<p style=”text-align: justify;”><strong>Union Minister Chirag Paswan:</strong> केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को अपने पिता और चाचा का पुराना कार्यालय उन्हें मिल गया है. भतीजे को ये कार्यालय चाचा से लेकर दिया गया है, जो कुछ दिन पहले तक राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का ऑफिस हुआ करता था. शुक्रवार को चिराग पासवान अपने पिता के इस पुरानी ऑफिस का निरीक्षण करने पहुंचे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस के इस कार्यालय को भवन निर्माण विभाग ने खाली कराया था और अब इसे चिराग को दे दिया गया है. कुछ दिन पहले तक यह कार्यालय पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के नाम था, लेकिन अब इसमें चिराग पासवान अपना लोजपा रामविलास का कार्यालय बनाएंगे. चिराग पासवान ने कहा कि इस कार्यालय से हमारे हमारे पिताजी की पूरे परिवार की यादें जुड़ी हैं. मुझे फिर यह मिला है. निश्चित तौर पर इस कार्यालय से हमारे चाचा की यादें जुड़ी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>चिराग पासवान ने अपने चाचा का जिक्र करते हुए कहा कि उनके साथ में लंबे समय तक रहा, लेकिन परिस्थितियां बदलती हैं. यह परिस्थितियां उन्हीं के जरिए बनाई गई हैं कि आज हम लोग अलग-अलग हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यालय किसी का नहीं होता है. आज हमारे पास है, कल किसी और के पास होगा. यह सब स्थिति के अनुसार चलता रहता है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Union Minister Chirag Paswan:</strong> केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को अपने पिता और चाचा का पुराना कार्यालय उन्हें मिल गया है. भतीजे को ये कार्यालय चाचा से लेकर दिया गया है, जो कुछ दिन पहले तक राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का ऑफिस हुआ करता था. शुक्रवार को चिराग पासवान अपने पिता के इस पुरानी ऑफिस का निरीक्षण करने पहुंचे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस के इस कार्यालय को भवन निर्माण विभाग ने खाली कराया था और अब इसे चिराग को दे दिया गया है. कुछ दिन पहले तक यह कार्यालय पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के नाम था, लेकिन अब इसमें चिराग पासवान अपना लोजपा रामविलास का कार्यालय बनाएंगे. चिराग पासवान ने कहा कि इस कार्यालय से हमारे हमारे पिताजी की पूरे परिवार की यादें जुड़ी हैं. मुझे फिर यह मिला है. निश्चित तौर पर इस कार्यालय से हमारे चाचा की यादें जुड़ी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>चिराग पासवान ने अपने चाचा का जिक्र करते हुए कहा कि उनके साथ में लंबे समय तक रहा, लेकिन परिस्थितियां बदलती हैं. यह परिस्थितियां उन्हीं के जरिए बनाई गई हैं कि आज हम लोग अलग-अलग हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यालय किसी का नहीं होता है. आज हमारे पास है, कल किसी और के पास होगा. यह सब स्थिति के अनुसार चलता रहता है.</p> बिहार एनआरआई मामलों में पंजाब के मान सरकार की बड़ी पहल