पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने अपने पद से इस्तीफे को लेकर एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि दिल को बहलाने के लिए ख्याल अच्छा है। लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत के मामले में हम छह फीसदी से 18 फीसदी पर पहुंच गए, बहुत बढ़िया रहे। लेकिन सीट तो एक भी नहीं आई। इसकी जिम्मेदारी मेरी बनती थी। ऐसे में मैंने पार्टी प्रधान जेपी नड्डा साहब और पीएम से मिलकर कहा था कि मुझे इस जिम्मेदारी से हटाया जाए। मैं नैतिक आधार पर इस पद पर नहीं रह सकता हूं। इस्तीफा उनके पास ही है, वह क्या फैसला लेते हैं, वह उनके हाथ में हैं। हालांकि मैं अपने मन से बड़ा क्लियर हूं कि इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं। कांग्रेस के प्रधान पद से भी दिया था इस्तीफा जाखड़ ने कहा कि उन्होंने पहली बार इस्तीफा नहीं दिया। जब वह कांग्रेस के प्रधान पर पर थे तो 2019 में चुनाव रिजल्ट आए, वह गुरदासपुर से नहीं जीत पाए। उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया। उस समय भी सोनिया गांधी ने कहा आप प्रधानगी संभालो। लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। एक दो महीने मामला लटका रहा। फिर जब तक नया प्रधान नहीं बनाया गया तब तक उन्हें प्रधान बनाए रखा गया। आज सरकार व विपक्ष मिले हुए हैं जब जाखड़ से पूछा गया कि वह काफी समय से पंजाब एक्टिव नहीं है। जाखड़ ने कहा कि जब प्रधान पद से इस्तीफा दिया था, तो उसके पास संदेह की स्थिति बनी हुई थी। पार्टी के पास लीडरशिप की कमी नहीं है। आज मसला यह नहीं है प्रधान कौन बनता है। मसला है किसानों के साथ क्या हो रहा है। सरकार व विपक्ष मिले हुए हैं। कल मैं सबके बयान सुन रहा था। भगवंत मान का ट्वीट सबके पास आया, लेकिन कोई नहीं सीएम भगवंत मान के खिलाफ नहीं बोल पाया। पॉलिसी बनाने के समय दिल्ली में थे नेता पंजाब सरकार की मिलर पॉलिसी को लेकर जाखड़ ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मिलर पॉलिसी बनने के बाद एक महीना उसे लागू करने में लग जाता है। गत साल 2 अगस्त को पॉलिसी आ गई थी। जबकि इस बार 24 सितंबर को पॉलिसी आई, छह दिन में खरीद शुरू हो गई। यह चीज साफ नहीं थी कि अनाज कहां जाना है। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दिक्कत नहीं आई। पहले सारे दिल्ली घूम रहे थे। केजरीवाल जेल के अंदर थे। जाखड़ ने कहा कि किसानों को इस समय मदद की जरूरत है। सरकार उनकी बाजू कैसे पकड़े। उन्होंने कहा कि कम्युनिकेशन गैप को दूर किया जाना चाहिए। बिट्टू क्यों नहीं बन सकते हैं सीएम भाजपा प्रधान से जब पूछा गया कि केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि 2027 में बीजेपी सरकार बनेगी, वह पंजाब के सीएम बनेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस वाले कह रहे कि नीटू शटरां वाले सीएम बनेंगे। नीटू वाले सीएम बन गए तो फिर बिटटू में क्या दिक्कत हैं। 2027 में दो साल बचे हैं। डटकर काम काम करने की जरूरत। लोग काम मांगते हैं। बिट्टू से नाराज नहीं, चीफ गेस्ट बुलाया है जाखड़ ने कहा कि लोग कहते हैं कि बिट्टू और सुनील नाराज हैं। जाखड़ ने कहा कि जिससे मेरी नहीं बनती है, उसके लिए मेरे दरवाजे हमेशा बंद रहते हैं। मेरा भतीजा विधायक संदीप जाखड़ मैराथन करवाता है, जो कि इस महीने होनी है। वहां पर चीफ गेस्ट बिट्टू को बुलाया है। उन्होंने कहा कि बिट्टू कहते हैं कि किसानों के खाते जांचेंगे। यह काम बाद में कर लेना। जिनके घर से दस करोड़ मिले हैं। बसों की बॉडी का मुद्दा इंटरस्टेट हैं। इनके खाते खुलवाएं। उन्होंने कहा कि कुछ काम करेंगे है तो लोग घर से ले जाएंगे। अकाली दल का मजबूत होना जरूर सुनील जाखड़ ने कहा वह पहले दिन से कह रहे कि अकाली दल का बना रहना बड़ जरूरी है। चाहे सीटे मिले या नहीं मिले। उन्होंने कहा कि इस चीज से ही राज्य का फायदा है। याद रहे कि उन्होंने भाजपा और बीजेपी में समझौता होने भी लगा था। लेकिन यह समझौता सिरे नहीं चढ़ पाया है। पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने अपने पद से इस्तीफे को लेकर एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि दिल को बहलाने के लिए ख्याल अच्छा है। लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत के मामले में हम छह फीसदी से 18 फीसदी पर पहुंच गए, बहुत बढ़िया रहे। लेकिन सीट तो एक भी नहीं आई। इसकी जिम्मेदारी मेरी बनती थी। ऐसे में मैंने पार्टी प्रधान जेपी नड्डा साहब और पीएम से मिलकर कहा था कि मुझे इस जिम्मेदारी से हटाया जाए। मैं नैतिक आधार पर इस पद पर नहीं रह सकता हूं। इस्तीफा उनके पास ही है, वह क्या फैसला लेते हैं, वह उनके हाथ में हैं। हालांकि मैं अपने मन से बड़ा क्लियर हूं कि इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं। कांग्रेस के प्रधान पद से भी दिया था इस्तीफा जाखड़ ने कहा कि उन्होंने पहली बार इस्तीफा नहीं दिया। जब वह कांग्रेस के प्रधान पर पर थे तो 2019 में चुनाव रिजल्ट आए, वह गुरदासपुर से नहीं जीत पाए। उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया। उस समय भी सोनिया गांधी ने कहा आप प्रधानगी संभालो। लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। एक दो महीने मामला लटका रहा। फिर जब तक नया प्रधान नहीं बनाया गया तब तक उन्हें प्रधान बनाए रखा गया। आज सरकार व विपक्ष मिले हुए हैं जब जाखड़ से पूछा गया कि वह काफी समय से पंजाब एक्टिव नहीं है। जाखड़ ने कहा कि जब प्रधान पद से इस्तीफा दिया था, तो उसके पास संदेह की स्थिति बनी हुई थी। पार्टी के पास लीडरशिप की कमी नहीं है। आज मसला यह नहीं है प्रधान कौन बनता है। मसला है किसानों के साथ क्या हो रहा है। सरकार व विपक्ष मिले हुए हैं। कल मैं सबके बयान सुन रहा था। भगवंत मान का ट्वीट सबके पास आया, लेकिन कोई नहीं सीएम भगवंत मान के खिलाफ नहीं बोल पाया। पॉलिसी बनाने के समय दिल्ली में थे नेता पंजाब सरकार की मिलर पॉलिसी को लेकर जाखड़ ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मिलर पॉलिसी बनने के बाद एक महीना उसे लागू करने में लग जाता है। गत साल 2 अगस्त को पॉलिसी आ गई थी। जबकि इस बार 24 सितंबर को पॉलिसी आई, छह दिन में खरीद शुरू हो गई। यह चीज साफ नहीं थी कि अनाज कहां जाना है। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दिक्कत नहीं आई। पहले सारे दिल्ली घूम रहे थे। केजरीवाल जेल के अंदर थे। जाखड़ ने कहा कि किसानों को इस समय मदद की जरूरत है। सरकार उनकी बाजू कैसे पकड़े। उन्होंने कहा कि कम्युनिकेशन गैप को दूर किया जाना चाहिए। बिट्टू क्यों नहीं बन सकते हैं सीएम भाजपा प्रधान से जब पूछा गया कि केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि 2027 में बीजेपी सरकार बनेगी, वह पंजाब के सीएम बनेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस वाले कह रहे कि नीटू शटरां वाले सीएम बनेंगे। नीटू वाले सीएम बन गए तो फिर बिटटू में क्या दिक्कत हैं। 2027 में दो साल बचे हैं। डटकर काम काम करने की जरूरत। लोग काम मांगते हैं। बिट्टू से नाराज नहीं, चीफ गेस्ट बुलाया है जाखड़ ने कहा कि लोग कहते हैं कि बिट्टू और सुनील नाराज हैं। जाखड़ ने कहा कि जिससे मेरी नहीं बनती है, उसके लिए मेरे दरवाजे हमेशा बंद रहते हैं। मेरा भतीजा विधायक संदीप जाखड़ मैराथन करवाता है, जो कि इस महीने होनी है। वहां पर चीफ गेस्ट बिट्टू को बुलाया है। उन्होंने कहा कि बिट्टू कहते हैं कि किसानों के खाते जांचेंगे। यह काम बाद में कर लेना। जिनके घर से दस करोड़ मिले हैं। बसों की बॉडी का मुद्दा इंटरस्टेट हैं। इनके खाते खुलवाएं। उन्होंने कहा कि कुछ काम करेंगे है तो लोग घर से ले जाएंगे। अकाली दल का मजबूत होना जरूर सुनील जाखड़ ने कहा वह पहले दिन से कह रहे कि अकाली दल का बना रहना बड़ जरूरी है। चाहे सीटे मिले या नहीं मिले। उन्होंने कहा कि इस चीज से ही राज्य का फायदा है। याद रहे कि उन्होंने भाजपा और बीजेपी में समझौता होने भी लगा था। लेकिन यह समझौता सिरे नहीं चढ़ पाया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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