हिमाचल में वोकेश्नल-टीचर को नौकरी से निकालने की धमकियां:आज वार्ता को नहीं बुलाया तो जारी रहेगी हड़ताल, सचिवालय के लिए कूच की तैयारी

हिमाचल में वोकेश्नल-टीचर को नौकरी से निकालने की धमकियां:आज वार्ता को नहीं बुलाया तो जारी रहेगी हड़ताल, सचिवालय के लिए कूच की तैयारी

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वोकेश्नल सब्जेक्ट पढ़ा रहे टीचरों को नौकरी से निकालने की धमकियां मिल रही है। वोकेश्नल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने बताया कि सेवा प्रदाता कंपनियां टीचरों पर दबाव डाल रही है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं का जाती तो वोकेश्नल टीचर अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। बता दें कि 1100 से ज्यादा सरकारी स्कूलों के 2174 वोकेश्नल टीचर शिमला के चौड़ा मैदान में 2 दिन से हड़ताल पर बैठे हैं। वोकेश्नल टीचर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर करने, हरियाणा की तर्ज पर शिक्षा विभाग के अधीन करने और समय पर सैलरी देने की मांग कर रहे है। इसी तरह वोकेश्नल टीचर दिवाली पर बढ़े हुए वेतन का एरियर नहीं मिलने से भी नाखुश है। इससे नाराज होकर वोकेश्नल टीचरों ने शिमला में हड़ताल पर बैठे हैं। वार्ता को नहीं बुलाया तो जारी रहेगा आंदोलन: अश्वनी अश्वनी कुमार ने बताया कि यदि राज्य सरकार आज उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाती है तो शिक्षक हड़ताल पर डटे रहेंगे। उन्होंने बताया कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वोकेश्नल टीचर चौड़ा मैदान से सचिवालय के लिए भी कूच कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वोकेश्नल टीचर हरियाणा की तर्ज पर उन्हें शिक्षा विभाग के अधीन लाने की मांग कर रहे हैं। अभी उनकी सेवाएं कंपनियों के माध्यम से ली जा रही है, जो कि मोटी रकम कमीशन के तौर पर लेती है। टीचरों का आरोप है कि कंपनियां उनका शोषण कर रही है। शिक्षा विभाग के आदेशों के बावजूद एरियर नहीं दिया अध्यक्ष अश्वनी ने बताया कि अधिकांश कंपनियों ने दिवाली पर भी उनका एरियर नहीं दिया, जबकि शिक्षा निदेशक ने 5 अक्टूबर को एक ऑर्डर जारी किए थे। जिसमें कहा गया कि 20 अक्टूबर तक सभी वोकेश्नल टीचर को सैलरी का एरियर एकमुश्त दिया जाए। उन्होंने बताया कि कुछ कंपनियों ने एक-दो महीने का एरियर दिया है, जबकि शिक्षा निदेशक के ऑर्डर के मुताबिक 6 माह के एरियर का भुगतान एकमुश्त होना था। सैलरी भी 28 अक्टूबर को नहीं दी गई राज्य सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को दिवाली को देखते हुए 28 अक्टूबर को सैलरी का भुगतान किया है। मगर वोकेश्नल टीचर को अब तक अक्टूबर की सैलरी नहीं मिल पाई। 1100 स्कूलों में वोकेश्नल सब्जेक्ट प्रदेश के सरकारी हाई और सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेश्नल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों में 80 हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक-दो नहीं बल्कि पूरी 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी है। दक्ष कामगार तैयार करने को वोकेश्नल पाठयक्रम सरकारी स्कूलों में वोकेश्नल टीचर केंद्र सरकार की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत रखे गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है। सरकार ने इस साल इनका मानदेय अप्रैल माह में बढ़ा दिया था। इसका भुगतान अब तक नहीं हो पाया था। इसे देखते हुए शिक्षा निदेशक ने 20 अक्टूबर तक कंपनियों को बढ़े हुए वेतन का एरियर देने के आदेश जारी किए थे। कई सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने विभाग के आदेशों की भी परवाह नहीं की और टीचरों को दिवाली पर भी एरियर नहीं दिया गया। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वोकेश्नल सब्जेक्ट पढ़ा रहे टीचरों को नौकरी से निकालने की धमकियां मिल रही है। वोकेश्नल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने बताया कि सेवा प्रदाता कंपनियां टीचरों पर दबाव डाल रही है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं का जाती तो वोकेश्नल टीचर अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। बता दें कि 1100 से ज्यादा सरकारी स्कूलों के 2174 वोकेश्नल टीचर शिमला के चौड़ा मैदान में 2 दिन से हड़ताल पर बैठे हैं। वोकेश्नल टीचर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर करने, हरियाणा की तर्ज पर शिक्षा विभाग के अधीन करने और समय पर सैलरी देने की मांग कर रहे है। इसी तरह वोकेश्नल टीचर दिवाली पर बढ़े हुए वेतन का एरियर नहीं मिलने से भी नाखुश है। इससे नाराज होकर वोकेश्नल टीचरों ने शिमला में हड़ताल पर बैठे हैं। वार्ता को नहीं बुलाया तो जारी रहेगा आंदोलन: अश्वनी अश्वनी कुमार ने बताया कि यदि राज्य सरकार आज उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाती है तो शिक्षक हड़ताल पर डटे रहेंगे। उन्होंने बताया कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वोकेश्नल टीचर चौड़ा मैदान से सचिवालय के लिए भी कूच कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वोकेश्नल टीचर हरियाणा की तर्ज पर उन्हें शिक्षा विभाग के अधीन लाने की मांग कर रहे हैं। अभी उनकी सेवाएं कंपनियों के माध्यम से ली जा रही है, जो कि मोटी रकम कमीशन के तौर पर लेती है। टीचरों का आरोप है कि कंपनियां उनका शोषण कर रही है। शिक्षा विभाग के आदेशों के बावजूद एरियर नहीं दिया अध्यक्ष अश्वनी ने बताया कि अधिकांश कंपनियों ने दिवाली पर भी उनका एरियर नहीं दिया, जबकि शिक्षा निदेशक ने 5 अक्टूबर को एक ऑर्डर जारी किए थे। जिसमें कहा गया कि 20 अक्टूबर तक सभी वोकेश्नल टीचर को सैलरी का एरियर एकमुश्त दिया जाए। उन्होंने बताया कि कुछ कंपनियों ने एक-दो महीने का एरियर दिया है, जबकि शिक्षा निदेशक के ऑर्डर के मुताबिक 6 माह के एरियर का भुगतान एकमुश्त होना था। सैलरी भी 28 अक्टूबर को नहीं दी गई राज्य सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को दिवाली को देखते हुए 28 अक्टूबर को सैलरी का भुगतान किया है। मगर वोकेश्नल टीचर को अब तक अक्टूबर की सैलरी नहीं मिल पाई। 1100 स्कूलों में वोकेश्नल सब्जेक्ट प्रदेश के सरकारी हाई और सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेश्नल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों में 80 हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक-दो नहीं बल्कि पूरी 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी है। दक्ष कामगार तैयार करने को वोकेश्नल पाठयक्रम सरकारी स्कूलों में वोकेश्नल टीचर केंद्र सरकार की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत रखे गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है। सरकार ने इस साल इनका मानदेय अप्रैल माह में बढ़ा दिया था। इसका भुगतान अब तक नहीं हो पाया था। इसे देखते हुए शिक्षा निदेशक ने 20 अक्टूबर तक कंपनियों को बढ़े हुए वेतन का एरियर देने के आदेश जारी किए थे। कई सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने विभाग के आदेशों की भी परवाह नहीं की और टीचरों को दिवाली पर भी एरियर नहीं दिया गया।   हिमाचल | दैनिक भास्कर