पंजाब के तरनतारन में लोकसभा चुनाव के दौरान लगाए गए कैमरों का भुगतान करवाने के बदले पचास हजार की रिश्वत मांगने वाले तरनतारन जिले के डीसी के पीए हरमनदीप सिंह और चुनाव विभाग के डाटा एंट्री आपरेटर जगरूप सिंह को विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने गिरफ्तार किया है। दोनों के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है। विजिलेंस के प्रवक्ता ने बताया कि तरनतारन के रहने वाले एक निवासी ने विजिलेंस ब्यूरो को शिकायत में बताया था कि वह फोटोग्राफी का काम करता है। लोकसभा चुनाव में वीडियो कैमरे लगाए थे, जिसके भुगतान के बदले डीसी के पीए हरमनदीप सिंह और चुनाव विभाग के डाटा एंट्री आपरेटर जगरूप सिंह ने पचास हजार की रिश्वत मांगी। दोनों को बीस हजार की राशि पहले दे दी, जबकि बीस हजार बुधवार को देने का समय तय किया गया। बुधवार को बीस हजार रुपए लेते विजिलेंस की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। प्रवक्ता ने बताया कि दस हजार रुपए आरोपियो ने भुगतान के बाद शिकायतकर्ता से वसूल करने थे। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट के तहत विजिलेंस ब्यूरो थाना अमृतसर में केस दर्ज कर लिया गया है। दोनों को वीरवार को अदालत में पेश किया गया। दोनों की चल अचल संपत्ति की जांच की जा रही है। पंजाब के तरनतारन में लोकसभा चुनाव के दौरान लगाए गए कैमरों का भुगतान करवाने के बदले पचास हजार की रिश्वत मांगने वाले तरनतारन जिले के डीसी के पीए हरमनदीप सिंह और चुनाव विभाग के डाटा एंट्री आपरेटर जगरूप सिंह को विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने गिरफ्तार किया है। दोनों के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है। विजिलेंस के प्रवक्ता ने बताया कि तरनतारन के रहने वाले एक निवासी ने विजिलेंस ब्यूरो को शिकायत में बताया था कि वह फोटोग्राफी का काम करता है। लोकसभा चुनाव में वीडियो कैमरे लगाए थे, जिसके भुगतान के बदले डीसी के पीए हरमनदीप सिंह और चुनाव विभाग के डाटा एंट्री आपरेटर जगरूप सिंह ने पचास हजार की रिश्वत मांगी। दोनों को बीस हजार की राशि पहले दे दी, जबकि बीस हजार बुधवार को देने का समय तय किया गया। बुधवार को बीस हजार रुपए लेते विजिलेंस की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। प्रवक्ता ने बताया कि दस हजार रुपए आरोपियो ने भुगतान के बाद शिकायतकर्ता से वसूल करने थे। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट के तहत विजिलेंस ब्यूरो थाना अमृतसर में केस दर्ज कर लिया गया है। दोनों को वीरवार को अदालत में पेश किया गया। दोनों की चल अचल संपत्ति की जांच की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मोगा में 17 वर्षीय युवती की मौत:परिजनों ने जहरीला पदार्थ खिलाने का लगाया आरोप, थाने के सामने शव रखकर किया हंगामा
मोगा में 17 वर्षीय युवती की मौत:परिजनों ने जहरीला पदार्थ खिलाने का लगाया आरोप, थाने के सामने शव रखकर किया हंगामा मोगा जिले में एक 17 वर्षीय युवती की हुई मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने एक युवक पर जहरीला पदार्थ देने के आरोप लगाए है। घटना से नाराज परिजनों ने लड़की का शव थाने के सामने रखकर धरना प्रदर्शन किया। कस्बा निहाल सिंह वाला में एक किशोरी द्वारा जहरीली दवा पीने से गुस्साए लोगों ने इस मौत के लिए जिम्मेदार युवक के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की और थाने के सामने धरना प्रदर्शन किया। परिजनों ने आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है। परजनों ने लगाया हत्या का आरोप मृतक लड़की के भाई जगजीत सिंह ने बताया कि उसकी 17 वर्षीय बहन की आरोपी गुरविंदर सिंह उर्फ हनी बस्ती जीवन सिंह नगर निहाल सिंह वाला ने हत्या कर दी। वह उसे अपने मामा के घर ले गया और जबरदस्ती जहरीली वस्तु खिला दी। जब लड़की के परिवार वालों को इस बात का पता चला तो वे लड़की को गंभीर हालत में लड़के के मामा के घर से ले आए और उसे निहाल सिंह वाला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज वही लड़की के परिवार वाले मांग कर रहे थे कि कथित दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए और उनकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए। पुलिस ने गुरविंदर सिंह उर्फ हनी पुत्र सीरा सिंह निवासी जीवन सिंह नगर, निहाल सिंह वाला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि आरोपी की मां, ससुर और मामा के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। इस मौत के लिए कौन जिम्मेदार हैं, अन्यथा मृतक का दाह संस्कार नहीं किया जाएगा और धरना जारी रहेगा। थाना प्रभारी ने दी जानकारी थाना प्रभारी अमरजीत सिंह ने कहा कि पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
जालंधर वेस्ट सीट पर AAP की रिकॉर्ड जीत के मायने:CM फ्रंट-फुट पर रहे, विश्वास जीतने के लिए लिया घर; कांग्रेस-भाजपा ने खोया कैडर वोट
जालंधर वेस्ट सीट पर AAP की रिकॉर्ड जीत के मायने:CM फ्रंट-फुट पर रहे, विश्वास जीतने के लिए लिया घर; कांग्रेस-भाजपा ने खोया कैडर वोट जालंधर वेस्ट सीट पर हुए विधानसभा उप-चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने सीएम भगवंत मान की सपोर्ट से 55246 वोट हासिल किए और तकरीबन 37325 वोट से जीत हासिल की। जालंधर वेस्ट में ये अभी तक की सबसे बढ़ी जीत मानी जा रही है, जबकि पूर्व विधायक व भाजपा के उम्मीदवार शीतल अंगुराल 17921 वोट और कांग्रेस की सुरिंदर कौर 16757 वोटों के साथ कैडर वोट भी नहीं जुटा पाए। विधानसभा 2022 के चुनावों में 39213 वोट AAP ने हासिल किए थे। जबकि कांग्रेस को 34960 और भाजपा को 33486 वोट मिले थे। लेकिन इस बार आंकड़ों में भारी बदलाव हुआ। भास्कर एक्सप्लेनर में जानें AAP की जीत का रहस्य- 6 फैक्टर्स, जिसने AAP को दिलाई जीत- 1. सीएम मान का विश्वास व एक्शन लोकसभा चुनावों में AAP की हार के बाद सीएम भगवंत मान के लिए ये उप-चुनाव एक कड़ी चुनौती बना, जिसे उन्होंने फ्रंट पर रहते हुए जीता है। चुनावों की घोषणा व मोहिंदर भगत का नाम घोषित होने के बाद सीएम का खुद जालंधर में घर लेना और सप्ताह में दो दिन यहां रुकने की घोषणा ने वोटरों को एक बार फिर AAP पर विश्वास करने के लिए मजबूर किया। 2. खुद प्रचार के लिए उतरे CM
मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम AAP प्रचार लिस्ट में चाहे नीचे था, लेकिन पूरे प्रचार की कमान उन्होंने ही संभाल ली थी। अंतिम दिनों में सीएम मान ने खुद मीटिंगें करनी शुरू की। एक दिन में सीएम मान ने 4 से 5 मीटिंग्स का लक्ष्य रखा था। भीड़ के बीच आम नागरिक की तरह सीएम मान को घूमते देख वोटरों का विश्वास बढ़ा और AAP को उसका फायदा हुआ। 3. मिस CM मान ने संभाली कमान CM मान खुद फ्रंट फुट पर खेल रहे थे, लेकिन उन्हें मिस CM व अपनी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर का साथ भी इन चुनावों में मिला। चुनाव घोषणा के बाद सीएम मान के साथ डॉ. गुरप्रीत कौर भी जालंधर में शिफ्ट हो गईं। हाथ में कुछ महीनों की बेटी को पकड़ जालंधर में खरीदे घर में प्रवेश ने लोगों के दिलों में छाप छोड़ी। इसके बाद सीएम मान की गैर हाजिरी में उन्होंने कैंप ऑफिस में लोगों की मुश्किलों को सुना भी और तत्काल उनकी समस्याओं को हल भी करवाया। इतना ही नहीं, डॉ. गुरप्रीत कौर खुद नुक्कड़ मीटिंगों में पहुंची और फीमेल वोटरों का विश्वास जीता। 4. जालंधर वेस्ट में 50% से अधिक SC वोटर जालंधर लोकसभा चुनावों में सांसद बने कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी की जीत का सबसे बढ़ा कारण SC व रविदासिया समुदाय का समर्थन मिलना था। जालंधर वेस्ट की बात करें ताे यहां 50% से अधिक वोटर SC, रविदासिया व भगत समुदाय का है। चुनावों की घोषणा के बाद से ही मोहिंदर पाल भगत को भगत समुदाय ने समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद रविदासिया समुदाय भी खुलकर उनके साथ चला। पूर्ण रूप से SC वोटर का साथ मिलने के बाद मोहिंदर पाल भगत की जीत लगभग तय हो चुकी थी। 5. AAP सरकार की स्कीमों का लाभ जालंधर वेस्ट में अधिकतर आबादी बस्तियों में बस्ती है, जो बिलो पावर्टी लाइन (BPL) कैटेगरी में आते हैं। जल्लवाल आबादी, भारगो कैंप, बस्ती दानिश मनदा, बस्ती गुजां, बबरीक चौक और बस्ती नौ ऐसे इलाके हैं, जहां अधिकतर वोटर हैं। AAP को इन इलाकों से काफी अधिक फायदा हुआ। 600 यूनिट के बाद भी इन्हें बिजली मुफ्त है और आटा दाल स्कीम से यहां कई घरों के चूल्हे चलते हैं। 6. साफ छवि व चुन्नी लाल भगत के परिवार की छाप रही भारी मोहिंदर पाल भगत पूर्व भाजपा विधायक व पंजाब सरकार में मंत्री रहे चुनी लाल भगत के बेटे हैं। चुनी लाल भगत की तरह आज तक मोहिंदर पाल भगत की छवि पर कोई उंगली नहीं उठा सका। AAP व CM मान ने उनकी छवि को आगे रखकर ही प्रचार शुरू किया। जबकि कांग्रेस पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर के एक भी काम को प्रमुख रखकर वोट नहीं मांग सकी। वहीं, भाजपा के उम्मीदवार शीतल अंगुराल को वोटरों ने दल बदल का टैग लगाते हुए निकारा। जाने क्यों जरूरी थी AAP के लिए ये जीत AAP को लोकसभा 2024 के चुनावों में पंजाब में सरकार होने के बावजूद करारी हार का सामना करना पड़ा था। AAP कम होती पॉपुलैरिटी को दोबारा खड़ा करने के लिए ये जीत काफी मायने रखती है। पंजाब में पंचायती चुनाव, नगर निगम चुनाव, दोनों पैंडिंग हैं। वहीं, आने वाले 6 महीनों में 4 और सीटों पर विधानसभा उप-चुनाव आने वाले हैं। लोकसभा चुनाव के बाद अगर इस विधानसभा उप-चुनाव में भी हार मिलती तो AAP के वर्कर नैतिक रूप से कमजोर जो जाती। कांग्रेस बेहतर प्लानिंग की तरफ बढ़ेगी कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 7 सीटें जीतने और राज्य में 26.30% वोट हासिल करने के बाद सबसे बढ़ी पार्टी बन चुकी है। लोकसभा चुनाव जालंधर में जीतने के बाद भी उप-चुनाव में हार के लिए कांग्रेस को अब मंथन की आवश्यकता है। 2022 में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद से कई सीनियर लीडर चुप्पी साध चुके हैं और PPCC से उलट चल रहे हैं। कांग्रेस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती उन्हें इकट्ठे करके आने वाले समय में 4 लोकसभा सीटों, डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल और बरनाला पर होने वाले उप-चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना है। कांग्रेस के लिए ये चार सीटों में से तीन पर जीत हासिल करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि 2022 में इनमें से तीन सीटों डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा और चब्बेवाल पर कांग्रेस का कब्जा था। भाजपा खुद को मजबूत करने में जुटी भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जिसके पास पंजाब से एक भी लोकसभा सीट नहीं है, लेकिन राज्य की वे तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा विस्तार की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में उसका लक्ष्य अपने कैडर वोटर को बढ़ाना है। दल बदलू का टैग पाकर शीतल अंगुराल उप-चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके और दूसरे स्थान पर रहे हैं। सिर्फ उनके ही नहीं, सुशील कुमार रिंकू के लिए भी भाजपा में अपना स्थान बनाए रखना एक चुनौती है। अकाली दल ने BSP का सपोर्ट कर पल्ला झाड़ा 2017 व उसके बाद हुए सभी लोकसभा व विधानसभा चुनावों में अकाली दल लगातार नीचे गिरता जा रहा है। अब जब अकाली दल में अंतर-कलह ही बहुत अधिक बढ़ चुकी है तो सीनियर लीडरशिप ने बहुजन समाज पार्टी का साथ देने की घोषणा करते हुए इन चुनावों से ही दूर कर लिया। हालात ऐसे बने की अध्यक्ष सुखबीर बादल और चंदूमाजरा समर्थक बागी गुट के बीच खुद को फंसता देख अकाली दल उम्मीदवार सुरजीत कौर ने ही दल बदल AAP जाइन कर ली। चूंकि, सुरजीत कौर नामांकन वापस ना ले सकी, AAP में जाने के बाद भी वे अकाली दल की उम्मीदवार रहीं। इन परिणामों अकाली दल व BSP के परिणाम ने सभी को हैरान कर दिया। अकाली दल का समर्थन पा कर भी BSP पांचवें नंबर और अकाली दल उससे अधिक वोटें हासिल कर सकी। 4 उप-चुनावों में भी CM मान को दिखानी होगी ताकत जालंधर वेस्ट चुनाव के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती चार सीटों डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल और बरनाला के उप-चुनाव होंगे। AAP के लिए अपनी गिरी पॉपुलैरिटी को उठाने का यहां सबसे अच्छा मौका होगा। सीएम मान के बाद पंजाब में अभी तक कोई दूसरा बड़ा चेहरा नहीं है और ये पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान भी है। ऐसे में जालंधर उप-चुनाव की तरह ही इन विधानसभा हलकों की कमान सीएम मान को खुद संभालनी होगी। बरनाला तो AAP का गढ़ है। CM मान इसे अपने हाथ से नहीं जाने देंगे। वहीं, चब्बेवाल के पूर्व विधायक डॉ. राज कुमार के दल-बदल कर सांसद बन जाने के बाद यहां भी AAP स्ट्रॉन्ग हुई है। डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा दो कांग्रेस की सीटें हैं, जिनकी सेंधमारी के लिए CM मान को कड़ी मेहनत करनी होगी।
हरियाणा-पंजाब, हिमाचल के 10 बड़े चेहरों की सीटों का हाल:कंगना, हरसिमरत, खट्टर और अनुराग जीते, विक्रमादित्य हारे; महारानी परनीत कौर पराजित
हरियाणा-पंजाब, हिमाचल के 10 बड़े चेहरों की सीटों का हाल:कंगना, हरसिमरत, खट्टर और अनुराग जीते, विक्रमादित्य हारे; महारानी परनीत कौर पराजित लोकसभा चुनाव के लिए देश की 543 सीटों पर मतगणना पूरी हो गई है। इसके बाद कुछ कैंडिडेट्स के रिजल्ट घोषित कर दिए हैं, वहीं, कुछ का आधिकारिक घोषणा बाकी है। हालांकि, उम्मीदवारों की जीत और हार रुझानों से लगभग तय हो चुकी है। इन उम्मीदवारों में हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कुछ ऐसे दिग्गज हैं, जिन पर पूरे देश की निगाह थी। इनमें हरियाणा से पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर, राज बब्बर और नवीन जिंदल हैं। पंजाब से हरिसमरत कौर बादल, महारानी परनीत कौर, खालिस्तान समर्थक अमृतपाल हैं। हिमाचल प्रदेश से कंगना रनोट, विक्रमादित्य सिंह और अनुराग ठाकुर हैं। इनमें कंगना रनोट ने मंत्री विक्रमादित्य को हरा दिया है। वहीं, हरसिमरत कौर और अनुराग ठाकुर ने जीत हासिल कर ली है। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, VIP कैंडिडेट्स और उनकी स्थिति 1. मनोहर लाल खट्टर
खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के CM रहे। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले BJP ने उन्हें पद से हटाकर करनाल से उम्मीदवार बना दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुलकर उनकी तारीफ कर चुके हैं। उन्हें अपना पुराना साथी बता चुके हैं, जिनकी बाइक पर पीछे बैठकर वह रोहतक से गुरुग्राम जाते थे। करनाल में उनका मुकाबला कांग्रेस के युवा चेहरे दिव्यांशु बुद्धिराजा से था। मतगणना में स्थिति: जीत 2. राज बब्बर
राज बब्बर को कांग्रेस ने गुरुग्राम सीट से लोकसभा उम्मीदवार बनाया था। बब्बर बॉलीवुड स्टार रह चुके हैं। वह पंजाबी समुदाय से आते हैं। यहां उनका मुकाबला 5 बार के सांसद केंद्रीय मंत्री BJP उम्मीदवार राव इंद्रजीत से था। मतगणना में स्थिति: हार 3. नवीन जिंदल
देश के मशहूर उद्योगपति हैं। लगभग 1 हजार करोड़ की संपत्ति के साथ हरियाणा के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। BJP ने उन्हें कुरूक्षेत्र से टिकट दी। उनका मुकाबला I.N.D.I.A. ब्लॉक के कांग्रेस समर्थित AAP उम्मीदवार सुशील गुप्ता और इनेलो नेता अभय चौटाला से था। मतगणना में स्थिति: जीत 4. दीपेंद्र हुड्डा
हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस ने रोहतक से उम्मीदवार बनाया है। वह इस वक्त राज्यसभा सांसद हैं। उनकी हार-जीत पर हुड्डा की सियासी पैठ दांव पर लगी है। उनका मुकाबला भाजपा के सांसद अरविंद शर्मा से था, जिन्होंने पिछली बार महज 7 हजार के अंत से उन्हें हराया था। मतगणना में स्थिति: जीत 5. हरसिमरत कौर बादल
पंजाब के सियासी दिग्गज बादल परिवार की बहू हैं। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत बठिंडा सीट से मौजूदा सांसद हैं। वह केंद्र में मोदी सरकार की इसी टर्म में मंत्री रहीं, लेकिन किसान आंदोलन के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस बार वह भाजपा के सपोर्ट के बिना अकेले चुनाव मैदान में थीं। उनका मुकाबला AAP सरकार के मंत्री गुरमीत खुडि्डयां और पूर्व अकाली मंत्री की BJP उम्मीदवार पूर्व IAS अफसर बहू परमपाल कौर सिद्धू से था। मतगणना में स्थिति: जीत 6. महारानी परनीत कौर
परनीत कौर पटियाला से सांसद हैं। वह कांग्रेस में थीं, लेकिन इस चुनाव से पहले BJP में आ गईं। वह पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं। कांग्रेस की अगुआई वाली सरकार में परनीत केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं। उनका मुकाबला AAP सरकार के मंत्री डॉ. बलबीर सिंह और कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व सांसद धर्मबीर गांधी से था। मतगणना में स्थिति: हारीं 7.अमृतपाल सिंह
अमृतपाल सिंह खालिस्तान समर्थक है। वह इस वक्त देशद्रोह के आरोप में NSA के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वह जेल से ही पंजाब की खडूर साहिब सीट से आजाद चुनाव लड़ा। हालांकि, इससे पहले वह देश के संविधान में सिखों को दिए हक को लेकर सवाल उठाता रहा है। अमृतपाल का मुकाबला कांग्रेस के कुलबीर जीरा, AAP के मंत्री लालजीत भुल्लर और अकाली दल के विरसा सिंह वल्होटा से था। मतगणना में स्थिति: जीत 8. कंगना रनोट
बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। भाजपा ने मंडी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। यह उनका पहला चुनाव था। चुनाव प्रचार के दौरान अपने बेबाक बयानों से वह खूब सुर्खियों में रहीं। उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार मंत्री विक्रमादित्य सिंह से था। मतगणना में स्थिति: जीत 9. अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं। वह अभी हमीरपुर सीट से भाजपा के सांसद हैं। इसी सीट से BJP ने उन्हें फिर से टिकट दिया। वह अभी केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हैं। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार सतपाल रायजादा से था। मतगणना में स्थिति: जीत 10. विक्रमादित्य सिंह
विक्रमादित्य सिंह हिमाचल सरकार में मंत्री हैं। उनकी मां प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष और मंडी सीट से सांसद रही हैं। इसी मंडी सीट से कांग्रेस ने विक्रमादित्य को टिकट दी। विक्रमादित्य पूर्व CM वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। उनका मुकाबला भाजपा की उम्मीदवार कंगना रनोट से था। मतगणना में स्थिति: हार