उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ और मुस्तफा कग्गा गैंग के सदस्यों के बीच मंगलवार रात शामली के पास हुई मुठभेड़ में मारे गए चौथे आरोपी की पहचान हो गई है। चौथा आरोपी भी करनाल के पीरबरौली गांव का रहने वाला था। इस मुठभेड़ में घायल हुए इंस्पेक्टर सुनील कुमार की भी गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सर्जरी हुई है। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। बता दें कि इस मुठभेड़ में कुल चार लोग मारे गए थे। मरने वाले अपराधियों की पहचान सोनीपत निवासी मंजीत, करनाल निवासी सतीश, सहारनपुर निवासी अरशद और घरौंडा करनाल निवासी मनवीर कश्यप के रूप में हुई है। चारों अपराधी मुस्तफा कग्गा गैंग के सदस्य थे। सभी अपराधियों पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे। पीर बडौली गांव का रहने वाला था मनवीर शामली में मुठभेड़ में मारा गया चौथा आरोपी 26 वर्षीय मनवीर करनाल जिले के पीर बडौली का रहने वाला था। मनवीर का एक छोटा भाई भी है। मनवीर अविवाहित था। मनवीर के पिता फूल सिंह पहले पानीपत में रहते थे, लेकिन पिछले 20 साल से वह पीर बडौली में रहकर फैक्ट्री में काम करता था। उसका छोटा बेटा भी उसके साथ काम करता है। मनवीर की मां की कई साल पहले मौत हो चुकी है। अब उसके परिवार में पिता, दादी और छोटा भाई है। मनवीर ड्राइवरी का काम करता था। कभी ट्रैक्टर चलाता तो कभी कोई बड़ी गाड़ी। जेल में हुई थी मुलाकात कुछ महीने पहले यूपी में मनवीर के साथ शराब पकड़ी गई थी, जिसके लिए वह करीब चार-पांच महीने जेल में रहा था। वहीं पर उसकी मुठभेड़ में मारे गए लोगों से जान-पहचान हुई थी। अब वह जमानत पर बाहर था और दूसरे लोग भी जमानत पर बाहर थे। वे कहीं खाने-पीने जा रहे थे और मनवीर को भी साथ ले गए और मुठभेड़ में मनवीर भी मारा गया। वह दो दिन पहले ही माता वैष्णो देवी से आया था और आते ही इन आरोपियों के साथ बैठा और चला गया। उसके साथ गांजा पकड़ा गया और एक महीने बाद वह जेल से जमानत पर बाहर आ गया। मनवीर पर रेप के आरोप भी लगे थे मनवीर पर चार-पांच साल पहले एक लड़की से रेप का भी आरोप लगा था। हालांकि, उस लड़की के साथ उसका पहले से ही प्रेम संबंध था। हालांकि लड़की की शिकायत के बाद उसके खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया गया था। बाद में उसे बरी कर दिया गया। वह ड्रग के आरोप में जेल में आता-जाता रहा। उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ और मुस्तफा कग्गा गैंग के सदस्यों के बीच मंगलवार रात शामली के पास हुई मुठभेड़ में मारे गए चौथे आरोपी की पहचान हो गई है। चौथा आरोपी भी करनाल के पीरबरौली गांव का रहने वाला था। इस मुठभेड़ में घायल हुए इंस्पेक्टर सुनील कुमार की भी गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सर्जरी हुई है। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। बता दें कि इस मुठभेड़ में कुल चार लोग मारे गए थे। मरने वाले अपराधियों की पहचान सोनीपत निवासी मंजीत, करनाल निवासी सतीश, सहारनपुर निवासी अरशद और घरौंडा करनाल निवासी मनवीर कश्यप के रूप में हुई है। चारों अपराधी मुस्तफा कग्गा गैंग के सदस्य थे। सभी अपराधियों पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे। पीर बडौली गांव का रहने वाला था मनवीर शामली में मुठभेड़ में मारा गया चौथा आरोपी 26 वर्षीय मनवीर करनाल जिले के पीर बडौली का रहने वाला था। मनवीर का एक छोटा भाई भी है। मनवीर अविवाहित था। मनवीर के पिता फूल सिंह पहले पानीपत में रहते थे, लेकिन पिछले 20 साल से वह पीर बडौली में रहकर फैक्ट्री में काम करता था। उसका छोटा बेटा भी उसके साथ काम करता है। मनवीर की मां की कई साल पहले मौत हो चुकी है। अब उसके परिवार में पिता, दादी और छोटा भाई है। मनवीर ड्राइवरी का काम करता था। कभी ट्रैक्टर चलाता तो कभी कोई बड़ी गाड़ी। जेल में हुई थी मुलाकात कुछ महीने पहले यूपी में मनवीर के साथ शराब पकड़ी गई थी, जिसके लिए वह करीब चार-पांच महीने जेल में रहा था। वहीं पर उसकी मुठभेड़ में मारे गए लोगों से जान-पहचान हुई थी। अब वह जमानत पर बाहर था और दूसरे लोग भी जमानत पर बाहर थे। वे कहीं खाने-पीने जा रहे थे और मनवीर को भी साथ ले गए और मुठभेड़ में मनवीर भी मारा गया। वह दो दिन पहले ही माता वैष्णो देवी से आया था और आते ही इन आरोपियों के साथ बैठा और चला गया। उसके साथ गांजा पकड़ा गया और एक महीने बाद वह जेल से जमानत पर बाहर आ गया। मनवीर पर रेप के आरोप भी लगे थे मनवीर पर चार-पांच साल पहले एक लड़की से रेप का भी आरोप लगा था। हालांकि, उस लड़की के साथ उसका पहले से ही प्रेम संबंध था। हालांकि लड़की की शिकायत के बाद उसके खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया गया था। बाद में उसे बरी कर दिया गया। वह ड्रग के आरोप में जेल में आता-जाता रहा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के पूर्व CM हुड्डा को बागियों से आस:2019 में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस का साथ छोड़ गए थे, अब फिर सक्रिय
हरियाणा के पूर्व CM हुड्डा को बागियों से आस:2019 में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस का साथ छोड़ गए थे, अब फिर सक्रिय हरियाणा कांग्रेस के पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बागियों से आस हैं। कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी उम्मीदवार के सामने ही चुनाव लड़ने वाले और दूसरी पार्टियों में शामिल नेता एक बार फिर कांग्रेस में एंट्री कर सक्रिय हो गए हैं। यह नेता इन दिनों कांग्रेस के पूर्व CM हुड्डा के साथ नजर आ रहे हैं। हुड्डा भी इनको पूरा भाव दे रहे हैं और मंच से लेकर प्रेस कान्फ्रेंस तक यह नेता भूपेंद्र हुड्डा के साथ नजर आ रहे हैं।
हिसार में रविवार को नलवा हलके में हुए प्रदेश स्तरीय गुरु दक्ष प्रजापति सम्मेलन में हुड्डा को ऐसे ही नेता घेरे रहे। इसमें नलवा से पूर्व विधायक प्रो. संपत सिंह, बरवाला के पूर्व विधायक राम निवास घोड़ेला, नारनौंद से पूर्व विधायक प्रो. रामभगत शर्मा, सांसद जयप्रकाश जेपी और पूर्व विधायक कुलबीर बैनीवाल शामिल हैं। यह नेता एक बार फिर अपने-अपने विधानसभा से टिकट पाने की जुगत में हैं। ऐसे में पार्टी के लिए ग्राउंड स्तर पर मेहनत कर रहे वर्करों को निराशा हाथ लग रही है। 2019 में कांग्रेस में मची थी भगदड़
बता दें कि विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से कई नेता पार्टी का साथ छोड़ गए थे। हरियाणा में कांग्रेस 90 विधानसभा सीटों में से महज 30 सीटें ही जीत पाई थी। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के कारण नेता बागी हो गए थे और निर्दलीय की कांग्रेस उम्मीदवार के सामने खड़े हो गए थे। इसके अलावा कुछ नेता भाजपा में शामिल हो गए मगर वहां भी टिकट नहीं मिल पाया। मगर 2024 का चुनाव आते-आते यह नेता एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इसमें अंबाला के निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा शामिल हैं। गुटबाजी कांग्रेस को ले डूबी थी
कांग्रेस को इसी गुटबाजी की वजह से 2019 के चुनावों में हार मिली थी। ये बात खुद भूपेंद्र वहुड्डा ने स्वीकार की थी। हुड्डा ने कहा था 2019 में ही कांग्रेस की सरकार बनना तय था लेकिन हमारे स्तर पर ही गलती हुई, जिसका नुकसान उठाना पड़ा। 2019 में 90 विधानसभा में से 40 टिकट हुड्डा विरोधी खेमों को मिली थी। वहीं 50 टिकट हुड्डा खेमे को दी गई थी। नतीजा यह हुआ है कि कांग्रेस 30 सीटों पर ही सिमट गई। इसके बाद हुड्डा ने कहा था कि अगर टिकट वितरण सही होता तो कांग्रेस की सरकार राज्य में बनी होती। इन नेताओं को फिर से टिकट की आस
1. पूर्व वित्त मंत्री प्रो. संपत सिंह : 6 बार विधायक रहे संपत सिंह नलवा से टिकट नहीं मिलने के कारण बागी होकर भाजपा में शामिल हो गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना पुराना दोस्त बताया था। नतीजा यह हुआ कांग्रेस को नलवा सीट से हाथ धोना पड़ा।
2. पूर्व विधायक राम निवास घोड़ेला : बरवाला से कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने थे। 2019 में टिकट नहीं मिली तो निर्दलीय की बरवाला से चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार से ज्यादा वोट हासिल किए।
3. पूर्व विधायक रामभगत शर्मा : नारनौल से पूर्व विधायक रहे रामभगत शर्मा नारनौंद से चुनाव लड़ना चाहते थे। भाजपा में शामिल हो गए थे मगर टिकट कैप्टन अभिमन्यु को मिला। नारनौंद से कैप्टन के हारने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए।
4.पूर्व विधायक कुलबीर बेनीवाल : कांग्रेस की टिकट पर पहली बार निर्वाचन क्षेत्र भट्टू से विधायक बने थे मगर बाद में बाद कांग्रेस से बगावत कर इनेलो में शामिल हो गए। अब 2022 में कांग्रेस में फिर से शामिल हो गए।
5. सांसद जयप्रकाश जेपी : हिसार से मौजूदा सांसद जयप्रकाश जेपी कांग्रेस से बगावत कर चुके हैं। 2019 में कलायत से टिकट कटा तो निर्दलीय ही मैदान में आ गए। कांग्रेस कलायत सीट हार गई और भाजपा जीत गई। इसके बाद दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गए और सांसद बन गए।
6. पूर्व विधायक निर्मल सिंह : अंबाला से कांग्रेस के नेता निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ चुके हैं। इनकी बेटी अंबाला कैंट से कांग्रेस प्रत्याशी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ चुकी हैं। कांग्रेस से ज्यादा वोट लिए और कांग्रेस अंबाला कैंट सीट हार गई।
फरीदाबाद में देसी कट्टा के साथ युवक गिरफ्तार:चोरी की मोटरसाइकिल व जिंदा रोंद बरामद; कोर्ट में पेश कर जेल भेजा
फरीदाबाद में देसी कट्टा के साथ युवक गिरफ्तार:चोरी की मोटरसाइकिल व जिंदा रोंद बरामद; कोर्ट में पेश कर जेल भेजा हरियाणा के फरीदाबाद में देसी कट्टा व जिंदा रोंद सहित पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। अपराध शाखा सेक्टर-65 की टीम ने उसके कब्जे से चोरी की एक मोटरसाइकिल भी बरामद की है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान नासिर उर्फ भोपा के तौर पर हुई, जो कि रुवड मोहल्ला गांव धौज का रहने वाला है। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। फरीदाबाद अपराध शाखा सेक्टर-65 की टीम 24 नवम्बर को गश्त पर थी। इस बीच सूचना मिली कि युवक देसी कट्टा लेकर घूम रहा है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कैली बाइपास रोड से नासिर को मोटरसाइकिल सहित काबू कर लिया। उसकी तलाशी ली तो उससे एक देसी कट्टा व जिंदा रोंद बरामद हुआ। आरोपी के खिलाफ थाना सेक्टर-58 में अवैध हथियार रखने की धाराओं मामला दर्ज किया गया। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम नासिर उर्फ भोपा बताया। वह रुवड मोहल्ला गांव धौज का रहने वाला है। उसने बताया कि देसी कट्टा व जिंदा रोंद किसी अनजान व्यक्ति से नंहू बस स्टैण्ड से 5 हजार रुपए में खरीदा था। उससे चोरी की एक मोटरसाइकिल भी बरामद हुई है। मोटरसाइकिल के संबंध में राकेश कुमार निवासी संजय कालोनी सैक्टर 23 फरीदाबाद ने 5 जुलाई को केस दर्ज कराया था।
कांग्रेस का माहौल, फिर भी हरियाणा में BJP कैसे जीती:अमित शाह ने 3 कारण गिनाए, बोले- 57 साल में कोई सरकार तीसरी बार आई
कांग्रेस का माहौल, फिर भी हरियाणा में BJP कैसे जीती:अमित शाह ने 3 कारण गिनाए, बोले- 57 साल में कोई सरकार तीसरी बार आई हरियाणा में नायब सैनी ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। बुधवार (16 अक्टूबर) को विधायक दल की मीटिंग में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। मीटिंग के बाद नायब सैनी के नाम का ऐलान करते हुए अमित शाह ने कहा कि अनिल विज और कृष्ण कुमार बेदी ने नायब सैनी को विधायक दल का नेता बनाने का प्रस्ताव रखा। सभी विधायकों की सहमति के बाद उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया। अमित शाह ने कहा कि हरियाणा की स्थापना 60 के दशक में हुई। तब से लेकर अब तक कोई भी मुख्यमंत्री लगातार अपनी पार्टी को विजयी बनाने में सफल नहीं हुआ। पहली बार हरियाणा में तीसरी बार भाजपा सरकार बनी है। उसका मुख्य कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं। जब वह संगठन का काम देखते थे, वह हरियाणा के प्रभारी थे। उन्हें हरियाणा की समस्याओं की समझ उसी वक्त से है। पहले मनोहर लाल खट्टर जी मुख्यमंत्री बने। उन्होंने साढ़े 9 साल सरकार चलाई। इसके बाद पार्टी ने उन्हें केंद्र में जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया। इसके बाद युवा नायब सैनी को प्रदेश की बागडोर सौंपी गई। उनके नेतृत्व में हम तीसरी बार चुनाव जीतकर आए हैं। मीटिंग के बाद अमित शाह ने हरियाणा में तीसरी बार भाजपा सरकार आने के 3 कारण भी गिनाए। 1. किसानों से अन्याय की बात फैलाई अमित शाह ने कहा कि यह भ्रांति फैलाई गई कि किसानों के साथ अन्याय हुआ है। मैं आज विपक्ष से कहना चाहता हूं कि कोई राज्य 24 फसलों को MSP पर खरीदता है तो वह भाजपा के शासन वाला हरियाणा है। केंद्र में बनी नरेंद्र मोदी ही ऐसी सरकार है, जिसने MSP पर सबसे ज्यादा फसलों की खरीद की। 2. विपक्ष ने अग्निवीर पर भड़काया अमित शाह ने कहा कि अग्निवीर स्कीम पर विपक्ष ने भड़काने में कोई कमी नहीं छोड़ी। अग्निवरी युवाओं को अन्याय देने वाली योजना नहीं है, बल्कि सेना को युवा बनाने वाली योजना है, सेना को मजबूत बनाने की योजना है। भाजपा का वादा है कि अग्निवीर से वापस आया जवान भारत सरकार या हरियाणा सरकार से पेंशन प्राप्त करेगा। सेना में हर दसवां जवान हरियाणा का है। हरियाणा ने देश में अन्न के भंडार बनाए। हमारी सरकार की प्रायोरिटी युवाओं को रोजगार और हमारे किसानों की खुशहाली है। हमने इसे अपने घोषणा पत्र में भी रखा है। मुझे विश्वास है कि नायब सिंह की सरकार इसी तरह से काम करेगी। 3. भाजपा ने 36 बिरादरी की सरकार चलाई उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पूरे हरियाणा का विकास किया। पहले जातियों के आधार पर भी सरकारें चलीं। भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई। जाति के आधार पर विकास की संकल्पना को खारिज कर दिया। हम हर वर्ग को ध्यान में रखकर विकास करने में विश्वास करते हैं। हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी ने 36 बिरादरी के विकास की सरकार चलाई। इन 3 कारणों ने तीसरी बार हरियाणा में भाजपा की सरकार बनवाई। ये खबरें भी पढ़ें :- नायब सैनी ही रहेंगे हरियाणा के CM:शाह की मौजूदगी में नाम तय; राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया, शपथ कल हरियाणा में नायब सैनी ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। बुधवार को पंचकूला में भाजपा की मीटिंग में उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया। मीटिंग में पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और विधायक कृष्ण बेदी ने सैनी के नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर सभी विधायकों ने सहमति जताई। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा के नए CM निभाएंगे वादा:नायब सैनी बोले- पहले 24 हजार भर्तियों का रिजल्ट जारी होगा, फिर शपथ लूंगा हरियाणा में बुधवार को नए मुख्यमंत्री मनोनीत होने के बाद नायब सैनी ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि वह जनता से किए सभी वादों को निभाएंगे। नायब सैनी का कहना है कि वह कल (17 अक्टूबर को) CM पद की शपथ बाद में लेंगे, पहले वह 24 युवाओं की नौकरी का रिजल्ट जारी करवाएंगे। पूरी खबर पढ़ें…