मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। दरोगा नरेंद्र कुमार ने मूंढापांडे थाने में मुकदमा दर्ज कराया। 3 दिन पहले हाजी रिजवान की मूंढापांडे थाने के सामने पुलिस से हॉट-टॉक हो गई थी। इसका वीडियो भी सामने आया था। इसमें वो गालियां देते नजर आ रहे हैं। वो कह रहे हैं- मुझे जेल में डाल दो। आप बगैर चुनाव के ही रामवीर (भाजपा प्रत्याशी) को जीत का सर्टिफिकेट दे दो। रामवीर का चुनाव भाजपा कार्यकर्ता नहीं, बल्कि पुलिस लड़ रही है। अब वीडियो के आधार पर पुलिस ने रिजवान और उनके 10-15 समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले पर दैनिक भास्कर से हाजी रिजवान ने कहा- मैंने कोई गाली नहीं दी। मैं क्यों गाली दूंगा? मैं तो बस थाने पर गया था। मैंने ये कहा था कि अगर मेरे कार्यकर्ताओं को परेशान किया, तो मैं यहीं धरना बैठ जाऊंगा। मुझे जेल भेज दो। सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने भास्कर को बताया- वीडियो बुधवार का है। हाजी रिजवान कार्यकर्ता को छुड़ाने के लिए थाने पहुंचे थे। इस दौरान हाजी रिजवान-पुलिस के बीच मुंडापांडे थाने के बाहर हॉट-टॉक हुई थी। इसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। दरोगा नरेंद्र कुमार की हूबहू FIR पढ़िए…
बुधवार यानी 6 नवंबर को करीब 3.30 बजे मैं मूढापांडे थाने पर था, तभी अचानक हाजी रिजवान अपने बेटे और 10 से 15 समर्थकों के साथ गाड़ियों से आए। थाने के गेट के बाहर रोड पर खड़े होकर जोर-जोर से पुलिस को भला बुरा कह रहे थे। अपने समर्थकों के साथ हंगामा कर रहे थे। इससे ट्रैफिक प्रभावित हो रहा था। मैं बाहर गया। हाजी रिजवान और उनके बेटे से सड़क से अलग हटकर बातचीत करने के लिए कहा। इस पर हाजी रिजवान, उसके बेटे और समर्थकों ने बिना वजह गालियां देते हुए मेरे साथ धक्का-मुक्की की। पुलिस-प्रशासन को बदनाम करने की नीयत से हंगामा करने लगे। मैंने बमुश्किल हाजी रिजवान और उनके समर्थकों को रोड से हटाया। इस दौरान थाने का अन्य स्टाफ भी मौके पर आ गया। हाजी रिजवान और उनके समर्थक जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चले गए। पुलिस को बदनाम करने की नीयत से एकपक्षीय वीडियो बनाकर राजनीतिक लाभ लेने के मकसद से वायरल कर दिया। इससे मेरी और पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। हाजी रिजवान को हो सकती है 5 साल की जेल
हाजी रिजवान के खिलाफ पुलिस ने BNS की धारा 223 ( सरकारी कार्य में बाधा डालना) , 191 (2) (हिंसा की कोशिश करना) और 121 (1) (लोक सेवक को ड्यूटी करने से रोकना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। धारा 223 में 1 साल तक की जेल और 5 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान है। 191 (2) के तहत 2 साल की सजा हो सकती है। वहीं, 121 (1) में 5 साल तक की जेल हो सकती है हाजी रिजवान कौन? सपा छोड़कर बसपा में गए, फिर सपा जॉइन की
कुंदरकी में डोमघर गांव के रहने वाले हाजी मोहम्मद रिजवान का सियासी सफर 4 दशक पहले शुरू हुआ था। पहली बार 2002 में सपा से चुनाव लड़ा और कुंदरकी सीट से जीते। इसके बाद 2007 में बसपा के हाजी अकबर से वो चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2012 और 2017 में हाजी रिजवान कुंदरकी सीट से विधायक बने। 2022 में सपा ने हाजी रिजवान का टिकट काटकर कुंदरकी सीट से बर्क के पोते जियाउर्रहमान को मैदान में उतारा था। इससे खफा होकर हाजी रिजवान ने सपा छोड़ दी थी और बसपा में चले गए थे। बसपा ने रिजवान ने 2022 का चुनाव लड़ा, लेकिन बुरी तरह उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब संभल के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हुआ तो रिजवान ने वापस सपा जॉइन कर ली। दरअसल, बर्क 2024 चुनाव के लिए संभल सीट से सपा के प्रत्याशी भी थे। उनके निधन के बाद सपा ने कुंदरकी सीट से उनके विधायक पोते जियाउर्रहमान बर्क को संभल सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ाया। जियाउर्रहमान चुनाव जीतकर सांसद बने। ऐसे में उनकी सीट पर उपचुनाव होना तय था। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि सपा हाजी रिजवान को टिकट देगी। कुंदरकी का सियासी समीकरण… मुरादाबाद की कुंदरकी : यहां जीत-हार भाजपा के रामवीर ठाकुर और सपा के हाजी रिजवान का पॉलिटिकल करियर तय करेगी। दरअसल, रामवीर तीन दशक से राजनीति में एक्टिव हैं। दो बार चुनाव लड़े, लेकिन जीत नहीं सके। दूसरी तरफ हाजी रिजवान तीन बार विधायक बने। 2022 में जब उनका टिकट कटा, तो उन्होंने सपा छोड़ दी थी। लोकसभा चुनाव में संभल सीट से जियाउर रहमान बर्क ने सपा के टिकट पर जीत दर्ज की। वह कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक थे। लोकसभा चुनाव में कुंदरकी सीट पर सपा को रिकॉर्ड 57 हजार वोटों से जीत मिली। जियाउर रहमान बर्क को यहां 1.43 लाख वोट मिले, जबकि भाजपा के परमेश्वर लाल सैनी को 86 हजार। यहां पिछले तीनों चुनाव में सपा ने ही जीत दर्ज की। जातिगत समीकरण: इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 58 फीसदी है। इसके अलावा ओबीसी और दलित वोटर्स निर्णायक भूमिका में रहते हैं। ————– ये खबर भी पढ़िए- अखिलेश के पूरे परिवार को पैर छूने पड़ रहे हैं-अनुजेश: करहल में BJP का गोत्र तीर चला तो तेज प्रताप का नुकसान तय…कौन कितना मजबूत प्रत्याशी या परिवार का कोई मतलब नहीं है। सपा ने करहल में जो काम करवाए हैं, वो दिखाई दे रहे हैं। भाजपा ने यहां लोगों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए हैं।- तेज प्रताप यादव, सपा प्रत्याशी पूरे परिवार को घर-घर जाना पड़ रहा है। लोगों के पैर छूने पड़ रहे हैं। इसी से समझ लीजिए कि क्या हो रहा है, करहल की जनता उनका क्या करेगी।- अनुजेश यादव, भाजपा प्रत्याशी भाजपा को करहल में कोई प्रत्याशी नहीं मिला। इसलिए परिवारवाद का विरोध करने वाली पार्टी ने परिवार के सदस्य को कैंडिडेट बना दिया।- डिंपल यादव, सपा सांसद, मैनपुरी ये तीन बयान मैनपुरी की करहल सीट पर सियासी सरगर्मी का तापमान बताने के लिए काफी हैं। सैफई से सटी इस हॉट सीट पर यूपी उपचुनाव में सभी की नजर है। यहां लड़ाई यादव Vs यादव के बीच है। चुनाव की तारीख बढ़ने के बाद यहां प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। पढ़ें पूरी खबर… मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। दरोगा नरेंद्र कुमार ने मूंढापांडे थाने में मुकदमा दर्ज कराया। 3 दिन पहले हाजी रिजवान की मूंढापांडे थाने के सामने पुलिस से हॉट-टॉक हो गई थी। इसका वीडियो भी सामने आया था। इसमें वो गालियां देते नजर आ रहे हैं। वो कह रहे हैं- मुझे जेल में डाल दो। आप बगैर चुनाव के ही रामवीर (भाजपा प्रत्याशी) को जीत का सर्टिफिकेट दे दो। रामवीर का चुनाव भाजपा कार्यकर्ता नहीं, बल्कि पुलिस लड़ रही है। अब वीडियो के आधार पर पुलिस ने रिजवान और उनके 10-15 समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले पर दैनिक भास्कर से हाजी रिजवान ने कहा- मैंने कोई गाली नहीं दी। मैं क्यों गाली दूंगा? मैं तो बस थाने पर गया था। मैंने ये कहा था कि अगर मेरे कार्यकर्ताओं को परेशान किया, तो मैं यहीं धरना बैठ जाऊंगा। मुझे जेल भेज दो। सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने भास्कर को बताया- वीडियो बुधवार का है। हाजी रिजवान कार्यकर्ता को छुड़ाने के लिए थाने पहुंचे थे। इस दौरान हाजी रिजवान-पुलिस के बीच मुंडापांडे थाने के बाहर हॉट-टॉक हुई थी। इसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। दरोगा नरेंद्र कुमार की हूबहू FIR पढ़िए…
बुधवार यानी 6 नवंबर को करीब 3.30 बजे मैं मूढापांडे थाने पर था, तभी अचानक हाजी रिजवान अपने बेटे और 10 से 15 समर्थकों के साथ गाड़ियों से आए। थाने के गेट के बाहर रोड पर खड़े होकर जोर-जोर से पुलिस को भला बुरा कह रहे थे। अपने समर्थकों के साथ हंगामा कर रहे थे। इससे ट्रैफिक प्रभावित हो रहा था। मैं बाहर गया। हाजी रिजवान और उनके बेटे से सड़क से अलग हटकर बातचीत करने के लिए कहा। इस पर हाजी रिजवान, उसके बेटे और समर्थकों ने बिना वजह गालियां देते हुए मेरे साथ धक्का-मुक्की की। पुलिस-प्रशासन को बदनाम करने की नीयत से हंगामा करने लगे। मैंने बमुश्किल हाजी रिजवान और उनके समर्थकों को रोड से हटाया। इस दौरान थाने का अन्य स्टाफ भी मौके पर आ गया। हाजी रिजवान और उनके समर्थक जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चले गए। पुलिस को बदनाम करने की नीयत से एकपक्षीय वीडियो बनाकर राजनीतिक लाभ लेने के मकसद से वायरल कर दिया। इससे मेरी और पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। हाजी रिजवान को हो सकती है 5 साल की जेल
हाजी रिजवान के खिलाफ पुलिस ने BNS की धारा 223 ( सरकारी कार्य में बाधा डालना) , 191 (2) (हिंसा की कोशिश करना) और 121 (1) (लोक सेवक को ड्यूटी करने से रोकना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। धारा 223 में 1 साल तक की जेल और 5 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान है। 191 (2) के तहत 2 साल की सजा हो सकती है। वहीं, 121 (1) में 5 साल तक की जेल हो सकती है हाजी रिजवान कौन? सपा छोड़कर बसपा में गए, फिर सपा जॉइन की
कुंदरकी में डोमघर गांव के रहने वाले हाजी मोहम्मद रिजवान का सियासी सफर 4 दशक पहले शुरू हुआ था। पहली बार 2002 में सपा से चुनाव लड़ा और कुंदरकी सीट से जीते। इसके बाद 2007 में बसपा के हाजी अकबर से वो चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2012 और 2017 में हाजी रिजवान कुंदरकी सीट से विधायक बने। 2022 में सपा ने हाजी रिजवान का टिकट काटकर कुंदरकी सीट से बर्क के पोते जियाउर्रहमान को मैदान में उतारा था। इससे खफा होकर हाजी रिजवान ने सपा छोड़ दी थी और बसपा में चले गए थे। बसपा ने रिजवान ने 2022 का चुनाव लड़ा, लेकिन बुरी तरह उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब संभल के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हुआ तो रिजवान ने वापस सपा जॉइन कर ली। दरअसल, बर्क 2024 चुनाव के लिए संभल सीट से सपा के प्रत्याशी भी थे। उनके निधन के बाद सपा ने कुंदरकी सीट से उनके विधायक पोते जियाउर्रहमान बर्क को संभल सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ाया। जियाउर्रहमान चुनाव जीतकर सांसद बने। ऐसे में उनकी सीट पर उपचुनाव होना तय था। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि सपा हाजी रिजवान को टिकट देगी। कुंदरकी का सियासी समीकरण… मुरादाबाद की कुंदरकी : यहां जीत-हार भाजपा के रामवीर ठाकुर और सपा के हाजी रिजवान का पॉलिटिकल करियर तय करेगी। दरअसल, रामवीर तीन दशक से राजनीति में एक्टिव हैं। दो बार चुनाव लड़े, लेकिन जीत नहीं सके। दूसरी तरफ हाजी रिजवान तीन बार विधायक बने। 2022 में जब उनका टिकट कटा, तो उन्होंने सपा छोड़ दी थी। लोकसभा चुनाव में संभल सीट से जियाउर रहमान बर्क ने सपा के टिकट पर जीत दर्ज की। वह कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक थे। लोकसभा चुनाव में कुंदरकी सीट पर सपा को रिकॉर्ड 57 हजार वोटों से जीत मिली। जियाउर रहमान बर्क को यहां 1.43 लाख वोट मिले, जबकि भाजपा के परमेश्वर लाल सैनी को 86 हजार। यहां पिछले तीनों चुनाव में सपा ने ही जीत दर्ज की। जातिगत समीकरण: इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 58 फीसदी है। इसके अलावा ओबीसी और दलित वोटर्स निर्णायक भूमिका में रहते हैं। ————– ये खबर भी पढ़िए- अखिलेश के पूरे परिवार को पैर छूने पड़ रहे हैं-अनुजेश: करहल में BJP का गोत्र तीर चला तो तेज प्रताप का नुकसान तय…कौन कितना मजबूत प्रत्याशी या परिवार का कोई मतलब नहीं है। सपा ने करहल में जो काम करवाए हैं, वो दिखाई दे रहे हैं। भाजपा ने यहां लोगों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए हैं।- तेज प्रताप यादव, सपा प्रत्याशी पूरे परिवार को घर-घर जाना पड़ रहा है। लोगों के पैर छूने पड़ रहे हैं। इसी से समझ लीजिए कि क्या हो रहा है, करहल की जनता उनका क्या करेगी।- अनुजेश यादव, भाजपा प्रत्याशी भाजपा को करहल में कोई प्रत्याशी नहीं मिला। इसलिए परिवारवाद का विरोध करने वाली पार्टी ने परिवार के सदस्य को कैंडिडेट बना दिया।- डिंपल यादव, सपा सांसद, मैनपुरी ये तीन बयान मैनपुरी की करहल सीट पर सियासी सरगर्मी का तापमान बताने के लिए काफी हैं। सैफई से सटी इस हॉट सीट पर यूपी उपचुनाव में सभी की नजर है। यहां लड़ाई यादव Vs यादव के बीच है। चुनाव की तारीख बढ़ने के बाद यहां प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर