हरियाणा के करनाल के सेक्टर 32,33 स्थित फैक्ट्री के पीछे खाली प्लॉट में युवक हत्या कर शव फेंकने के मामले में मृतक की शिनाख्त हो गई है। परिवार के लोगों ने प्रेम प्रसंग के चलते लड़की के परिवार के लोगों पर हत्या करने के आरोप लगाए है। परिवार का यह भी आरोप है कि युवक पर लड़की के परिजनों ने पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। इसकी एवज में साढ़े 9 लाख रुपए भी उनसे समझौते के लिए थे। उसके बाद भी लड़की के परिवार के लोगों ने उसकी हत्या कर दी। वहीं सेक्टर 32,33 थाना परिजनों की शिकायत के आधार लड़की और उसके परिवार के लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। शनिवार शाम से था लापता मृतक की पहचान 20 वर्षीय रवि के रूप में हुई है, जो उत्तम कॉलोनी का रहने वाला था। मृतक रवि की बहन इशिका ने बताया कि उसका भाई टाईल लगाने का काम करता था। शनिवार शाम को रवि काम पर गया था। शाम करीब 7 बजे उसकी रवि से बात हुई थी उसने कहा था कि वह थोड़ी देर में घर आ रहा है। लेकिन उसके बाद उसका कोई सुराग नहीं लगा। फोन भी बंद आ रहा था। आज हमें पता चला की रवि की हत्या कर दी गई है। लड़की के परिवार पर आरोप इशिका ने बताया 3 माह पहले उसका भाई चांद सराय ऐरिया में टाईल लगाने के लिए गया था। इस दौरान उसने अपना फोन लड़की घर में चार्जिंग पर लगा दिया। लड़की की उम्र करीब 17 साल है। लड़की ने उसके भाई फोन से नंबर लिया। जिसके बाद वह दोनों आपस में बात करने लगे। बाद में जब लड़की के परिवार के लोगों का पता चला तो पहले उन्होंने सिटी थाना में पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज करवाया। बाद में लड़की के परिवार के लोगों ने साढ़े 9 लाख रुपए समझौता किया। उसके बाद भी उसकी हत्या कर दी। दो बहनों में इकलौता भाई था रवि इशिका ने बताया कि हम परिवार में चार सदस्य थे, पिता की पहले मौत हो चुकी है। हम दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। उसकी मां और रवि ही घर पर रहते थे। रवि काम करके ही घर का खर्च चला रहा था। लेकिन लड़की के परिवार वालों ने पैसे लेकर भी उसकी हत्या कर दी। पुलिस जुटी जांच में सेक्टर 32,33 थाना के SHO दीपक कुमार ने बताया कि पुलिस ने परिजनों की शिकायत के आधार पर हत्या सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। युवक के सिर और मुंह पर तेजधार हथियार के वार किए गए थे। बाकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता लग पाएगा। पुलिस इस मामले में हर पहलू पर गहनता से जांच कर रही है। हरियाणा के करनाल के सेक्टर 32,33 स्थित फैक्ट्री के पीछे खाली प्लॉट में युवक हत्या कर शव फेंकने के मामले में मृतक की शिनाख्त हो गई है। परिवार के लोगों ने प्रेम प्रसंग के चलते लड़की के परिवार के लोगों पर हत्या करने के आरोप लगाए है। परिवार का यह भी आरोप है कि युवक पर लड़की के परिजनों ने पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। इसकी एवज में साढ़े 9 लाख रुपए भी उनसे समझौते के लिए थे। उसके बाद भी लड़की के परिवार के लोगों ने उसकी हत्या कर दी। वहीं सेक्टर 32,33 थाना परिजनों की शिकायत के आधार लड़की और उसके परिवार के लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। शनिवार शाम से था लापता मृतक की पहचान 20 वर्षीय रवि के रूप में हुई है, जो उत्तम कॉलोनी का रहने वाला था। मृतक रवि की बहन इशिका ने बताया कि उसका भाई टाईल लगाने का काम करता था। शनिवार शाम को रवि काम पर गया था। शाम करीब 7 बजे उसकी रवि से बात हुई थी उसने कहा था कि वह थोड़ी देर में घर आ रहा है। लेकिन उसके बाद उसका कोई सुराग नहीं लगा। फोन भी बंद आ रहा था। आज हमें पता चला की रवि की हत्या कर दी गई है। लड़की के परिवार पर आरोप इशिका ने बताया 3 माह पहले उसका भाई चांद सराय ऐरिया में टाईल लगाने के लिए गया था। इस दौरान उसने अपना फोन लड़की घर में चार्जिंग पर लगा दिया। लड़की की उम्र करीब 17 साल है। लड़की ने उसके भाई फोन से नंबर लिया। जिसके बाद वह दोनों आपस में बात करने लगे। बाद में जब लड़की के परिवार के लोगों का पता चला तो पहले उन्होंने सिटी थाना में पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज करवाया। बाद में लड़की के परिवार के लोगों ने साढ़े 9 लाख रुपए समझौता किया। उसके बाद भी उसकी हत्या कर दी। दो बहनों में इकलौता भाई था रवि इशिका ने बताया कि हम परिवार में चार सदस्य थे, पिता की पहले मौत हो चुकी है। हम दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। उसकी मां और रवि ही घर पर रहते थे। रवि काम करके ही घर का खर्च चला रहा था। लेकिन लड़की के परिवार वालों ने पैसे लेकर भी उसकी हत्या कर दी। पुलिस जुटी जांच में सेक्टर 32,33 थाना के SHO दीपक कुमार ने बताया कि पुलिस ने परिजनों की शिकायत के आधार पर हत्या सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। युवक के सिर और मुंह पर तेजधार हथियार के वार किए गए थे। बाकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता लग पाएगा। पुलिस इस मामले में हर पहलू पर गहनता से जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फतेहाबाद में चाकू मारकर हत्या:पूर्व पार्षद गंभीर रुप से घायल, पैसों के लेन-देन को लेकर हुआ विवाद, ग्राउंड में गया था खेलने हरियाणा के फतेहाबाद में सोमवार की रात पैसों के लेनदेन को लेकर चाकू मारकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। हत्यारोपी जिला परिषद का पूर्व पार्षद बताया गया है। भट्टूकलां के राजकीय कॉलेज के खेल ग्राऊंड में दोनों में झगड़ा हुआ और झगड़े में दोनों द्वारा एक दूसरे पर चाकू से हमला करने की बात सामने आई है। आरोपी भी गंभीर रूप से घायल है, जिसे अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। उधर, आधी रात को पुलिस ने मृतक के भाई की शिकायत पर घायल के अलावा दो अन्य लोगों के नामजद व चार-पांच अज्ञात के खिलाफ हत्या के आरोप में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दोनों ने किए एक दूसरे पर वार जानकारी के अनुसार देर रात पूर्व जिला पार्षद 43 वर्षीय राजकुमार राजकीय कॉलेज के खेल ग्राऊंड में फुटबाल खेल रहा था। इसी दौरान 37 वर्षीय अमित वहां आ गया। जिसके बाद दोनों में झगड़ा हो गया। झगड़े के दौरान अमित ने चाकू से राजकुमार पर हमला कर दिया, जिससे राजकुमार गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद राजकुमार ने उसी चाकू से अमित पर वार कर दिया। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल से राजकुमार को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया, जबकि अमित ने दम तोड़ दिया। उधर, इस मामले में पुलिस को दी शिकायत में अमित के भाई विरेंद्र ने बताया कि अमित अपने जीजा के पास डबवाली में ठेकेदारी करता था और वहीं रहता था। उसने बताया कि दो साल पहले भट्टू निवासी महीपाल ने उसके भाई से एक लाख रुपए दोस्ती के नाते उधार लिए थे। अब वह रुपए मांग रहा था तो महीपाल कहता था कि वह रुपए तब तक नहीं देगा, जब तक राजकुमार देने के लिए नहीं कहता। घर आते ही गया ग्राउंड में उसने बताया कि इसी बात को लेकर उसके भाई की महीपाल, राजकुमार व एक अन्य विशाल के साथ कई बार कहासुनी हुई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, उसका भाई डबवाली से रात को वापस आया और घर आते ही यह कह कर चला गया कि उसे उक्त तीनों ने ग्राऊंड में रुपए देने के लिए बुलाया है। विरेंद्र ने बताया कि उसे संदेह हुआ तो वह भी अमित के पीछे पीछे चल पड़ा। उसने बताया कि जब वह रेलवे लाइन के पास पहुंचा तो उसने देखा कि उसके भाई को महीपाल व विशाल ने पकड़ रखा था और राजकुमार चाकू से उसके भाई पर वार कर रहा था। वहां चार-पांच अन्य लोग भी थे। उसने शोर मचाया तो आरोपी भाग निकले और फिर एंबुलेंस की सहायता से उसके भाई को अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने बीएनएस की धारा 190, 191(3), 103 (1), 61 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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हरियाणा चुनाव में खाप पॉलिटिक्स:निर्दलीय को समर्थन देकर पूर्व CM चौटाला को हराया था, इस बार 4 उम्मीदवार
हरियाणा चुनाव में खाप पॉलिटिक्स:निर्दलीय को समर्थन देकर पूर्व CM चौटाला को हराया था, इस बार 4 उम्मीदवार हरियाणा के विधानसभा चुनाव में खाप पॉलिटिक्स की चर्चा तेज है। इसका कारण खापों के 4 बड़े चेहरे चुनावी मैदान में होना है। खाप पॉलिटिक्स की चर्चा इसलिए भी अहम है कि राज्य में खापों का सामाजिक से लेकर राजनीतिक फैसलों में गहरा नाता रहा है। चाहे बात किसान आंदोलन की हो या फिर खिलाड़ियों के विरोध-प्रदर्शन की। इन दोनों ही घटनाक्रम में खापों ने अहम रोल निभाया था। ऐसे में इस बार खाप से जुड़े बड़े चेहरे चुनावी रण में उतरकर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। अहलावत खाप से जुड़ीं सोनू अहलावत को आम आदमी पार्टी (AAP) ने झज्जर की बेरी सीट से टिकट दी है। वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के खिलाफ उचाना कलां सीट पर 66 गांवों के प्रतिनिधियों की बैठक के बाद खाप ने आजाद पालवा को उतारा है। इसी तरह बेरी सीट पर ही अहलावत खाप से जुड़े अमित अहलावत भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही 360 महरौली के प्रमुख गोवर्धन सिंह भी इसी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बेरी में कांग्रेस-बीजेपी दोनों के लिए खतरा
बेरी सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 1,82,798 है। जाट बाहुल्य इस सीट पर कांग्रेस ने कद्दावर नेता और 6 बार के विधायक रघुबीर कादियान को फिर से चुनाव मैदान में उतारा हैं। वहीं बीजेपी ने संजय कबलाना के रूप में नया चेहरा दिया है। जेजेपी ने इस सीट पर सुनील दुजाना को टिकट दी हैं। तीनों ही नेता जाट हैं। वहीं खाप की तरफ से ताल्लुक रखने वाले अमित अहलावत, आप कैंडिडेट सोनू अहलावत और गोवर्धन सिंह भी जाट ही हैं। यहां बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला माना जा रहा है, लेकिन खाप उम्मीदवारों के आने से कांग्रेस के लिए कुछ मुश्किल हो सकती है। अब पढ़िए खापों की पॉलिटिक्स हरियाणा में कितनी असरदार है? खाप का इतिहास और उनके विवादित फैसले 2014 में कांग्रेस को दिया था समर्थन
हरियाणा की राजनीति में खाप और डेरे का फैक्टर हमेशा से हावी रहा है। 2014 से पहले डेरे और खाप के समर्थन को एक तरह से जीत की गारंटी माना जाता था, लेकिन 2014 में कई बड़े चेहरों की हार के बाद सवाल भी खड़े होने लगे। उस वक्त खापों ने कांग्रेस का समर्थन किया था, लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई। इतना ही नहीं उस वक्त गठवाला के चौधरी बलजीत सिंह और खाप से जुड़ीं संतोष दहिया चुनाव हार गईं थीं। हालांकि 2019 के चुनाव में खाप का राज्य में बड़ा असर देखने को मिला। चरखी-दादरी सीट से सांगवान खाप के प्रमुख सोमबीर सांगवान ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और भाजपा उम्मीदवार दंगल गर्ल बबीता फोगाट को हरा दिया था। जून महीने में हुए लोकसभा चुनाव में भी खाप का असर देखने को मिला। 2019 में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार 5 सीटों पर आकर सिमट गई। बीजेपी की पांच सीटों पर हुई हार के पीछे भी खाप फैक्टर को ही माना गया। क्योंकि खापों ने बीजेपी उम्मीदवारों को हराने का लोकसभा चुनाव में ऐलान किया था। हरियाणा में ज्यादातर खापें जाट समाज से जुड़े हुई हैं और जाटों की बीजेपी से पहले ही नाराजगी बनी हुई थी। कई बार सरकारें भी घुटने टेकने को मजबूर हुईं
जातीय गोलबंदी की तरह काम करने वाली खापों का सियासी रसूख हरियाणा में बड़ा रहा है। कई बार इनके फैसलों के आगे सरकारें तक झुकने को मजबूर हुईं। हालांकि साल 2014 के बाद हरियाणा में खापों का असर कमजोर होने की बातें भी होती रही हैं, लेकिन हकीकत ये है कि आज भी खापों के निर्णय को राज्य के कुछ इलाकों में अंतिम निर्णय माना जाता हैं। खाप के समर्थन से दांगी ने चौटाला को हरा दिया था
वर्ष 1989 की बात है। केंद्र में वीपी सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद देवीलाल को उपप्रधानमंत्री बनाया गया। उस वक्त देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे और रोहतक की महम सीट से विधायक थे। सीएम की कुर्सी छोड़ने से पहले देवीलाल महम चौबीसी खाप के समर्थन से ना केवल चुनाव लड़ते बल्कि जीतते भी आए थे। देवीलाल के दिल्ली में शिफ्ट होने के बाद प्रदेश की सिसायत की कमान उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला के हाथ में आई। उस समय ओमप्रकाश चौटाला राज्यसभा सांसद थे। CM बने रहने के लिए 6 महीने के भीतर उन्हें विधायक बनना था। देवीवाल के इस्तीफा देने के बाद महम सीट पर उपचुनाव हुआ। ओमप्रकाश चौटाला चुनाव लड़े, लेकिन तब खाप ने चौटाला के खिलाफ चुनाव में उतरे आनंद सिंह दांगी को समर्थन दे दिया। जिसके बाद कई बार हिंसा के चलते उपचुनाव संपन्न नहीं हो पाया। आखिर में ओपी चौटाला ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में फिर से इस सीट पर चुनाव कराया गया। चौटाला दोबारा चुनाव लड़े, लेकिन खाप के समर्थन से आनंद सिंह दांगी ने चौटाला को हरा दिया। खाप पंचायत के इस फैसले की चर्चा आज भी हरियाणा ही नहीं, बल्कि देशभर में होती है। खिलाड़ियों के मामले में खापों की एंट्री के बाद एक्शन में आई सरकार
पिछले साल 2023 में हरियाणा के नामी पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती संग (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए दिल्ली में प्रदर्शन किया था। 2023 में अप्रैल महीने में जब दोबारा से खिलाड़ी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे तो खाप पंचायतों ने भी खिलाड़ियों का समर्थन कर दिया था। जंतर-मंतर पर हुई खापों की पंचायत में केंद्र सरकार को 9 जून तक प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों से बातचीत करने का अल्टीमेटम दिया था। इसका असर ये हुआ है कि अल्टीमेटम से एक सप्ताह पहले ही प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों के पास गृहमंत्री से बातचीत का बुलावा आ गया था। अब पढ़िए खाप क्या है… एक गोत्र या बिरादरी के सदस्यों का समूह
कनाडा में प्रोफेसर रहे एमसी प्रधान ‘द जर्नल ऑफ एशियन स्टडीज’ किताब के पेज नंबर 664 में खाप के बारे में बताते हैं। ‘खाप’ एक गोत्र या जाति बिरादरी के सदस्यों का समूह होता है। इनमें एक क्षेत्र या कुछ गांव के उस जाति से जुड़े लोग शामिल होते हैं। उस जाति के बुजुर्ग और दबंग लोग इन खाप का नेतृत्व करते हैं। इन खापों के प्रधान एक परिवार या वंश के ही लोग होते हैं। जो शख्स इस समय किसी खाप का प्रधान है आने वाले समय में उसका बेटा उस खाप का प्रधान बनता है। जब किसी मुद्दे पर सार्वजनिक फैसला लेने के लिए किसी खाप के प्रधान सभा बुलाते हैं तो इसे खाप पंचायत कहते हैं। खाप प्रधान को चुनने के लिए कोई तय स्ट्रक्चर या नियम नहीं होते हैं। कई बार खाप प्रधान के पद पर एक ही परिवार या वंश के दो या ज्यादा लोग भी दावा करते हैं। करीब 600 साल पहले शुरुआत, कई दस्तावेजों में जिक्र
पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनियर रिसर्चर रितिका ठाकुर के मुताबिक खाप की शुरुआत 14वीं सदी के दौरान हुई थी। इसके अलावा कानूनी कागजों में खाप शब्द का प्रयोग पहली बार 1890-91 में जोधपुर की जनगणना रिपोर्ट में किया गया था, जो धर्म और जाति पर आधारित थी। कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि ‘खाप’ शब्द संभवतः ‘शक’ भाषा के खतप से लिया गया है, जिसका अर्थ है एक विशेष कबीले द्वारा बसा हुआ क्षेत्र। सबसे पहले खाप का नाम क्या था, ये हमारे रिसर्च में पता नहीं चला। हालांकि कुछ रिसर्च पेपर में इसका जिक्र है कि पहली खाप से 84 गांवों के लोग जुड़े थे। 1950 में पश्चिमी UP के मुजफ्फरनगर जिले के सोरेम में हुई खाप पंचायत का जिक्र कई रिसर्च पेपर में मिलता है। आजादी के बाद हुई इस सर्वखाप पंचायत के प्रधान बीनरा निवास गांव के चौधरी जवान सिंह गुर्जर थे। इस खाप पंचायत में पुनियाला गांव के ठाकुर यशपाल सिंह उपप्रधान थे, जबकि सोरेम गांव के चौधरी काबुल सिंह इसके मंत्री थे। जिन तीन लोगों के नेतृत्व में इस पंचायत का आयोजन हुआ उनमें चौधरी काबुल सिंह एकमात्र जाट थे। हालांकि पिछले कुछ सालों में जाटों का दबदबा खाप पंचायतों में बढ़ा है, इसीलिए कई बार खाप पंचायतों को सीधे जाटों से जोड़ दिया जाता है। खाप पंचायतों के 4 विवादित फैसले… 1. रेप रोकने के लिए 15 साल की उम्र में शादी कर दी जाए
जुलाई 2010 में हरियाणा की सर्वखाप जाट पंचायत ने कहा कि लड़कियों की शादी के लिए उनके बालिग होने का इंतजार नहीं करना है। उनकी शादी अब 15 साल में ही कर देनी है। रेप की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए यह आदेश जारी किया गया था। 2. लड़कियों को जींस पहनने से मना किया
अगस्त 2014 में मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में हुई एक खाप पंचायत ने लड़कियों के जींस पहनने, उनके फोन और इंटरनेट यूज करने पर बैन लगाया था। कुछ लड़कियों के घर से भागने के बाद समाधान के रूप में यह ऐलान किया गया था। 3. भाई की सजा बहनों को दे दी
अगस्त 2015 में बागपत में एक खाप पंचायत ने दो बहनों के साथ रेप करने और उन्हें निर्वस्त्र करके गांव में घुमाने का आदेश जारी किया था। उन्हें उनके भाई के अपराध की सजा दी जानी थी। उनका भाई एक ऊंची जाति की महिला के साथ भाग गया था। खाप पंचायत के इस आदेश के बाद ब्रिटिश संसद तक में मांग उठी कि आरोपी की 23 और 15 साल की बहनों को सुरक्षा दी जाए। 4. परंपराओं में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं
फरवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने खाप से जुड़े एक मामले में कहा था कि दो रजामंद वयस्कों को अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार है। खाप पंचायत किसी वयस्क को अंतरजातीय विवाह करने से रोक नहीं सकती। इससे नाराज होकर नरेश टिकैत ने कहा- अगर हमारी परंपराओं में हस्तक्षेप किया गया तो उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर इस तरह के आदेश पारित होते हैं तो हम न तो लड़कियां पैदा करेंगे और न ही लड़कियों को पैदा होने देंगे। हरियाणा में 120 से ज्यादा खापें
हरियाणा में जाट बड़ा वोट बैंक हैं। जाटों की आबादी 25% से अधिक है। जाट बाहुल्य राज्य होने से खाप भी इसकी पहचान से जुड़ी हुई हैं। प्रदेश में वर्तमान में 120 से ज्यादा खापें हैं। जिनमें सर्वखाप, महम चौबीसी, फोगाट खाप, सांगवान खाप, श्योराण, धनखड़, सतगामा, हवेली, मलिक, जाखड़, हुड्डा, कंडेला, बिनैन, गठवाला मलिक आदि प्रमुख हैं। कंडेला खाप के प्रमुख धर्मपाल कंडेला हैं तो वहीं सातबास खाप के बलवान सिंह मलिक। खाप पॉलिटिक्स में फोगाट खाप के प्रमुख बलवंत नंबरदार, सांगवान खाप के सोमवीर सांगवान भी बड़ा चेहरा हैं।