाया गया है। यहां मान्यता है कि ऐसा करने से सांप घर के अंदर नहीं घुसता है। अदृश्य सांप की दहशत के बीच दैनिक भास्कर भी सदरपुर गांव पहुंचा। ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर गांव वालों का दर्द सुना। कैसा माहौल है, ये भी परखा। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सदरपुर गांव बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर स्टेट हाईवे पर है। तकरीबन 500 मीटर अंदर चलने पर जाटव बस्ती पड़ती है। जहां करीब 80 से 90 घर हैं। सबसे पहले हम उस घर तक पहुंचे, जहां तीन मौतें हुई हैं। यहां हमें रिंकू उर्फ रिंकेश मिले, जो मजदूरी करते हैं। रिंकू ने बताया- घर में मेरे अलावा दो बच्चे और पत्नी रहते थे। 21 अक्टूबर की रात सभी खाना खाकर सोए थे। रात डेढ़ बजे के आसपास पत्नी पूनम ने मुझे उठाया और बताया कि दोनों बच्चों की तबीयत खराब हो रही है। मैंने उठकर देखा तो बेटी साक्षी (12) और बेटा कनिष्क (10) उल्टियां कर रहे थे। मुझे लगा कि बच्चों ने उल्टा-सीधा खा लिया होगा, इसलिए ऐसा हो रहा। लेकिन उल्टियां बंद नहीं हुईं। हम उनको अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने दोनों को सुबह करीब 4 बजे मृत घोषित कर दिया। घर आया तो पत्नी की तबीयत बिगड़ गई
रिंकू ने आगे बताया- हम दोनों बच्चों के शव घर पर ले आए। कुछ ही देर बाद ही पत्नी पूनम (32) की तबीयत बिगड़ने लगी। उनका जबड़ा बंद हो गया। मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी। हम पहले उन्हें स्याना के हॉस्पिटल, फिर वहां से बुलंदशहर ले गए। 22 अक्टूबर की दोपहर करीब 12-1 बजे के पूनम ने भी दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने बताया कि तीनों को सांप ने काटा था। तीनों के शरीर पर सांप काटने के निशान भी मिले। रिंकू के घर के पीछे ढूंढा जा रहा सांप
इसके बाद हम रिंकू के घर के ठीक पीछे पहुंचे। यहां कई खाली प्लॉट हैं। इनमें बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं। कूड़े का ढेर लगा हुआ है। वन विभाग की टीम और NGO वर्कर यहां अपने यंत्र लेकर सांप ढूंढते मिले। इसी प्लॉट के किनारे बैठी अंगूरी नाम की वृद्धा ने बताया- गांव में एक साथ तीन मौतें हो गईं। सांप काट लेता है और दिखता नहीं। ये नहीं पता कि कौन काटता है। अगर वो दिख जाए तो पता भी चले। कल रात भी एक महिला को काट लिया और दिखाई नहीं दिया। हमने पूछा कि कौन काटता है? इस पर अंगूरी कहती हैं- दिखाई ही तो नहीं देता तो कैसे बताएं। फूलवती बोलीं- सांप से बच्चे-बूढ़े, जवान सभी डरे हुए
वन विभाग ने गांव के अंदर पंप्लेट्स बांटे हैं। सांप कितने तरह के होते हैं, कौन-कौन से सांप जहरीले होते हैं…ये जानकारियां इन पंप्लेट्स पर लिखी हैं। इसके अलावा लोगों को बचाव के तरीके भी बताए गए हैं। 62 साल की फूलवती यही जानकारी पढ़ती हुई मिलीं। वो बताती हैं- सांप से बच्चे, आदमी-औरत सब डरे हुए हैं। कई लोग तो डर के मारे यहां से चले गए। रात को लोग सोते नहीं हैं। जरा सी आवाज होते ही लोग घरों से निकलकर खड़ंजे (सड़क) की तरफ भागते हैं। डर से लोगों ने बच्चों को रिश्तेदारी में पहुंचा दिया है। अब गांव में सिर्फ बड़े-बूढ़े ही रह गए हैं। गांव के घरों पर लटके ताले
गांव से कई परिवारों ने डर के चलते घर छोड़ दिया है। घरों पर लटके ताले इसकी सच्चाई बयां कर रहे हैं। अंबेडकर मूर्ति के पास हमें बाइक सवार भूरा मिले। भूरा की दो बहनों की शादी इसी गांव में हुई है। भूरा ने बताया- मैं अपनी दोनों बहनों और उनके सात बच्चों को अपने घर गांव सबदलपुर (थाना नरसैना, जिला बुलंदशहर) ले जा चुका हूं। जीजा इसलिए नहीं जाना चाहते, क्योंकि फिर पशुओं की देखरेख कौन करेगा। अब बहनों और बच्चों को इस गांव में तभी वापस लाऊंगा, जब सांप पकड़ लिया जाएगा। तसलीम बोले- गांव में धंधा चौपट
यहीं पर हमें तसलीम मिले। तसलीम इस गांव में रोजाना गोलगप्पे बेचने के लिए बाइक से आते हैं। इस दहशत की वजह से उनका धंधा भी आधा रह गया है। वह बताते हैं- डर की वजह से गांव में बच्चे नहीं हैं। कई घर बंद हो गए हैं। इसका असर बिक्री पर भी पड़ा है। अब पहले की तरह गोलगप्पों की बिक्री नहीं हो रही। धीरेंद्र ने कहा – सांप को किसी ने नहीं देखा
गांव के धीरेंद्र कुमार बताते हैं- यहां पर बहुत सारे बच्चे बाहर चले गए हैं। हमने पूछा कि डर किस बात का है? इस पर धीरेंद्र बताते हैं- डर ये है कि ये सांप दिखने वाला नहीं है। काटता है और गायब हो जाता है। किसी ने इस सांप को नहीं देखा। विनीत ने कहा- 5 सांप पकड़े, मगर ये जहरीले नहीं
जाटव बस्ती के पास ही हमें सर्च ऑपरेशन चला रहे स्नेक प्रोक्टशन सोसाइटी के विनीत राघव मिले। विनीत पिछले दो दिन से टीम के साथ गांव में डेरा डाले हुए हैं। इस दौरान करीब 5 सांप पकड़े हैं। हालांकि, वे सभी जहरीले नहीं पाए गए। विनीत ने बताया- हमें मीडिया रिपोर्ट के जरिये पता चला कि इस गांव में अंधविश्वास बढ़ गया है। जिन्हें सांप काट रहा है, उनका इलाज झाड़-फूंक करने वाले बायगीरों के पास हो रहा है। ये पता चलने पर हम इस गांव में आए। लोगों को जागरूक किया कि सिर्फ डॉक्टर के पास जाएं। उन्हें घर के अंदर साफ-सफाई करने के टिप्स दिए। ————— यह भी पढ़ें : योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बयान को RSS का समर्थन, सरकार्यवाह होसबोले ने कहा- अगड़ा और पिछड़ा, जाति-भाषा में भेद करेंगे तो हम कटेंगे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी RSS ने सीएम योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बयान का समर्थन किया है। मथुरा में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- हिंदू समाज एकता में नहीं रहेगी तो आजकल की भाषा में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ हो सकता है। Kपढ़िए पूरी खबर… यूपी के हापुड़ जिले के सदरपुर गांव में लोग अदृश्य सांप से दहशत में हैं। दरअसल बीते एक हफ्ते में यहां सांप के काटने से महिला और उसके दो-बच्चों की मौत हो गई, जबकि चार महिला-पुरुषों का इलाज चल रहा है। मेडिकल रिपोर्ट में सांप काटने की बात सामने आई है, लेकिन गांव में अब तक किसी ने सांप को नहीं देखा है। सांप की दहशत के चलते गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग इतने डरे हुए हैं कि करीब 30 से ज्यादा बच्चों को रिश्तेदारी में भेज दिया है। वहीं, 10-12 घरों पर ताला लग चुका है। गांव में सांप पकड़ने के लिए कई दिनों से एक्सपर्ट जुटे हुए हैं। अब तक 5 सांप पकड़े भी जा चुके हैं, लेकिन उनमें से एक भी जहरीला नहीं निकला। यानी वो जहरीला सांप कोई और है। गांव के हर घर के दरवाजे पर विशेष रंग से सांप का निशान बनाया गया है। यहां मान्यता है कि ऐसा करने से सांप घर के अंदर नहीं घुसता है। अदृश्य सांप की दहशत के बीच दैनिक भास्कर भी सदरपुर गांव पहुंचा। ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर गांव वालों का दर्द सुना। कैसा माहौल है, ये भी परखा। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सदरपुर गांव बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर स्टेट हाईवे पर है। तकरीबन 500 मीटर अंदर चलने पर जाटव बस्ती पड़ती है। जहां करीब 80 से 90 घर हैं। सबसे पहले हम उस घर तक पहुंचे, जहां तीन मौतें हुई हैं। यहां हमें रिंकू उर्फ रिंकेश मिले, जो मजदूरी करते हैं। रिंकू ने बताया- घर में मेरे अलावा दो बच्चे और पत्नी रहते थे। 21 अक्टूबर की रात सभी खाना खाकर सोए थे। रात डेढ़ बजे के आसपास पत्नी पूनम ने मुझे उठाया और बताया कि दोनों बच्चों की तबीयत खराब हो रही है। मैंने उठकर देखा तो बेटी साक्षी (12) और बेटा कनिष्क (10) उल्टियां कर रहे थे। मुझे लगा कि बच्चों ने उल्टा-सीधा खा लिया होगा, इसलिए ऐसा हो रहा। लेकिन उल्टियां बंद नहीं हुईं। हम उनको अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने दोनों को सुबह करीब 4 बजे मृत घोषित कर दिया। घर आया तो पत्नी की तबीयत बिगड़ गई
रिंकू ने आगे बताया- हम दोनों बच्चों के शव घर पर ले आए। कुछ ही देर बाद ही पत्नी पूनम (32) की तबीयत बिगड़ने लगी। उनका जबड़ा बंद हो गया। मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी। हम पहले उन्हें स्याना के हॉस्पिटल, फिर वहां से बुलंदशहर ले गए। 22 अक्टूबर की दोपहर करीब 12-1 बजे के पूनम ने भी दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने बताया कि तीनों को सांप ने काटा था। तीनों के शरीर पर सांप काटने के निशान भी मिले। रिंकू के घर के पीछे ढूंढा जा रहा सांप
इसके बाद हम रिंकू के घर के ठीक पीछे पहुंचे। यहां कई खाली प्लॉट हैं। इनमें बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं। कूड़े का ढेर लगा हुआ है। वन विभाग की टीम और NGO वर्कर यहां अपने यंत्र लेकर सांप ढूंढते मिले। इसी प्लॉट के किनारे बैठी अंगूरी नाम की वृद्धा ने बताया- गांव में एक साथ तीन मौतें हो गईं। सांप काट लेता है और दिखता नहीं। ये नहीं पता कि कौन काटता है। अगर वो दिख जाए तो पता भी चले। कल रात भी एक महिला को काट लिया और दिखाई नहीं दिया। हमने पूछा कि कौन काटता है? इस पर अंगूरी कहती हैं- दिखाई ही तो नहीं देता तो कैसे बताएं। फूलवती बोलीं- सांप से बच्चे-बूढ़े, जवान सभी डरे हुए
वन विभाग ने गांव के अंदर पंप्लेट्स बांटे हैं। सांप कितने तरह के होते हैं, कौन-कौन से सांप जहरीले होते हैं…ये जानकारियां इन पंप्लेट्स पर लिखी हैं। इसके अलावा लोगों को बचाव के तरीके भी बताए गए हैं। 62 साल की फूलवती यही जानकारी पढ़ती हुई मिलीं। वो बताती हैं- सांप से बच्चे, आदमी-औरत सब डरे हुए हैं। कई लोग तो डर के मारे यहां से चले गए। रात को लोग सोते नहीं हैं। जरा सी आवाज होते ही लोग घरों से निकलकर खड़ंजे (सड़क) की तरफ भागते हैं। डर से लोगों ने बच्चों को रिश्तेदारी में पहुंचा दिया है। अब गांव में सिर्फ बड़े-बूढ़े ही रह गए हैं। गांव के घरों पर लटके ताले
गांव से कई परिवारों ने डर के चलते घर छोड़ दिया है। घरों पर लटके ताले इसकी सच्चाई बयां कर रहे हैं। अंबेडकर मूर्ति के पास हमें बाइक सवार भूरा मिले। भूरा की दो बहनों की शादी इसी गांव में हुई है। भूरा ने बताया- मैं अपनी दोनों बहनों और उनके सात बच्चों को अपने घर गांव सबदलपुर (थाना नरसैना, जिला बुलंदशहर) ले जा चुका हूं। जीजा इसलिए नहीं जाना चाहते, क्योंकि फिर पशुओं की देखरेख कौन करेगा। अब बहनों और बच्चों को इस गांव में तभी वापस लाऊंगा, जब सांप पकड़ लिया जाएगा। तसलीम बोले- गांव में धंधा चौपट
यहीं पर हमें तसलीम मिले। तसलीम इस गांव में रोजाना गोलगप्पे बेचने के लिए बाइक से आते हैं। इस दहशत की वजह से उनका धंधा भी आधा रह गया है। वह बताते हैं- डर की वजह से गांव में बच्चे नहीं हैं। कई घर बंद हो गए हैं। इसका असर बिक्री पर भी पड़ा है। अब पहले की तरह गोलगप्पों की बिक्री नहीं हो रही। धीरेंद्र ने कहा – सांप को किसी ने नहीं देखा
गांव के धीरेंद्र कुमार बताते हैं- यहां पर बहुत सारे बच्चे बाहर चले गए हैं। हमने पूछा कि डर किस बात का है? इस पर धीरेंद्र बताते हैं- डर ये है कि ये सांप दिखने वाला नहीं है। काटता है और गायब हो जाता है। किसी ने इस सांप को नहीं देखा। विनीत ने कहा- 5 सांप पकड़े, मगर ये जहरीले नहीं
जाटव बस्ती के पास ही हमें सर्च ऑपरेशन चला रहे स्नेक प्रोक्टशन सोसाइटी के विनीत राघव मिले। विनीत पिछले दो दिन से टीम के साथ गांव में डेरा डाले हुए हैं। इस दौरान करीब 5 सांप पकड़े हैं। हालांकि, वे सभी जहरीले नहीं पाए गए। विनीत ने बताया- हमें मीडिया रिपोर्ट के जरिये पता चला कि इस गांव में अंधविश्वास बढ़ गया है। जिन्हें सांप काट रहा है, उनका इलाज झाड़-फूंक करने वाले बायगीरों के पास हो रहा है। ये पता चलने पर हम इस गांव में आए। लोगों को जागरूक किया कि सिर्फ डॉक्टर के पास जाएं। उन्हें घर के अंदर साफ-सफाई करने के टिप्स दिए। ————— यह भी पढ़ें : योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बयान को RSS का समर्थन, सरकार्यवाह होसबोले ने कहा- अगड़ा और पिछड़ा, जाति-भाषा में भेद करेंगे तो हम कटेंगे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी RSS ने सीएम योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बयान का समर्थन किया है। मथुरा में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- हिंदू समाज एकता में नहीं रहेगी तो आजकल की भाषा में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ हो सकता है। Kपढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर