हिमाचल प्रदेश पुलिस ने हाईकोर्ट में दायर जवाब में कहा कि कांस्टेबल धर्म सुख नेगी के कथित उत्पीड़न मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता। यह जवाब IPS अंजुम आरा व 2 अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ दायर प्राथमिकी को निरस्त करने की याचिका के जवाब में पुलिस विभाग ने दिया है। पुलिस ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि इस मामले में दर्ज केस को रद्द करने के लिए 23 अक्टूबर को फाइनल कैंसिलेशन रिपोर्ट तैयार की गई है। इस पर न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को तय की है। बता दें कि किन्नौर निवासी बर्खास्त पुलिस कांस्टेबल धर्म सुख नेगी की पत्नी ने पूर्व DGP संजय कुंडू समेत 10 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। इनके खिलाफ अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति एक्ट की धारा 3 (1)(P), एससी-एसटी एक्ट 1989 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों पर पति के उत्पीड़न के आरोप धर्म सुख नेगी की पत्नी मीना नेगी ने संजय कुंडू, पूर्व आईपीएस समेत अन्य पुलिस अधिकारियों पर पति के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज शिकायत में आरोप लगाया कि पुलिस के उच्च अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसके पति धर्म सुख नेगी को नौकरी से निकाला है। पति को बेइज्जत करके नौकरी से निकालने का आरोप शिकायतकर्ता के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने पहले उसके पति पर झूठे आरोप लगाए। फिर विभागीय जांच बिठाकर 9 जुलाई 2020 को जबरन बेइज्जत करके नौकरी से निकाल दिया, जबकि उसके पति का अभी 8 साल का सेवाकाल बचा हुआ था। महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों के इस व्यवहार के कारण उनके पति व परिवार को सामाजिक, आर्थिक व मानसिक तौर पर पीड़ा पहुंची है। इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराया FIR महिला ने पूर्व डीजीपी संजय कुंडू, रिटायर आईपीएस हिमांशु मिश्रा और अरविंद शारदा, SP शालिनी अग्निहोत्री, दिवाकर दत्त शर्मा, अंजुम आरा खान, भगत सिंह ठाकुर, पंकज शर्मा, मीनाक्षी और DSP बलदेव दत्त के खिलाफ FIR कराई है। अंजुम आरा, पंकज शर्मा और बलदेव दत्त ने उन पर लगाए आरोपों को निराधार बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार लगाई है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने हाईकोर्ट में दायर जवाब में कहा कि कांस्टेबल धर्म सुख नेगी के कथित उत्पीड़न मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता। यह जवाब IPS अंजुम आरा व 2 अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ दायर प्राथमिकी को निरस्त करने की याचिका के जवाब में पुलिस विभाग ने दिया है। पुलिस ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि इस मामले में दर्ज केस को रद्द करने के लिए 23 अक्टूबर को फाइनल कैंसिलेशन रिपोर्ट तैयार की गई है। इस पर न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को तय की है। बता दें कि किन्नौर निवासी बर्खास्त पुलिस कांस्टेबल धर्म सुख नेगी की पत्नी ने पूर्व DGP संजय कुंडू समेत 10 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। इनके खिलाफ अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति एक्ट की धारा 3 (1)(P), एससी-एसटी एक्ट 1989 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों पर पति के उत्पीड़न के आरोप धर्म सुख नेगी की पत्नी मीना नेगी ने संजय कुंडू, पूर्व आईपीएस समेत अन्य पुलिस अधिकारियों पर पति के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज शिकायत में आरोप लगाया कि पुलिस के उच्च अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसके पति धर्म सुख नेगी को नौकरी से निकाला है। पति को बेइज्जत करके नौकरी से निकालने का आरोप शिकायतकर्ता के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने पहले उसके पति पर झूठे आरोप लगाए। फिर विभागीय जांच बिठाकर 9 जुलाई 2020 को जबरन बेइज्जत करके नौकरी से निकाल दिया, जबकि उसके पति का अभी 8 साल का सेवाकाल बचा हुआ था। महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों के इस व्यवहार के कारण उनके पति व परिवार को सामाजिक, आर्थिक व मानसिक तौर पर पीड़ा पहुंची है। इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराया FIR महिला ने पूर्व डीजीपी संजय कुंडू, रिटायर आईपीएस हिमांशु मिश्रा और अरविंद शारदा, SP शालिनी अग्निहोत्री, दिवाकर दत्त शर्मा, अंजुम आरा खान, भगत सिंह ठाकुर, पंकज शर्मा, मीनाक्षी और DSP बलदेव दत्त के खिलाफ FIR कराई है। अंजुम आरा, पंकज शर्मा और बलदेव दत्त ने उन पर लगाए आरोपों को निराधार बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार लगाई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
मंडी में दो कारों की टक्कर, 8 घायल:चंडीगढ़-मनाली हाईवे के मलोरी टनल पर हुआ हादसा, हरियाणा से आए लोग कुल्लू जा रहे थे
मंडी में दो कारों की टक्कर, 8 घायल:चंडीगढ़-मनाली हाईवे के मलोरी टनल पर हुआ हादसा, हरियाणा से आए लोग कुल्लू जा रहे थे चंडीगढ़-मनाली एनएच के मलोरी टनल पर दो गाड़ियों की आमने सामने टक्कर हो गई। हादसे में 8 लोग घायल हो गए है। हादसा तब हुआ जब हरियाणा नंबर की गाड़ी कुल्लू की तरफ जा रही तो सामने से एचपी नंबर की गाड़ी से टकरा गई। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने बताया कि शनिवार करीब 4 बजे टनल नंबर 6 मलोरी के पास दोनों कारों में टक्कर होने की सूचना मिली थी। हादसे में हरियाणा के रवि उम्र 22 साल, विकास (22), मंजीत (25), वीरेंद्र (26), मोहित (25) घायल हुए हैं। जबकि कटौला की अंशिका (23), निशांत (17) और उषा (46) घायल हुए हैं। सभी घायलों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया है। एसएचओ देशराज ने बताया कि की पुलिस हादसे के कारणों की जांच कर रही है। नए साल का जश्न मनाने के लिए भारी संख्या में पंजाब-हरियाणा और अन्य राज्यों से पर्यटक कुल्लू-मनाली का रुख कर रहे हैं।एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने कहा कि मंडी के मैदानी इलाकों में बर्फबारी से आवाजाही पर प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी से सड़क मार्ग प्रभावित होता है।
शिमला में अटल हॉस्पिटल पहुंचे HC के जज:सड़क व स्वास्थ्य सुविधाओं का लिया जायजा, OPD सेवाओं पर लगी थी रोक
शिमला में अटल हॉस्पिटल पहुंचे HC के जज:सड़क व स्वास्थ्य सुविधाओं का लिया जायजा, OPD सेवाओं पर लगी थी रोक हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश त्रिलोक चौहान ने शुक्रवार को शिमला के चमियाना स्थित अटल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं व हॉस्पिटल जाने वाली सड़क का जायजा लिया है। दरअसल प्रदेश सरकार ने बीते अगस्त माह में 8 विभागों की ओपीडी सेवाओं को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चमियाना में शिफ्ट करने का निर्णय लिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने हॉस्पिटल के लिए सड़क की हालत खस्ता व अन्य सुविधाओं के आभाव के कारण वहां चल रही OPD सेवाओं पर रोक लगा दी थी और हॉस्पिटल में मरीजों के लिए उचित सड़क बनने, आवागमन के लिए उचित व्यवस्था व अन्य मूलभूत सुविधाएं पूरी करने के आदेश दिए थे। 7 दिन पहले हुआ था बस का सफल ट्रायल
बता दें कि हाईकोर्ट के आदेशों के बाद हॉस्पिटल के लिए जाने वाली सड़क का मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद बीते करीब एक सप्ताह पहले वहां के लिए 30 सीटर HRTC बस का सफल ट्रायल हुआ था। जिसके बाद आज मुख्य न्यायधीश ने स्वयं हॉस्पिटल जाकर सुविधाओं का निरीक्षण किया है। चमियाना में चल रही थी 8 विभागों की ओपीडी
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चमियाना बीते 12 अगस्त से आठ विभागों जिसमें कार्डियोलॉजी, यूरोलोजी, गैस्ट्रोएनलॉजी, न्यूरोलोजी, नेफॉलोजी, प्लास्टिक सर्जरी व एंडोक्रिनोलोजी विभाग की ओपीडी शिफ्ट हो गयी थी। परंतु हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए ओपीडी सेवाओं को तुंरत बन्द करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद सभी विभागों की ओपीडी सेवाएं IGMC में ही चल रही थी।
हिमाचल में 6 महीने से महिला ड्राइवर गायब:HRTC बोला- एक महीने की छुट्टी दी थी, नोटिस का जवाब नहीं दिया
हिमाचल में 6 महीने से महिला ड्राइवर गायब:HRTC बोला- एक महीने की छुट्टी दी थी, नोटिस का जवाब नहीं दिया हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) की पहली महिला ड्राइवर सीमा ठाकुर 6 महीने से ड्यूटी पर नहीं आ रही है। अब HRTC प्रबंधन की तरफ से इस पर जवाब आया है। HRTC कार्यकारी निदेशक डॉ. मुरारी लाल ने बताया कि सीमा ठाकुर ने 5 मई, 2016 को शिमला लोकल यूनिट में बतौर ड्राइवर अपनी सेवाएं शुरू की थी। इस बीच वोल्वो बस चलाने के लिए ट्रेनिंग को लेकर 17 से 21 अक्टूबर 2022 तक बेंगलुरु भेजा गया था। बाद में जब ट्रेनिंग से वह लौटी तो उन्हें उनकी इच्छा अनुरूप वोल्वो बस में ड्राइवर के रूप में तैनात किया गया। प्रबंधन ने बताया कि सीमा ठाकुर के वोल्वो बस संचालन के दौरान उनकी ओर से 2 गंभीर दुर्घटनाएं और 2 अन्य गंभीर लापरवाही के मामले सामने आए।जो स्पष्ट रूप से उनकी लापरवाही को दिखाते हैं। प्रबंधन ने लिखा है कि सामान्य हालात में इस प्रकार की लापरवाही के मामलों में निगम द्वारा ड्राइवर को निलंबित किया जाता है। विभाग ने महिला कर्मचारी होने के मद्देनजर नरम रुख अपनाते हुए उन्हें निलंबित नहीं किया। इसी वजह से 8 जुलाई को उन्हें शिमला के लोकल डिपो में ट्रांसफर कर दिया गया और स्थानीय बस सेवाओं में ड्राइवर के तौर पर ड्यूटी दी गई। ट्रांसफर के बाद से सीमा ठाकुर ने ड्यूटी नहीं जॉइन की। इस दौरान विभाग ने उन्हें एक महीने की छुट्टी भी दी । जो 1 अक्टूबर को खत्म हो चुकी है। बावजूद उन्होंने न ड्यूटी जॉइन की और न ही विभाग की तरफ से भेजे गए नोटिस का जवाब दिया। फिलहाल, अब तक विभाग ने नरम रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ सेवा नियमों के अंतर्गत गैरमौजूद रहने पर कोई कार्रवाई नहीं की है। कौन है हिला ड्राइवर सीमा ठाकुर
HRTC की पहली महिला ड्राइवर है। सीमा ठाकुर मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के सोलन के अर्की की रहने वाली हैं। उनके पिता भी HRTC में बस ड्राइवर रहे हैं। उन्होंने शिमला से ग्रेजुएशन ( BSC नर्सिंग) की पढ़ाई की थी और बाद में HRTC विभाग जॉइन किया था। वह प्रदेश की पहली महिला बस ड्राइवर हैं। वह पहले सीमा में सरकारी टैक्सी चलाते थी, लेकिन बाद में सरकार ने उन्हें उनकी इच्छा अनुसार वोल्वो बसें चलाने की अनुमति दी थी।