मैंने 22 मिनट के आसपास 11 राउंड पूरे कर लिए थे। जैसे ही 12वें राउंड के लिए दौड़ शुरू की, पैर टूट गया। मेरिट से 22 नंबर ज्यादा थे, उम्मीद थी कि फाइनली कोई दिक्कत नहीं होगी। मैं आधे घंटे एम्बुलेंस में पड़ा रहा। तेज दर्द हो रहा था। लेकिन, तुरंत हॉस्पिटल नहीं पहुंचाया गया। ये दर्द यूपी पुलिस के फिजिकल टेस्ट यानी दौड़ में शामिल हुए उन्नाव के पुष्पेंद्र तिवारी ने दैनिक भास्कर एप से साझा किया। ऐसे एक-दो नहीं… 61 अभ्यर्थी हैं, जिनके कानपुर में 11 दिन चली रनिंग में पैर टूट गए। कई अभ्यर्थियों ने ग्राउंड के मानक पर सवाल उठाए। कहा- ग्राउंड बहुत हार्ड था, दौड़ने पर तेज झटके लग रहे थे। कुछ और लोगों ने बताया- अभ्यर्थी ड्रग्स और इंजेक्शन लगाकर दौड़े। उन्हें दर्द का एहसास तो नहीं हुआ, लेकिन हडि्डयों पर जोर पड़ा तो कई के पैर टूट गए। एक-एक कर दौड़ में शामिल लोगों और ग्राउंड के जिम्मेदार अफसर से बातचीत पढ़िए… प्रबल बोले- ट्रैक खराब था, बहुत गड्ढे थे
औरैया से आए अभ्यर्थी प्रबल प्रताप सिंह ने कहा- हमारी दौड़ पूरी हुई। लेकिन, रनिंग ट्रैक खराब है। एक तरफ ट्रैक सही है, दूसरी तरफ बहुत हार्ड है। दरारें पड़ी हैं, गड्ढे भी काफी हैं। इस वजह से कई लोगों के पैर टूट गए। कई अभ्यर्थी बगैर प्रैक्टिस किए पहुंच गए, जिनके पैर टूटे हैं। सुबह 4.30 बजे एंट्री करवा दी गई। 8.30 बजे जाकर पहले बैच की दौड़ शुरू हुई। धूप तेज थी और लोगों को भूख-प्यास लगने लगी। इस वजह से भी कई लोग दौड़ नहीं निकाल पाए। ग्राउंड की मिट्टी में नमी नहीं थी
फर्रुखाबाद के सुमित कुमार ने कहा- पैर में चोट लगी है। पता नहीं टूट गया या बचा है। मैं 8-10 दिन पहले चोटिल हो गया था। कुछ दिक्कत इस वजह से भी हुई। लेकिन, ग्राउंड भी बहुत हार्ड है। दौड़ रहे थे तो बहुत तेज का झटका लग रहा था। ग्राउंड की मिट्टी में नमी नहीं थी। इंजेक्शन लेने वालों का पता चल जाए, ऐसी व्यवस्था नहीं
कन्नौज से आए जितेंद्र सिंह ने बताया- भारी संख्या में अभ्यर्थी ड्रग्स और स्टेरॉयड की दवाएं, इंजेक्शन लेकर दौड़ रहे हैं। इस वजह से पैर टूट रहे हैं। यूपी पुलिस की भर्ती परीक्षा में ऐसी व्यवस्था नहीं कि इंजेक्शन या ड्रग्स लेने वालों की पहचान हो सके और उन्हें पहले ही बाहर कर दिया जाए। हरदोई के हरिओम शुक्ला ने कहा- ग्राउंड तो ठीक है, इसे खराब नहीं कहा जा सकता। पैर टूटने का अलग-अलग रीजन हैं। दौड़ का नियम है कि एक सीमित रफ्तार बनाकर तय समय में निर्धारित दूरी को पूरा करें। यह सब प्रैक्टिस से ही संभव है, लेकिन अभ्यर्थी बिना प्रैक्टिस के ही सीधे दौड़ में शामिल होने चले आए। पुलिस भर्ती बोर्ड के प्रभारी क्या बोले?
कानपुर में हुई रनिंग के लिए भर्ती बोर्ड के नोडल अफसर IPS आशीष श्रीवास्तव से भास्कर रिपोर्टर ने बात की। उन्होंने कहा- पूरी भर्ती में कुल 80 अभ्यर्थी घायल हुए हैं। यह भर्ती में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों का 0.6% है। आंकड़ा एक प्रतिशत से भी कम है। इससे एक बात तो साफ है कि मैदान या फिर अन्य कोई खामी नहीं थी। जिन अभ्यर्थियों ने प्रैक्टिस नहीं की या फिर वह शारीरिक रूप से अक्षम थे, उन्हीं के पैर टूटे हैं। रनिंग में 2060 अभ्यर्थी फेल हुए
कानपुर स्थित 37वीं वाहिनी PAC के ग्राउंड पर 10 से 27 फरवरी के बीच 11 दिन दौड़ चली। इसमें 61 लोगों के पैर टूटे और 19 लोग गिरकर घायल हुए। कुल 13 हजार 714 अभ्यर्थियों को दौड़ के लिए बुलाया गया। इसमें से 13 हजार 212 अभ्यर्थी दौड़ में शामिल हुए, जबकि 502 लोग नहीं आए। दौड़ में कुल 2060 अभ्यर्थी फेल हुए। डॉक्टर बोले- प्रैक्टिस न करने वालों को स्ट्रेचिंग की कमी कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. रवि गर्ग से भास्कर रिपोर्टर ने बात की। उन्होंने कहा- आजकल प्रॉपर प्रैक्टिस न होने से स्पोर्ट्स इंजरी हो रही हैं। बिना प्रैक्टिस के स्ट्रेचिंग की कमी होती है। मांसपेशियां पूरी तरह से मजबूत नहीं होतीं। ऐसे में रनिंग से जुड़े लोगों के घुटने ज्यादा इंजर्ड होते हैं। इसी तरह से बॉलर के कंधे भी इंजर्ड हो जाते हैं। रिजल्ट में EWS का कटऑफ OBC से नीचे आया
यूपी पुलिस भर्ती का रिजल्ट जारी कर दिया गया। जनरल वर्ग में लड़कों का कटऑफ 214 और महिलाओं का 203 गया है। जबकि SC वर्ग के लड़कों का 178, लड़कियों का 169 नंबर गया है। वहीं, ST वर्ग में लड़कों का 146, लड़कियों का 136 नंबर कटऑफ गया है। चौंकाने वाली बात यह कि EWS का कटऑफ OBC से नीचे आ गया है। EWS में लड़कों का 187 और लड़कियों का 180 कटऑफ गया है। OBC में लड़कों का कटऑफ 198 और लड़कियों का 189 गया है। यूपी में 60 हजार 244 पदों के लिए 50 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। प्रदेशभर में 1 लाख 74 हजार 316 अभ्यर्थियों को फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाया गया था। यानी पद से 3 गुना अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में पास हुए हैं। अब कानपुर में पुलिस भर्ती की रनिंग से जुड़े आंकड़े, 3 स्लाइड में जानिए- ———————— ये खबर भी पढ़िए- मायावती बोलीं- मुफ्त अनाज देकर गरीबों को भिखारी बनाया: धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकालने के बाद गुरुवार को पहली बार बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। केंद्र और यूपी की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। पूर्व सीएम ने कहा, बजट और आर्थिक नीतियों को लेकर किए जा रहे दावे पूरी तरह से निराधार हैं। अगर सरकारें वास्तव में जमीनी स्तर पर काम कर रही होतीं, तो आज हालात कुछ और होते। आर्थिक नीतियों पर सरकार फेल है। धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा है। गरीब को फ्री अनाज देकर भिखारी बना दिया गया है। उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई जा रही है। दलितों, पिछड़ों के साथ अन्याय हो रहा है। सरकार को संकीर्ण, जातिवादी सोच बदलनी होगी। पढ़ें पूरी खबर… मैंने 22 मिनट के आसपास 11 राउंड पूरे कर लिए थे। जैसे ही 12वें राउंड के लिए दौड़ शुरू की, पैर टूट गया। मेरिट से 22 नंबर ज्यादा थे, उम्मीद थी कि फाइनली कोई दिक्कत नहीं होगी। मैं आधे घंटे एम्बुलेंस में पड़ा रहा। तेज दर्द हो रहा था। लेकिन, तुरंत हॉस्पिटल नहीं पहुंचाया गया। ये दर्द यूपी पुलिस के फिजिकल टेस्ट यानी दौड़ में शामिल हुए उन्नाव के पुष्पेंद्र तिवारी ने दैनिक भास्कर एप से साझा किया। ऐसे एक-दो नहीं… 61 अभ्यर्थी हैं, जिनके कानपुर में 11 दिन चली रनिंग में पैर टूट गए। कई अभ्यर्थियों ने ग्राउंड के मानक पर सवाल उठाए। कहा- ग्राउंड बहुत हार्ड था, दौड़ने पर तेज झटके लग रहे थे। कुछ और लोगों ने बताया- अभ्यर्थी ड्रग्स और इंजेक्शन लगाकर दौड़े। उन्हें दर्द का एहसास तो नहीं हुआ, लेकिन हडि्डयों पर जोर पड़ा तो कई के पैर टूट गए। एक-एक कर दौड़ में शामिल लोगों और ग्राउंड के जिम्मेदार अफसर से बातचीत पढ़िए… प्रबल बोले- ट्रैक खराब था, बहुत गड्ढे थे
औरैया से आए अभ्यर्थी प्रबल प्रताप सिंह ने कहा- हमारी दौड़ पूरी हुई। लेकिन, रनिंग ट्रैक खराब है। एक तरफ ट्रैक सही है, दूसरी तरफ बहुत हार्ड है। दरारें पड़ी हैं, गड्ढे भी काफी हैं। इस वजह से कई लोगों के पैर टूट गए। कई अभ्यर्थी बगैर प्रैक्टिस किए पहुंच गए, जिनके पैर टूटे हैं। सुबह 4.30 बजे एंट्री करवा दी गई। 8.30 बजे जाकर पहले बैच की दौड़ शुरू हुई। धूप तेज थी और लोगों को भूख-प्यास लगने लगी। इस वजह से भी कई लोग दौड़ नहीं निकाल पाए। ग्राउंड की मिट्टी में नमी नहीं थी
फर्रुखाबाद के सुमित कुमार ने कहा- पैर में चोट लगी है। पता नहीं टूट गया या बचा है। मैं 8-10 दिन पहले चोटिल हो गया था। कुछ दिक्कत इस वजह से भी हुई। लेकिन, ग्राउंड भी बहुत हार्ड है। दौड़ रहे थे तो बहुत तेज का झटका लग रहा था। ग्राउंड की मिट्टी में नमी नहीं थी। इंजेक्शन लेने वालों का पता चल जाए, ऐसी व्यवस्था नहीं
कन्नौज से आए जितेंद्र सिंह ने बताया- भारी संख्या में अभ्यर्थी ड्रग्स और स्टेरॉयड की दवाएं, इंजेक्शन लेकर दौड़ रहे हैं। इस वजह से पैर टूट रहे हैं। यूपी पुलिस की भर्ती परीक्षा में ऐसी व्यवस्था नहीं कि इंजेक्शन या ड्रग्स लेने वालों की पहचान हो सके और उन्हें पहले ही बाहर कर दिया जाए। हरदोई के हरिओम शुक्ला ने कहा- ग्राउंड तो ठीक है, इसे खराब नहीं कहा जा सकता। पैर टूटने का अलग-अलग रीजन हैं। दौड़ का नियम है कि एक सीमित रफ्तार बनाकर तय समय में निर्धारित दूरी को पूरा करें। यह सब प्रैक्टिस से ही संभव है, लेकिन अभ्यर्थी बिना प्रैक्टिस के ही सीधे दौड़ में शामिल होने चले आए। पुलिस भर्ती बोर्ड के प्रभारी क्या बोले?
कानपुर में हुई रनिंग के लिए भर्ती बोर्ड के नोडल अफसर IPS आशीष श्रीवास्तव से भास्कर रिपोर्टर ने बात की। उन्होंने कहा- पूरी भर्ती में कुल 80 अभ्यर्थी घायल हुए हैं। यह भर्ती में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों का 0.6% है। आंकड़ा एक प्रतिशत से भी कम है। इससे एक बात तो साफ है कि मैदान या फिर अन्य कोई खामी नहीं थी। जिन अभ्यर्थियों ने प्रैक्टिस नहीं की या फिर वह शारीरिक रूप से अक्षम थे, उन्हीं के पैर टूटे हैं। रनिंग में 2060 अभ्यर्थी फेल हुए
कानपुर स्थित 37वीं वाहिनी PAC के ग्राउंड पर 10 से 27 फरवरी के बीच 11 दिन दौड़ चली। इसमें 61 लोगों के पैर टूटे और 19 लोग गिरकर घायल हुए। कुल 13 हजार 714 अभ्यर्थियों को दौड़ के लिए बुलाया गया। इसमें से 13 हजार 212 अभ्यर्थी दौड़ में शामिल हुए, जबकि 502 लोग नहीं आए। दौड़ में कुल 2060 अभ्यर्थी फेल हुए। डॉक्टर बोले- प्रैक्टिस न करने वालों को स्ट्रेचिंग की कमी कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. रवि गर्ग से भास्कर रिपोर्टर ने बात की। उन्होंने कहा- आजकल प्रॉपर प्रैक्टिस न होने से स्पोर्ट्स इंजरी हो रही हैं। बिना प्रैक्टिस के स्ट्रेचिंग की कमी होती है। मांसपेशियां पूरी तरह से मजबूत नहीं होतीं। ऐसे में रनिंग से जुड़े लोगों के घुटने ज्यादा इंजर्ड होते हैं। इसी तरह से बॉलर के कंधे भी इंजर्ड हो जाते हैं। रिजल्ट में EWS का कटऑफ OBC से नीचे आया
यूपी पुलिस भर्ती का रिजल्ट जारी कर दिया गया। जनरल वर्ग में लड़कों का कटऑफ 214 और महिलाओं का 203 गया है। जबकि SC वर्ग के लड़कों का 178, लड़कियों का 169 नंबर गया है। वहीं, ST वर्ग में लड़कों का 146, लड़कियों का 136 नंबर कटऑफ गया है। चौंकाने वाली बात यह कि EWS का कटऑफ OBC से नीचे आ गया है। EWS में लड़कों का 187 और लड़कियों का 180 कटऑफ गया है। OBC में लड़कों का कटऑफ 198 और लड़कियों का 189 गया है। यूपी में 60 हजार 244 पदों के लिए 50 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। प्रदेशभर में 1 लाख 74 हजार 316 अभ्यर्थियों को फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाया गया था। यानी पद से 3 गुना अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में पास हुए हैं। अब कानपुर में पुलिस भर्ती की रनिंग से जुड़े आंकड़े, 3 स्लाइड में जानिए- ———————— ये खबर भी पढ़िए- मायावती बोलीं- मुफ्त अनाज देकर गरीबों को भिखारी बनाया: धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकालने के बाद गुरुवार को पहली बार बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। केंद्र और यूपी की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। पूर्व सीएम ने कहा, बजट और आर्थिक नीतियों को लेकर किए जा रहे दावे पूरी तरह से निराधार हैं। अगर सरकारें वास्तव में जमीनी स्तर पर काम कर रही होतीं, तो आज हालात कुछ और होते। आर्थिक नीतियों पर सरकार फेल है। धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा है। गरीब को फ्री अनाज देकर भिखारी बना दिया गया है। उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई जा रही है। दलितों, पिछड़ों के साथ अन्याय हो रहा है। सरकार को संकीर्ण, जातिवादी सोच बदलनी होगी। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
यूपी पुलिस भर्ती-दौड़ में कैसे टूटे 61 अभ्यर्थियों के पैर:कानपुर में घायल बोले- ग्राउंड की मिट्टी हार्ड थी, दौड़ने पर झटके लगे
