हरियाणा के सभी 22 जिलों में मासिक बैठकों के लिए सरकार ने ग्रीवेंस कमेटियां बना दी हैं। सोमवार (4 नवंबर) को कार्यवाहक चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी की तरफ से इसे लेकर आदेश जारी किए गए। मुख्यमंत्री नायब सैनी गुरुग्राम में शिकायतें सुनेंगे। इसके अलावा, परिवहन मंत्री अनिल विज को सिरसा और कैथल की जिम्मेदारी दी गई है। कृष्ण लाल पंवार हिसार और रोहतक में समस्याएं सुनेंगे। राव नरबीर नूंह और फरीदाबाद, महीपाल ढांडा भिवानी और जींद, विपुल गोयल रेवाड़ी और पंचकूला, अरविंद शर्मा महेंद्रगढ़, श्याम सिंह राणा चरखी दादरी और झज्जर, रणबीर गंगवा करनाल और अंबाला, श्रुति चौधरी फतेहाबाद, स्वास्थ्य मंत्री आरती राव पलवल, राजेश नागर कुरूक्षेत्र और गौरव गौतम सोनीपत में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। सरकार की तरफ से जारी आदेश… CM बनते ही नायब सैनी के 3 बड़े फैसले अस्पतालों में फ्री डायलिसिस सुविधा 18 अक्टूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री का चार्ज संभालते ही नायब सैनी ने ऐलान किया कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में किडनी की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की फ्री डायलिसिस होगी। भविष्य में यह फ्री सुविधा मेडिकल कॉलेजों में भी उपलब्ध कराई जाएगी। SC आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लागू 18 अक्टूबर को पहली कैबिनेट मीटिंग में SC आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लागू किया गया। अभी SC के लिए 15 प्रतिशत और ST के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण है। इस 22.5% के आरक्षण में ही राज्य एससी व एसटी के उन कमजोर वर्गों का कोटा तय कर सकेंगे, जिनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है। सभी निकायों में समाधान शिविर लगवाए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आदेश पर 22 अक्टूबर से सभी नगर निकायों में समाधान शिविर लगाए गए। ये शिविर एक महीने तक रोजाना लगेंगे। यहां अधिकारी फैमिली आईडी, प्रॉपर्टी आईडी, सीवरेज समस्याएं, पानी और लाइट की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक अधिकारी दफ्तरों में आने वाले लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करते हैं। हरियाणा के सभी 22 जिलों में मासिक बैठकों के लिए सरकार ने ग्रीवेंस कमेटियां बना दी हैं। सोमवार (4 नवंबर) को कार्यवाहक चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी की तरफ से इसे लेकर आदेश जारी किए गए। मुख्यमंत्री नायब सैनी गुरुग्राम में शिकायतें सुनेंगे। इसके अलावा, परिवहन मंत्री अनिल विज को सिरसा और कैथल की जिम्मेदारी दी गई है। कृष्ण लाल पंवार हिसार और रोहतक में समस्याएं सुनेंगे। राव नरबीर नूंह और फरीदाबाद, महीपाल ढांडा भिवानी और जींद, विपुल गोयल रेवाड़ी और पंचकूला, अरविंद शर्मा महेंद्रगढ़, श्याम सिंह राणा चरखी दादरी और झज्जर, रणबीर गंगवा करनाल और अंबाला, श्रुति चौधरी फतेहाबाद, स्वास्थ्य मंत्री आरती राव पलवल, राजेश नागर कुरूक्षेत्र और गौरव गौतम सोनीपत में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। सरकार की तरफ से जारी आदेश… CM बनते ही नायब सैनी के 3 बड़े फैसले अस्पतालों में फ्री डायलिसिस सुविधा 18 अक्टूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री का चार्ज संभालते ही नायब सैनी ने ऐलान किया कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में किडनी की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की फ्री डायलिसिस होगी। भविष्य में यह फ्री सुविधा मेडिकल कॉलेजों में भी उपलब्ध कराई जाएगी। SC आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लागू 18 अक्टूबर को पहली कैबिनेट मीटिंग में SC आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लागू किया गया। अभी SC के लिए 15 प्रतिशत और ST के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण है। इस 22.5% के आरक्षण में ही राज्य एससी व एसटी के उन कमजोर वर्गों का कोटा तय कर सकेंगे, जिनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है। सभी निकायों में समाधान शिविर लगवाए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आदेश पर 22 अक्टूबर से सभी नगर निकायों में समाधान शिविर लगाए गए। ये शिविर एक महीने तक रोजाना लगेंगे। यहां अधिकारी फैमिली आईडी, प्रॉपर्टी आईडी, सीवरेज समस्याएं, पानी और लाइट की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक अधिकारी दफ्तरों में आने वाले लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में जयप्रकाश गुप्ता ने बीजेपी छोड़ी:2019 में मनोहर लाल खट्टर पार्टी में लेकर आए थे; सीएम ने घर जाकर मांगा था समर्थन
करनाल में जयप्रकाश गुप्ता ने बीजेपी छोड़ी:2019 में मनोहर लाल खट्टर पार्टी में लेकर आए थे; सीएम ने घर जाकर मांगा था समर्थन हरियाणा के करनाल में वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयप्रकाश गुप्ता ने भाजपा पार्टी को छोड़ दिया है। जयप्रकाश करनाल विधानसभा से टिकट की डिमांड कर रहे थे और बीजेपी ने जगमोहन आनंद को टिकट दिया। जेपी अपना टिकट कटने से नाराज चल रहे थे। जयप्रकाश 2019 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिन्हें शामिल करने के लिए खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आए थे और संसदीय चुनाव में खुद नायब सैनी ने इनके घर आकर समर्थन मांगा था। क्यों छोड़ी बीजेपी…
जेपी ने कहा कि मैंने बड़ी आशा से और साथियों के दबाव में आकर बीजेपी जॉइन की थी। ताकि हम जनता के दुख दर्द बांटते रहे और जनता की सेवा करते रहे। लेकिन बीजेपी में मेरी उम्मीद पूरी नहीं हुई, जिस वजह से मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। जिस परिवार में किसी की सुनी नहीं जाती, जो पार्टी किसी परिवार की रक्षा नहीं कर सकती। मैं उस परिवार में नहीं रह सकता और मैं पार्टी से अलग हो रहा हूं। मैं उस परिवार की बुराई भी नहीं करूंगा, जिस परिवार या पार्टी में मैं रहा हूं। मैं जनता के बीच में जाऊंगा और जनता जो भी फैसला करेगी, वह मानूंगा। 7 बार लडे चुनाव, दो बार जीते
जेपी ने 3 बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, जिसमें से वे एक चुनाव जीते। 3 बार ही आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े, इसमें से वे एक चुनाव जीते। एक चुनाव उन्होंने हजकां की टिकट पर भी लड़ा था और हार गए थे। 1987 से लड़ते आ रहे है चुनाव, सिर्फ 2019 में नहीं लड़ा
जयप्रकाश गुप्ता ने 1987 में कांग्रेस की टिकट पर करनाल से इलेक्शन लड़ा था और 5201 वोटों से हार गए थे। 1991 में कांग्रेस की टिकट पर 19,687 वोटों से जीते। 1996 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और 8418 वोटों से हार गए। 2000 में आजाद उम्मीदवार के तौर पर जयप्रकाश ने चुनाव लड़ा और 3733 वोटों से जीते। 2005 में फिर आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में आए और 33,997 वोटों से हार गए। 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन 3731 वोटों से हार मिली। मनोहर लाल के सामने लड़ा था चुनाव
2014 में फिर आजाद प्रत्याशी के रूप में आए और बीजेपी के मनोहर लाल के सामने चुनाव लड़े, हालांकि 63,773 वोटों से हार गए। 2019 में जयप्रकाश बीजेपी में शामिल हो गए थे और कोई चुनाव नहीं लड़ा। 2024 में उम्मीद थी कि जयप्रकाश को टिकट मिलेगा, लेकिन उनका टिकट काट दिया। जिससे नाराज होकर उन्होंने बीजेपी को अब अलविदा कह दिया और अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है। क्या अपने फायदे के लिए ज्वाइन करवा दी थी बीजेपी?
जयप्रकाश गुप्ता 2014 तक चुनाव लड़ते रहे। 2014 में उन्होंने मनोहर लाल के सामने चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। 2019 के चुनाव में भी मनोहर लाल मैदान में थे, ऐसे में दोबारा से जयप्रकाश गुप्ता चुनावी मैदान में न खड़े हो जाए और उन्हें टक्कर न दे दे, इसको देखते हुए मनोहर लाल ने उन्हें बीजेपी में शामिल करवा दिया। जिसका फायदा मनोहर लाल को मिला। अब जयप्रकाश बीजेपी से अलग हो चुके है और वह किसका समर्थन करते है, उससे बीजेपी के प्रत्याशी के लिए चुनावी राह की मुश्किलें बढ़ सकती है। देखना दिलचस्प होगा कि करनाल विधानसभा का चुनाव जेपी के बीजेपी छोड़ने से क्या मोड़ लेता है।
फरीदाबाद बॉर्डर पर लगे इंटर स्टेट नाके:पुलिस व अर्ध सैनिक बल तैनात, विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशासन अलर्ट
फरीदाबाद बॉर्डर पर लगे इंटर स्टेट नाके:पुलिस व अर्ध सैनिक बल तैनात, विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशासन अलर्ट हरियाणा के फरीदाबाद जिला में पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश नरवाल के दिशा निर्देश पर इंटर स्टेट नाके लगाए गए हैं। चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस ने फरीदाबाद बॉर्डर पर संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की निगरानी रखने के लिए नाके लगाए हैं। इसके साथ ही अर्धसैनिक बल के साथ मिलकर एनआईटी, बल्लभगढ़ व सेन्ट्रल जोन में फ्लैग मार्च निकालकर आमजन को चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है। संदिग्ध वाहनों पर रखी जा रही नजर पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि विधानसभा चुनाव में कानून व शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए फरीदाबाद पुलिस द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। चुनाव के दौरान नशा व शराब तस्करी रोकने तथा आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए फरीदाबाद बॉर्डर पर इंटर स्टेट नाके लगाकर संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों पर निगरानी रखी जा रही है।फरीदाबाद पुलिस द्वारा बदरपुर बॉर्डर, जैतपुर दिल्ली बॉर्डर, शूटिंग रेंज सूरजकुंड, मांगर भाटी माइंस, मोहना तथा मंझावली यमुना पुल सहित 7 नाके लगाए गए हैं। जहां पर पुलिस बल के साथ अर्धसैनिक बल भी पर्याप्त संख्या में तैनात किए गए हैं। शराब तस्करी पर लगेगा अंकुश शराब तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की दो टीम गठित की गई है जिसमें एक टीम एनआईटी जोन तथा दूसरी टीम बल्लभगढ़ व सेंट्रल जोन में शराब तस्करी में संलिप्त अपराधियों की धर-पकड़ कर शराब तस्करी पर अंकुश लगाने का काम करेगी। इसके साथ ही शराब के L1 गोदाम के आस पास चुनाव के मद्देनजर नाके लगाए गए हैं, जिससे पुलिस टीम शराब के आवागमन पर निगरानी रखेगी। मतदान के लिए लोगों को किया जा रहा जागरूक इसके साथ ही फरीदाबाद पुलिस द्वारा तीनों जोन में फ्लैग मार्च निकालकर आमजन को निर्भीक होकर मतदान करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। फ्लैग मार्च के दौरान नागरिकों को चुनाव में अपने मताधिकार का स्वतंत्र, निष्पक्ष एव शांतिपूर्ण तरीके से प्रयोग करने तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करने बारे जानकारी प्रदान की जा रही है। लाइसेंसी हथियार जमा कराने की पुलिस ने की अपील शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए शस्त्र लाइसेंस धारकों को अपना शस्त्र जमा करवाने के लिए सूचित किया गया है। अभी तक 3119 शस्त्र धारकों ने अपने शस्त्र जमा करवाएं हैं। शस्त्र धारकों से अनुरोध है कि वह अपना असलहा जमा करवाएं ताकि चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था कायम रह सके। इसके साथ ही आमजन से अपील है कि चुनाव के दौरान नशा तस्करों व अन्य किसी भी प्रकार के अपराध की जानकारी तुरंत पुलिस को देकर पुलिस प्रशासन के कार्यों में मदद करें।
बहादुरगढ़ में BJP केंडिडेट का विरोध:सगे भाई ने दिनेश को कहा अंहकारी, फूट-फूट कर रोए पूर्व विधायक नरेश कौशिक
बहादुरगढ़ में BJP केंडिडेट का विरोध:सगे भाई ने दिनेश को कहा अंहकारी, फूट-फूट कर रोए पूर्व विधायक नरेश कौशिक हरियाणा की बहादुरगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार दिनेश कौशिक का विरोध शुरू हो गया है। कौशिक का विरोध किसी और ने नहीं, बल्कि उनके ही सगे बड़े भाई नरेश कौशिक ने किया है। नरेश का आरोप है कि उनका छोटा भाई अहंकारी है। उन्होंने कहा, ‘टिकट मिले हुए उसे 3 दिन हो गए, लेकिन उसने आज तक मुझे एक कॉल तक करना ठीक नहीं समझा। भले ही हमारे बीच मतभेद रहे हैं, लेकिन मैंने कभी अपने भाई के खिलाफ कुछ नहीं बोला। उल्टा वह मेरे खिलाफ लगातार गलत बयानबाजी करता रहा।’ नरेश ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा, ‘मेरे परिवार में बेटी (दिनेश की बेटी) की शादी थी, लेकिन इस आदमी (दिनेश कौशिक) ने मुझे उस शादी तक में शामिल नहीं होने दिया। वह बहुत बड़ा अहंकारी है। मेरे परिवार को साजिश के तहत तोड़ा गया।’ शुक्रवार को नरेश कौशिक ने बहादुरगढ़ शहर में अपने समर्थकों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने बगैर नाम लिए ओमप्रकाश धनखड़ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उनके परिवार में ही फूट डाल दी। पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने कहा इस परिस्थिति में पार्टी के कैंडिडेट का समर्थन कैसे संभव है? जो उनके पास एक कॉल तक नहीं कर सकता। मेरे साथ साजिश रची गई। मेरे घर को लूटने काम किया गया। मेरे परिवार को लूटने का काम किया गया। मेरी राजनीति को खत्म करने की कोशिश की गई। इसलिए मैंने पार्टी को कहा- ये फैसला बदलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे तो कमल के फूल पर लड़ेंगे। मैंने हमेशा पार्टी हित के लिए काम किया है। मैंने उन लोगों के खिलाफ आवाज उठाई जो लोग कहते थे वोट डालकर दिखा देना। हमने दो बार दीपेंद्र हुड्डा को यहां से हराने का काम किया। मुझे दुख इस बात का है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मैं बीमार हो गया। अगर मैं बीमार नहीं होता तो अबकी बार भी दीपेंद्र को यहां से हराकर भेजते। जो नेता अपनी सीट नहीं जीत पाए वो पूरे झज्जर जिले की सीट दिलाने का काम करते है और वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को घुमराह कर मेरे भाई को लेकर गए। उन्हें पता था कि उनका भाई जीत नहीं सकता। क्योंकि नरेश कौशिक के साथ हलके की जनता हैं। इसी साजिश के तहत मेरी टिकट कटवाई गई। नरेश ने कहा कि पार्टी दो दिन में अपना फैसला बदले। वरना उसके बाद कार्यकर्ता जो फिर फैसला लेंगे मुझे मंजूर हैं। हालांकि नरेश कौशिक ने पार्टी नहीं छोड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी वह पार्टी में थे और आज भी बीजेपी में हैं। आगे का निर्णय कार्यकर्ता लेंगे। पिछले चुनाव में मिली थी हार बता दें कि नरेश कौशिक बहादुरगढ़ में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं। 2014 में वह इसी सीट से बीजेपी की टिकट पर जीतकर विधायक चुने गए थे। हालांकि 2019 में पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया, लेकिन वह कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र जून के सामने चुनाव हार गए। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर उनके छोटे भाई दिनेश कौशिक को दिया। दोनों भाइयों के बीच मतभेद काफी समय से चले आ रहे है। इसी के चलते नरेश कौशिश दिनेश को टिकट दिए जाने से खासे नाराज दिखे। नरेश कौशिक का टिकट कटने की एक वजह उनका आईएनएलडी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या में नाम आना भी रहा। हालांकि नफे सिंह राठी हत्याकांड की जांच अभी सीबीआई कर रही हैं। राठी के परिवार ने कौशिक सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को नामजद कराया था। सीबीआई की टीम नरेश कौशिक के अलावा अन्य नामजद लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है।