करीब 27 साल पहले एक युवक के पिता की हत्या हुई। आज 28 साल का हो चुका वह युवक तब सिर्फ 5 महीने का था। उसके पिता की हत्या में दो लोग नामजद हुए, लेकिन दोनों बरी हो गए। लेकिन युवक के मन में बदले की भावना पनपती रही। 21 अक्टूबर को उसने भदोही में कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह की हत्या कर दी। इसके लिए उसने 3 शूटर्स को 5 लाख रुपए देकर हायर किया। पुलिस ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को प्रिंसिपल हत्याकांड का खुलासा करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार मुख्य आरोपी सौरभ सिंह ने पुलिस को बताया- 1997 में मेरे पिता अजय बहादुर सिंह की हत्या की गई थी। हत्या में योगेंद्र बहादुर सिंह और उसके भाई अनिल सिंह नामजद हुए थे। बाद में वह कोर्ट से बरी हो गए थे। बदला लेने के लिए मैंने प्रिंसिपल की हत्या की। पुलिस ने बताया कि जिस तरह से सौरभ के पिता की हत्या हुई थी, उसी अंदाज में शूटर्स ने योगेंद्र बहादुर की हत्या की। सौरभ मास्टरमाइंड था। उसने 3 शूटर्स को हायर किए। रेकी कर पूरी वारदात की। पहले पढ़िए आरोपी सौरभ का कबूलनामा पुलिस पूछताछ में सौरभ ने बताया- जब मेरे पिता की हत्या हुई थी, तब मैं 5 महीने का था। मैं जब बड़ा हुआ, तो मां ने मुझे पिता की हत्या के बारे में विस्तार से बताया। इसके बाद मैंने पूरे मामले के बारे में पता किया। वकीलों से भी बातचीत की। जब मैंने पूरी बातों का पता लगा लिया, तो लगा कि मेरे पिता के साथ गलत हुआ था। उनकी हत्या योगेंद्र बहादुर और उसके भाई अनिल सिंह ने ही की थी। मैंने भी बदला लेने के लिए प्रिंसिपल की हत्या की पूरी साजिश रची। मैंने कलीम समेत 3 शूटर्स को हायर किया। कलीम को मैं पहले से जानता था। वह प्रयागराज के फाफामऊ रहने वाला है। 35 साल के कलीम पर 12 मुकदमे भी दर्ज हैं। मैंने कलीम को 5 लाख रुपए की सुपारी दी। दो अलग-अलग शूटर्स के साथ प्रिंसिपल के गांव और विद्यालय की रेकी की। पहले 19 अक्टूबर को प्रिंसिपल की हत्या का प्लान था, लेकिन हम लोग सफल नहीं हो पाए। 21 अक्टूबर को सुबह बाइक सवार दो शूटर प्रिंसिपल के घर पर और दो शूटर कॉलेज में थे। स्कूल वाले शूटर्स ने प्रिंसिपल की हत्या कर दी। सौरभ शिवकुटी में घरों के नक्शे बनाने का काम करता है। सौरभ सिंह की उम्र 28 साल है। उसके परिवार में मां और पत्नी है। एक बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है। वह अपनी ससुराल में रहती है। अब भदोही में इस पूरी घटना को सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं… भदोही में 21 अक्टूबर को इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह (55) की हत्या कर दी गई थी। वारदात के दिन सुबह करीब 9.30 बजे वह ड्राइवर के साथ कार से अमिलोरी गांव स्थित अपने घर से कॉलेज जा रहे थे। प्रिंसिपल के साथ कार में मौजूद ड्राइवर संतोष ने बताया था- प्रिंसिपल अपने घर से 700 से 800 मीटर की दूरी पर बसवानपुर गांव पहुंचे थे। इस बीच अपाचे बाइक पर सवार दो युवक हाथ में मोबाइल लिए सामने से आते दिखाई दिए। हमलावरों ने कार को हाथ देकर रुकवाया। कार रोकी तो हमलावरों ने शीशा नीचे करके मोबाइल लेने की बात कही। शीशा बंद होने के चलते उनकी आवाज सुनाई नहीं दी। प्रिंसिपल ने जैसे ही कार का शीशा खोला, दोनों हमलावरों ने हथियार निकाल कर उन पर अंधाधुंध फायरिंग की। हमलावरों ने 10 गोलियां चलाईं। 5 प्रिंसिपल को लगीं। कार के अंदर मौके पर ही उनकी मौत हो गई। ब्लाइंड मर्डर केस-80 किमी में 200 CCTV खंगाले
पुलिस ने हत्याकांड की जांच शुरू की। 5 टीमें बनाईं। स्कूल से लेकर परिवार और पड़ोसियों से बातचीत की। लेकिन, हत्या की कोई वजह नहीं मिल पा रही थी। इसके बाद पुलिस ने जिस दिशा में शूटर्स भागे थे, उधर 80 किमी में 200 CCTV फुटेज खंगाले। एक फुटेज में पुलिस को शूटर की फोटो मिल गई। पुलिस टीम ने प्रयागराज और आसपास के जिलों में मुखबिर एक्टिव किए। फोटो किसकी है? इसका पता लगवाया। पुलिस एक शूटर कलीम तक पहुंच गई। इसके बाद मास्टरमाइंड सौरभ तक…और हत्याकांड का खुलासा हुआ। प्रिंसिपल के भाई अनिल सिंह ने बताया- मेरे प्रिंसिपल भाई की हत्या हम लोगों के लिए बेहद दुखद घटना थी। बहुत ही भावुक पल था। आज प्रशासनिक और एसपी की टीम ने खुलासा किया। अब मेरे भाई की आत्मा की शांति मिलेगी। सत्य और सही घटना का खुलासा हुआ। हम बेहद खुश हैं। अब वो कारण जिसकी वजह से प्रिंसिपल की हत्या की गई…. कॉलेज आ रहे थे, तब हुई थी आरोपी के पिता की हत्या
1997 में आयोग के जरिए इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कॉलेज में शिक्षक के रूप में प्रयागराज (तब इलाहाबाद) के रहने वाले अजय बहादुर सिंह को नियुक्ति मिली। प्रबंध समिति ने अजय बहादुर सिंह को कार्यभार ग्रहण नहीं करने दिया। परेशान होकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने उनको कार्यभार संभालने का आदेश दिया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अजय बहादुर कॉलेज जॉइन करने आ रहे थे। ज्ञानपुर थाना क्षेत्र के सिंहपुर नहर पुलिया पर उनकी हत्या कर दी गई। इस मामले में मृतक प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह और उनके भाई अनिल सिंह आरोपी बने। पुलिस ने जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने 2001 में योगेंद्र बहादुर और उनके भाई अनिल सिंह को साक्ष्य के अभाव में हत्या के आरोप से बरी कर दिया। जैसे पिता की हत्या हुई थी, वैसे ही प्रिंसिपल की हत्या की
कोर्ट ने भले ही योगेंद्र बहादुर और उनके भाई को बरी कर दिया। लेकिन, अजय बहादुर का बेटा सौरभ उनको ही अपने पिता की हत्या का जिम्मेदार मानता था। वह लगातार प्रिंसिपल की हत्या की साजिश रच रहा था। पुलिस ने बताया कि अजय बहादुर सिंह की हत्या 1997 में सुबह 8:30 और 9 बजे के बीच ज्ञानपुर थाना क्षेत्र के नहर पुलिया पर बाइक सवार बदमाशों ने की थी। ठीक उसी तरह 27 साल बाद इस विद्यालय में प्रिंसिपल के पद पर तैनात योगेंद्र बहादुर सिंह की भी 8.30 से 9 के बीच बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों की हत्या का सेम टाइमिंग भी सामने आई है।
————— ये भी पढ़ें…. भदोही में प्रिंसिपल को गोलियों से भूना, बदमाशों ने कार रुकवाकर ताबड़तोड़ फायरिंग की; BJP नेता के कॉलेज में थे प्रिंसिपल भदोही में इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह (55) की हत्या कर दी गई। सोमवार सुबह करीब 9.30 बजे वह ड्राइवर के साथ कार से कॉलेज जा रहे थे। रास्ते में बाइक सवार दो बदमाशों ने उनकी कार रुकवाई। पढ़ें पूरी खबर… करीब 27 साल पहले एक युवक के पिता की हत्या हुई। आज 28 साल का हो चुका वह युवक तब सिर्फ 5 महीने का था। उसके पिता की हत्या में दो लोग नामजद हुए, लेकिन दोनों बरी हो गए। लेकिन युवक के मन में बदले की भावना पनपती रही। 21 अक्टूबर को उसने भदोही में कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह की हत्या कर दी। इसके लिए उसने 3 शूटर्स को 5 लाख रुपए देकर हायर किया। पुलिस ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को प्रिंसिपल हत्याकांड का खुलासा करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार मुख्य आरोपी सौरभ सिंह ने पुलिस को बताया- 1997 में मेरे पिता अजय बहादुर सिंह की हत्या की गई थी। हत्या में योगेंद्र बहादुर सिंह और उसके भाई अनिल सिंह नामजद हुए थे। बाद में वह कोर्ट से बरी हो गए थे। बदला लेने के लिए मैंने प्रिंसिपल की हत्या की। पुलिस ने बताया कि जिस तरह से सौरभ के पिता की हत्या हुई थी, उसी अंदाज में शूटर्स ने योगेंद्र बहादुर की हत्या की। सौरभ मास्टरमाइंड था। उसने 3 शूटर्स को हायर किए। रेकी कर पूरी वारदात की। पहले पढ़िए आरोपी सौरभ का कबूलनामा पुलिस पूछताछ में सौरभ ने बताया- जब मेरे पिता की हत्या हुई थी, तब मैं 5 महीने का था। मैं जब बड़ा हुआ, तो मां ने मुझे पिता की हत्या के बारे में विस्तार से बताया। इसके बाद मैंने पूरे मामले के बारे में पता किया। वकीलों से भी बातचीत की। जब मैंने पूरी बातों का पता लगा लिया, तो लगा कि मेरे पिता के साथ गलत हुआ था। उनकी हत्या योगेंद्र बहादुर और उसके भाई अनिल सिंह ने ही की थी। मैंने भी बदला लेने के लिए प्रिंसिपल की हत्या की पूरी साजिश रची। मैंने कलीम समेत 3 शूटर्स को हायर किया। कलीम को मैं पहले से जानता था। वह प्रयागराज के फाफामऊ रहने वाला है। 35 साल के कलीम पर 12 मुकदमे भी दर्ज हैं। मैंने कलीम को 5 लाख रुपए की सुपारी दी। दो अलग-अलग शूटर्स के साथ प्रिंसिपल के गांव और विद्यालय की रेकी की। पहले 19 अक्टूबर को प्रिंसिपल की हत्या का प्लान था, लेकिन हम लोग सफल नहीं हो पाए। 21 अक्टूबर को सुबह बाइक सवार दो शूटर प्रिंसिपल के घर पर और दो शूटर कॉलेज में थे। स्कूल वाले शूटर्स ने प्रिंसिपल की हत्या कर दी। सौरभ शिवकुटी में घरों के नक्शे बनाने का काम करता है। सौरभ सिंह की उम्र 28 साल है। उसके परिवार में मां और पत्नी है। एक बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है। वह अपनी ससुराल में रहती है। अब भदोही में इस पूरी घटना को सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं… भदोही में 21 अक्टूबर को इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह (55) की हत्या कर दी गई थी। वारदात के दिन सुबह करीब 9.30 बजे वह ड्राइवर के साथ कार से अमिलोरी गांव स्थित अपने घर से कॉलेज जा रहे थे। प्रिंसिपल के साथ कार में मौजूद ड्राइवर संतोष ने बताया था- प्रिंसिपल अपने घर से 700 से 800 मीटर की दूरी पर बसवानपुर गांव पहुंचे थे। इस बीच अपाचे बाइक पर सवार दो युवक हाथ में मोबाइल लिए सामने से आते दिखाई दिए। हमलावरों ने कार को हाथ देकर रुकवाया। कार रोकी तो हमलावरों ने शीशा नीचे करके मोबाइल लेने की बात कही। शीशा बंद होने के चलते उनकी आवाज सुनाई नहीं दी। प्रिंसिपल ने जैसे ही कार का शीशा खोला, दोनों हमलावरों ने हथियार निकाल कर उन पर अंधाधुंध फायरिंग की। हमलावरों ने 10 गोलियां चलाईं। 5 प्रिंसिपल को लगीं। कार के अंदर मौके पर ही उनकी मौत हो गई। ब्लाइंड मर्डर केस-80 किमी में 200 CCTV खंगाले
पुलिस ने हत्याकांड की जांच शुरू की। 5 टीमें बनाईं। स्कूल से लेकर परिवार और पड़ोसियों से बातचीत की। लेकिन, हत्या की कोई वजह नहीं मिल पा रही थी। इसके बाद पुलिस ने जिस दिशा में शूटर्स भागे थे, उधर 80 किमी में 200 CCTV फुटेज खंगाले। एक फुटेज में पुलिस को शूटर की फोटो मिल गई। पुलिस टीम ने प्रयागराज और आसपास के जिलों में मुखबिर एक्टिव किए। फोटो किसकी है? इसका पता लगवाया। पुलिस एक शूटर कलीम तक पहुंच गई। इसके बाद मास्टरमाइंड सौरभ तक…और हत्याकांड का खुलासा हुआ। प्रिंसिपल के भाई अनिल सिंह ने बताया- मेरे प्रिंसिपल भाई की हत्या हम लोगों के लिए बेहद दुखद घटना थी। बहुत ही भावुक पल था। आज प्रशासनिक और एसपी की टीम ने खुलासा किया। अब मेरे भाई की आत्मा की शांति मिलेगी। सत्य और सही घटना का खुलासा हुआ। हम बेहद खुश हैं। अब वो कारण जिसकी वजह से प्रिंसिपल की हत्या की गई…. कॉलेज आ रहे थे, तब हुई थी आरोपी के पिता की हत्या
1997 में आयोग के जरिए इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कॉलेज में शिक्षक के रूप में प्रयागराज (तब इलाहाबाद) के रहने वाले अजय बहादुर सिंह को नियुक्ति मिली। प्रबंध समिति ने अजय बहादुर सिंह को कार्यभार ग्रहण नहीं करने दिया। परेशान होकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने उनको कार्यभार संभालने का आदेश दिया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अजय बहादुर कॉलेज जॉइन करने आ रहे थे। ज्ञानपुर थाना क्षेत्र के सिंहपुर नहर पुलिया पर उनकी हत्या कर दी गई। इस मामले में मृतक प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह और उनके भाई अनिल सिंह आरोपी बने। पुलिस ने जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने 2001 में योगेंद्र बहादुर और उनके भाई अनिल सिंह को साक्ष्य के अभाव में हत्या के आरोप से बरी कर दिया। जैसे पिता की हत्या हुई थी, वैसे ही प्रिंसिपल की हत्या की
कोर्ट ने भले ही योगेंद्र बहादुर और उनके भाई को बरी कर दिया। लेकिन, अजय बहादुर का बेटा सौरभ उनको ही अपने पिता की हत्या का जिम्मेदार मानता था। वह लगातार प्रिंसिपल की हत्या की साजिश रच रहा था। पुलिस ने बताया कि अजय बहादुर सिंह की हत्या 1997 में सुबह 8:30 और 9 बजे के बीच ज्ञानपुर थाना क्षेत्र के नहर पुलिया पर बाइक सवार बदमाशों ने की थी। ठीक उसी तरह 27 साल बाद इस विद्यालय में प्रिंसिपल के पद पर तैनात योगेंद्र बहादुर सिंह की भी 8.30 से 9 के बीच बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों की हत्या का सेम टाइमिंग भी सामने आई है।
————— ये भी पढ़ें…. भदोही में प्रिंसिपल को गोलियों से भूना, बदमाशों ने कार रुकवाकर ताबड़तोड़ फायरिंग की; BJP नेता के कॉलेज में थे प्रिंसिपल भदोही में इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह (55) की हत्या कर दी गई। सोमवार सुबह करीब 9.30 बजे वह ड्राइवर के साथ कार से कॉलेज जा रहे थे। रास्ते में बाइक सवार दो बदमाशों ने उनकी कार रुकवाई। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर