देवेंद्र शुक्ला | झज्जर सरकार के आदेश पर प्रशासन ने गांव दर गांव निकलने वाली हाई टेंशन तारों की जद में आने वाले खेतों की जमीन का मुआवजा तैयार किया है। इसके जो नए रेट आए हैं वह भी अब किसान संगठन को रास नहीं आए। इन रेट को ठुकराते हुए किसानों ने मार्केट रेट के हिसाब से बढ़े हुए रेट की मांग को लेकर 13 नवंबर से दिल्ली के राजघाट तक पैदल मार्च करने का फैसला लिया है। राजस्थान के खेतड़ी से लेकर दिल्ली के औचंदी तक 765 केवीए की एचटी लाइन पावर ग्रिड के द्वारा डाली जा रही है। इसके लिए झज्जर में भी कई गांव में पोल गाड़े जा चुके हैं। मामला तब बिगड़ा जब किसानों को पता चला कि सरकार हाई टेंशन तार डालने की एवज में किसानों को कोई भी मुआवजा नहीं दे रही है, जबकि पोल का मिलेगा। इसके बाद गांव दर गांव आंदोलन हुआ। झज्जर जिले में भी 36 गांव में इसका काम रुका और अब भी 12 गांव में बीते 11 महीने से लगातार धरने चल रहे हैं। झज्जर के अलावा सोनीपत, महेंद्रगढ़, नारनौल और रेवाड़ी में भी मुआवजा को लेकर विरोध तेज हुआ। किसानों के इस आंदोलन को देखते हुए भाजपा सरकार ने पहली बार 4 अप्रैल 2024 को एक पॉलिसी बनाई कि किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके बाद झज्जर में डीसी कैप्टन शक्ति सिंह के आदेश पर एक यूजर कमेटी बनाई गई, इसमें डीआरओ, एसडीएम, बिजली वितरण निगम और पावर ग्रिड की ओर से एक-एक अधिकारी को नियुक्त किया गया। अब बीते 25 अक्टूबर को प्रशासन द्वारा तैयार किए गए इस नए रेट का खाका जब किसान संगठनों को मिला तब यह नए रेट भी किसानों को रास नहीं आए। आसौदा स्थित हाई टेंशन तार मुआवजा संघर्ष समिति से जुड़े किसान रोहताश दलाल ने कहा कि अव्वल तो प्रशासन को इस यूजर कमेटी में संबंधित गांव के किसान को शामिल करना चाहिए था ताकि वह मार्केट के हिसाब से रेट की जानकारी दे सकें, लेकिन ऐसा न करके प्रशासन ने अपने मन से ही रेट तैयार कर दिए जो मार्केट रेट से काफी कम हैं। रोहताश दलाल के मुताबिक उनके गांव आसौदा टोडारान का मुआवजा प्रशासन ने 85 लाख 57 हजार 857 रुपए प्रति एकड़ तय किया है, जबकि 2 साल पहले ही साढ़े तीन करोड़ प्रति एकड़ की जमीन यहां बिक चुकी है। इसी तरह हर गांव में जमीनों के भाव एक करोड़ से ज्यादा के पहुंच चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने जो रेट तय किए हैं वह काफी कम हैं। अब बढ़े हुए मार्केट रेट की मांग पर 12 नवंबर को झज्जर जिले के सभी 36 गांव के किसान पैदल मार्च करेंगे और 13 नवंबर को राजघाट पर पहुंचेंगे। इस तरह गाड़े गए एचटी लाइन के पोल। पोल पर सरकार दे रही एक मीटर तक बढ़ा हुआ मुआवजा, किसानों ने मांगा छह मीटर तक जिस किसान के खेत में एचटी लाइनों का पोल गड़ेगा और पोल गाड़ने का जितना दायरा जमीन का रहेगा उसका 200 प्रतिशत मुआवजा सरकार ने तय किया है। साथ ही पोल के चारों तरफ एक मीटर बढ़ा हुआ मुआवजा अतिरिक्त मिलेगा। इस मसले पर भी किसानों का विरोध है और उन्होंने एक की बजाय पोल के चारों तरफ छह मीटर मुआवजा देने की मांग की है। गांव प्रति एकड़ मुआवजा गोरिया 4115209 झांसवा 3261821 धनीरवास 2372536 हुमायूंपुर 2350000 जमालपुर 2598218 लड़ायन 2400000 बीरर 2572604 अकहेड़ी मदनपुर 2482665 कोयलपुर 2200000 बिलोचपुरा 2203420 खेतावास 2421580 भिंडावास 2210251 खेड़ी होसादपुर 2090000 ग्वालिसन 3676863 तलाव 9059255 खेड़ी खुम्मार 8100000 झज्जर 11852572 गुड्डा 8943543 बिरधाना 7385856 गिरावड़ 7865779 ततारपुर 6013667 सुर्खपुर टप्पा हवेली 5000000 खेड़ी आसरा 4500000 रेवाड़ी खेड़ा 4500000 मातन 5505329 छारा 6500000 खरहर 4500448 रोहद 11827874 दहकोरा 8205459 जसौर खेड़ी 4220051 आसौदा टोडरान 8557857 आसौदा सिवान 6076905 कुलासी 5073799 कानोंदा 5610767 खैरपुर 4750000 लडरावण 5185325 ^हमने सरकार के आदेश पर मुआवजा देने के रेट तय किए थे। अब किसान इसका विरोध कर रहे हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है।जैसे ही कोई सूचना आएगी तो सरकार तक बात पहुंचाई जाएगी। कैप्टन शक्ति सिंह, डीसी झज्जर देवेंद्र शुक्ला | झज्जर सरकार के आदेश पर प्रशासन ने गांव दर गांव निकलने वाली हाई टेंशन तारों की जद में आने वाले खेतों की जमीन का मुआवजा तैयार किया है। इसके जो नए रेट आए हैं वह भी अब किसान संगठन को रास नहीं आए। इन रेट को ठुकराते हुए किसानों ने मार्केट रेट के हिसाब से बढ़े हुए रेट की मांग को लेकर 13 नवंबर से दिल्ली के राजघाट तक पैदल मार्च करने का फैसला लिया है। राजस्थान के खेतड़ी से लेकर दिल्ली के औचंदी तक 765 केवीए की एचटी लाइन पावर ग्रिड के द्वारा डाली जा रही है। इसके लिए झज्जर में भी कई गांव में पोल गाड़े जा चुके हैं। मामला तब बिगड़ा जब किसानों को पता चला कि सरकार हाई टेंशन तार डालने की एवज में किसानों को कोई भी मुआवजा नहीं दे रही है, जबकि पोल का मिलेगा। इसके बाद गांव दर गांव आंदोलन हुआ। झज्जर जिले में भी 36 गांव में इसका काम रुका और अब भी 12 गांव में बीते 11 महीने से लगातार धरने चल रहे हैं। झज्जर के अलावा सोनीपत, महेंद्रगढ़, नारनौल और रेवाड़ी में भी मुआवजा को लेकर विरोध तेज हुआ। किसानों के इस आंदोलन को देखते हुए भाजपा सरकार ने पहली बार 4 अप्रैल 2024 को एक पॉलिसी बनाई कि किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके बाद झज्जर में डीसी कैप्टन शक्ति सिंह के आदेश पर एक यूजर कमेटी बनाई गई, इसमें डीआरओ, एसडीएम, बिजली वितरण निगम और पावर ग्रिड की ओर से एक-एक अधिकारी को नियुक्त किया गया। अब बीते 25 अक्टूबर को प्रशासन द्वारा तैयार किए गए इस नए रेट का खाका जब किसान संगठनों को मिला तब यह नए रेट भी किसानों को रास नहीं आए। आसौदा स्थित हाई टेंशन तार मुआवजा संघर्ष समिति से जुड़े किसान रोहताश दलाल ने कहा कि अव्वल तो प्रशासन को इस यूजर कमेटी में संबंधित गांव के किसान को शामिल करना चाहिए था ताकि वह मार्केट के हिसाब से रेट की जानकारी दे सकें, लेकिन ऐसा न करके प्रशासन ने अपने मन से ही रेट तैयार कर दिए जो मार्केट रेट से काफी कम हैं। रोहताश दलाल के मुताबिक उनके गांव आसौदा टोडारान का मुआवजा प्रशासन ने 85 लाख 57 हजार 857 रुपए प्रति एकड़ तय किया है, जबकि 2 साल पहले ही साढ़े तीन करोड़ प्रति एकड़ की जमीन यहां बिक चुकी है। इसी तरह हर गांव में जमीनों के भाव एक करोड़ से ज्यादा के पहुंच चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने जो रेट तय किए हैं वह काफी कम हैं। अब बढ़े हुए मार्केट रेट की मांग पर 12 नवंबर को झज्जर जिले के सभी 36 गांव के किसान पैदल मार्च करेंगे और 13 नवंबर को राजघाट पर पहुंचेंगे। इस तरह गाड़े गए एचटी लाइन के पोल। पोल पर सरकार दे रही एक मीटर तक बढ़ा हुआ मुआवजा, किसानों ने मांगा छह मीटर तक जिस किसान के खेत में एचटी लाइनों का पोल गड़ेगा और पोल गाड़ने का जितना दायरा जमीन का रहेगा उसका 200 प्रतिशत मुआवजा सरकार ने तय किया है। साथ ही पोल के चारों तरफ एक मीटर बढ़ा हुआ मुआवजा अतिरिक्त मिलेगा। इस मसले पर भी किसानों का विरोध है और उन्होंने एक की बजाय पोल के चारों तरफ छह मीटर मुआवजा देने की मांग की है। गांव प्रति एकड़ मुआवजा गोरिया 4115209 झांसवा 3261821 धनीरवास 2372536 हुमायूंपुर 2350000 जमालपुर 2598218 लड़ायन 2400000 बीरर 2572604 अकहेड़ी मदनपुर 2482665 कोयलपुर 2200000 बिलोचपुरा 2203420 खेतावास 2421580 भिंडावास 2210251 खेड़ी होसादपुर 2090000 ग्वालिसन 3676863 तलाव 9059255 खेड़ी खुम्मार 8100000 झज्जर 11852572 गुड्डा 8943543 बिरधाना 7385856 गिरावड़ 7865779 ततारपुर 6013667 सुर्खपुर टप्पा हवेली 5000000 खेड़ी आसरा 4500000 रेवाड़ी खेड़ा 4500000 मातन 5505329 छारा 6500000 खरहर 4500448 रोहद 11827874 दहकोरा 8205459 जसौर खेड़ी 4220051 आसौदा टोडरान 8557857 आसौदा सिवान 6076905 कुलासी 5073799 कानोंदा 5610767 खैरपुर 4750000 लडरावण 5185325 ^हमने सरकार के आदेश पर मुआवजा देने के रेट तय किए थे। अब किसान इसका विरोध कर रहे हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है।जैसे ही कोई सूचना आएगी तो सरकार तक बात पहुंचाई जाएगी। कैप्टन शक्ति सिंह, डीसी झज्जर हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में ‘रामपुरा हाउस’ का दबदबा संकट में:राव इंद्रजीत ने सिक्सर लगाया लेकिन लड़खड़ाते हुए जीते, पैतृक सीट पर भी लीड नहीं दिला सके
हरियाणा में ‘रामपुरा हाउस’ का दबदबा संकट में:राव इंद्रजीत ने सिक्सर लगाया लेकिन लड़खड़ाते हुए जीते, पैतृक सीट पर भी लीड नहीं दिला सके हरियाणा की अहीरवाल बैल्ट यानी दक्षिणी हरियाणा में दशकों तक सियासी दबदबा रखने वाले रामपुरा हाउस के वजूद पर इस बार संकट नजर आया। यहां से रामपुरा हाउस की सियासत आगे बढ़ा रहे भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत ने भले ही लगातार छठी बार जीत का सिक्सर लगा दिया हो लेकिन हार-जीत का मार्जिन पिछली जीत के मुकाबले काफी कम रहा। मतगणना के दौरान शुरूआत में तो ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस के राज बब्बर से उनकी हार हो सकती है लेकिन अंतिम वक्त में वह 75079 वोटों से जीत गए। हालत यह हो गई कि राव इंद्रजीत सिंह के खुद के पैतृक हल्के रेवाड़ी, बावल और पटौदी ने उन्हें कड़े मुकाबले में लाकर खड़ा कर दिया। इन तीनों ही सीट पर राव की उम्मीद के अनुरूप उन्हें लीड नहीं मिली और कांग्रेस के प्रत्याशी राज बब्बर को तीनों ही विधानसभा में 60 हजार से ज्यादा वोट मिले। जीत के बाद खुद राव ने माना कि अगर उन्हें गुरुग्राम, बादशाहपुर सीट से बढ़त नहीं मिलती तो इस बार जीत मुश्किल थी। खुद लड़खड़ाते जीते, पैतृक सीट से BJP हारी
खुद के इलाके में घिरने के बाद लड़खड़ाते हुए राव इंद्रजीत को आखिर में जीत मिल ही गई, लेकिन उनकी एक और पैतृक सीट कोसली विधानसभा ने भी सभी को चौंका दिया। पिछली बार इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी डा. अरविंद शर्मा को 75 हजार वोटों की लीड मिली थी। जिसकी वजह से कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार कोसली से भले ही दीपेंद्र 2 वोट से जीते, लेकिन ये परिणाम अपने आप में चौंकाने वाला है। कोसली रामपुरा हाउस का गढ़ रहा है। रोहतक से हारे अरविंद शर्मा की मदद नहीं कर पाए
यहां से बीजेपी को लीड दिलाने की जिम्मेवारी राव इंद्रजीत सिंह के कंधे पर थी। राव इंद्रजीत सिंह खुद भी आखिरी वक्त पर कोसली में प्रचार करने के लिए पहुंचे, लेकिन यहां भी बीजेपी प्रत्याशी की हार ने राव इंद्रजीत सिंह की साख पर सवाल खड़े कर दिए। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह महेंद्रगढ़ जिले में अपनी छाप बरकरार रखने में जरूर कामयाब रहे। भिवानी-महेंद्रगढ़ से बीजेपी प्रत्याशी चौधरी धर्मबीर सिंह की जीत में महेंद्रगढ़ जिले का अहम रोल रहा है। गुरुग्राम सीट पर लगातार चौथी जीत
बता दें कि गुरुग्राम सीट 2008 में अस्तित्व में आई। कांग्रेस की टिकट पर राव इंद्रजीत सिंह ने पहला चुनाव 2009 में इस सीट से लड़ा और बीएसपी के जाकिर हुसैन को 84,864 वोटों से हराया था। 2013 में मोदी लहर को देख राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। साल 2014 में हुए चुनाव में रिकॉर्ड 2,74,722 वोटों से जीते थे। इसमें राव इंद्रजीत सिंह को 644780 और इनेलो नेता जाकिर हुसैन को 370058 वोट मिले थे। 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी ने दूसरी बार राव इंद्रजीत को गुरुग्राम सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। उनका मुकाबला कांग्रेस नेता और 6 बार विधायक रहे कैप्टन अजय सिंह यादव से हुआ। इसमें राव इंद्रजीत सिंह को 881546 वोट मिले और कैप्टन अजय सिंह यादव को 495290 वोट मिले थे। इस सीट राव इंद्रजीत ने अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ा और 386256 वोटों से जीते थे। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह पहली बार कड़े मुकाबले में फंसते हुए दिखाई दिए। राव इंद्रजीत सिंह को कुल 8 लाख 8 हजार 336 वोट मिले और उन्होंने राज बब्बर को 75079 वोट से हरा दिया। राव इंद्रजीत सिंह की ये सबसे छोटी जीत है। विरोधी रहे एक्टिव, बादशाहपुर ने बचाई लाज
दरअसल, गुरुग्राम सीट पर बीजेपी के भीतर सबसे ज्यादा गुटबाजी भी रही। अहीरवाल की राजनीति को अपने हिसाब से चलाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के विरोधियों की फेहरिस्त अपनी ही पार्टी में काफी लंबी हैं। इसी गुटबाजी की वजह से इस बार चुनाव प्रचार में राव इंद्रजीत सिंह पूरी तरह अलग-थलग भी पड़ते हुए दिखाई दिए। उनके लिए ना कोई बड़ा नेता प्रचार करने आया और ना ही इलाके के दूसरे बड़े स्थानीय नेताओं ने प्रचार किया। पूर्व सांसद सुधा यादव, निवर्तमान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास जैसे सीनियर नेताओं ने दूरी बनाए रखी। जिसकी वजह से राव इंद्रजीत सिंह को बीजेपी के मजबूत कहे जाने वाले रेवाड़ी जिले की तीनों विधानसभा सीट पर राव इंद्रजीत सिंह कांटे के मुकाबले में फंसे रहे। हालांकि उन्हें गुरुग्राम और बादशाहपुर विधानसभा में करीब 1-1 लाख वोट की लीड मिली, जिसकी वजह वो चुनाव जीत गए। बता दें कि बादशाहपुर वहीं हल्का है, जहां से 2019 में राव इंद्रजीत सिंह ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की टिकट कटवा दी थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा भीतरघात की होने की चर्चा थी, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद ऐसा दिखाई नहीं दिया। कभी 14 विधानसभा सीटों पर रहा दबदबा दक्षिणी हरियाणा में विधानसभा की 14 सीटें है। इनमें गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूंह और महेंद्रगढ़ जिले की अलग-अलग विधानसभा सीटें शामिल है। दशकों तक इन सीटों पर रामपुरा हाउस का दबदबा बना रहा, लेकिन पिछले कुछ सालों में इन सीटों पर रामपुरा हाउस की पकड़ कमजोर होती चली गई। पिछले विधानसभा चुनाव में भी इसकी बानगी देखने को मिली थी। राव इंद्रजीत सिंह के खुद के गृह जिले रेवाड़ी की विधानसभा सीट पर उनके समर्थक सुनील मुसेपुर को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार खुद राव इंद्रजीत सिंह के सामने खड़ी हुई चुनौती ने इसे और गहरा कर दिया है।
विनेश के संन्यास पर बोले खिलाड़ी-संघर्ष याद रखा जाएगा:गोल्ड मेडलिस्ट सारा बोलीं- मुझे बुरा लगा; बजरंग ने कहा- हारी नहीं, हराया गया
विनेश के संन्यास पर बोले खिलाड़ी-संघर्ष याद रखा जाएगा:गोल्ड मेडलिस्ट सारा बोलीं- मुझे बुरा लगा; बजरंग ने कहा- हारी नहीं, हराया गया हरियाणा की धाकड़ पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती को अलविदा कह दिया है। जिसके बाद उनके इस फैसले पर खिलाड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। खिलाड़ी विनेश का हौसला बढ़ाने के साथ सिस्टम पर भी सवाल उठा रहे हैं। सभी ने विनेश को चैंपियन बताया और कहा कि इस संघर्ष को याद रखा जाएगा। विनेश ने 6 अगस्त को एक ही दिन में तीन मुकाबले जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी। 7 अगस्त की सुबह विनेश का वजन किया गया। जिसमें वह ओवरवेट मिली। उनका वजन 50 किलोग्राम 100 ग्राम था। 100 ग्राम ज्यादा वजन होने की वजह उन्हें मुकाबले से डिसक्वालीफाई कर दिया गया। 8 अगस्त की सुबह विनेश ने संन्यास की घोषणा कर सभी को हैरान कर दिया। अब पढ़िए किस खिलाड़ी ने क्या कहा… गोल्ड मेडलिस्ट सारा बोलीं- मुझे बुरा लग रहा है
विनेश फोगाट ओलिंपिक के जिस फाइनल मैच से पहले अयोग्य करार दी गईं, उसमें अमेरिका की महिला पहलवान सारा हिल्डेब्रांट ने गोल्ड मेडल जीता है। सारा हिल्डेब्रांट ने क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमैन लोपेज को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया। सारा हिल्डेब्रांट ने विनेश के अयोग्य करार दिए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। सारा ने कहा है विनेश के लिए मुझे बुरा लग रहा है। विनेश के लिए कल का दिन अद्भुत था। उन्होंने कारनामा कर दिखाया था। मुझे नहीं लगता है कि विनेश को इस बात का अंदाजा रहा होगा कि इस तरह से उनका ओलिंपिक अभियान समाप्त होगा। मुझे लगता है कि विनेश एक शानदार प्रतिद्वंद्वी, शानदार पहलवान और इंसान हैं। साक्षी मलिक बोलीं- देश तुम्हारे साथ
विनेश के साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी पूर्व रेसलर साक्षी मलिक ने उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने लिखा कि विनेश तुम नहीं हारी, हर वो बेटी हारी है जिनके लिए तुम लड़ी और जीती। ये पूरे भारत देश की हार है। देश तुम्हारे साथ है। खिलाड़ी के तौर पर उनके संघर्ष और जज्बे को सलाम। दंगल गर्ल गीता फोगाट ने लिखा- कुश्ती से अलविदा बहुत दुखद
दंगल गर्ल के नाम से मशहूर गीता फोगाट ने लिखा कि बहन विनेश फोगाट, आपने जो देश के लिए किया है उसके लिए हम सब आपके हमेशा ऋणी रहेंगे। सदियों तक आपके जज्बे और संघर्ष को याद रखा जाएगा। आप सभी लड़कियों के आदर्श हैं। आपका इस तरह कुश्ती से अलविदा कहना पूरे परिवार के साथ- साथ पूरे देश के लिए बहुत दुखद है। बजरंग पूनिया बोले- आप हारे नहीं, हराया गया है
रेसलर बजरंग पूनिया ने कहा कि विनेश आप हारी नहीं हराया गया हैं। हमारे लिए सदैव आप विजेता ही रहेंगी। आप भारत की बेटी के साथ साथ भारत का अभिमान भी हो। रितु फोगाट ने कहा- हमें आप पर गर्व है
विनेश फोगाट की चचेरी बहन रेसलर रितु फोगाट ने कहा कि आपका ये संघर्ष पूर्ण कुश्ती का सफर और चुनौतियां सदियों तक याद रखी जाएंगी। आपका नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षर से लिखा जाएगा। आप करोड़ों लड़कियों की प्रेरणा हो, उम्मीद हो, जीत हो। हमें आप पर गर्व है। विनेश फोगाट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
फरीदाबाद में सांड ने महिला को सींग पर उठा पटका:जमीन पर गिरते ही हुई बेहोश; हाथ में फ्रेक्चर-आंख पर चोट
फरीदाबाद में सांड ने महिला को सींग पर उठा पटका:जमीन पर गिरते ही हुई बेहोश; हाथ में फ्रेक्चर-आंख पर चोट हरियाणा के फरीदाबाद में चंदावली गांव में राह चलती 68 साल की बुजुर्ग महिला को सांड ने सिंगों से उठा कर पटक दिया। बुजुर्ग महिला सांड के हमले में चोटें लगने से बेहोश हो गई। आसपास के लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों के अनुसार महिला के हाथ में फ्रेक्चर है और आंख के पास गंभीर चोट आई है। शहर में बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या से लोगों से रोष है। इस प्रकार के कई हादसे हो चुके हैं। वारदात का एक सीसीटीवी भी सामने आया है। चंदावली गांव अब नगर निगम सीमा क्षेत्र में आ चुका है। यहां रहने वाले राजकुमार सैनी गोगा ने बताया कि गांव के अंदर इस वक्त 100 से भी ज्यादा बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। ये लोगों पर हमला कर उनको घायल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रविवार शाम को उनकी दुकान के सामने से कुछ महिलाएं पार्क में जाने के लिए गुजर रही थी। इसी दौरान पास में खड़े एक सांड ने 68 साल की बुजुर्ग जयपाली को सींग से उठा कर पटक दिया। उसने बताया कि जमीन पर गिरते ही महिला बेहोश हो गई। ये सारी घटना सीसीटीवी केमरे में कैद हो गई। आस पास के लोगों ने जमीन पर गिरी महिला को उठाया और परिजनों की सहायता से प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। बुजुर्ग महिला के पोते जोगेंद्र ने बताया कि उनकी दादी के हाथ में फ्रेक्चर आ गया है और आंख के पास गंभीर चोट लगी है। फिलहाल बुजुर्ग महिला का इलाज चल रहा है। इससे पहले दो लोगों की हो चुकी है मौत बता दें कि बेसहारा पशुओं के कारण फरीदाबाद में 20 दिनों के अंदर दो लोगों की मौत हो चुकी है। पहली घटना 3 अगस्त को हुई थी जब रवि राघव भारत कॉलोनी खेड़ी रोड से अपनी बाइक से गुजर रहे थे। सांडों की लड़ाई में एक सांड ने रवि को टक्कर मार दी। उनकी मौत हो गई। वहीं दूसरी घटना 11 अगस्त को मोहब्बताबाद में हुई। यहां पर 60 वर्षीय मद्दीन अपनी बाइक से जा रहे थे। तभी बेसहारा पशु ने उन्हें टक्कर मार दी। उनकी मौत हो गई। इन दोनों घटनाओं से भी नगर निगम ने सबक नहीं लिया