टाटा जुडियो फ्रेंचाइजी लेने के लिए 36 लाख ठगे:हिसार के युवक से जालसाजी, साले के साथ करना चाहता था बिजनेस, 9 बार पेमेंट डलवाई

टाटा जुडियो फ्रेंचाइजी लेने के लिए 36 लाख ठगे:हिसार के युवक से जालसाजी, साले के साथ करना चाहता था बिजनेस, 9 बार पेमेंट डलवाई

हरियाणा के हिसार में टाटा जुडियो की फ्रैंचाइजी लेने के नाम पर 36 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। हिसार साइबर क्राइम पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल कर रही है। युवक हिसार के मिल गेट का रहने वाला 24 वर्षीय प्रशांत है। प्रशांत ने पुलिस को दी शिकायत पर बताया कि वह खेती बाड़ी का काम करता है। उसने अक्टूबर महीने में टाटा जुडियो कंपनी (कपड़ा कंपनी) की फ्रेचांइजी के लिए मैने अपनी मेल आईडी से उनकी मेल आईडी info@zudiofranchise-tata.com पर मेल की थी। इसके बाद फ्रॉड के लिए कॉल आने लगी और उनके चक्कर में आकर एक महीने में करीब 30 लाख 52 हजार रुपए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। प्रशांत ने बताया कि जब और पैसों की डिमांड होने लगी तो मैं समझ गया कि किसी ने जालसाजी की है। इसके बाद पुलिस को इस मामले की शिकायत की। पुलिस ने भी पूरे मामले की जांच करने के बाद अज्ञात ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। प्रशांत ने बताया कि वह अपने साले के साथ बिजनेस करना चाहता था। उसने अपने ससुर से कुछ रुपए लिए थे और खुद अपने पैसे दिए थे। विस्तार से जानिये कैसे हुई ठगी…
1. कंपनी की मेल आईडी पर मेल की
प्रशांत ने बताया कि उसने कंपनी की मेल आईडी पर मेल की थी। इसके बाद 5 अक्टूबर को जुडियो कंपनी से मेल का रिप्लाई आया। रिपलाई में कुछ फॉर्म और कंपनी की टर्म कंडीशन भी बताई गई। इसके बाद 11 अक्टूबर को जुडियो कंपनी से मोबाइल न. 8961505847 से कॉल आई और कहा कि आप फ्रेंचाइजी के लिए 2000 स्क्वायर फीट या इससे ऊपर की जगह देख लो। जगह देखने के बाद फिर मुझे कॉल करना। इसके बाद 20 अक्टूबर को जगह देखने के बाद मैने उस जगह की लोकेशन अपने मोबाइल से उनके मोबाइल पर भेज दी। इसके बाद 21 अक्टूबर को उनकी कॉल आई और कहा कि आपकी लोकेशन अप्रूव हो चुकी है और कहा कि हमने आपको कुछ फॉर्म भेजे हैं आप इन फॉर्म को भर कर मेरे पास भेज दें। 2. 17 दिन तक कागजी कार्रवाई करवाते रहे पैसे नहीं मांगे
प्रशांत ने बताया कि 22 अक्टूबर को मैंने उनके द्वारा भेजे गए फॉर्म भर कर उनके पास भेज दिए जिनमे मेरे आधार कार्ड ,फोटो, बैंक खाते की कॉपी, हस्ताक्षर इत्यादि मागे गए थे। ये जानकारी देने के बाद उन्होंने कहा कि आपको कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए 1,17,600 रुपए पे करने होंगे, जिसमे कंपनी से आपकी मीटिंग करवाई जाएगी। कहा कि ये पेमेंट आपकी रिफंडेबल रहेगी। फिर 22 अक्टूबर को ये पेमेंट मैंने उनके द्वारा भेजे गए बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अकाउंट नंबर में मैंने मेरे पिताजी के बैंक अकाउंट से आरटीजीएस से 1,17,600 रुपए भेज दिए। 3. कंपनी के कर्मचारियों ने मीटिंग को कहा
प्रशांत ने बताया कि 23 अक्टूबर को कंपनी की तरफ से कॉल आई और कहा कि आपकी पेमेंट सेक्ससफुल हो चुकी है अब हमारी कंपनी की तरफ से 2 लोग आपसे मीटिंग के लिए आएंगे। इसके बाद 24 अक्टूबर को उन्होंने उन दोनों व्यक्तियों के आधार कार्ड और उनके कंपनी आईकार्ड मेरे पास भेजा। इसके बाद 25 अक्टूबर को एक अन्य व्यक्ति की काल आई और उसने अपना नाम राहुल बताया। राहुल ने बताया कि आपको फ्रेचांइजी से संबधित एक एफिडेवट बनवाना पडे़गा, जिसके लिए आपको 1,57,750 रुपए की RTGS पेमेंट करनी होगी। इसके बाद आपकी कंपनी से मीटिंग होगी, फिर मैंने उनके कहे अनुसार उनके द्वारा भेजे गए अकाउंट नंबर से पिताजी के खाते से 1,57,750 रुपये भेज दिए। 4. पहले RTGS से पेमेंट मांगी, बाद में और पेमेंट मांगी
प्रशांत ने बताया कि इसके बाद उन्होंने 1,58,000 रुपए की एक और पेमेंट करने के लिए कहा। ये पेमेंट 26 अक्टूबर को उनके द्वारा भेजे गए एक्सिस बैंक के खाते में डाली। फिर 28 अक्टूबर को उन्होंने कहा कि कागजी कार्रवाई के लिए आपको 5,90,000 रुपए देने होंगे। जैसे ही मैं पेमेंट करने वाला था कि तभी उनकी काल आई कि आपको 5,90,000 रुपए न करके आपको 8,62,000 रुपए करने होंगे। ये पेमेंट मैंने कैश डिपोजिट मशीन से डलवाई। फिर 29 अक्टूबर को ये पेमेंट होने के बाद उनका फिर मैसेज आया कि अब आपको एनओसी और लैंड डिक्लेयरेशन के लिए और पेमेंट करनी होगी, इसके लिए उन्होंने कहा कि 3,18,000 रुपए और करने होंगे फिर मैंने उनके द्वारा भेजे गए एक्सिस बैंक के खाते में रुपए डलवा दिए। इसके बाद फिर मैंने उनके कहे अनुसार 2,59,600 रुपए डलवाए। 5. बार-बार रुपए मांगे तब शक हुआ
प्रशांत ने बताया कि 29 अक्टूबर को इनका मैसेज आया कि अब आपकी स्टंप ड्यूटी भरनी है। इसके लिए आपको 5,90,000 रुपए की पेमेंट और करनी होगी। मैने 30 अक्टूबर को उनके द्वारा भेजे गए अकाउंट में 90,000 रुपए डलवाये और बाकी कि 5,00,000 रुपए भी डलवा दिए । ये पेमेंट करने के बाद उन्होंने कहा कि ये स्टंप ड्यूटी की 50 प्रतिशत फीस थी, 50 प्रतिशत राशि आपको और पे करनी होगी। फिर 2 नवंबर को मैंने उनके कहे अनुसार 5,90,000 रुपए डलवा दिए। बार-बार रुपए भेजने के बाद फिर मुझे एहसास हो गया कि मेरे साथ जुडियो कंपनी की फ्रेचांइजी के नाम पर फ्रॉड हो रहा है इस तरह से जाल-साजी से फ्रेंचाइजी के नाम पर कुल 30 लाख 52 हजार 950 रुपए हड़प लिए। हरियाणा के हिसार में टाटा जुडियो की फ्रैंचाइजी लेने के नाम पर 36 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। हिसार साइबर क्राइम पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल कर रही है। युवक हिसार के मिल गेट का रहने वाला 24 वर्षीय प्रशांत है। प्रशांत ने पुलिस को दी शिकायत पर बताया कि वह खेती बाड़ी का काम करता है। उसने अक्टूबर महीने में टाटा जुडियो कंपनी (कपड़ा कंपनी) की फ्रेचांइजी के लिए मैने अपनी मेल आईडी से उनकी मेल आईडी info@zudiofranchise-tata.com पर मेल की थी। इसके बाद फ्रॉड के लिए कॉल आने लगी और उनके चक्कर में आकर एक महीने में करीब 30 लाख 52 हजार रुपए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। प्रशांत ने बताया कि जब और पैसों की डिमांड होने लगी तो मैं समझ गया कि किसी ने जालसाजी की है। इसके बाद पुलिस को इस मामले की शिकायत की। पुलिस ने भी पूरे मामले की जांच करने के बाद अज्ञात ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। प्रशांत ने बताया कि वह अपने साले के साथ बिजनेस करना चाहता था। उसने अपने ससुर से कुछ रुपए लिए थे और खुद अपने पैसे दिए थे। विस्तार से जानिये कैसे हुई ठगी…
1. कंपनी की मेल आईडी पर मेल की
प्रशांत ने बताया कि उसने कंपनी की मेल आईडी पर मेल की थी। इसके बाद 5 अक्टूबर को जुडियो कंपनी से मेल का रिप्लाई आया। रिपलाई में कुछ फॉर्म और कंपनी की टर्म कंडीशन भी बताई गई। इसके बाद 11 अक्टूबर को जुडियो कंपनी से मोबाइल न. 8961505847 से कॉल आई और कहा कि आप फ्रेंचाइजी के लिए 2000 स्क्वायर फीट या इससे ऊपर की जगह देख लो। जगह देखने के बाद फिर मुझे कॉल करना। इसके बाद 20 अक्टूबर को जगह देखने के बाद मैने उस जगह की लोकेशन अपने मोबाइल से उनके मोबाइल पर भेज दी। इसके बाद 21 अक्टूबर को उनकी कॉल आई और कहा कि आपकी लोकेशन अप्रूव हो चुकी है और कहा कि हमने आपको कुछ फॉर्म भेजे हैं आप इन फॉर्म को भर कर मेरे पास भेज दें। 2. 17 दिन तक कागजी कार्रवाई करवाते रहे पैसे नहीं मांगे
प्रशांत ने बताया कि 22 अक्टूबर को मैंने उनके द्वारा भेजे गए फॉर्म भर कर उनके पास भेज दिए जिनमे मेरे आधार कार्ड ,फोटो, बैंक खाते की कॉपी, हस्ताक्षर इत्यादि मागे गए थे। ये जानकारी देने के बाद उन्होंने कहा कि आपको कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए 1,17,600 रुपए पे करने होंगे, जिसमे कंपनी से आपकी मीटिंग करवाई जाएगी। कहा कि ये पेमेंट आपकी रिफंडेबल रहेगी। फिर 22 अक्टूबर को ये पेमेंट मैंने उनके द्वारा भेजे गए बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अकाउंट नंबर में मैंने मेरे पिताजी के बैंक अकाउंट से आरटीजीएस से 1,17,600 रुपए भेज दिए। 3. कंपनी के कर्मचारियों ने मीटिंग को कहा
प्रशांत ने बताया कि 23 अक्टूबर को कंपनी की तरफ से कॉल आई और कहा कि आपकी पेमेंट सेक्ससफुल हो चुकी है अब हमारी कंपनी की तरफ से 2 लोग आपसे मीटिंग के लिए आएंगे। इसके बाद 24 अक्टूबर को उन्होंने उन दोनों व्यक्तियों के आधार कार्ड और उनके कंपनी आईकार्ड मेरे पास भेजा। इसके बाद 25 अक्टूबर को एक अन्य व्यक्ति की काल आई और उसने अपना नाम राहुल बताया। राहुल ने बताया कि आपको फ्रेचांइजी से संबधित एक एफिडेवट बनवाना पडे़गा, जिसके लिए आपको 1,57,750 रुपए की RTGS पेमेंट करनी होगी। इसके बाद आपकी कंपनी से मीटिंग होगी, फिर मैंने उनके कहे अनुसार उनके द्वारा भेजे गए अकाउंट नंबर से पिताजी के खाते से 1,57,750 रुपये भेज दिए। 4. पहले RTGS से पेमेंट मांगी, बाद में और पेमेंट मांगी
प्रशांत ने बताया कि इसके बाद उन्होंने 1,58,000 रुपए की एक और पेमेंट करने के लिए कहा। ये पेमेंट 26 अक्टूबर को उनके द्वारा भेजे गए एक्सिस बैंक के खाते में डाली। फिर 28 अक्टूबर को उन्होंने कहा कि कागजी कार्रवाई के लिए आपको 5,90,000 रुपए देने होंगे। जैसे ही मैं पेमेंट करने वाला था कि तभी उनकी काल आई कि आपको 5,90,000 रुपए न करके आपको 8,62,000 रुपए करने होंगे। ये पेमेंट मैंने कैश डिपोजिट मशीन से डलवाई। फिर 29 अक्टूबर को ये पेमेंट होने के बाद उनका फिर मैसेज आया कि अब आपको एनओसी और लैंड डिक्लेयरेशन के लिए और पेमेंट करनी होगी, इसके लिए उन्होंने कहा कि 3,18,000 रुपए और करने होंगे फिर मैंने उनके द्वारा भेजे गए एक्सिस बैंक के खाते में रुपए डलवा दिए। इसके बाद फिर मैंने उनके कहे अनुसार 2,59,600 रुपए डलवाए। 5. बार-बार रुपए मांगे तब शक हुआ
प्रशांत ने बताया कि 29 अक्टूबर को इनका मैसेज आया कि अब आपकी स्टंप ड्यूटी भरनी है। इसके लिए आपको 5,90,000 रुपए की पेमेंट और करनी होगी। मैने 30 अक्टूबर को उनके द्वारा भेजे गए अकाउंट में 90,000 रुपए डलवाये और बाकी कि 5,00,000 रुपए भी डलवा दिए । ये पेमेंट करने के बाद उन्होंने कहा कि ये स्टंप ड्यूटी की 50 प्रतिशत फीस थी, 50 प्रतिशत राशि आपको और पे करनी होगी। फिर 2 नवंबर को मैंने उनके कहे अनुसार 5,90,000 रुपए डलवा दिए। बार-बार रुपए भेजने के बाद फिर मुझे एहसास हो गया कि मेरे साथ जुडियो कंपनी की फ्रेचांइजी के नाम पर फ्रॉड हो रहा है इस तरह से जाल-साजी से फ्रेंचाइजी के नाम पर कुल 30 लाख 52 हजार 950 रुपए हड़प लिए।   हरियाणा | दैनिक भास्कर