हिमाचल में बिजली बोर्ड कर्मचारी आज प्रदेशभर में प्रदर्शन करेंगे। विद्युत कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) व इंजीनियरों के समाप्त किए गए 51 पदों की बहाली और नौकरी से हटाए गए 81 आउटसोर्स ड्राइवरों को वापस नौकरी पर रखने की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। राज्य सरकार इनकी मांगे नहीं मानती है तो दिवाली के बाद बिजली कर्मचारी प्रदेश में ब्लैक आउट करेंगे। बिजली बोर्ड कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त मोर्चे पहले ही इसकी चेतावनी दे चुका हैं। जाहिर है कि इससे आने वाले दिनों में बिजली बोर्ड और कर्मचारियों में टकराव देखने को मिलेगा। बता दें कि आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने हाल ही में बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद गैर जरूरी बताकर समाप्त करने का फैसला लिया है। इसी तरह 10 से 15 सालों से आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया गया है। बोर्ड कर्मचारी और इंजीनियर इससे तिलमिला उठे हैं और आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं। फिलहाल आज सांकेतिक धरना है। आंदोलन की अगली रणनीति का ऐलान आज किया जाएगा। फैसला वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन करेंगे: वर्मा संयुक्त मोर्चे के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी 21 महीने से पुरानी पेंशन योजना की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बीच सरकार ने दो ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे बिजली बोर्ड के कर्मचारियों में रोष है। उन्होंने बताया कि इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे वापस नहीं लिया गया तो कर्मचारी काम छोड़कर उग्र आंदोलन करेंगे। इससे प्रदेश में ब्लैक आउट की स्थिति पनप सकती है। बिजली बोर्ड को बांटने की तैयारी हीरालाल वर्मा ने कहा कि 4 दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी के साथ जॉइंट फ्रंट की बैठक हुई है, जिसमें सरकार की तरफ बिजली बोर्ड की कई इकाइयों को विघटित करने की बात हो रही है। जिसमें संचार लाइन व उप केंद्र तथा अन्य संपत्तियों को बिजली बोर्ड से अलग करने की तैयारी है। AIEPF भी समर्थन में उतरी हिमाचल सरकार के इस फैसले पर ऑल इंडिया इंजीनियर पावर फेडरेशन (AIEPF) में भी हैरानी जताई और मीडिया को जारी बयान में कहा यदि सरकार इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और नौकरी से निकाले गए ड्राइवरों को नौकरी पर वापस नहीं रखती तो AIEPF भी आंदोलन के समर्थन में उतरेगी। हिमाचल में बिजली बोर्ड कर्मचारी आज प्रदेशभर में प्रदर्शन करेंगे। विद्युत कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) व इंजीनियरों के समाप्त किए गए 51 पदों की बहाली और नौकरी से हटाए गए 81 आउटसोर्स ड्राइवरों को वापस नौकरी पर रखने की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। राज्य सरकार इनकी मांगे नहीं मानती है तो दिवाली के बाद बिजली कर्मचारी प्रदेश में ब्लैक आउट करेंगे। बिजली बोर्ड कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त मोर्चे पहले ही इसकी चेतावनी दे चुका हैं। जाहिर है कि इससे आने वाले दिनों में बिजली बोर्ड और कर्मचारियों में टकराव देखने को मिलेगा। बता दें कि आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने हाल ही में बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद गैर जरूरी बताकर समाप्त करने का फैसला लिया है। इसी तरह 10 से 15 सालों से आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया गया है। बोर्ड कर्मचारी और इंजीनियर इससे तिलमिला उठे हैं और आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं। फिलहाल आज सांकेतिक धरना है। आंदोलन की अगली रणनीति का ऐलान आज किया जाएगा। फैसला वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन करेंगे: वर्मा संयुक्त मोर्चे के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी 21 महीने से पुरानी पेंशन योजना की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बीच सरकार ने दो ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे बिजली बोर्ड के कर्मचारियों में रोष है। उन्होंने बताया कि इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे वापस नहीं लिया गया तो कर्मचारी काम छोड़कर उग्र आंदोलन करेंगे। इससे प्रदेश में ब्लैक आउट की स्थिति पनप सकती है। बिजली बोर्ड को बांटने की तैयारी हीरालाल वर्मा ने कहा कि 4 दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी के साथ जॉइंट फ्रंट की बैठक हुई है, जिसमें सरकार की तरफ बिजली बोर्ड की कई इकाइयों को विघटित करने की बात हो रही है। जिसमें संचार लाइन व उप केंद्र तथा अन्य संपत्तियों को बिजली बोर्ड से अलग करने की तैयारी है। AIEPF भी समर्थन में उतरी हिमाचल सरकार के इस फैसले पर ऑल इंडिया इंजीनियर पावर फेडरेशन (AIEPF) में भी हैरानी जताई और मीडिया को जारी बयान में कहा यदि सरकार इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और नौकरी से निकाले गए ड्राइवरों को नौकरी पर वापस नहीं रखती तो AIEPF भी आंदोलन के समर्थन में उतरेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में प्राइवेट बस दुर्घटनाग्रस्त:8 यात्री घायल; ड्राइवर-कंडक्टर समेत 12 लोग सवार थे, मनाली से पठानकोट जा रही थी, ब्यास नदी के किनारे पलटी
हिमाचल में प्राइवेट बस दुर्घटनाग्रस्त:8 यात्री घायल; ड्राइवर-कंडक्टर समेत 12 लोग सवार थे, मनाली से पठानकोट जा रही थी, ब्यास नदी के किनारे पलटी हिमाचल प्रदेश के मशहूर पर्यटन स्थल मनाली में आज सुबह एक प्राइवेट बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें 8 यात्री घायल बताए जा रहे हैं। घायलों में 6 का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनाली और 2 का प्राइवेट अस्पताल में चल चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, न्यू प्रेम बस सर्विस ट्रांसपोर्ट की निजी बस सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर मनाली से पठानकोट के लिए निकली। इसमें ड्राइवर कंडक्टर सहित 12 यात्री सवार थे। मनाली से कुछ दूरी पर करीब 8 बजे बस अनियंत्रित होकर बाणुपुल के पास ब्यास नदी के किनारे पर जा गिरी। इससे बड़ा हादसा टल गया। यदि बस नदी के बीचोबीच जा गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था। इसके बाद मौके पर चीख-पुकार मचनी शुरू हुई। स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से घायलों को 108 एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर सभी का उपचार चल रहा है। पुलिस अब हादसे के कारणों का पता लगाने में जुट गई है। बस की चपेट में एक गाड़ी भी आई है, जिसे काफी नुकसान पहुंचा है। जिस जगह बस सड़क से बाहर पलटी है, वहां पर सड़क किनारे ब्रेक के निशान है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि बस हादसे की जानकारी मिली है। पुलिस बल मौके पर पहुंच गया है। राहत बचाव कार्य में चल रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस हादसे के सही कारणों की जांच करने में जुट गई है। यहां देखे हादसे से जुड़ी फोटो..
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