देवेंद्र शुक्ला | झज्जर सरकार के आदेश पर प्रशासन ने गांव दर गांव निकलने वाली हाई टेंशन तारों की जद में आने वाले खेतों की जमीन का मुआवजा तैयार किया है। इसके जो नए रेट आए हैं वह भी अब किसान संगठन को रास नहीं आए। इन रेट को ठुकराते हुए किसानों ने मार्केट रेट के हिसाब से बढ़े हुए रेट की मांग को लेकर 13 नवंबर से दिल्ली के राजघाट तक पैदल मार्च करने का फैसला लिया है। राजस्थान के खेतड़ी से लेकर दिल्ली के औचंदी तक 765 केवीए की एचटी लाइन पावर ग्रिड के द्वारा डाली जा रही है। इसके लिए झज्जर में भी कई गांव में पोल गाड़े जा चुके हैं। मामला तब बिगड़ा जब किसानों को पता चला कि सरकार हाई टेंशन तार डालने की एवज में किसानों को कोई भी मुआवजा नहीं दे रही है, जबकि पोल का मिलेगा। इसके बाद गांव दर गांव आंदोलन हुआ। झज्जर जिले में भी 36 गांव में इसका काम रुका और अब भी 12 गांव में बीते 11 महीने से लगातार धरने चल रहे हैं। झज्जर के अलावा सोनीपत, महेंद्रगढ़, नारनौल और रेवाड़ी में भी मुआवजा को लेकर विरोध तेज हुआ। किसानों के इस आंदोलन को देखते हुए भाजपा सरकार ने पहली बार 4 अप्रैल 2024 को एक पॉलिसी बनाई कि किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके बाद झज्जर में डीसी कैप्टन शक्ति सिंह के आदेश पर एक यूजर कमेटी बनाई गई, इसमें डीआरओ, एसडीएम, बिजली वितरण निगम और पावर ग्रिड की ओर से एक-एक अधिकारी को नियुक्त किया गया। अब बीते 25 अक्टूबर को प्रशासन द्वारा तैयार किए गए इस नए रेट का खाका जब किसान संगठनों को मिला तब यह नए रेट भी किसानों को रास नहीं आए। आसौदा स्थित हाई टेंशन तार मुआवजा संघर्ष समिति से जुड़े किसान रोहताश दलाल ने कहा कि अव्वल तो प्रशासन को इस यूजर कमेटी में संबंधित गांव के किसान को शामिल करना चाहिए था ताकि वह मार्केट के हिसाब से रेट की जानकारी दे सकें, लेकिन ऐसा न करके प्रशासन ने अपने मन से ही रेट तैयार कर दिए जो मार्केट रेट से काफी कम हैं। रोहताश दलाल के मुताबिक उनके गांव आसौदा टोडारान का मुआवजा प्रशासन ने 85 लाख 57 हजार 857 रुपए प्रति एकड़ तय किया है, जबकि 2 साल पहले ही साढ़े तीन करोड़ प्रति एकड़ की जमीन यहां बिक चुकी है। इसी तरह हर गांव में जमीनों के भाव एक करोड़ से ज्यादा के पहुंच चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने जो रेट तय किए हैं वह काफी कम हैं। अब बढ़े हुए मार्केट रेट की मांग पर 12 नवंबर को झज्जर जिले के सभी 36 गांव के किसान पैदल मार्च करेंगे और 13 नवंबर को राजघाट पर पहुंचेंगे। इस तरह गाड़े गए एचटी लाइन के पोल। पोल पर सरकार दे रही एक मीटर तक बढ़ा हुआ मुआवजा, किसानों ने मांगा छह मीटर तक जिस किसान के खेत में एचटी लाइनों का पोल गड़ेगा और पोल गाड़ने का जितना दायरा जमीन का रहेगा उसका 200 प्रतिशत मुआवजा सरकार ने तय किया है। साथ ही पोल के चारों तरफ एक मीटर बढ़ा हुआ मुआवजा अतिरिक्त मिलेगा। इस मसले पर भी किसानों का विरोध है और उन्होंने एक की बजाय पोल के चारों तरफ छह मीटर मुआवजा देने की मांग की है। गांव प्रति एकड़ मुआवजा गोरिया 4115209 झांसवा 3261821 धनीरवास 2372536 हुमायूंपुर 2350000 जमालपुर 2598218 लड़ायन 2400000 बीरर 2572604 अकहेड़ी मदनपुर 2482665 कोयलपुर 2200000 बिलोचपुरा 2203420 खेतावास 2421580 भिंडावास 2210251 खेड़ी होसादपुर 2090000 ग्वालिसन 3676863 तलाव 9059255 खेड़ी खुम्मार 8100000 झज्जर 11852572 गुड्डा 8943543 बिरधाना 7385856 गिरावड़ 7865779 ततारपुर 6013667 सुर्खपुर टप्पा हवेली 5000000 खेड़ी आसरा 4500000 रेवाड़ी खेड़ा 4500000 मातन 5505329 छारा 6500000 खरहर 4500448 रोहद 11827874 दहकोरा 8205459 जसौर खेड़ी 4220051 आसौदा टोडरान 8557857 आसौदा सिवान 6076905 कुलासी 5073799 कानोंदा 5610767 खैरपुर 4750000 लडरावण 5185325 ^हमने सरकार के आदेश पर मुआवजा देने के रेट तय किए थे। अब किसान इसका विरोध कर रहे हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है।जैसे ही कोई सूचना आएगी तो सरकार तक बात पहुंचाई जाएगी। कैप्टन शक्ति सिंह, डीसी झज्जर देवेंद्र शुक्ला | झज्जर सरकार के आदेश पर प्रशासन ने गांव दर गांव निकलने वाली हाई टेंशन तारों की जद में आने वाले खेतों की जमीन का मुआवजा तैयार किया है। इसके जो नए रेट आए हैं वह भी अब किसान संगठन को रास नहीं आए। इन रेट को ठुकराते हुए किसानों ने मार्केट रेट के हिसाब से बढ़े हुए रेट की मांग को लेकर 13 नवंबर से दिल्ली के राजघाट तक पैदल मार्च करने का फैसला लिया है। राजस्थान के खेतड़ी से लेकर दिल्ली के औचंदी तक 765 केवीए की एचटी लाइन पावर ग्रिड के द्वारा डाली जा रही है। इसके लिए झज्जर में भी कई गांव में पोल गाड़े जा चुके हैं। मामला तब बिगड़ा जब किसानों को पता चला कि सरकार हाई टेंशन तार डालने की एवज में किसानों को कोई भी मुआवजा नहीं दे रही है, जबकि पोल का मिलेगा। इसके बाद गांव दर गांव आंदोलन हुआ। झज्जर जिले में भी 36 गांव में इसका काम रुका और अब भी 12 गांव में बीते 11 महीने से लगातार धरने चल रहे हैं। झज्जर के अलावा सोनीपत, महेंद्रगढ़, नारनौल और रेवाड़ी में भी मुआवजा को लेकर विरोध तेज हुआ। किसानों के इस आंदोलन को देखते हुए भाजपा सरकार ने पहली बार 4 अप्रैल 2024 को एक पॉलिसी बनाई कि किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके बाद झज्जर में डीसी कैप्टन शक्ति सिंह के आदेश पर एक यूजर कमेटी बनाई गई, इसमें डीआरओ, एसडीएम, बिजली वितरण निगम और पावर ग्रिड की ओर से एक-एक अधिकारी को नियुक्त किया गया। अब बीते 25 अक्टूबर को प्रशासन द्वारा तैयार किए गए इस नए रेट का खाका जब किसान संगठनों को मिला तब यह नए रेट भी किसानों को रास नहीं आए। आसौदा स्थित हाई टेंशन तार मुआवजा संघर्ष समिति से जुड़े किसान रोहताश दलाल ने कहा कि अव्वल तो प्रशासन को इस यूजर कमेटी में संबंधित गांव के किसान को शामिल करना चाहिए था ताकि वह मार्केट के हिसाब से रेट की जानकारी दे सकें, लेकिन ऐसा न करके प्रशासन ने अपने मन से ही रेट तैयार कर दिए जो मार्केट रेट से काफी कम हैं। रोहताश दलाल के मुताबिक उनके गांव आसौदा टोडारान का मुआवजा प्रशासन ने 85 लाख 57 हजार 857 रुपए प्रति एकड़ तय किया है, जबकि 2 साल पहले ही साढ़े तीन करोड़ प्रति एकड़ की जमीन यहां बिक चुकी है। इसी तरह हर गांव में जमीनों के भाव एक करोड़ से ज्यादा के पहुंच चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने जो रेट तय किए हैं वह काफी कम हैं। अब बढ़े हुए मार्केट रेट की मांग पर 12 नवंबर को झज्जर जिले के सभी 36 गांव के किसान पैदल मार्च करेंगे और 13 नवंबर को राजघाट पर पहुंचेंगे। इस तरह गाड़े गए एचटी लाइन के पोल। पोल पर सरकार दे रही एक मीटर तक बढ़ा हुआ मुआवजा, किसानों ने मांगा छह मीटर तक जिस किसान के खेत में एचटी लाइनों का पोल गड़ेगा और पोल गाड़ने का जितना दायरा जमीन का रहेगा उसका 200 प्रतिशत मुआवजा सरकार ने तय किया है। साथ ही पोल के चारों तरफ एक मीटर बढ़ा हुआ मुआवजा अतिरिक्त मिलेगा। इस मसले पर भी किसानों का विरोध है और उन्होंने एक की बजाय पोल के चारों तरफ छह मीटर मुआवजा देने की मांग की है। गांव प्रति एकड़ मुआवजा गोरिया 4115209 झांसवा 3261821 धनीरवास 2372536 हुमायूंपुर 2350000 जमालपुर 2598218 लड़ायन 2400000 बीरर 2572604 अकहेड़ी मदनपुर 2482665 कोयलपुर 2200000 बिलोचपुरा 2203420 खेतावास 2421580 भिंडावास 2210251 खेड़ी होसादपुर 2090000 ग्वालिसन 3676863 तलाव 9059255 खेड़ी खुम्मार 8100000 झज्जर 11852572 गुड्डा 8943543 बिरधाना 7385856 गिरावड़ 7865779 ततारपुर 6013667 सुर्खपुर टप्पा हवेली 5000000 खेड़ी आसरा 4500000 रेवाड़ी खेड़ा 4500000 मातन 5505329 छारा 6500000 खरहर 4500448 रोहद 11827874 दहकोरा 8205459 जसौर खेड़ी 4220051 आसौदा टोडरान 8557857 आसौदा सिवान 6076905 कुलासी 5073799 कानोंदा 5610767 खैरपुर 4750000 लडरावण 5185325 ^हमने सरकार के आदेश पर मुआवजा देने के रेट तय किए थे। अब किसान इसका विरोध कर रहे हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है।जैसे ही कोई सूचना आएगी तो सरकार तक बात पहुंचाई जाएगी। कैप्टन शक्ति सिंह, डीसी झज्जर हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पॉलिटिकल डेब्यू में तिकोनी टक्कर में फंसी आरती राव:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे राव इंद्रजीत का सियासी गणित हरियाणा की अटेली विधानसभा सीट इस बार हॉट सीट बनी हुई है। इसकी वजह यहां से दक्षिणी हरियाणा के रामपुरा हाउस की राजनीतिक वारिस आरती राव का भाजपा से चुनाव लड़ना है। आरती राव का इलेक्टोरेल पॉलिटिक्स में यह डेब्यू है। वे पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। आरती राव केंद्र की मोदी 3.0 सरकार में लगातार दूसरी बार केंद्रीय राज्य मंत्री बने राव इंद्रजीत की बेटी हैं। राव इंद्रजीत कांग्रेस और भाजपा में मिलाकर 6 बार सांसद बन चुके हैं। आरती राव का मुकाबला यहां कांग्रेस की अनीता यादव और इनेलो-बसपा के ठाकुर अतर लाल से है। अनीता यादव यहां से 2009 में विधायक रह चुकी हैं। इसके बाद 2014 और 2019 के चुनाव में भी वह कांग्रेस उम्मीदवार थी लेकिन हार गई। अनीता भी आरती की तरह अहीर समुदाय से हैं। अनीता को यहां लगातार 2 चुनाव हारने के बाद सहानुभूति मिल रही है। इसके अलावा अनीता को प्रदेश में भाजपा की 10 साल की सरकार से सत्ता विरोधी लहर यानी एंटी इनकंबेंसी का भी फायदा मिल रहा है। यहां के SC वोटरों का झुकाव भी कुछ हद तक कांग्रेस की तरफ माना जा रहा है। आरती और अनीता के मुकाबले तीसरे उम्मीदवार यहां इनेलो-बसपा के ठाकुर अतरलाल है। वह राजपूत हैं लेकिन यहां राजपूतों का वोट बैंक सिर्फ 8% है। हालांकि बसपा से गठजोड़ की वजह से उन्हें 20% अनुसूचित जाति वोट बैंक का फायदा मिलता दिख रहा है। अतर लाल 20 साल से यहां की राजनीति में सक्रिय हैं। 15 साल से वे चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन एक बार भी जीत नहीं पाए। इसके बावजूद उनका अटेली में लोगों के घर आना-जाना खूब रहता है। प्रचार में भी वे कह रहे हैं कि मेरा आखिरी चुनाव है। जिस वजह से अहीर वोटरों की सहानुभूति भी उनके साथ में है। आरती और अनीता के अलावा JJP-आजाद समाज पार्टी की आयुषी राव भी अहीर समुदाय से हैं। अगर अहीर वोटर इन तीनों में बंटे तो फिर ठाकुर अतर लाल भी चौंका सकते हैं। फिलहाल इस सीट पर तिकोना मुकाबला नजर आ रहा है। जिसमें जीत की सबसे बड़ी चुनौती राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव के लिए है। 4 पॉइंट में समझें अटेली विधानसभा का समीकरण 1. अटेली में 2 लाख 7 हजार वोटर हैं। जिनमें सबसे ज्यादा अहीर वोटर हैं। यही वोटर हार-जीत का फैसला करते हैं। 2.07 लाख में से आधे अहीर वोटर हैं। यही वजह है कि भाजपा-कांग्रेस जैसे प्रमुख राजनीतिक दल यहां अहीर उम्मीदवारों को ही टिकट देते हैं। दूसरे नंबर पर अनुसूचित जाति के 20% वोट हैं। हालांकि वह एकजुट होकर किसी एक के पक्ष में नहीं जाते। राजपूत वोटर भी यहां 8% हैं लेकिन डिसाइडिंग न होने की वजह से अक्सर वे भी एकतरफा नहीं हाेते। 2. 1967 से लेकर अब तक हुए 13 चुनाव और एक उपचुनाव में अहीर उम्मीदवार ने ही यह सीट जीती है। इन 14 चुनावों में 2 बार निर्दलीय भी यहां से जीते तो वे भी अहीर समुदाय से ही थे। यही वजह है कि इस बार भी भाजपा ने अहीर समुदाय से आरती राव और कांग्रेस ने अनीता यादव को उम्मीदवार बनाया है। वहीं JJP ने भी आयुषि राव को टिकट दी है, वे भी अहीर समुदाय से ही आती हैं। हालांकि इनेलो-बसपा ने यहां राजपूत समुदाय से आते ठाकुर अतरलाल को टिकट दी है। 3. पारंपरिक तौर पर अटेली सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। 14 चुनाव में कांग्रेस ने यहां से 6 बार चुनाव जीता। 3 बार विशाल हरियाणा पार्टी जीती। इसमें दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस से एक बार और विशाल हरियाणा पार्टी से जीतने वाले राव बीरेंद्र सिंह यहां BJP उम्मीदवार आरती राव के दादा हैं। 2 बार यहां से निर्दलीय जीते। एक बार लोक दल और 2 बार निर्दलीय यहां से चुनाव जीते। भाजपा का खाता इस सीट पर 42 साल बाद 2014 में खुला। हालांकि 2014 के बाद 2019 में लगातार भाजपा ने यह सीट 2 बार जीती। 4.इस सीट के 14 चुनावों में 9 चुनाव ऐसे हैं, जब हार-जीत का अंतर 3 हजार से भी कम रहा। हालांकि भाजपा ने पिछले 2 विधानसभा चुनावों में एकतरफा जीत हासिल की। इसकी वजह राव इंद्रजीत के दबदबे को ही माना जाता है। जिसकी वजह से ही राव ने बेटी के पॉलिटिकल डेब्यू के लिए यह अटेली सीट चुनी है। पिता राव इंद्रजीत के सहारे आरती का चुनाव
आरती राव यहां नई उम्मीदवार हैं, जिसके चलते उनका पूरा चुनाव राव इंद्रजीत सिंह और उनके समर्थक मैनेज कर रहे हैं। यहां के वोटर भी आरती राव की बजाय राव इंद्रजीत सिंह पर भरोसा करते हैं। भाजपा के स्टार प्रचारक राव इंद्रजीत बाकी सीटों के मुकाबले बेटी के प्रचार के लिए 2 बार आ चुके हैं। आरती के चुनाव प्रचार पोस्टरों में भी आरती से ज्यादा प्रमुखता से राव इंद्रजीत को रखा जा रहा है। यह उनका पहला चुनाव है, इसलिए व्यक्तिगत तौर पर लोगों के बीच उनकी पकड़ कम है। उन्हें भाजपा की प्रदेश में 10 साल की सरकार की वजह से एंटी इनकंबेंसी का भी सामना करना पड़ सकता है। वहीं उनको लेकर लोग ये भी कह रहे हैं कि आरती जीतीं तो उससे मिलने विदेश या फिर गुरुग्राम जाना पड़ेगा। वोटरों के बीच उनके बाहरी होने का भी हल्का असर जरूर है। अनीता कह रहीं, अटेली को उपमंडल का दर्जा दिलाऊंगी
अनीता यादव यहां से पुरानी उम्मीदवार हैं। 2009 में कांग्रेस की सीट पर यहां से विधानसभा चुनाव भी जीत चुकी हैं। ऐसे में उनका यहां के लोगों से पुराना जुड़ाव है, जो अब उनके काम आ रहा है। सत्ता में आने के बाद अटेली को उपमंडल का दर्जा देने की भी बात कर रही हैं। कांग्रेस उम्मीदवार अनीता यादव यहां से 2009 में विधायक रह चुकी हैं। वे अटेली की 10 साल की उपेक्षा के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ रही हैं और अपने पुराने कामों के साथ मैदान में हैं। लेकिन उनके सामने बीजेपी की 2 बार की लगातार जीत को तोड़ने की चुनौती है। 15 साल से संघर्ष कर रहे हैं अतरलाल
इस बार लोगों की सहानुभूति अतरलाल के साथ दिख रही है। अतरलाल पिछले 15 साल से अटेली में काम कर रहे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां दूसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें 37,387 वोट मिले थे। लोगों का कहना है कि अगर अतरलाल इस बार भी हार गए तो उनका राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा। इनेलो-बसपा के ठाकुर अतर लाल शिक्षा और बेरोजगारी को मुद्दा उठा रहे हैं। वे लोगों के बीच स्थानीय होने की बात भी कह रहे हैं और आरती और अनीता को बाहरी उम्मीदवार बता रहे हैं। जननायक जनता पार्टी की आयुषी राव विकास के मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान में हैं। JJP की आयुषि को पति की जगह मिली टिकट
यहां से जननायक जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रही आयुषी राव के पति अभिमन्यु राव कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के भतीजे हैं। आयुषी राव की जगह अभिमन्यु राव को टिकट मिलनी थी, लेकिन पार्टी ने आयुषी राव को टिकट दी। क्या कहते हैं अटेली के वोटर कैंडिडेट को नहीं, पार्टी को वोट देंगे
व्यापारी संतोष कुमार ने बताया कि वह कैंडिडेट को नहीं देख रहे। वे भारतीय जनता पार्टी व मोदी को देखते हैं। बिना खर्ची और बिना पर्ची यहां के लोग नौकरी लगे हैं। इसलिए उनका वोट भारतीय जनता पार्टी के साथ है। विदेश में रहती हैं आरती राव
धोबी समाज के प्रधान अनिल ने बताया कि आरती राव विदेश में रहती हैं, अगर भी चुनाव जीत गई तो उनसे मिलने के लिए या तो गुडगांव जाना पड़ेगा या फिर विदेश में जाना पड़ेगा, जबकि कांग्रेस की अनीता यहां की लोकल हैं। बाहरी भगाओ, अपनों को लाओ
नरपत सिंह ने बताया कि इस बार चुनाव ‘बाहरी भगाओ-अपनों को लाओ’ का बना हुआ है। यहां पर अनीता व आरती दोनों ही अटेली के बाहर रेवाड़ी से संबंध रखती हैं। इसलिए लोग इनका विरोध कर रहे हैं। अटेली विधानसभा में कांग्रेस आएगी
हीरालाल ने बताया कि इस बार क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा है। प्रदेश के साथ-साथ अटेली विधानसभा में भी कांग्रेस आएगी। वहीं रमेश सिसोदिया ने बताया कि मुकाबला त्रिकोणीय बना हुआ है किसकी जीत हो जाए अभी पता नहीं है। 3 कैंडिडेट के बीच होगा मुकाबला
परमेश्वर दयाल ने बताया कि यहां पर कांटे की टक्कर बनी हुई है तीनों के बीच ही मुकाबला होगा। महावीर ने बताया कि लोगों का रुझान कांग्रेस पार्टी की ओर ज्यादा है इस बार कांग्रेस की सरकार बनेगी। सभी में कांटे की टक्कर
वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र सोलंकी का कहना है कि यह क्षेत्र यादव बाहुल्य क्षेत्र है। 1952 से लेकर अब तक यहां पर यादव ही विधायक बना है। मगर इस बार तिकोना मुकाबला बना हुआ है। मतदाता किस ओर रुख करेंगे। इसका अभी पता नहीं चला है। सभी में कांटे की टक्कर बनी हुई है। अटेली सीट का इतिहास… हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… 1. नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:BJP के बागी गर्ग वोटकटवा; बड़शामी ने जाट न बांटे तो कांग्रेस के मेवा से कड़ी टक्कर 2. विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल में फंसेगी रेसलर; OBC-ब्राह्मण एकतरफा होने पर ही BJP को फायदा
रोहतक में कांग्रेस के चारों उम्मीदवार फाइनल:भाजपा ने जारी किए सिर्फ 3 नाम, महम से बलराम दांगी पर दांव
रोहतक में कांग्रेस के चारों उम्मीदवार फाइनल:भाजपा ने जारी किए सिर्फ 3 नाम, महम से बलराम दांगी पर दांव हरियाणा के रोहतक में कांग्रेस ने अपने चारों उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं। जबकि भाजपा ने अभी तक 3 उम्मीदवार ही मैदान में उतारे हैं। भाजपा ने रोहतक की सीट होल्ड की हुई है। रविवार को जारी 9 उम्मीदवारों की सूची में एक नाम महम से प्रत्याशी बलराम दांगी का भी शामिल रहा। अब तक कांग्रेस हरियाणा में कुल 41 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी हैं। जिसमें जिनमें से रोहतक जिले के चारों उम्मीदवार फाइनल हो गए हैं। इन चारों उम्मीदवारों में कांग्रेस के पूर्व सीएम सहित 3 विधायक शामिल हैं। जबकि भाजपा ने तीनों नए चेहरों को मैदान में उतारा है। बलराम दांगी जिला परिषद के वाइस चेयरमैन रहे हैं। वहीं अब महम हल्के में पिछले काफी समय से सक्रिय होकर राजनीति कर रहे हैं। वहीं बलराम दांगी के पिता आनंद सिंह दांगी महम हल्के से 4 बार विधायक रहे हैं। वहीं आनंद सिंह दांगी 3 बार महम विधानसभा से दूसरे स्थान पर रहे हैं। 90 कांग्रेसियों के सपने रहे अधुरे कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा से पहले संभावित उम्मीदवारों ने आवेदन मांगे गए थे। रोहतक जिले की चारों विधानसभाओं में कुल 94 उम्मीदवारों ने इस उम्मीद से आवेदन किए थे, कि उन्हें टिकट मिलेगी। सबसे ज्यादा कलानौर विधानसभा से 55 और सबसे कम गढ़ी-सांपला-किलोई से एक आवेदन आया था। इनमें से 4 उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है। बकाया 90 उम्मीदवारों के सपने धरे के धरे रह गए। उन्हें टिकट नहीं मिल पाई। कांग्रेस की टिकट के लिए ये आए थे आवेदन विधानसभा कांग्रेस के दावेदार कांग्रेस के उम्मीदवार भाजपा के उम्मीदवार