IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता बोली- वो चेहरे नहीं देखना चाहती:कोर्ट में आते-जाते सब घूरते हैं, एग्जाम की तैयारी भी नहीं कर पा रही

IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता बोली- वो चेहरे नहीं देखना चाहती:कोर्ट में आते-जाते सब घूरते हैं, एग्जाम की तैयारी भी नहीं कर पा रही

IIT-BHU की बीटेक छात्रा कोर्ट के चक्कर लगाकर डिप्रेशन में चली गई है। गैंगरेप के एक साल बाद कोर्ट में पीड़िता ने बयान दिए। मगर जिरह के लिए दो महीने में छह बार कोर्ट जाना पड़ा। हर बार नई तारीख मिल रही है। छात्रा ने अपने वकील के जरिए कोर्ट को दिए लेटर में कहा- मेरी परीक्षाएं चल रही हैं। कैंपस से बार-बार कोर्ट के चक्कर लगाना मेरे लिए परेशानी भरा है। मैं एग्जाम की तैयारी भी नहीं कर पा रही। बार-बार कोर्ट आना और रेप के आरोपियों से सामना मुश्किल भरा होता जा रहा है। छात्रा ने वकील के जरिए कोर्ट क्या अर्जी लगाई है…
कहा- कोर्ट में आने के दौरान कई नजरें घूरती हैं
देशभर में सुर्खियों में रहने वाले गैंगरेप केस में पीड़िता को ‘इंसाफ का इंतजार‘ है। कोर्ट में छात्रा के बयान पर जिरह लगातार टलती जा रही है। गैंगरेप पीड़िता ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज तक अपना दर्द पहुंचाया है। छात्रा ने वकील के जरिए वर्चुअल पेशी की मांग की है।
पीड़िता ने बताया कि उसकी परीक्षाएं चल रही हैं और कैंपस से कोर्ट के चक्कर लगाना परेशानी भरा है। इससे पढ़ाई और एग्जाम पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा- कोर्ट की तारीखों में परीक्षा की तैयारी उलझ गई है, न्याय के लिए इंतजार भी लंबा होता नजर आ रहा है। जब हम आते हैं तो बहुत से लोगों की नजरों से गुजरते हैं, हर बार आने-जाने पर सामाजिक उपेक्षा का एहसास होता है। वहीं कोर्ट में आरोपी भी सामने खड़े होते हैं। कोर्ट मेरी मनोदशा समझे, हमारे बयान-जिरह के साथ ही हर पेशी को ऑनलाइन किया जाए, ताकि कैंपस से ही जुड़कर कोर्ट कार्रवाई का हिस्सा बन सकें। (अब अगली तारीख पर पीड़िता के प्रार्थनापत्र पर जज फैसला लेंगे।) 11 नवंबर को पीड़िता कोर्ट में जिरह के लिए आएगी
वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट में गैंगरेप केस की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। इस दिन भी कोर्ट में गैंगरेप के तीनों आरोपियों से पीड़िता का आमना-सामना होगा। 2 आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। जो खुद कोर्ट पहुंचेंगे, वहीं जेल में निरुद्ध तीसरे आरोपी की पेशी पुलिस अभिरक्षा में कराई जाएगी। तीसरे की रिहाई की कोशिश जारी है, जिस पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी। वहीं, पीड़िता अपने दोस्त के साथ पुलिस की सुरक्षा में कोर्ट में पेश होगी और बयान दर्ज कराकर हॉस्टल लाई जाएगी। केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल पर है। पीड़िता की ओर से घटना से जुड़े गवाहों के बयान होना बाकी हैं। अभी कई गवाहों के बयान और जिरह बाकी
केस में मुख्य वादी पीड़िता के अलावा कई गवाह बनाए गए हैं। चश्मदीद गवाह, विवेचक, महिला डॉक्टर, महिला शिक्षक, महिला पुलिस कर्मी और अफसरों को बयान देना है। नियमानुसार सबसे पहले पीड़िता फिर आरोपियों के बयान होते हैं, जो अभी पूरे नहीं हो सके हैं।
वहीं पीड़िता के बयान पर लगातार छह तारीख से जिरह जारी है। वहीं पीड़िता के अलावा सूची में शामिल अन्य किसी भी गवाह या केस से जुड़े व्यक्ति के अब तक बयान नहीं हो सके हैं। बता दें कि इस हाई प्रोफाइल केस में पुलिस एक्शन शुरुआत से लेट रहा। FIR होने 60 दिन बाद यानी 30 दिसंबर, 2023 को 3 आरोपियों को पुलिस मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर पाई थी। मगर लचर पैरवी से सिर्फ 7 महीने में इलाहाबाद हाईकोर्ट से कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को जमानत मिल गई। तीसरा आरोपी सक्षम पटेल अभी जेल में है। 22 अगस्त को पीड़िता ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया
छात्रा के वकील मनोज गुप्ता ने बताया- कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई तेज कर दी है। केस में सबसे पहले छात्रा को कोर्ट ने 22 अगस्त को बुलाया था। पुलिस सुरक्षा में छात्रा को कोर्ट में पेश किया गया। BHU की वारदात को छात्रा ने कोर्ट के सामने रखा। उसने बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की, धमकाया और फिर फरार हो गए। घटना के बाद से कई तरह का दबाव भी महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है, इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती है। छात्रा बोली- सब अंधेरे में हुआ, फिर भी 2 को पहचाना
छात्रा ने कहा- 4 नवंबर को तत्कालीन ACP प्रवीण कुमार सिंह ने अपने मोबाइल में संदिग्धों के फोटो दिखाए थे। मुझे बताया कि सोशल मीडिया और सर्विलांस लोकेशन के जरिए ये फोटो कलेक्ट किए हैं। मेरे साथ जो कुछ हुआ, वो रात के अंधेरे में हुआ था। मगर फिर भी मैंने दो और मेरे दोस्त ने एक आरोपी को पहचान लिया था। जब मैंने आरोपियों की पहचान स्पष्ट की, तब पुलिस उनकी तलाश में जुटी थी। BHU में उस रात क्या हुआ, ये पढ़िए… IIT-BHU के न्यू गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली बीटेक छात्रा ने पुलिस को तहरीर में बताया कि वह 1/2 नवंबर, 2023 की रात 1:30 बजे टहलने निकली थी। हॉस्टल से आगे बढ़ने पर गांधी स्मृति हॉस्टल के पास उसे उसका दोस्त मिला। दोनों टहलते हुए कर्मन वीर बाबा मंदिर की ओर बढ़ रहे थे। करीब 300 मीटर पहले पीछे से एक बुलेट आई। उस पर 3 लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया। इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे जबरन किस किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची। मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मार देने की धमकी देने लगे। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया। मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे मैं एक प्रोफेसर के घर में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे IIT-BHU पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने हॉस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था। (बाद में CCTV से आरोपियों की पहचान हुई) आरोपियों के खिलाफ अब तक 2 चार्जशीट दाखिल
गैंगरेप केस में आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने अब तक 2 चार्जशीट दाखिल की हैं। इसमें पहली 17 जनवरी को कोर्ट में पेश की गई, जिसमें आरोपियों के खिलाफ 376 (डी) समेत अन्य धाराएं शामिल की गईं। केस में कार्रवाई के बीच पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर लगाया, इसमें भी अगले हफ्ते ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई। पुलिस ने आनंद चौहान उर्फ अभिषेक को गैंग लीडर बताया है। वहीं, कुणाल और सक्षम उसके गिरोह के सदस्य बताए गए हैं। इसमें पुलिस ने आनंद उर्फ अभिषेक और उसके परिजन के खिलाफ 29 जून, 2022 को भेलूपुर थाने में छेड़खानी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया था। IIT-BHU गैंगरेप के आरोपी BJP नेताओं से जुड़े हुए
IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगस्त में जमानत दे दी। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत याचिका पर सुनवाई जारी है। जमानत के बाद आनंद नगवा कॉलोनी स्थित घर पहुंचा तो उसका स्वागत किया गया था। बृज इन्क्लेव में कुणाल को भी परिजनों और रिश्तेदारों ने हाथों हाथ लिया था। गैंगरेप के तीनों आरोपी भाजपा IT सेल से जुड़े थे। सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे। पीड़िता अपने बयान पर कायम, कितना समय लगेगा यह तय नहीं ADGC (फौजदारी) मनोज गुप्ता ने बताया कि हम कोर्ट की कार्रवाई को आगे ले जा रहे हैं, लगातार सुनवाई और जिरह का प्रयास है। बचाव पक्ष का प्रयास रहता है कि किसी न किसी तरह से मामले में देरी हो और अगली तारीख बढ़ जाए। पिछली कुछ तारीख से ऐसा ही हो रहा है, जो कार्रवाई पर असर डाल रहा है। पीड़िता की मनोदशा थोड़ी ठीक नहीं है और वह कोर्ट में बार-बार आने में असहज महसूस कर रही है। हालांकि, पीड़िता मजबूती के साथ कोर्ट में अपने बयान पर कायम है। उसने पूरा घटनाक्रम मौखिक और लिखित दिया है। उसके साथ मौजूद उसका दोस्त भी सुनवाई की तारीख पर अदालत आता है। पीड़िता ने कोर्ट को अपनी दुश्वारियां गिनाई हैं, कोर्ट के समक्ष प्रार्थनापत्र दिया है। पीड़िता का बयान और पुलिस की प्रभावी विवेचना आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त आधार साबित होगी। मगर, फैसला होने में कितना समय लगेगा, इसे लेकर अभी कुछ कह पाना संभव नहीं होगा। कोर्ट अपनी कार्रवाई पूरी तरह से आगे बढ़ रहा है। ये भी पढ़ें : कानपुर में दरोगा से परेशान युवक ने किया सुसाइड: ट्रेन के सामने लेटा, सिर धड़ से अलग हुआ; बहनोई से था पैसे का विवाद कानपुर में एक युवक ने ट्रेन से कट कर आत्महत्या कर ली। उसकी पहचान जाजमऊ के दानिश खान के रूप में हुई है। पुलिस को शव के पास से 3 पन्ने का सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें उसने एक दरोगा और अपने बहनोई पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। परिजनों का कहना है कि उन दोनों से परेशान होकर ही दानिश ने सुसाइड किया है। यहां पढ़ें पूरी खबर IIT-BHU की बीटेक छात्रा कोर्ट के चक्कर लगाकर डिप्रेशन में चली गई है। गैंगरेप के एक साल बाद कोर्ट में पीड़िता ने बयान दिए। मगर जिरह के लिए दो महीने में छह बार कोर्ट जाना पड़ा। हर बार नई तारीख मिल रही है। छात्रा ने अपने वकील के जरिए कोर्ट को दिए लेटर में कहा- मेरी परीक्षाएं चल रही हैं। कैंपस से बार-बार कोर्ट के चक्कर लगाना मेरे लिए परेशानी भरा है। मैं एग्जाम की तैयारी भी नहीं कर पा रही। बार-बार कोर्ट आना और रेप के आरोपियों से सामना मुश्किल भरा होता जा रहा है। छात्रा ने वकील के जरिए कोर्ट क्या अर्जी लगाई है…
कहा- कोर्ट में आने के दौरान कई नजरें घूरती हैं
देशभर में सुर्खियों में रहने वाले गैंगरेप केस में पीड़िता को ‘इंसाफ का इंतजार‘ है। कोर्ट में छात्रा के बयान पर जिरह लगातार टलती जा रही है। गैंगरेप पीड़िता ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज तक अपना दर्द पहुंचाया है। छात्रा ने वकील के जरिए वर्चुअल पेशी की मांग की है।
पीड़िता ने बताया कि उसकी परीक्षाएं चल रही हैं और कैंपस से कोर्ट के चक्कर लगाना परेशानी भरा है। इससे पढ़ाई और एग्जाम पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा- कोर्ट की तारीखों में परीक्षा की तैयारी उलझ गई है, न्याय के लिए इंतजार भी लंबा होता नजर आ रहा है। जब हम आते हैं तो बहुत से लोगों की नजरों से गुजरते हैं, हर बार आने-जाने पर सामाजिक उपेक्षा का एहसास होता है। वहीं कोर्ट में आरोपी भी सामने खड़े होते हैं। कोर्ट मेरी मनोदशा समझे, हमारे बयान-जिरह के साथ ही हर पेशी को ऑनलाइन किया जाए, ताकि कैंपस से ही जुड़कर कोर्ट कार्रवाई का हिस्सा बन सकें। (अब अगली तारीख पर पीड़िता के प्रार्थनापत्र पर जज फैसला लेंगे।) 11 नवंबर को पीड़िता कोर्ट में जिरह के लिए आएगी
वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट में गैंगरेप केस की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। इस दिन भी कोर्ट में गैंगरेप के तीनों आरोपियों से पीड़िता का आमना-सामना होगा। 2 आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। जो खुद कोर्ट पहुंचेंगे, वहीं जेल में निरुद्ध तीसरे आरोपी की पेशी पुलिस अभिरक्षा में कराई जाएगी। तीसरे की रिहाई की कोशिश जारी है, जिस पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी। वहीं, पीड़िता अपने दोस्त के साथ पुलिस की सुरक्षा में कोर्ट में पेश होगी और बयान दर्ज कराकर हॉस्टल लाई जाएगी। केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल पर है। पीड़िता की ओर से घटना से जुड़े गवाहों के बयान होना बाकी हैं। अभी कई गवाहों के बयान और जिरह बाकी
केस में मुख्य वादी पीड़िता के अलावा कई गवाह बनाए गए हैं। चश्मदीद गवाह, विवेचक, महिला डॉक्टर, महिला शिक्षक, महिला पुलिस कर्मी और अफसरों को बयान देना है। नियमानुसार सबसे पहले पीड़िता फिर आरोपियों के बयान होते हैं, जो अभी पूरे नहीं हो सके हैं।
वहीं पीड़िता के बयान पर लगातार छह तारीख से जिरह जारी है। वहीं पीड़िता के अलावा सूची में शामिल अन्य किसी भी गवाह या केस से जुड़े व्यक्ति के अब तक बयान नहीं हो सके हैं। बता दें कि इस हाई प्रोफाइल केस में पुलिस एक्शन शुरुआत से लेट रहा। FIR होने 60 दिन बाद यानी 30 दिसंबर, 2023 को 3 आरोपियों को पुलिस मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर पाई थी। मगर लचर पैरवी से सिर्फ 7 महीने में इलाहाबाद हाईकोर्ट से कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को जमानत मिल गई। तीसरा आरोपी सक्षम पटेल अभी जेल में है। 22 अगस्त को पीड़िता ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया
छात्रा के वकील मनोज गुप्ता ने बताया- कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई तेज कर दी है। केस में सबसे पहले छात्रा को कोर्ट ने 22 अगस्त को बुलाया था। पुलिस सुरक्षा में छात्रा को कोर्ट में पेश किया गया। BHU की वारदात को छात्रा ने कोर्ट के सामने रखा। उसने बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की, धमकाया और फिर फरार हो गए। घटना के बाद से कई तरह का दबाव भी महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है, इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती है। छात्रा बोली- सब अंधेरे में हुआ, फिर भी 2 को पहचाना
छात्रा ने कहा- 4 नवंबर को तत्कालीन ACP प्रवीण कुमार सिंह ने अपने मोबाइल में संदिग्धों के फोटो दिखाए थे। मुझे बताया कि सोशल मीडिया और सर्विलांस लोकेशन के जरिए ये फोटो कलेक्ट किए हैं। मेरे साथ जो कुछ हुआ, वो रात के अंधेरे में हुआ था। मगर फिर भी मैंने दो और मेरे दोस्त ने एक आरोपी को पहचान लिया था। जब मैंने आरोपियों की पहचान स्पष्ट की, तब पुलिस उनकी तलाश में जुटी थी। BHU में उस रात क्या हुआ, ये पढ़िए… IIT-BHU के न्यू गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली बीटेक छात्रा ने पुलिस को तहरीर में बताया कि वह 1/2 नवंबर, 2023 की रात 1:30 बजे टहलने निकली थी। हॉस्टल से आगे बढ़ने पर गांधी स्मृति हॉस्टल के पास उसे उसका दोस्त मिला। दोनों टहलते हुए कर्मन वीर बाबा मंदिर की ओर बढ़ रहे थे। करीब 300 मीटर पहले पीछे से एक बुलेट आई। उस पर 3 लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया। इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे जबरन किस किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची। मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मार देने की धमकी देने लगे। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया। मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे मैं एक प्रोफेसर के घर में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे IIT-BHU पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने हॉस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था। (बाद में CCTV से आरोपियों की पहचान हुई) आरोपियों के खिलाफ अब तक 2 चार्जशीट दाखिल
गैंगरेप केस में आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने अब तक 2 चार्जशीट दाखिल की हैं। इसमें पहली 17 जनवरी को कोर्ट में पेश की गई, जिसमें आरोपियों के खिलाफ 376 (डी) समेत अन्य धाराएं शामिल की गईं। केस में कार्रवाई के बीच पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर लगाया, इसमें भी अगले हफ्ते ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई। पुलिस ने आनंद चौहान उर्फ अभिषेक को गैंग लीडर बताया है। वहीं, कुणाल और सक्षम उसके गिरोह के सदस्य बताए गए हैं। इसमें पुलिस ने आनंद उर्फ अभिषेक और उसके परिजन के खिलाफ 29 जून, 2022 को भेलूपुर थाने में छेड़खानी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया था। IIT-BHU गैंगरेप के आरोपी BJP नेताओं से जुड़े हुए
IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगस्त में जमानत दे दी। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत याचिका पर सुनवाई जारी है। जमानत के बाद आनंद नगवा कॉलोनी स्थित घर पहुंचा तो उसका स्वागत किया गया था। बृज इन्क्लेव में कुणाल को भी परिजनों और रिश्तेदारों ने हाथों हाथ लिया था। गैंगरेप के तीनों आरोपी भाजपा IT सेल से जुड़े थे। सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे। पीड़िता अपने बयान पर कायम, कितना समय लगेगा यह तय नहीं ADGC (फौजदारी) मनोज गुप्ता ने बताया कि हम कोर्ट की कार्रवाई को आगे ले जा रहे हैं, लगातार सुनवाई और जिरह का प्रयास है। बचाव पक्ष का प्रयास रहता है कि किसी न किसी तरह से मामले में देरी हो और अगली तारीख बढ़ जाए। पिछली कुछ तारीख से ऐसा ही हो रहा है, जो कार्रवाई पर असर डाल रहा है। पीड़िता की मनोदशा थोड़ी ठीक नहीं है और वह कोर्ट में बार-बार आने में असहज महसूस कर रही है। हालांकि, पीड़िता मजबूती के साथ कोर्ट में अपने बयान पर कायम है। उसने पूरा घटनाक्रम मौखिक और लिखित दिया है। उसके साथ मौजूद उसका दोस्त भी सुनवाई की तारीख पर अदालत आता है। पीड़िता ने कोर्ट को अपनी दुश्वारियां गिनाई हैं, कोर्ट के समक्ष प्रार्थनापत्र दिया है। पीड़िता का बयान और पुलिस की प्रभावी विवेचना आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त आधार साबित होगी। मगर, फैसला होने में कितना समय लगेगा, इसे लेकर अभी कुछ कह पाना संभव नहीं होगा। कोर्ट अपनी कार्रवाई पूरी तरह से आगे बढ़ रहा है। ये भी पढ़ें : कानपुर में दरोगा से परेशान युवक ने किया सुसाइड: ट्रेन के सामने लेटा, सिर धड़ से अलग हुआ; बहनोई से था पैसे का विवाद कानपुर में एक युवक ने ट्रेन से कट कर आत्महत्या कर ली। उसकी पहचान जाजमऊ के दानिश खान के रूप में हुई है। पुलिस को शव के पास से 3 पन्ने का सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें उसने एक दरोगा और अपने बहनोई पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। परिजनों का कहना है कि उन दोनों से परेशान होकर ही दानिश ने सुसाइड किया है। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर