भास्कर न्यूज | अमृतसर श्री अकाल तख्त साहिब पर लंबित अकाली दल सुप्रीमो सुखबीर बादल और बागी अकालियों के विवाद को लेकर बुधवार को तख्त साहिब के सचिवालय में सिंह साहिबान की मौजूदगी में पंथक विद्वानों और बुद्धिजीवियों की बैठक हुई। करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में शामिल लोगों ने मुद्दे पर अपने-अपने मौखिक तथा लिखित विचार पेश किए। जो नहीं पहुंच सके उन्होंने लिखित में अपनी राय भिजवाई थी। खैर, इसमें कुछ ऐसे रहे जो पार्टी के नेतृत्व परिवर्तन की वकालत कर रहे थे तो कुछ इससे सहमत नहीं थे। बैठक को लेकर सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई थी। लेकिन चर्चा रही कि इसमें 20 के आसपास लोग पहुंचेंगे। खैर, ऐन मौके पर एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर िसंह धामी समेत 7 लोग शामिल हुए। बाकी 6 में एडवोकेट एचएस फूलका, हरसिमरन सिंह, डॉ. अमरजीत िसंह, इंजी, सर्बजोत सिंह सोहल, बीबी जसबीर कौर, चमकौर सिंह थे। सभी ने अपने-अपने विचार श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार िसंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह, तख्तश्री दमदमा साहिब के जत्थेदार िसंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत िसंह, तख्तश्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी सुल्तान सिंह के समक्ष रखे। सिंह साहिबान ने कहा कि समय-समय पर पंथ के विद्वानों और बुद्धिजीवियों के साथ कौमी मुद्दों पर चर्चा करने की परंपरा हमेशा से रही है और इस परंपरा को आगे भी कायम रखा जाएगा। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर िसंह ने कहा कि निकट भविष्य में पंथक मुद्दों पर चर्चा के लिए सिख संप्रदायों, संगठनों, सिंह सभाओं और गुरुद्वारा कमेटियों के साथ बैठकें आयोजित की जाएंगी ताकि व्यापक पंथक संदर्भ में कौम की आम और सर्वसम्मति राय से पंथ को नए और उज्जवल दिशा में ले जाया जा सके। बैठक में शामिल विद्वानों ने जहां पंत में चल रहे बिखराव और अकाली दल की स्थिति पर चिंता जताई वहीं कुछ ने नेतृत्व परिवर्तन की वकालत की। बैठक में शामिल हरसिमरन सिंह ने कहा कि वर्तमान में अकाली दल जिस दौर से गुजर रहा है उस तरह की स्थिति उन्होंने अपनी जिंदगी में पहली बार देखी है। जो भी फैसला होना है उसे पंथ की भावना के अनुरूप होना चाहिए अन्यथा मुश्किलें और बढ़ेंगी। भास्कर न्यूज | अमृतसर श्री अकाल तख्त साहिब पर लंबित अकाली दल सुप्रीमो सुखबीर बादल और बागी अकालियों के विवाद को लेकर बुधवार को तख्त साहिब के सचिवालय में सिंह साहिबान की मौजूदगी में पंथक विद्वानों और बुद्धिजीवियों की बैठक हुई। करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में शामिल लोगों ने मुद्दे पर अपने-अपने मौखिक तथा लिखित विचार पेश किए। जो नहीं पहुंच सके उन्होंने लिखित में अपनी राय भिजवाई थी। खैर, इसमें कुछ ऐसे रहे जो पार्टी के नेतृत्व परिवर्तन की वकालत कर रहे थे तो कुछ इससे सहमत नहीं थे। बैठक को लेकर सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई थी। लेकिन चर्चा रही कि इसमें 20 के आसपास लोग पहुंचेंगे। खैर, ऐन मौके पर एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर िसंह धामी समेत 7 लोग शामिल हुए। बाकी 6 में एडवोकेट एचएस फूलका, हरसिमरन सिंह, डॉ. अमरजीत िसंह, इंजी, सर्बजोत सिंह सोहल, बीबी जसबीर कौर, चमकौर सिंह थे। सभी ने अपने-अपने विचार श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार िसंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह, तख्तश्री दमदमा साहिब के जत्थेदार िसंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत िसंह, तख्तश्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी सुल्तान सिंह के समक्ष रखे। सिंह साहिबान ने कहा कि समय-समय पर पंथ के विद्वानों और बुद्धिजीवियों के साथ कौमी मुद्दों पर चर्चा करने की परंपरा हमेशा से रही है और इस परंपरा को आगे भी कायम रखा जाएगा। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर िसंह ने कहा कि निकट भविष्य में पंथक मुद्दों पर चर्चा के लिए सिख संप्रदायों, संगठनों, सिंह सभाओं और गुरुद्वारा कमेटियों के साथ बैठकें आयोजित की जाएंगी ताकि व्यापक पंथक संदर्भ में कौम की आम और सर्वसम्मति राय से पंथ को नए और उज्जवल दिशा में ले जाया जा सके। बैठक में शामिल विद्वानों ने जहां पंत में चल रहे बिखराव और अकाली दल की स्थिति पर चिंता जताई वहीं कुछ ने नेतृत्व परिवर्तन की वकालत की। बैठक में शामिल हरसिमरन सिंह ने कहा कि वर्तमान में अकाली दल जिस दौर से गुजर रहा है उस तरह की स्थिति उन्होंने अपनी जिंदगी में पहली बार देखी है। जो भी फैसला होना है उसे पंथ की भावना के अनुरूप होना चाहिए अन्यथा मुश्किलें और बढ़ेंगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतपाल का भाई जमानत के बाद आया जेल से बाहर:फिल्लौर से ड्रग्स के साथ किया था गिरफ्तार; 25 जुलाई को सुनाए थे आदेश
अमृतपाल का भाई जमानत के बाद आया जेल से बाहर:फिल्लौर से ड्रग्स के साथ किया था गिरफ्तार; 25 जुलाई को सुनाए थे आदेश फिल्लौर कोर्ट के आदेशों के बाद खडूर साहिब से सांसद व खालिस्तानी समर्थम अमृतपाल सिंह का भाई हरप्रीत सिंह अपने साथी लवप्रीत सिंह के साथ आज सोमवार शाम पटियाला जेल से बाहर आ गया। फिल्लौर कोर्ट ने गुरुवार को हरप्रीत और लवप्रीत जमानत देने के आदेश दिए थे। लवप्रीत को लेने के लिए पटियाला जेल में अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह पहुंचे थे। बता दें कि, 21 जुलाई शनिवार को कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 23 जुलाई की तारीख दी थी। लेकिन बीते मंगलवार को लवप्रीत सिंह और हैप्पी की जमानत पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाई। जिसके बाद गुरुवार को कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई हुई। जिसके बाद कोर्ट ने हरप्रीत व लवप्रीत को जमानत दे दी थी। फिल्लौर हाईवे से हुई थी हैप्पी और लवप्रीत की गिरफ्तारी बता दें कि, फिल्लौर पुलिस ने हैप्पी को उसके साथी लवप्रीत के साथ 11 जुलाई की शाम फिल्लौर हाईवे से गिरफ्तार किया था। इनके पास से 4 ग्राम आइस ड्रग बरामद हुई थी। निचली अदालत से दोनों का रिमांड न मिलने के कारण पुलिस ने एडिशनल सेशन जज केके जैन की अदालत में क्रिमिनल रिवीजन याचिका दायर की है। वहीं, पुलिस उस व्यक्ति को पहले ही जेल भेज चुकी है, जिससे हैप्पी और लवप्रीत ने ड्रग खरीदी थी। इनमें आइस सप्लायर संदीप अरोड़ा और संदीप के फोटोग्राफर दोस्त मनीष मारवाह का नाम शामिल है। लुधियाना से 10 हजार की आइस लेकर आया था हैप्पी मिली जानकारी के अनुसार हैप्पी और लवप्रीत अपनी क्रेटा कार में लुधियाना के हैबोवाल निवासी संदीप से 10 हजार रुपए का आइस ड्रग खरीदने आए थे। पुलिस ने संदीप को भी पकड़ लिया था। एसएसपी अंकुल गुप्ता ने बताया था कि रूटीन चेकिंग के दौरान पुलिस ने फिल्लौर हाईवे से दोनों को गिरफ्तार किया था। दोनों काले शीशे लगी सफेद क्रेटा कार में बैठकर ड्रग लेने की तैयारी कर रहे थे। आरोपियों के पास लाइटर और पन्नी भी थी। अमृतपाल के वकील ने कहा था कि केस दर्ज किया खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के वकील ईमान सिंह ने हरप्रीत की गिरफ्तारी पर कहा था कि पुलिस ने सियासत के दबाव में आकर झूठा केस दर्ज किया है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी द्वारा बदले की राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि, आम आदमी पार्टी द्वारा अमृतपाल की देखरेख में बनाई जा रही पार्टी को क्षति पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जिससे क्षेत्रीय पार्टी पंजाब में सिर न उठा सके। ये झूठा केस 2-4 ग्राम के लिए बना दिया गया। जिले का एसएसपी सिर्फ चार ग्राम नशीले पदार्थ के लिए प्रेसवार्ता कर रहा है। कौन है अमृतपाल, जो नशा विरोधी मुहिम से सुर्खियों में आया अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। अमृतपाल दुबई में रहता था। लाल किला हिंसा से चर्चा में आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की मौत के बाद 2022 में पंजाब लौटा। यहां आकर दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया। इसके बाद अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलानी शुरू कर दी। उसने अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा में नशा छुड़ाओ केंद्र तक खोला। अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी लहर भी चलाई। हालांकि इसी दौरान बाद अमृतपाल ने भड़काऊ और खालिस्तान समर्थित बयानबाजी शुरू कर दी। जिस वजह से पुलिस ने अमृतपाल के एक साथी को हिरासत में ले लिया। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल ने साथियों के साथ अजनाला पुलिस थाने में धरना दिया। अमृतपाल पर आरोप लगे कि उन्होंने थाने पर हमला किया। पुलिस से टकराव हुआ। इसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर केस दर्ज कर घेराबंदी शुरू कर दी। कई दिनों की फरारी के बाद अमृतपाल को जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अमृतपाल पर देश विरोधी साजिश रचने का आरोप लगाकर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था।
पंजाब में एक बार फिर चुनावी जंग:5 विधानसभा सीटों पर होंगे उपचुनाव, मंत्रिमंडल में फेरबदल, नए चेहरों की होगी एंट्री
पंजाब में एक बार फिर चुनावी जंग:5 विधानसभा सीटों पर होंगे उपचुनाव, मंत्रिमंडल में फेरबदल, नए चेहरों की होगी एंट्री पंजाब में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब राज्य की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) के एक मंत्री और कांग्रेस के दो विधायकों समेत दो उम्मीदवार लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। वहीं जालंधर पश्चिम से विधायक शीतल अंगुराल का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया गया है। ऐसे में चुनाव आयोग आने वाले समय में कभी भी चुनावों की घोषणा कर सकता है। इसके साथ ही पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल में भी फेरबदल की संभावना है। मंत्री से सांसद बने गुरमीत सिंह मीत हेयर की जगह जहां नए चेहरे की एंट्री होगी, वहीं चुनाव हारने वाले चार मंत्रियों के भविष्य पर भी पार्टी विचार कर सकती है। इस चुनाव में इन विधायकों को मिली जीत इस बार लोकसभा चुनाव में (AAP) ने 5 मंत्रियों को उतारा था। इनमें एकमात्र संगरूर लोकसभा हलके से मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर 172360 के अंतर से कांग्रेस के सुखपाल सिंह खैहरा से चुनाव जीते हैं। वह मौजूदा समय में बरनाला से विधायक हैं। ऐसे में बरनाला सीट पर उपचुनाव होंगे। इसी तरह कांग्रेस का विधायक पद छोड़ आप में शामिल हुए राज कुमार चब्बेवाल होशियापुर सीट से सांसद चुने गए हैं। उन्होंने 44111 के मतों के अंतर कांग्रेस की यामिनी गोमर को शिकस्त दी है। वहीं, उनकी चब्बेवाल सीट भी खाली है, वहां पर उप चुनाव होंगे। श्री मुक्तसर साहिब जिले के गिद्दड़बाहा विधानसभा के विधायक व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष लुधियाना लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं, इनकी सीट पर भी उप चुनाव होंगे। उन्होंने कांग्रेस छोड़ भाजपस में शामिल हुए रवनीत सिंह बिट्टू को 20942 मतों के अंतर से हराया है। इसके अलावा गुरदासपुर से पूर्व डिप्टी सीएम व राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा चुनाव जीते हैं। उन्होंने 82 861 मतों के अंतर से दिनेश बब्बू को हराया है। ऐसे में उनकी डेरा बाबा नानक विधानसभा सीट पर चुनाव होंगे। वहीं, जालंधर के विधायक शीतल अंगुराल ने लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया था। उनका भी इस्तीफा मंजूर है। ऐसे में उस सीट पर भी चुनाव होंगे। नगर निगम व पंचायत चुनाव में भी परीक्षा तय अभी तक मौजूदा सरकार की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। क्योंकि पंजाब में जनवरी से ही पंचायतों के चुनाव डयू है। इसके अलावा शहरी एरिया में पांच नगर निगमों के चुनाव भी होने तय हैं। इनमें अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, जालंधर और फगवाड़ा शामिल हैं। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंचा है। लेकिन जिस तरह से लोकसभा चुनाव के नतीजे आए हैं। उससे सरकार की टेंशन बढ़ी हुई है। क्योंकि पार्टी को शहरी एरिया में कांग्रेस और भाजपा ने कड़ी टक्कर दी हैं। भाजपा का वोटर शेयर प्रतिशत बढ़कर अब 18.56 हो गया है। जबकि आप 26.02 फीसदी और कांग्रेस 26.30 फीसदी हो गया है।
अमृतसर में चिन्नी गैंग के सिंडिकेट का भंडाफोड़:6 सदस्य गिरफ्तार; एक 17 मामलों में वांटेड, गैंग वार की कर रहा था तैयारी
अमृतसर में चिन्नी गैंग के सिंडिकेट का भंडाफोड़:6 सदस्य गिरफ्तार; एक 17 मामलों में वांटेड, गैंग वार की कर रहा था तैयारी अमृतसर में पुलिस ने चिन्नी गैंग के सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गैंग में शामिल 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से पुलिस ने 3 पिस्तौल, 1 डीबीबीएल, 15 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। पकड़े गए आरोपियों में गुरजशन सिंह चिन्नी 17 मामलों में वांटेड था और गैंग वार की तैयारी कर रहा था। अमृतसर के सीपी गुरप्रीत सिंह के अनुसार, आरोपी “चिन्नी समूह” सिंडिकेट का हिस्सा थे, जो हत्या, नशीले पदार्थों की तस्करी, चोरी, स्नैचिंग, हथियारों की तस्करी करते थे। प्रतिद्वंद्वी अमरबीर सिंह उर्फ गोपी महल गिरोह के साथ दुश्मनी थी। चिन्नी फाइनेंशियल तौर पर स्ट्रॉन्ग होने के लिए नशा तस्करी में भी जा रहा था और अब गैंग वार की भी तैयारी चल रही थी। सीआईए स्टाफ-1, अमृतसर सिटी की पुलिस टीम ने गैंग वार को रोकते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा आरोपी के अन्य पांच साथी पारस सिंह उर्फ राजा, आकाशबीर सिंह उर्फ़ यादी, मनप्रीत सिंह उर्फ मनु, आकाशदीप सिंह, और सुखविंदर सिंह उर्फ सुखा को गिरफ्तार किया है।