‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का नारा वाजपेयी की दूरदर्शिता’, सदन में बोले CM उमर अब्दुल्ला

‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का नारा वाजपेयी की दूरदर्शिता’, सदन में बोले CM उमर अब्दुल्ला

<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News: </strong>जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को दूरदर्शी बताया है. उन्होंने कहा कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के रोडमैप का पालन किया गया होता तो तत्कालीन राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में नहीं बदला जाता. मुख्यमंत्री विधानसभा में श्रद्धांजलि सभा के दौरान बोल रहे थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पुरानी घटना को याद करते हुए कहा, “तत्कालीन विधानसभा से जम्मू-कश्मीर को अधिक स्वायत्तता देने का प्रस्ताव पारित होने के बाद नई दिल्ली ने वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में खारिज कर दिया था. वाजपेयी को गलती का एहसास हुआ. उन्होंने तत्कालीन कानून मंत्री को इस विषय पर राज्य सरकार से बातचीत करने के लिए नियुक्त किया. लेकिन, जैसा कि नियति में लिखा था, उनका निधन हो गया और बस यही हुआ.” उन्होंने कहा, “मैं स्वर्गीय वाजपेयी के बारे में क्या कहूं? वाजपेयी दूरदर्शी और महान व्यक्तित्व के धनी थे. उन्होंने लाहौर बस शुरू की और मीनार-ए-पाकिस्तान गए.”&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने क्यों अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अटल बिहारी वाजयपेयी ने हमेशा पाकिस्तान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने की कोशिश की. उनका कहना था कि दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं. सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’ का नारा वाजपेयी की दूरदर्शिता और राजनीति की छवि को दर्शाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने याद करते हुए कहा कि वाजपेयी नारा लगाने वाले ‘शायद पहले और आखिरी नेता थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने जम्मू-कश्मीर के विभाजित हिस्सों को जोड़ने के लिए सड़कें खोली थीं. सड़कें खोलने के पीछे मकसद नागरिक समाज को जोड़ना था. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “लेकिन दुर्भाग्य से वाजपेयी के दिखाए गए रास्ते और रोडमैप को बीच में ही छोड़ दिया गया. लोगों को जोड़ने के बजाय दूरियां पैदा की जा रही हैं. उन्होंने वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “अगर जम्मू-कश्मीर पर वाजपेयी के रोडमैप को लागू किया गया होता तो हम आज जहां हैं, वहां नहीं होते.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”जम्मू में बजरंग दल का प्रदर्शन, फारूक अब्दुल्ला पुतला फूंका, पूर्व CM को जेल भेजने की मांग” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/bajrang-dal-protest-against-national-conference-president-farooq-abdullah-in-jammu-ann-2816614″ target=”_self”>जम्मू में बजरंग दल का प्रदर्शन, फारूक अब्दुल्ला पुतला फूंका, पूर्व CM को जेल भेजने की मांग</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News: </strong>जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को दूरदर्शी बताया है. उन्होंने कहा कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के रोडमैप का पालन किया गया होता तो तत्कालीन राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में नहीं बदला जाता. मुख्यमंत्री विधानसभा में श्रद्धांजलि सभा के दौरान बोल रहे थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पुरानी घटना को याद करते हुए कहा, “तत्कालीन विधानसभा से जम्मू-कश्मीर को अधिक स्वायत्तता देने का प्रस्ताव पारित होने के बाद नई दिल्ली ने वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में खारिज कर दिया था. वाजपेयी को गलती का एहसास हुआ. उन्होंने तत्कालीन कानून मंत्री को इस विषय पर राज्य सरकार से बातचीत करने के लिए नियुक्त किया. लेकिन, जैसा कि नियति में लिखा था, उनका निधन हो गया और बस यही हुआ.” उन्होंने कहा, “मैं स्वर्गीय वाजपेयी के बारे में क्या कहूं? वाजपेयी दूरदर्शी और महान व्यक्तित्व के धनी थे. उन्होंने लाहौर बस शुरू की और मीनार-ए-पाकिस्तान गए.”&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने क्यों अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अटल बिहारी वाजयपेयी ने हमेशा पाकिस्तान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने की कोशिश की. उनका कहना था कि दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं. सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’ का नारा वाजपेयी की दूरदर्शिता और राजनीति की छवि को दर्शाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने याद करते हुए कहा कि वाजपेयी नारा लगाने वाले ‘शायद पहले और आखिरी नेता थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने जम्मू-कश्मीर के विभाजित हिस्सों को जोड़ने के लिए सड़कें खोली थीं. सड़कें खोलने के पीछे मकसद नागरिक समाज को जोड़ना था. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “लेकिन दुर्भाग्य से वाजपेयी के दिखाए गए रास्ते और रोडमैप को बीच में ही छोड़ दिया गया. लोगों को जोड़ने के बजाय दूरियां पैदा की जा रही हैं. उन्होंने वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “अगर जम्मू-कश्मीर पर वाजपेयी के रोडमैप को लागू किया गया होता तो हम आज जहां हैं, वहां नहीं होते.”</p>
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