लखनऊ से सांसद और देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयासों से महिला नगर निगम डिग्री कॉलेज की स्थापना हुई थी। तत्कालीन नगर विकास मंत्री लालजी टंडन और महापौर एससी राय ने इसकी स्थापना में अहम भूमिका निभाई। बाद में को-एजुकेशन के तौर पर इसका संचालन शुरू हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री की पहली पुण्यतिथि पर इस कॉलेज का नामकरण उनके नाम पर किया गया। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 43वें एपिसोड में अटल बिहारी वाजपेई डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुभाष चंद्र पांडेय से खास बातचीत… डॉ. सुभाष चंद्र पांडेय कहते हैं कि इस बार कई कॉलेजों में एडमिशन सत्र बीत जाने के बावजूद बड़ी संख्या में सीट खाली रह गई। जबकि हमारे कॉलेज में सभी सीट भर गई हैं। अगले सत्र में पीजी की पढ़ाई शुरू करने के साथ ही BA-LLB और BCA जैसे डिमांडिंग कोर्स शुरू किए जाएंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्टूडेंट्स को तैयार करने के लिए फ्री कोचिंग भी कराई जा रही है। मकसद IIT और UPSC जैसे एग्जाम के लिए स्टूडेंट्स को तैयार करने के साथ सफल बनाना है। देखें वीडियो… लखनऊ से सांसद और देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयासों से महिला नगर निगम डिग्री कॉलेज की स्थापना हुई थी। तत्कालीन नगर विकास मंत्री लालजी टंडन और महापौर एससी राय ने इसकी स्थापना में अहम भूमिका निभाई। बाद में को-एजुकेशन के तौर पर इसका संचालन शुरू हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री की पहली पुण्यतिथि पर इस कॉलेज का नामकरण उनके नाम पर किया गया। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 43वें एपिसोड में अटल बिहारी वाजपेई डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुभाष चंद्र पांडेय से खास बातचीत… डॉ. सुभाष चंद्र पांडेय कहते हैं कि इस बार कई कॉलेजों में एडमिशन सत्र बीत जाने के बावजूद बड़ी संख्या में सीट खाली रह गई। जबकि हमारे कॉलेज में सभी सीट भर गई हैं। अगले सत्र में पीजी की पढ़ाई शुरू करने के साथ ही BA-LLB और BCA जैसे डिमांडिंग कोर्स शुरू किए जाएंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्टूडेंट्स को तैयार करने के लिए फ्री कोचिंग भी कराई जा रही है। मकसद IIT और UPSC जैसे एग्जाम के लिए स्टूडेंट्स को तैयार करने के साथ सफल बनाना है। देखें वीडियो… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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उन्नाव में सिपाही ने रिवॉल्वर से गोली मारकर जान दी:ड्यूटी के दौरान कनपटी पर किया फायर, घर वाले शादी का बना रहे थे दबाव उन्नाव में एक सिपाही ने ड्यूटी के दौरान सर्विस रिवाल्वर से अपनी दाहिनी कनपटी पर गोली मार ली। गोली चलने की आवाज सुनकर थाना परिसर में हड़कंप मच गया। साथी पुलिसकर्मी उसे उठाकर पास के सीएचसी ले गए। गंभीर हालत देख डॉक्टरों ने लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। जहां उसकी मौत हो गई। मामला हसनगंज कोतवाली का है। बताया जाता है कि घर वालों ने उसकी शादी के लिए लड़की पसंद की थी लेकिन सिपाही को वो लड़की पसंद नहीं थी। फिर भी घर वाले उस पर शादी का दबाव बना रहे थे। जिसके चलते उसने ऐसा कदम उठाया है। हसनगंज कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर चंद्रकांत मिश्र ने बताया कि बुलंदशहर के थाना गुलावटी क्षेत्र के नयावास निवासी मेघराज के बेटे देवांश तेवतिया 2019 में यूपी पुलिस में आरक्षी के पद पर भर्ती हुए थे। उनकी पहली पोस्टिंग उन्नाव में ही हुई थी। पुलिस लाइन से उन्हें थाना हसनगंज में तैनाती मिली थी। पिछले करीब 5 साल से इसी थाने पर तैनात थे। 3 महीने पहले हादसे में पैर में लगी थी चोट
3 महीने पहले देवांश का एक्सीडेंट हो गया था। पैर में चोट लगने के चलते वह इलाज कराने के लिए घर चले गये थे। 20 दिन पहले ही ठीक होने पर थाना हसनगंज आये थे। इस समय देवांश की ड्यूटी थाना कार्यालय में थी। फायर की आवाज सुनकर पहुंची महिला सिपाही मंगलवार को वह ड्यूटी पर थे। उसी समय अचानक सर्विस रिवाल्वर से गोली चलने की आवाज आई। फायर की आवाज सुनकर एक महिला सिपाही मौके पर पहुंची तो देखा कि देवांश ने दाहिनी कनपटी पर गोली मारी थी। वो लहूलुहान होकर जमीन पर गिरे पड़े थे। ये देखकर उसने शोर मचाया। इंस्पेक्टर चंद्रकांत मिश्र ने बताया कि लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर पहुंचने के थोड़ी देर बाद ही सिपाही की मौत हो गई। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। बुलंदशहर में देवांश के परिवार को भी सूचना दे दी गई है। घर वाले एंगेजमेंट की कर रहे थे तैयारी देवांश दो भाई एक बहन में सबसे छोटा था। बहन और बड़े भाई की शादी हो चुकी है। इधर जब वो घर गया था तब उसकी शादी के लिए घर वालों ने लड़की पसंद की थी। लेकिन वो लड़की देवांश को पसंद नहीं थी। जिस कारण वो शादी से इनकार कर रहा था। इसको लेकर परिवार वालों से उसका झगड़ा भी हुआ था। आज सुबह उसके बड़े भाई ने फोन करके घर आने और उसी लड़की से एंगेजमेंट करने की बात कही थी। इसे लेकर फिर झगड़ा हुआ था, माना जा रहा है कि इससे परेशान होकर ही देवांश ने ऑन ड्यूटी गोली मारकर जान दे दी। एसपी ने सील कराई कार्यालय की DVR घटना की जानकारी पर SP सिद्धार्थ शंकर मीणा थाना हसन गंज पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल पर जांच पड़ताल की। पुलिस कर्मियों से उन्होंने बारी बारी पूछताछ की और घटना के संबंध में जानकारी ली। उसके बाद वह घटनास्थल वाले दफ्तर में पहुंचे और बारीकी से जांच की। कार्यालय में लगे सीसीटीवी की डीवीआर सील करा दिया है। उन्नाव में बीते एक साल में हुईं ऐसी कई घटनाएं
हरियाणा BJP में टिकटों को लेकर घमासान:बागी सुरों ने प्रभारी सतीश पूनिया की बढ़ाई दिक्कत; बाहरी प्रत्याशियों का विरोध
हरियाणा BJP में टिकटों को लेकर घमासान:बागी सुरों ने प्रभारी सतीश पूनिया की बढ़ाई दिक्कत; बाहरी प्रत्याशियों का विरोध हरियाणा में बीजेपी में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। पार्टी प्रदेश की सत्ता में वापसी कर हैट्रिक मारना चाहता है, लेकिन टिकट के दावेदार एवं नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई के साथ पार्टी में उठ रहे बागी सुरों ने प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया से लेकर शीर्ष नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव को लेकर सतीश पूनिया को प्रदेश प्रभारी का दायित्व तो दिया गया, लेकिन वे फिलहाल पार्टी में अनुशासन कायम नहीं कर पा रहे। दक्षिण हरियाणा में वर्चस्व की लड़ाई चरम पर है और बड़े नेता अपने समर्थकों की टिकट को लेकर पार्टी पर दबाव बना रहे हैं। वहीं बाहरी प्रत्याशियों को पार्टी टिकट देना चाहती है, लेकिन स्थानीय नेता-वर्कर इसको लेकर तैयार नहीं हैं और विरोध प्रदर्शन से लेकर शीर्ष नेतृत्व को लेटर लिखने का भी दौर चल रहा है। भाजपा में विभिन्न हलकों से टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है और हर कोई प्रेशर बनाकर टिकट की मांग कर रहा है। बीजेपी 10 साल के एंटी इनकंबैंसी के बीच सत्ता तक का सफर तय कर हैट्रिक मारने के लिए पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री पर दांव लगाना चाहती है। वहीं इसको लेकर पार्टी के अंदर बगावत के सुर मुखर होने लगे हैं। वर्कर पार्टी के बड़े चेहरों को बाहरी बताकर उनके पुतले तक जलाने लगे हैं। शीर्ष नेतृत्व को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी खुलकर जता रहे हैं। हरियाणा भाजपा में पार्टी के अंदर मचे घमासान ने शीर्ष नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। बंद कमरों की बात सार्वजनिक होने के साथ ही पार्टी वर्कर सड़कों पर आ गए हैं। प्रदेश संगठन पदाधिकारी खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। इसी के चलते शायद पार्टी ने टिकट वितरण की पहली तैयार लिस्ट को फिलहाल होल्ड पर रख दिया है। डैमेज कंट्रोल के लिए शीर्ष नेतृत्व रणनीति बना रहा है। प्रभारी सतीश पूनिया के कई बड़ी चुनौती जिनके कटे टिकट, वो ही हाे रहे बागी भाजपा में जिस हिसाब से नेता मुखर हैं, टिकट के ऐलान होने के बाद वो बगावती हो सकते हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी में भी जिन नेताओं के टिकट कटेंगे, वह बगावत के सुर अपनाएंगे। कुछ निर्दलीय तो कुछ दूसरी पार्टी का भी रुख कर सकते हैं। इस पलायन को रोकना भी प्रभारी सतीश पूनिया के लिए एक बड़ा टास्क होगा। सर्वे पर भी उठ रहे सवाल भाजपा के सर्वे में जिन दावेदारों के नाम टिकट के लिए आए हैं, उनकी जगह वरिष्ठ नेताओं ने वीटो पावर कर अपने समर्थकों के नाम उसमें एड करवा दिए। इससे सर्वे पर ही सवाल खड़े हो गए। फिर पार्टी सर्वे की जरूरत ही क्या थी, इसको लेकर भी पूनिया क्या कदम उठाएंगे, इस पर भी सभी की नजर रहेगी। राव नरबीर हो चुके मुखर, टिकट बता रहे पक्का गुरुग्राम के बादशाहपुर हलके से प्रदेश के पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह भाजपा की टिकट मांग रहे हैं। समय-समय पर वह पार्टी को आंख भी दिखाते रहे हैं। उनके खिलाफ संसदीय बोर्ड सदस्य सुधा यादव मोर्चा खोल चुकी हैं, तो राव इंद्रजीत सिंह से उनका पहले से ही छत्तीस का आंकड़ा है। पार्टी को यह भी पता है कि राव नरबीर ही यह सीट निकाल सकते हैं अब इस द्वंद को शांत करना भी पूनिया के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। नांगल चौधरी में भी शह मात का खेल महेंद्रगढ़ जिले में नांगल चौधरी विधायक व मंत्री अभय सिंह यादव व केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की अदावत किसी से नहीं छिपी है। इस चुनाव में भी दोनों के बीच शह-मात का खेल चलेगा। इंद्रजीत सिंह अपने 8-10 समर्थकों को दक्षिण हरियाणा से टिकट देने की आवाज बुलंद कर रहे हैं। इनके बीच सीज फायर करवाना जरूरी है वरना इसका नुकसान बीजेपी को हो सकता है। सीएम-बड़ौली के बीच भी नहीं बनी एक राय हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी व प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के बीच ही एक राय नहीं बन पा रही है। बड़ोली ने सीएम के लाडवा से चुनाव लड़ने की बात कही तो कुछ देर बाद सीएम सैनी ने करनाल से चुनाव लड़ने की बात कह दी। इससे साफ है कि पार्टी के अंदर सब कुछ सामान्य नहीं है। गुरुग्राम विधानसभा में पंजाबी-ब्राह्मण-वैश्य के बीच पेंच फंसा है। एक केंद्रीय मंत्री पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ के नाम की पैरवी कर रहे हैं। वहीं दूसरे पंजाबी दावेदार सीमा पाहूजा, यशपाल बत्रा अपनी दावेदारी कर गार्गी को नगर नगम चुनाव में हराना, उनके हिमाचल के राजपूत होने की बात सामने आने से साफ है कि पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आमेर विधानसभा से चुनाव हारे थे पूनिया सतीश पूनिया राजस्थान में साढ़े 3 साल प्रदेशाध्यक्ष रहे। 2013 में जब प्रदेश में वसुंधरा सरकार बनी तो वह आमेर से चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2018 के चुनाव में जब सत्ता में गहलोत सरकार आई तो पूनिया चुनाव जीते। 2024 में जब एक बार फिर बीजेपी सरकार सत्ता में आई तो पूनिया चुनाव हार गए। वह पार्टी के करीब साढ़े तीन साल प्रदेशाध्यक्ष रहे और संगठन के कई पदों पर भी काम किया और करीब 9 महीने राजस्थान विधानसभा के विपक्ष के उपनेता भी रहे। हरियाणा में इन सीटों पर भाजपा में घमासान
‘नीतीश कुमार पार्टी का करेंगे विलय’, BJP पर क्यों फायर हो गई लालू की पार्टी? दो मुद्दों पर खूब सुनाया
‘नीतीश कुमार पार्टी का करेंगे विलय’, BJP पर क्यों फायर हो गई लालू की पार्टी? दो मुद्दों पर खूब सुनाया <p style=”text-align: justify;”><strong>RJD Attack on BJP:</strong> मुंबई में बाबा सिद्दीकी (Baba Siddiqui) की हत्या के बाद बिहार में भी बयानबाजी का सिलसिला जारी है. बीजेपी का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत और गुलशन कुमार की मौत पर विपक्ष ने क्यों नहीं हाय-तौबा मचाया था? इस पर अब आरजेडी की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है. सोमवार (14 अक्टूबर) को आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी मौत पर भी राजनीति करना जानती है. बीजेपी की यह पुरानी आदत रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आरजेडी ने कहा- महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था चौपट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हम लोग किसी की मौत पर श्रद्धांजलि देते हैं, राजनीति नहीं करते हैं. जिस तरह बाबा सिद्दीकी की हत्या अपराधियों ने कर दी, महाराष्ट्र में डबल इंजन की सरकार है, इससे साफ दिख रहा है कि बिहार की तरह महाराष्ट्र में भी कानून-व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इस घटना से हम लोग मर्माहत: मृत्युंजय तिवारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आरजेडी नेता ने कहा आगे कि बाबा सिद्दीकी का गृह जिला गोपालगंज है. हम लोग मर्माहत हैं और सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं. शिंदे सरकार में किस तरह कानून-व्यवस्था चौपट है इस घटना से दिख रहा है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा में रहने वाले की हत्या कर दी जाती है और बीजेपी पहले की हुई घटना पर सियासत कर रही है. हम किसी भी हत्या को जायज नहीं कहते हैं और सभी मौतों पर हम लोग निंदा करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बाबा सिद्दीकी की हत्या के अलावा दूसरी ओर आरजेडी ने एक और मुद्दे पर घेरा. दरअसल केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह के ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ पर निकलने वाले हैं. इस पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “हमारे नेता तेजस्वी यादव बिहार की जनता के लिए रोजगार, दवाई, कमाई, पढ़ाई की बात करने के लिए यात्रा पर हैं तो यह हिंदू-मुस्लिम करने के लिए यात्रा पर हैं. सबसे बड़ी बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चुप हैं. इससे साफ लग रहा है कि नीतीश जी बीजेपी में अपनी पार्टी का विलय करने वाले हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bjp-haribhushan-thakur-bachol-attacks-on-pappu-yadav-lawrence-bishnoi-gang-baba-siddiqui-murder-ann-2803162″>पप्पू यादव ने कहा- 24 घंटे में बिश्नोई गैंग को खत्म कर देंगे, अब BJP ने दिया जवाब, क्या बोले हरिभूषण ठाकुर बचौल?</a></strong></p>