हरियाणा में रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा कस्बा में एक शख्स के साथ 1 लाख 23 हजार रुपए की धोखाधड़ी हो गई। उसके बेटे ने टेलीग्राम के जरिए लेपटॉप ऑर्डर किया था। हालांकि इस ऑर्डर के कुछ देर बाद ही कैंसिल कर दिया गया था। बावजूद उसके खाते से ट्रांजेक्शन होती रही। बाद में पीड़ित शख्स ने फ्रॉड का पता चलते ही ट्रांजेक्शन बंद कराई और पुलिस को शिकायत देकर अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान में कोटपुतली जिले के गांव प्रागपुरा निवासी मुकेश चंद के मुताबकि, वह फिलहाल धारूहेड़ा की बेस्टेक सोसाइटी में रहता है। उसने धारूहेड़ा में ही खुद का काम किया हुआ है। उसके बेटे रोहित ने टेलीग्राम एप पर एक लेपटॉप आर्डर किया था। हालांकि उसने कुछ देर बाद ही ऑर्डर कैंसिल भी कर दिया था। इसके बावजूद भी उसके खाते से 1.23 लाख रुपए निकल गए। उसका एयू स्मॉल बैंक में खाता हैं। मैसेज आने पर धोखाधड़ी का पता चला खाते से पैसे कटने के मैसेज जब उसके मोबाइल पर आने लगे तो उसने तुरंत बैंक में संपर्क किया और ट्रांजेक्शन बंद कराई। लेकिन तब तक 1 लाख 23 हजार रुपए कट चुके थे। मुकेश चंद ने बैंक की ट्रांजेक्शन की डिटेल निकलवाने के बाद सेक्टर-6 थाना पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने उसकी शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। साथ ही उन खातों की जांच शुरू कर दी है, जिनमें मुकेश चंद के अकाउंट से पैसे ट्रांसफर किए गए। हरियाणा में रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा कस्बा में एक शख्स के साथ 1 लाख 23 हजार रुपए की धोखाधड़ी हो गई। उसके बेटे ने टेलीग्राम के जरिए लेपटॉप ऑर्डर किया था। हालांकि इस ऑर्डर के कुछ देर बाद ही कैंसिल कर दिया गया था। बावजूद उसके खाते से ट्रांजेक्शन होती रही। बाद में पीड़ित शख्स ने फ्रॉड का पता चलते ही ट्रांजेक्शन बंद कराई और पुलिस को शिकायत देकर अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान में कोटपुतली जिले के गांव प्रागपुरा निवासी मुकेश चंद के मुताबकि, वह फिलहाल धारूहेड़ा की बेस्टेक सोसाइटी में रहता है। उसने धारूहेड़ा में ही खुद का काम किया हुआ है। उसके बेटे रोहित ने टेलीग्राम एप पर एक लेपटॉप आर्डर किया था। हालांकि उसने कुछ देर बाद ही ऑर्डर कैंसिल भी कर दिया था। इसके बावजूद भी उसके खाते से 1.23 लाख रुपए निकल गए। उसका एयू स्मॉल बैंक में खाता हैं। मैसेज आने पर धोखाधड़ी का पता चला खाते से पैसे कटने के मैसेज जब उसके मोबाइल पर आने लगे तो उसने तुरंत बैंक में संपर्क किया और ट्रांजेक्शन बंद कराई। लेकिन तब तक 1 लाख 23 हजार रुपए कट चुके थे। मुकेश चंद ने बैंक की ट्रांजेक्शन की डिटेल निकलवाने के बाद सेक्टर-6 थाना पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने उसकी शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। साथ ही उन खातों की जांच शुरू कर दी है, जिनमें मुकेश चंद के अकाउंट से पैसे ट्रांसफर किए गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
पानीपत में रिफाइनरी कर्मचारी से लूट:सड़क किनारे रुकी गाड़ी में मारी टक्कर; हाल पूछने के बहाने अड़ाई पिस्तौल, कार लेकर फरार
पानीपत में रिफाइनरी कर्मचारी से लूट:सड़क किनारे रुकी गाड़ी में मारी टक्कर; हाल पूछने के बहाने अड़ाई पिस्तौल, कार लेकर फरार हरियाणा के पानीपत में पेप्सी पुल के पास बीती रात एक लूट की वारदात हो गई। यहां रिफाइनरी कर्मचारी से लूटपाट हुई है। दो बाइक सवार चार बदमाशों ने कर्मचारी की कार लूटी और फरार हो गए। कार में कैश, दस्तावेज और अन्य सामान था।
दरअसल, उसकी गाड़ी में टक्कर मारने के बाद बदमाशों ने हालचाल जानने के बहाने उससे बातचीत शुरू की थी। इसके बाद उसकी कार लूट ली और भाग गए। वारदात की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर लूटपाट का केस दर्ज कर लिया है। मैसेज पढ़ने के लिए रोकी थी कार सदर थाना पुलिस को दी शिकायत में आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का रहने वाला है। हाल में वह पानीपत रिफाइनरी टाउनशिप में रहता है। 5 जून की शाम को वह अपनी कार नंबर HR06AL6276 को लेकर टाउनशिप से शहर की ओर गया था। वापस लौटते वक्त रात करीब 10:15 बजे, उसने फोन पर आए मैसेज को पढ़ने के लिए अपनी कार को पेप्सी पुल के पास प्रिंस ढाबा पर रोकी, तो उसी समय एक बाइक वहां से निकल रही थी। जिसने कार के साइड वाले शीशे को टक्कर मार दी। इसके बाद बाइक रोक कर उससे पूछा कि चोट तो नहीं लगी। जिस पर उसने कहा कि कोई बात नहीं, ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। 2 बदमाश बाद में आए, पिस्तौल दिखा डराया बाइक सवार दो लड़कों में से एक नीचे उतरा और उतरते ही उसका कॉलर पकड़ा कर कार से नीचे उतार दिया। कार से उतरते वक्त उसने चाबी निकाल ली थी, जोकि एक बदमाश ने उससे छीन ली। इसी दौरान एक और बाइक वहां आई। जिस पर भी दो युवक सवार थे। उन्होंने वहां आते ही उसे पिस्तौल जैसा कोई हथियार दिखाया। उससे गाली-गलौज की और थप्पड़ मारे। इसके बाद वे उसकी कार को लेकर करनाल की ओर भाग गए। कार में उसका पर्स था। जिसमें डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, 1500 रुपए कैश था। इसके अलावा उसकी कंपनी का ID कार्ड व बैग भी था। बैग में बाइक और घर की चाबियां थी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में खट्टर का UPS का दांव:2.5 लाख सरकारी कर्मचारी; OPS को मुद्दा बना रही कांग्रेस, IAS खेमका साथ आए
हरियाणा विधानसभा चुनाव में खट्टर का UPS का दांव:2.5 लाख सरकारी कर्मचारी; OPS को मुद्दा बना रही कांग्रेस, IAS खेमका साथ आए हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार BJP नए दांव खेल रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर नाराज चल रहे कर्मचारियों को लेकर बड़ा दांव खेल दिया है। उन्होंने संकेत दे दिया कि यदि हरियाणा में BJP तीसरी बार सत्ता में आती है तो कर्मचारियों के हित में केंद्र की यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) स्कीम को लागू करेंगे। बीजेपी अपने मेनिफेस्टो में भी नई स्कीम को लागू करने का वादा करेगी। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस OPS को प्रदेश में लागू करने का वादा कर रही है। इस बीच केंद्र की UPS पर हरियाणा के एक सीनियर IAS अशोक खेमका ने भी अपना समर्थन दिया है। अब पढ़िए बीजेपी के ऐलान के पीछे की 3 वजह हरियाणा में ढाई लाख सरकारी कर्मचारी
हरियाणा में चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस दांव को चलने की खास वजह प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारी हैं। ये कर्मचारी OPS को लेकर पिछले एक साल से आंदोलनरत हैं। इसके लिए कर्मचारियों के एक गुट ने OPS संघर्ष मोर्चा भी बनाया हुआ है। लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को कर्मचारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। खट्टर ने इस बड़े सरकारी कर्मचारी वर्ग को साधने के लिए ये दांव चला है। 40 हजार कर्मचारी केंद्र में कर रहे नौकरी
हरियाणा के 2.5 लाख कर्मचारियों में 40 हजार कर्मचारी केंद्र सरकार में काम कर रहे हैं। हालांकि ये हरियाणा के ही वोटर हैं, केंद्र की UPS का केंद्रीय कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। ये प्रदेश में चुनाव के दौरान यूपीएस के पक्ष में माहौल बनाने में पार्टी की अच्छी मदद कर सकते हैं। राज्य में 90 हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जो 2004 के पहले से काम कर रहे हैं। हिमाचल में दिखा था OPS का असर
हिमाचल प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ओपीएस के चक्कर में ही करारी हार का सामना करना पड़ा था। हिमाचल हरियाणा का सीमावर्ती स्टेट है, इसलिए भाजपा नहीं चाहती कि वहां का कोई भी मुद्दा हरियाणा में प्रभावी हो। यही वजह है कि खट्टर कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करने में लगे हुए हैं। अब यहां समझिए UPS क्या है? कब से लागू होगी
दिसंबर 2003 तक सरकारी कर्मचारियों के लिए OPS लागू थी। जनवरी 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार इसे हटाकर न्यू पेंशन स्कीम यानी NPS लाई। NPS पर कई तरह के सवाल उठ रहे थे। मोदी सरकार ने अप्रैल 2023 में टीवी सोमनाथन की अगुआई में एक कमेटी बनाई। इस कमेटी ने हर राज्य के वित्तीय सचिव, नेताओं, सैकड़ों कर्मचारी यूनियन के साथ चर्चा की। उसके बाद कमेटी ने कैबिनेट को न्यू पेंशन स्कीम में बदलाव के लिए कुछ सिफारिशें कीं। 24 अगस्त 2024 को मोदी सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS को मंजूरी दी है। इसे अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। यहां पढ़िए यूपीएस और ओपीएस में क्या हैं 3 बड़े अंतर… UPS-OPS में पेंशन कैलकुलेट करने का अलग तरीका यूपीएस और ओपीएस दोनों ही पेंशन स्कीमों में सरकारी कर्मचारियों को एश्योर्ड पेंशन देने का प्रावधान है। लेकिन पेंशन की गणना करने के तौर तरीकों में बड़ा अंतर है। ओपीएस में सरकारी कर्मचारी के रिटायरमेंट से ठीक पहले की आखिरी बेसिक सैलेरी और महंगाई भत्ता का 50% पेंशन के तौर पर दिया जाता है। जबकि यूनिफाइड पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट से पहले की 12 महीने की बेसिक सैलेरी और डीए का जो औसत बनेगा वही एश्योर्ड पेंशन के तौर पर दिया जाएगा। UPS में योगदान जरूरी, OPS में ये प्रावधान नहीं यूपीएस में कर्मचारियों को यूपीएस में अपने बेसिक पे और डीए का 10 फीसदी पेंशन फंड में देना होगा जैसे वे एनपीएस में करते आए हैं। सरकार, कर्मचारी के लिए पेंशन फंड में अपनी तरफ से 18.5% का योगदान करेगी जिसकी लिमिट एनपीएस में 14 फीसदी थी। ओपीएस में कर्मचारियों को अपनी ओर से पेंशन फंड में कोई योगदान नहीं करना पड़ता था। पेंशन पाने के लिए OPS में 20 साल, UPS में 25 साल जरूरी यूपीएस में कम से कम 25 वर्षों तक के सर्विस के बाद ही तय फॉर्मूले के तहत सरकारी कर्मचारी एश्योर्ड पेंशन पाने का हकदार होंगे। ओपीएस में नियम कुछ और था। ओल्ड पेंशन स्कीम में केंद्रीय कर्मचारी 20 साल की नौकरी के बाद ही पेंशन पाने का हकदार हो जाते थे। यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम में एश्योर्ड पेंशन के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम से 5 साल ज्यादा लंबे समय तक सर्विस करना होगा। यूपीएस पर हरियाणा में इन वजहों से फंस रहा पेंच 1. एक अप्रैल 2025 से लागू होने वाली यूपीएस के लिए 25 वर्ष की सेवा को अनिवार्य किया गया है। इससे पहले ओपीएस में सिर्फ 20 वर्ष की नौकरी का प्रावधान था। हरियाणा के कर्मचारियों को सरकार का यह बाध्यता ठीक नहीं लग रही है। 2. एक आंकड़े के तहत प्रदेश में काफी संख्या में लोग 40 वर्ष के बाद नौकरी में आते हैं। इस तरह से करीब आधे कर्मचारी इस योजना में शामिल ही नहीं हो सकते हैं। वहीं कर्मचारियों के वेतन से जो 10 फीसदी पैसा कटेगा उसे उसे सरकार अपने पास रखेगी। सेवानिवृत्त के बाद कर्मचारियों को इसमें से कुछ भी नहीं मिलेगा। 3. यूपीएस में मेडिकल व डीए की बात नहीं की गई है। कर्मचारियों को सेवानिवृत्त के समय महज 6 महीने का वेतन ही दिया जाएगा। हालांकि इसमें सरकार अपना शेयर 14 से 18.5 फीसदी करने जा रही है, लेकिन कर्मचारी इसमें अपना कोई लाभ नहीं देख रहे हैं। 4. हरियाणा के कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पहले केंद्र सरकार एनपीएस में कमी नहीं मान रही थी। लेकिन जब उसे कमी महसूस हुई तो यूपीएस बनाने के लिए एक बार भी केंद्र सरकार ने उन्हें सुझाव के लिए नहीं बुलाया। पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि हमारी मांग ओपीएस बहाली की थी और ओपीएस बहाली तक ही आंदोलन जारी रहेगा। IAS अशोक खेमका समर्थन में आए हरियाणा के चर्चित आईएएस अधिकारी एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अशोक खेमका ने केंद्र सरकार की ओर से घोषित यूपीएस योजना का समर्थन किया है। सोशल प्लेटफार्म X पर लिखी पोस्ट में खेमका ने कहा कि 2004 के बाद के केंद्रीय कर्मचारियों को यूपीएस योजना की घोषणा से बड़ी राहत मिली है। मुझे आशा है कि जल्द ही राज्यों द्वारा बिना देरी किए इसे लागू किया लाएगा। वहीं प्रदेश के कई अन्य आईएएस अफसरों ने भी यूपीएस को एनपीएस से बेहतर बताया है।
हरियाणा से सटे भादरा में 8 हिरणों की मौत:श्मशान घाट में मिला शव, कुलदीप बिश्नोई ने CM भजनलाल से की बात
हरियाणा से सटे भादरा में 8 हिरणों की मौत:श्मशान घाट में मिला शव, कुलदीप बिश्नोई ने CM भजनलाल से की बात हरियाणा के हिसार से सटे हनुमानगढ़ जिले के भादरा कस्बे में रविवार को 8 हिरणों की मौत हो गई। हिरणों के शव भादरा के श्मशान घाट में मिले। पहली नजर में मामला संदिग्ध लग रहा है। हिरणों के शव बुरी हालत में मिलने से हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी ने जानबूझकर श्मशान घाट के अंदर चारदीवारी में शिकारी कुत्ते छोड़ दिए। वन विभाग और भादरा पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। वन विभाग की ओर से हिरणों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। वहीं इस घटना से बिश्नोई समाज आहत है। बिश्नोई समाज के नेता कुलदीप बिश्नोई ने इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से बात की है और मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है। कुलदीप बिश्नोई का कहना है कि वह स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं और मामले का संज्ञान ले रहे हैं। इसके अलावा अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने जंगली जानवरों की हत्या को लेकर 25 जुलाई को मुक्ति धाम मुकाम पर एक बड़ी बैठक बुलाई है और सभी से बैठक में शामिल होने की अपील की है। 100 बीघा में फैला है श्मशान घाट भादरा का श्मशान घाट करीब 100 बीघा में फैला है। इसके चारों तरफ बाउंड्रीवाल है। इसमें मोर, खरगोश और हिरण रहते हैं। बताया जा रहा है कि शनिवार रात दो कुत्ते दीवार फांदकर अंदर घुस आए या फिर उन्हें घुसाया गया। मृत हिरणों में 1 नर, 4 मादा और 3 उनके बच्चे शामिल हैं। श्मशान घाट के पीछे दीवार पर कोई फेंसिंग नहीं है। माना जा रहा है कि कुत्ते वहीं से घुसे। भादरा पुलिस जांच कर रही है कि ये कुत्ते शिकारियों के हैं या नहीं। बिश्नोई समाज ने लगाया मिलीभगत का आरोप बिश्नोई समाज के लोगों ने भादरा विधानसभा क्षेत्र में जंगली जानवरों (हिरण) की निर्मम हत्या की जांच की मांग की है। समाज के लोगों ने दुख जताते हुए कहा कि पुलिस और प्रशासन शिकारियों के दबाव में मामले को दबाना चाहता है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अनुरोध है कि वे मामले का तुरंत संज्ञान लें और कार्रवाई सुनिश्चित करें, अन्यथा समाज आंदोलन से पीछे नहीं हटेगा। कुलदीप बिश्नोई ने X पर किया पोस्ट, कहा- मैं समाज के साथ
वहीं इस मामले में कुलदीप बिश्नोई ने अपने X अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि “किसी देश की महानता का तब पता चलता है कि वह वन्य जीवों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। हाल ही में भादरा विधानसभा क्षेत्र में जो वन्य जीवों के साथ हुआ मैं समझता हूं क्रूरता की सारी हदें जिसने भी किया उसने पार कर दी। मैं लगातार लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के टच में हूं, चाहे वह एसपी साहब हैं या दूसरे अधिकारी गण हैं। आज सुबह भी मेरी मुख्यमंत्री से बात हुई और उन्होंने पूर्ण विश्वास दिलाया कि हमें न्याय देंगे और ऐसा सबक सिखाएंगे कि आगे से कोई ऐसी घिनौनी हरकत करने की जरूरत ना कर सके। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, चाहे अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा हो या व्यक्तिगत रूप से तन-मन-धन से इस मामले में हमेशा की तरह मैं समाज के साथ खड़ा हूं”।