दिल्ली में प्रदूषण और पराली जलाने के मामले में आज (गुरुवार) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। जिसमें पंजाब और हरियाणा सरकार को 10 दिनों का आंकड़ा शपथ पत्र के साथ देना है। बीती सुनवाई के बाद पंजाब सरकार के साथ-साथ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) भी एक्टिव हो चुका है। CAQM ने पंजाब के दो सीनियर अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। बीती सनुवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ओका ने भारत सरकार से पंजाब की तरफ से मांगे गए फंड पर निर्णय लेने की बात कही थी। जिसे केंद्र ने ठुकरा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दोनों राज्यों को आदेश दिया था कि 10 दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाओं का विवरण शपथ पत्र के साथ दाखिल करना होगा। इसके साथ ही आज दिवाली 2024 में बढ़े प्रदूषण पर भी सुप्रीम कोर्ट टिप्पणी कर सकती है। 4 नवंबर को हुई सुनवाई के बाद पंजाब में CAQM भी एक्टिव हुआ है। 13 नवंबर से CAQM की टीम पंजाब में है। बीते दिन ही CAQM ने खेतों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि पर मंगलवार को संगरूर और फिरोजपुर जिलों के डीसी और एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। CAQM उन कारणों को जानने की कोशिश कर रहा है, जिनसे पंजाब में प्रयासों के बाद भी पराली जलाने की घटनाएं कम नहीं हो रहीं। 7 हजार के पार हुए पराली जलाने के मामले पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार पंजाब में 509 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए। जिनमें सबसे अधिक मामले फरीदकोट व फिरोजपुर में रहे, जो 91-91 थे। सइके अलावा मोगा में 88, मुक्तसर में 79 और बठिंडा में 50 मामले सामने आए हैं। संगरूर में सख्ती के बाद पराली जलाने के मामलों में कमी देखने को मिली। यहां मात्र 7 मामले पराली जलाने के रिपोर्ट हुए। इन घटनों के बाद पंजाब में पराली जलाने के मामले 7621 हो गए हैं। जिनमें सबसे अधिक संगरूर में हैं। यहां 1388 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा फिरोजपुर में 954, तरनतारन में 700, अमृतसर में 651 और मानसा में 486 मामले रिपोर्ट हुए। प्रदूषण पर सीएम मान का पाकिस्तान सीएम को तंज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को पंजाब यूनिवर्सिटी में ‘पंजाब विजन 2047’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर राज्यों के बीच दोषारोपण नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका समाधान आपसी सहयोग से खोजना चाहिए। पाकिस्तानी पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मरियम का दावा है कि पंजाब से प्रदूषित धुआं लाहौर पहुंच रहा है। मान ने मजाक में कहा कि पहले एक पाकिस्तानी महिला (संकेत में) उन्हें परेशान कर चुकी हैं, और अब मरियम भी यही कोशिश कर रही हैं। डबल हो चुका पराली जलाने पर जुर्माना सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना दोगुना हो चुका है। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन जारी करके इसकी जानकारी दी थी। अब 2 एकड़ से कम जमीन पर 5000 रुपए का जुर्माना लग रहा है। दो से पांच एकड़ तक 10,000 रुपए और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वालों से 30,000 रुपए जुर्माना वसूला जा रहा है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सरकार इन नियमों को लागू करने के लिए बाध्य होंगे। जाने क्या हुआ था पिछली सुनवाइयों में बीती सुनवाइयों में पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी भी कोर्ट में पेश हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने गलत जानकारी देने पर पंजाब सरकार को फटकार लग चुकी है। जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशों को महज दिखावा बताया था। कोर्ट ने कहा कि अगर ये सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो चलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। दिल्ली में प्रदूषण और पराली जलाने के मामले में आज (गुरुवार) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। जिसमें पंजाब और हरियाणा सरकार को 10 दिनों का आंकड़ा शपथ पत्र के साथ देना है। बीती सुनवाई के बाद पंजाब सरकार के साथ-साथ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) भी एक्टिव हो चुका है। CAQM ने पंजाब के दो सीनियर अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। बीती सनुवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ओका ने भारत सरकार से पंजाब की तरफ से मांगे गए फंड पर निर्णय लेने की बात कही थी। जिसे केंद्र ने ठुकरा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दोनों राज्यों को आदेश दिया था कि 10 दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाओं का विवरण शपथ पत्र के साथ दाखिल करना होगा। इसके साथ ही आज दिवाली 2024 में बढ़े प्रदूषण पर भी सुप्रीम कोर्ट टिप्पणी कर सकती है। 4 नवंबर को हुई सुनवाई के बाद पंजाब में CAQM भी एक्टिव हुआ है। 13 नवंबर से CAQM की टीम पंजाब में है। बीते दिन ही CAQM ने खेतों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि पर मंगलवार को संगरूर और फिरोजपुर जिलों के डीसी और एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। CAQM उन कारणों को जानने की कोशिश कर रहा है, जिनसे पंजाब में प्रयासों के बाद भी पराली जलाने की घटनाएं कम नहीं हो रहीं। 7 हजार के पार हुए पराली जलाने के मामले पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार पंजाब में 509 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए। जिनमें सबसे अधिक मामले फरीदकोट व फिरोजपुर में रहे, जो 91-91 थे। सइके अलावा मोगा में 88, मुक्तसर में 79 और बठिंडा में 50 मामले सामने आए हैं। संगरूर में सख्ती के बाद पराली जलाने के मामलों में कमी देखने को मिली। यहां मात्र 7 मामले पराली जलाने के रिपोर्ट हुए। इन घटनों के बाद पंजाब में पराली जलाने के मामले 7621 हो गए हैं। जिनमें सबसे अधिक संगरूर में हैं। यहां 1388 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा फिरोजपुर में 954, तरनतारन में 700, अमृतसर में 651 और मानसा में 486 मामले रिपोर्ट हुए। प्रदूषण पर सीएम मान का पाकिस्तान सीएम को तंज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को पंजाब यूनिवर्सिटी में ‘पंजाब विजन 2047’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर राज्यों के बीच दोषारोपण नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका समाधान आपसी सहयोग से खोजना चाहिए। पाकिस्तानी पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मरियम का दावा है कि पंजाब से प्रदूषित धुआं लाहौर पहुंच रहा है। मान ने मजाक में कहा कि पहले एक पाकिस्तानी महिला (संकेत में) उन्हें परेशान कर चुकी हैं, और अब मरियम भी यही कोशिश कर रही हैं। डबल हो चुका पराली जलाने पर जुर्माना सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना दोगुना हो चुका है। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन जारी करके इसकी जानकारी दी थी। अब 2 एकड़ से कम जमीन पर 5000 रुपए का जुर्माना लग रहा है। दो से पांच एकड़ तक 10,000 रुपए और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वालों से 30,000 रुपए जुर्माना वसूला जा रहा है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सरकार इन नियमों को लागू करने के लिए बाध्य होंगे। जाने क्या हुआ था पिछली सुनवाइयों में बीती सुनवाइयों में पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी भी कोर्ट में पेश हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने गलत जानकारी देने पर पंजाब सरकार को फटकार लग चुकी है। जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशों को महज दिखावा बताया था। कोर्ट ने कहा कि अगर ये सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो चलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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