सरकारी नौकरी के दौरान बड़ी उपलब्धि हासिल करने पर हरियाणा के सिरसा जिले के गांव बालासर के एक युवक को राष्ट्रपति अवार्ड मिलना था, लेकिन इससे पहले ही युवक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बंद कमरे में अपनी पगड़ी से फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। रानियां पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, बालासर निवासी 24 वर्षीय हरप्रीत उर्फ हैप्पी ढोट साइबर क्राइम की पंचकूला ब्रांच में कार्यरत था। गत दिवस हरप्रीतअपने गांव बालासर ढाणी में आया हुआ था। इस दौरान अपने एक कमरे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्तालाप कर रहा था। हरप्रीत के पिता सुखदेव सिंह ने बताया कि उसका बेटा लैपटॉप से अपना काम कर रहा था। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उसने किस बात को लेकर सुसाइड किया है। पिता गुरुघर में पाठी के तौर पर सेवारत सूत्र बताते हैं कि सुखदेव सिंह की विभागीय शानदार उपलब्धि को लेकर राष्ट्रपति द्वारा अवार्ड मिलना था। सुखदेव सिंह साइबर क्राइम के मामले में काफी एक्सपर्ट माना जाता है, जिसके चलते उन्होंने एक उलझे हुए मामले को सुलझाया। जिस पर उसे राष्ट्रपति अवार्ड के लिए चुना गया। हरप्रीत के पिता सुखदेव सिंह जगजीत नगर के एक गुरुघर में पाठी के तौर पर सेवारत है। सुखदेव सिंह की बेटी सरकारी नौकरी में प्राध्यापक के पद पर तैनात हैं। हरप्रीत के नौकरी लगने से पहले घर के हालात कुछ खस्ता हाल में बताए जाते हैं, लेकिन भाई-बहन की नौकरी के चलते घर के हालात काफी अच्छे बने हुए थे। बताया जाता है कि हरप्रीत के पिता सुखदेव सिंह ने बालासर के नजदीक 7 एकड़ भूमि खरीद के लिए सौदा किया हुआ है, जिसकी अभी रजिस्ट्री करवानी थी। कंबोज बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले हरप्रीत सिंह ढोट तकनीकी शिक्षा के मामले में काफी रुचि रखता था, वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर का एक्सपर्ट था। घर पर ही लैपटॉप पर कर रहा था काम हरप्रीत सिंह द्वारा उठाए गए इस कदम को लेकर उनके पिता सुखदेव सिंह व परिवारजन भारी सदमे में है। उन्हें इस बात की तनिक भी जानकारी नहीं है कि हरप्रीत ने यह कदम क्यों उठाया। बताया जाता है कि हरप्रीत सिंह अपने घर पर लैपटॉप के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त था, इसलिए उसके कमरे में घर का कोई भी सदस्य दखलअंदाजी नहीं करते थे। बताया जाता है कि घटना के समय परिवारजनों को किसी प्रकार का आभास नहीं हुआ। काफी देर तक हरप्रीत सिंह के बोलने की हलचल न होने के उपरांत ही हादसे की जानकारी मिली। जिसके बाद रनिया पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर हरप्रीत सिंह को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक दम तोड़ चुका था। हरप्रीत सिंह की मौत से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। सरकारी नौकरी के दौरान बड़ी उपलब्धि हासिल करने पर हरियाणा के सिरसा जिले के गांव बालासर के एक युवक को राष्ट्रपति अवार्ड मिलना था, लेकिन इससे पहले ही युवक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बंद कमरे में अपनी पगड़ी से फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। रानियां पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, बालासर निवासी 24 वर्षीय हरप्रीत उर्फ हैप्पी ढोट साइबर क्राइम की पंचकूला ब्रांच में कार्यरत था। गत दिवस हरप्रीतअपने गांव बालासर ढाणी में आया हुआ था। इस दौरान अपने एक कमरे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्तालाप कर रहा था। हरप्रीत के पिता सुखदेव सिंह ने बताया कि उसका बेटा लैपटॉप से अपना काम कर रहा था। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उसने किस बात को लेकर सुसाइड किया है। पिता गुरुघर में पाठी के तौर पर सेवारत सूत्र बताते हैं कि सुखदेव सिंह की विभागीय शानदार उपलब्धि को लेकर राष्ट्रपति द्वारा अवार्ड मिलना था। सुखदेव सिंह साइबर क्राइम के मामले में काफी एक्सपर्ट माना जाता है, जिसके चलते उन्होंने एक उलझे हुए मामले को सुलझाया। जिस पर उसे राष्ट्रपति अवार्ड के लिए चुना गया। हरप्रीत के पिता सुखदेव सिंह जगजीत नगर के एक गुरुघर में पाठी के तौर पर सेवारत है। सुखदेव सिंह की बेटी सरकारी नौकरी में प्राध्यापक के पद पर तैनात हैं। हरप्रीत के नौकरी लगने से पहले घर के हालात कुछ खस्ता हाल में बताए जाते हैं, लेकिन भाई-बहन की नौकरी के चलते घर के हालात काफी अच्छे बने हुए थे। बताया जाता है कि हरप्रीत के पिता सुखदेव सिंह ने बालासर के नजदीक 7 एकड़ भूमि खरीद के लिए सौदा किया हुआ है, जिसकी अभी रजिस्ट्री करवानी थी। कंबोज बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले हरप्रीत सिंह ढोट तकनीकी शिक्षा के मामले में काफी रुचि रखता था, वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर का एक्सपर्ट था। घर पर ही लैपटॉप पर कर रहा था काम हरप्रीत सिंह द्वारा उठाए गए इस कदम को लेकर उनके पिता सुखदेव सिंह व परिवारजन भारी सदमे में है। उन्हें इस बात की तनिक भी जानकारी नहीं है कि हरप्रीत ने यह कदम क्यों उठाया। बताया जाता है कि हरप्रीत सिंह अपने घर पर लैपटॉप के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त था, इसलिए उसके कमरे में घर का कोई भी सदस्य दखलअंदाजी नहीं करते थे। बताया जाता है कि घटना के समय परिवारजनों को किसी प्रकार का आभास नहीं हुआ। काफी देर तक हरप्रीत सिंह के बोलने की हलचल न होने के उपरांत ही हादसे की जानकारी मिली। जिसके बाद रनिया पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर हरप्रीत सिंह को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक दम तोड़ चुका था। हरप्रीत सिंह की मौत से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
पानीपत में सिटी प्रोजेक्टर ऑफिसर सस्पेंड:PMYY लोन के लिए पैसे मांगने का आरोप, रिश्वत नहीं देने पर काम में की देरी
पानीपत में सिटी प्रोजेक्टर ऑफिसर सस्पेंड:PMYY लोन के लिए पैसे मांगने का आरोप, रिश्वत नहीं देने पर काम में की देरी हरियाणा के निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने पानीपत में एक अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है। जिला सिटी प्रोजेक्टर ऑफिसर राकेश कादियान को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए है। दरअसल, ऑफिसर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। आरोप लगा कि अधिकारी PMYY लोन के लिए पैसों की डिमांड करते है। डिमांड पूरी न होने पर लोन में देरी की जाती थी। रुपए देते ही काम तुरंत हो जाता है। इन्हीं आरोपों को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने यह एक्शन लिया है। साथ ही मंत्री ने कड़े शब्दों में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि अगर उनके पास किसी भी तरह से भ्रष्टाचार की शिकायत पहुंची, तो वे किसी को भी छोड़ेंगे नहीं। वे हर भ्रष्ट कर्मी पर बड़ा एक्शन लेंगे। इसके अलावा, मंत्री ने एक और कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि आमजन उन्हें निगम के भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की लिखित में शिकायत दें, तो वे मौके पर ही कड़ा संज्ञान लेंगे।
सोनीपत में गैंगस्टर भाऊ रिटौली का गुर्गा गिरफ्तार:चोरी की ब्रेजा कार-देसी पिस्तौल बरामद; वारदात की फिराक में था चोटीवाला
सोनीपत में गैंगस्टर भाऊ रिटौली का गुर्गा गिरफ्तार:चोरी की ब्रेजा कार-देसी पिस्तौल बरामद; वारदात की फिराक में था चोटीवाला हरियाणा के सोनीपत में पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर भाऊ रिटौली गैंग के एक गुर्गे को काबू किया है। उसके कब्जे से 315 बोर का देसी पिस्तौल और चोरी की ब्रेजा कार बरामद की है। थाना बहालगढ़ में उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी। सोनीपत के थाना बहालगढ़ के हैड कॉन्स्टेबल प्रदीप कुमार ने बताया कि वह बीती रात को ताऊ देवीलाल पार्क सेक्टर 7 सोनीपत सर्विस रोड़ पर गश्त पर थे। इसी दौरान मुरथल की तरफ से एक नौ जवान युवक ब्रेजा कार को खड़ी करके अन्दर संदिग्ध अवस्था मे बैठा हुआ मिला। पुलिस टीम उसके पास गई तो वह अचानक पुलिस पार्टी को देखकर अपनी कार को स्टार्ट करने लगा। पुलिस ने खिड़की खोल कर युवक को काबू किया। पुलिस पूछताछ में युवक ने अपनी पहचान अंकित उर्फ चोटीवाला निवासी गांव कुलासी थाना सदर बहादुरगढ़, जिला झज्जर के तौर पर दी। उसने बताया कि वह विदेश मे बैठे गैंगस्टर हिमांशु उर्फ भाऊ व साहिल निवासी रिटौली गैंग का सदस्य है। इसके बाद राहगीर सुरेंद्र की मौजूदगी में अंकित उर्फ चोटीवाला की तलाशी ली तो उसकी लोवर की जेब से एक 315 बोर का देसी पिस्तौल मिला। पिस्तौल अनलोड था। पुलिस ने युवक ने ब्रेजा गाड़ी के कागजात मांगे तो वह कोई कागजात पेश नहीं कर पाया। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि ब्रेजा कार को 25 जून को दिल्ली से चोरी किया गया था। गाड़ी की चोरी की रिपोर्ट थाना हरि नगर दिल्ली में दर्ज है। गाड़ी के डैश बोर्ड से अंकित उर्फ चोटीवाला को एक मोबाइल फोन भी बरामद हुआ। पुलिस ने थाना बहालगढ़ में युवक के खिलाफ धारा 317(2) BNS व 25(1B)(a), 25(6)-54-59 आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। थाना बहालगढ़ के इंस्पेक्टर मदन के अनुसार पुलिस अंकित उर्फ चोटीवाला से पूछताछ कर रही है। उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। साथ ही पुलिस उसकी क्राइम हिस्ट्री भी खंगाल रही है। मोबाइल फोन की कॉल हिस्ट्री की भी जांच हो रही है।
फरीदाबाद जेल में बंदी की मौत:24 घंटे तक परिजनों को नहीं देखने दिया शव; बेटा बोला- डेढ़ साल से बंद था
फरीदाबाद जेल में बंदी की मौत:24 घंटे तक परिजनों को नहीं देखने दिया शव; बेटा बोला- डेढ़ साल से बंद था हरियाणा के फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद एक कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जेल स्टाफ बंदी को अस्पताल लेकर पहुंचा तो उसकी मौत हो चुकी थी। बेटे जयप्रकाश ने आरोप लगाया कि नीमका जेल से उन्हें फोन पर बताया की तुम्हारे पिता बीके अस्पताल में हैं, जाकर मिल लें। काफी तलाशने के बाद स्टाफ नर्स ने उन्हें बताया की उनकी तो मौत हो चुकी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए रखवाया गया है। उसके पिता को किसी ने देखने भी नहीं दिया। जानकारी अनुसार जगदीश प्रसाद (46) मूलरुप से बिहार के रहने वाले थे। वे 20 साल से परिवार के साथ फरीदाबाद के संतोष नगर इलाके में रह रहे थे। करीब डेढ़ साल पहले पुलिस ने जगदीश प्रसाद को लड़ाई-झगड़े और नशा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। तभी से वे जेल में थे। बुधवार को जेल में उनकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई। जगदीश के बेटे जयप्रकाश ने बताया कि उनके पिता की मौत के बाद अगले दूसरे दिन लगभग 24 घंटे तक पुलिस ने उनसे कोई भी संपर्क नहीं किया। इसके चलते वह अपने पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर पाए हैं। इस घटना के बाद से पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक पर थे कई मुकदमे दर्ज वहीं जयप्रकाश ने बताया कि उनके पिता जगदीश प्रसाद जिनकी उम्र लगभग 46 वर्ष थी। डेढ़ साल पहले उनके पिता को पुलिस ने लड़ाई झगड़ा और गांजा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस दौरान उनके पिता की तबीयत खराब रहने लगी। उन्होंने पिता की बेल की अपील की, लेकिन उनके पिता को बेल नहीं दी गई। मारपीट का जताया शक जयप्रकाश ने बताया की उन्हें लगता है की उनके पिता के साथ जेल में मारपीट हुई है। इसके चलते उनकी मौत हुई है। उनके पिता की तबीयत ज्यादा खराब थी तो उन्हें कल ही क्यों भर्ती किया गया। इससे पहले उनके पिता का सही से इलाज करना चाहिए था। उसे शक है कि या तो नीमका जेल में उनकी हत्या हुई है या फिर नीमका जेल अफसरों की लापरवाही के चलते उनके पिता की मौत हुई है। हालांकि मृतक जगदीश प्रसाद के शव का आज पोस्टमॉर्टम करा कर पुलिस ने शव उसके परिजनों को सौंप दिया है। इस मामले में जांच अधिकारी संजय ने बताया कि मृतक जगदीश प्रसाद को नीमका जेल स्टाफ जब बादशाह खान सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।