हरियाणा के जींद जिले की एक नाबालिग लड़की के साथ हिसार जिले के एक युवक ने इंस्टाग्राम पर दोस्ती कर उसे मिलने के लिए बुला लिया। इसके बाद उसकी अश्लील वीडियो को इंस्टाग्राम पर वायरल कर दिया। महिला थाना पुलिस ने आरोपित, उसकी मां तथा जीजा के खिलाफ पाक्सो एक्ट, आईटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इंस्टाग्राम पर वीडियो की वायरल पुलिस को दी शिकायत में जींद सदर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने बताया कि उसकी बेटी इंस्टाग्राम चलाती है। हिसार के प्रिंस ने उसके पास मैसेज भेजकर उसके बातों में फंसा लिया। इसके बाद उसे मिलने के लिए बुला लिया और वहां पर उसकी अश्लील वीडियो बना ली। बाद में आरोपित प्रिंस ने यह वीडियो उसके जीजा के पास भेज दी। बाद में इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर वायरल कर दिया। जान से मारने की दी धमकी चार-पांच दिन पहले उन्हें वायरल वीडियो के बारे में पता चला तो उन्हें टोका, जिस पर प्रिंस ने उसे जान से मारने की धमकी दी। प्रिंस की मां ने भी उसका साथ दिया। महिला थाना पुलिस ने प्रिंस, उसके जीजा आशु, उसकी मां के खिलाफ पाक्सो एक्ट, आईटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। हरियाणा के जींद जिले की एक नाबालिग लड़की के साथ हिसार जिले के एक युवक ने इंस्टाग्राम पर दोस्ती कर उसे मिलने के लिए बुला लिया। इसके बाद उसकी अश्लील वीडियो को इंस्टाग्राम पर वायरल कर दिया। महिला थाना पुलिस ने आरोपित, उसकी मां तथा जीजा के खिलाफ पाक्सो एक्ट, आईटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इंस्टाग्राम पर वीडियो की वायरल पुलिस को दी शिकायत में जींद सदर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने बताया कि उसकी बेटी इंस्टाग्राम चलाती है। हिसार के प्रिंस ने उसके पास मैसेज भेजकर उसके बातों में फंसा लिया। इसके बाद उसे मिलने के लिए बुला लिया और वहां पर उसकी अश्लील वीडियो बना ली। बाद में आरोपित प्रिंस ने यह वीडियो उसके जीजा के पास भेज दी। बाद में इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर वायरल कर दिया। जान से मारने की दी धमकी चार-पांच दिन पहले उन्हें वायरल वीडियो के बारे में पता चला तो उन्हें टोका, जिस पर प्रिंस ने उसे जान से मारने की धमकी दी। प्रिंस की मां ने भी उसका साथ दिया। महिला थाना पुलिस ने प्रिंस, उसके जीजा आशु, उसकी मां के खिलाफ पाक्सो एक्ट, आईटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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संसद में गूंजा हरियाणा के इकलौते एयरपोर्ट का मुद्दा:हिसार सांसद ने पूछा- कौन सा एयरपोर्ट बन रहा, सोनीपत की रेल कोच फैक्ट्री कहां है? संसद के मानसून सत्र का शुक्रवार (26 जुलाई) को पांचवां दिन है। लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी ने हिसार के मुद्दे उठाए। सांसद ने हिसार दूरदर्शन, किसानों से जुड़े, हिसार एयरपोर्ट, RRTS (रिजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम ), कैंसर अस्पताल और रेल कोच फैक्ट्री जैसे मुद्दे उठाए। जयप्रकाश जेपी ने हरियाणा के एकमात्र एयरपोर्ट के निमार्ण पर सरकार को घेरा। जेपी ने सदन में पूछा हिसार में एयरपोर्ट का 8 बार उद्घाटन हो चुका है। मगर आज तक एयरपोर्ट शुरू नहीं हो पाया। कभी शिलान्यास होता है] कभी उद्घाटन। यहां आज तक पता नहीं चला कि कौन सा एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। कभी कहा जाता है यहां कार्गो एयरपोर्ट बनेगा, कभी इंटरनेशनल तो कभी नेशनल एयरपोर्ट कहा जाता है। जेपी ने कहा कि एयरपोर्ट के नाम पर हिसार की जनता को भ्रमित करने का काम किया जा रहा है। सांसद जयप्रकाश ने बजट पर चर्चा करते हुए कि यह बजट धनवानों के लिए बनाया गया है, मैं इसकी घोर निंदा करता हूं। MSP पर बनी कमेटी में किसान शामिल नहीं
जेपी ने किसानों की मांग उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री कह रहे थे कि MSP पर हमने वादा नहीं किया। मगर, केंद्र सरकार ने MSP पर कमेटी बनाने की घोषणा की थी। मगर आज तक किसान मोर्चा के लोगों के उसमें शामिल नहीं किया गया। 3-3 महीने से किसान धरने पर बैठे हैं, मगर आज तक मुआवजा नहीं मिला। इससे किसान विरोधी सरकार और क्या हो सकती है। प्रधानमंत्री किसान निधि 2019 में जब शुरू की गई उस समय डीजल का भाव 65 रुपए था और आज डीजल का भाव 100 रुपए प्रति लीटर है और आज भी किसान सम्मान निधि 6000 रुपए सालाना दी जा रही है। किसान के साथ सरकार ने बेईमानी की और जवान के साथ सरकार ने बेईमानी की है। जेपी ने सदन में पूछे यह सवाल
1. हरियाणा में कैंसर रिसर्च सेंटर बनना था। हरियाणा सरकार ने 300 एकड़ से ज्यादा जमीन भारत सरकार को दी। मगर, केंद्र में NDA की सरकार ने प्रोजेक्ट को आधा कर दिया गया। 2. रेवाड़ी एम्स को लेकर 7 साल से ड्रामा किया जा रहा है। आज तक उसमें एक ईंट रखने के सिवा कुछ नहीं किया गया। 3. हिसार में हमने दूरदर्शन केंद्र बनाया, मैं केंद्र में मंत्री था तब यह केंद्र बनाया गया। मगर, सरकार ने इसे बंद करने का काम किया। यह केंद्र चंडीगढ़ शिफ्ट कर दिया गया है। 4. RRTS (रिजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम ) रेल दिल्ली से हिसार जानी थी और दिल्ली से होकर पानीपत जानी थी वो प्रोजेक्ट हमारा तैयार किया गया था। मगर
NDA सरकार में एक पैसे का फंड उसमें नहीं दिया गया। 5. रेल कोच फैक्ट्री जो सोनीपत में बननी थी उसका कोई अता-पता नहीं। इससे नौजवानों को रोजगार मिलता। मगर इस फैक्ट्री में क्या बना आज तक पता नहीं।
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पानीपत में लोन प्रोवाइडर पर जानलेवा हमला:गाड़ी हटाने को कहा तो बदमाशों ने लाठी-डंडों से पीटा, अवैध पिस्तौल की बट से भी मारा पानीपत शहर के पॉश और व्यस्ततम इलाके मॉडल टाउन में एक लोन प्रोवाइडर पर हमला किया गया। यहां गाड़ी हटाने की बात कहने पर हथियारों से लैस बदमाशों ने उस पर हमला कर दिया। उसे सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। उसके सिर पर देसी पिस्तौल की बट से वार किया गया। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। घायल को उसके परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। गाड़ी में दो भांजे भी थे मॉडल टाउन थाने में दी शिकायत में सवीना ने बताया कि वह नंद विहार कॉलोनी की रहने वाली है। उसका पति साबिर अली शिवाजी स्टेडियम के मुख्य गेट के बाहर किसी काम से अपनी गाड़ी में सवार था। गाड़ी में दो भांजे भी सवार थे। इसी दौरान एक गाड़ी गलत दिशा से आई और गाड़ी को रोक लिया। जिस पर साबिर ने हॉर्न बजाते हुए कहा कि प्लीज गाड़ी को आगे से हटा लो। इसी दौरान गाड़ी से दो लोग निकले। उनके हाथ में देसी पिस्तौल थी। उन्होंने साबिर को धमकाया कि अगर गाड़ी नहीं हटाई तो वह क्या करेगा। इसके बाद उन्होंने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। साबिर ने मौका मिलते ही पुलिस को फोन कर दिया। लेकिन, तब तक बदमाशों ने अपने अन्य साथियों को भी वहां बुला लिया था। वहां पहुंचते ही उन्होंने उस पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। उसका पीछा कर उसे पीटा। इसके बाद उसका फोन छीनकर तोड़ दिया। अवैध पिस्तौल की बट से उसके सिर पर वार कर उसे घायल कर दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए।
हरियाणा में पूर्व विधायक ने बाबरिया को बताया BJP एजेंट:कांग्रेस की कमेटी पर उठाए सवाल, बोले- जो खुद हारे वो दूसरों की रिपोर्ट लेंगे
हरियाणा में पूर्व विधायक ने बाबरिया को बताया BJP एजेंट:कांग्रेस की कमेटी पर उठाए सवाल, बोले- जो खुद हारे वो दूसरों की रिपोर्ट लेंगे हरियाणा में करनाल जिले की असंध विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को बीजेपी का एजेंट बताया है। दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में गोगी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली हार का जिम्मेदार दीपक बाबरिया को ही ठहराया है। गोगी ने कहा कि हरियाणा में चुनाव के दौरान कांग्रेस का कोई प्रभारी नहीं था। कांग्रेस ने बाबरिया को प्रभारी बनाया हुआ था, लेकिन मेरे हिसाब से वह BJP का एजेंट था। कांग्रेस का सत्यानाश होने में बाबरिया का भी बहुत बड़ा योगदान है। वहीं उन्होंने हुड्डा गुट द्वारा हाल ही में बनाई गई 8 सदस्यीय कमेटी के गठन को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जो खुद ही हारे हुए हैं वे दूसरों की रिपोर्ट लेंगे, हाईकमान को इन्हीं से रिपोर्ट लेनी चाहिए, ये क्यों हारे? गोगी से की गई बातचीत के प्रमुख अंश… सवाल- क्या कांग्रेस के नेता आपको प्रदेश अध्यक्ष बनने देंगे? जवाब- मैं पार्टी का एक वफादार कार्यकर्ता हूं। मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए या नहीं, यह सिर्फ एक कल्पना है। पता नहीं क्या-क्या करेंगे लोग। फैसला हाईकमान का ही होगा। सब लोग मेरा समर्थन क्यों करेंगे? मेरा समर्थन वो लोग नहीं करेंगे जो लोग स्वार्थी हैं। क्योंकि मुझे सीधी बात करनी होती है। जो टिकट तक के कांग्रेसी होंगे उनको कभी मैं बढ़ावा नहीं दूंगा। जो कांग्रेस के लिए कांग्रेसी है उसी को बढ़ावा दिया जाएगा, बाकी के फैसले हाईकमान करेगा। सवाल- उदयभान द्वारा हाल ही में बनाई गई 8 सदस्यीय कमेटी पर आपकी क्या राय है? जवाब- मैंने कमेटी देखी है, लेकिन कमेटी की लिस्ट देखकर मुझे अच्छा नहीं लगा। कमेटी देखकर मुझे तो यही लगा कि अभी भी लीपापोती के प्रयास जारी हैं। जब फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट हाईकमान को पहले ही मिल चुकी है, तो यह कौन सी कमेटी है, जो जांच करेगी। इसमें तो आफताब को छोड़कर लगभग सभी हारे हुए कैंडिडेट हैं, इनसे जांच नहीं करवानी चाहिए, बल्कि इनसे तो रिपोर्ट लेनी चाहिए, ये क्यों हारे। सवाल- आपके हिसाब से पार्टी इस वक्त क्या गलती कर रही है? जवाब- जो लोग चुनाव लड़ रहे थे, उन्हीं के इशारे पर कमेटी बनाई जा रही है तो हार की समीक्षा कैसे होगी? सच्चाई को झुठलाने की कोशिश हो रही है। सच्चाई को मानकर आत्ममंथन करने की जरूरत है। सुधार करने की कोशिश तो हो ही नहीं रही। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने बनाई 8 सदस्यों की कमेटी
विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारणों का पता लगाने के लिए हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान ने एक कमेटी बनाई है। 8 सदस्यों की इस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण सिंह दलाल हैं। कमेटी के सदस्यों में पार्टी के लीगल सेल के अध्यक्ष केसी भाटिया और नूंह के विधायक आफताब अहमद के अलावा चुनाव हारने वाले पांच नेता शामिल हैं। इनमें घरौंडा सीट से कैंडिडेट रहे वीरेंद्र राठौड़, बड़खल से कैंडिडेट रहे विजय प्रताप सिंह, पानीपत सिटी से चुनाव हारे वीरेंद्र बुल्ले शाह, दादरी सीट से उम्मीदवार रहीं डॉ. मनीषा सांगवान और सोनीपत जिले की खरखौदा सीट से चुनाव हारे पूर्व विधायक जयवीर वाल्मीकि शामिल हैं। उदयभान की कमेटी में भी दिखी गुटबाजी
चौधरी उदयभान की ओर से बनाई गई ये कमेटी भी नेताओं की गुटबाजी से अछूती नहीं रही। कमेटी के सभी मेंबर हुड्डा गुट से जुड़े हैं और इसमें कांग्रेस सांसद सैलजा से जुड़े किसी नेता को जगह नहीं दी गई। यही नहीं, सैलजा के मौजूदा संसदीय क्षेत्र सिरसा और पुराने क्षेत्र अंबाला से ताल्लुक रखने वाला कोई नेता भी इस कमेटी में शामिल नहीं किया गया। 5 नवंबर को हुई मीटिंग, अगली बैठक 9 को
मंगलवार (5 नवंबर) को दिल्ली में इस 8 सदस्यीय कमेटी की मीटिंग हुई। मीटिंग की अध्यक्षता हरियाणा के सह प्रभारी जितेंद्र बघेल और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने की। मीटिंग में कमेटी के चेयरमैन करण सिंह दलाल भी मौजूद रहे। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में तय हुआ कि 9 नवंबर को दोपहर 12 बजे दिल्ली में दोबारा मीटिंग की जाएगी और इसमें चुनाव हारने वाले 53 नेताओं को बुलाया जाएगा। इन नेताओं से न केवल हार के कारण पूछे जाएंगे, बल्कि इनके सबूत भी मांगे जाएंगे। इन सबूतों का कांग्रेस की लीगल टीम अध्ययन करेगी और अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। कांग्रेस हाईकमान ने भी बनाई थी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी
उदयभान द्वारा बनाई गई कमेटी से पहले भी कांग्रेस हाईकमान हार की समीक्षा के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बना चुका है, इसमें हरियाणा के सभी नेताओं से वन टू वन बात की गई थी। इस कमेटी में छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी शामिल थे। कमेटी ने हरियाणा में चुनाव हारे 53 नेताओं से बातचीत की थी। हर नेता से 4 तरह के सवाल पूछे थे, जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की। उसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई थी।