हिमाचल में अगले 4 दिन मौसम रहेगा साफ:बारिश-बर्फबारी के लिए तरसे लोग, 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर हुई गेहूं की बुआई

हिमाचल में अगले 4 दिन मौसम रहेगा साफ:बारिश-बर्फबारी के लिए तरसे लोग, 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर हुई गेहूं की बुआई

हिमाचल प्रदेश में लोग बारिश-बर्फबारी के लिए तरस गए है। IMD द्वारा बारिश-बर्फबारी के पूर्वानुमान के बाद भी प्रदेश में बादल नहीं बरस रहे है। जिसके कारण प्रदेश में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए है। बारिश नही होने के बावजूद भी प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है। लाहौल स्पीति के ताबो में पहली बार न्यूनतम तापमान माइनस 7.6 डिग्री तक गिरा है। ताबो के साथ साथ कुकुमसैरी और समदो में भी तापमान माइनस में चला गया है। इसके साथ ही प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में भी तापमान में बीते दिनों के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश के ऊना जिले में अधिकतम तापमान भी गिरकर 27.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान भी नॉर्मल से 0.3 डिग्री सेल्सियस नीचे गिरा है। यानी बीती रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात रिकॉर्ड की गई। IMD के अनुसार, एक अक्टूबर से 15 नवंबर के प्रदेश में 33.6 मिलीमीटर बारिश होती है। इस बार केवल 0.7 मिलीमीटर बादल बरसे है। यही मानसून में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक से 15 अक्टूबर तक प्रदेश में पानी की एक बूंद नहीं बरसी। खेतीबाड़ी के साथ साथ राज्य के पर्यटन के लिए भी यह अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा। 22 तक बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं अमूमन लाहौल स्पीति, कुल्लू और चंबा की ऊंची चोटियों पर 15 अक्टूबर के बाद बर्फबारी हो जाती थी। इससे पर्यटक भी काफी संख्या में इसे देखने पहुंचते थे। लेकिन इस बार मौसम मेहरबान नहीं हो रहा। IMD ने 22 तारीख को प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया है।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के अधिकांश इलाकों में अगले चार दिन तक बारिश बर्फबारी के कोई आसार नहीं है। वहीं बिलासपुर और मंडी जिला में घनी धुंध का येलो अलर्ट जरूर जारी किया गया है। 46 दिन में 1 मिलीमीटर बारिश भी नहीं हुई वहीं प्रदेश में बीते 46 दिन से चला आ रहा ड्राइ स्पेल नहीं टूट पाया। मौसम विभाग (IMD) ने बीते 16 और 17 नवंबर को बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया था। लेकिन कहीं पर भी बारिश-बर्फबारी नहीं हुई। आज से आगामी 22 तारीख तक मौसम के पूरी तरह साफ बने रहने का पूर्वानुमान है। 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर हुई गेहूं की बुआई प्रदेश में इससे सूखे के कारण हालात खराब होते जा रहे है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। प्रदेश में गेंहू की बुआई का उचित समय बीत चुका है। मगर इस बार 10 फीसदी जमीन पर ही किसान गेंहू की बुआई कर पाए है। कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में बीते साल गेंहू की फसल 3.26 लाख हेक्टेयर भूमि पर थी। इस बार मुश्किल से 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर ही इसकी बुआई हो पाई है। जिन किसानों ने गेंहू की बुआई की थी, उनकी फसल भी जमीन में नमी नहीं होने के कारण खराब होने लगी है। पानी के स्त्रोत सूखने लगे है। इससे किसान सिंचाई भी नहीं कर पा रहे है। हिमाचल प्रदेश में लोग बारिश-बर्फबारी के लिए तरस गए है। IMD द्वारा बारिश-बर्फबारी के पूर्वानुमान के बाद भी प्रदेश में बादल नहीं बरस रहे है। जिसके कारण प्रदेश में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए है। बारिश नही होने के बावजूद भी प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है। लाहौल स्पीति के ताबो में पहली बार न्यूनतम तापमान माइनस 7.6 डिग्री तक गिरा है। ताबो के साथ साथ कुकुमसैरी और समदो में भी तापमान माइनस में चला गया है। इसके साथ ही प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में भी तापमान में बीते दिनों के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश के ऊना जिले में अधिकतम तापमान भी गिरकर 27.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान भी नॉर्मल से 0.3 डिग्री सेल्सियस नीचे गिरा है। यानी बीती रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात रिकॉर्ड की गई। IMD के अनुसार, एक अक्टूबर से 15 नवंबर के प्रदेश में 33.6 मिलीमीटर बारिश होती है। इस बार केवल 0.7 मिलीमीटर बादल बरसे है। यही मानसून में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक से 15 अक्टूबर तक प्रदेश में पानी की एक बूंद नहीं बरसी। खेतीबाड़ी के साथ साथ राज्य के पर्यटन के लिए भी यह अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा। 22 तक बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं अमूमन लाहौल स्पीति, कुल्लू और चंबा की ऊंची चोटियों पर 15 अक्टूबर के बाद बर्फबारी हो जाती थी। इससे पर्यटक भी काफी संख्या में इसे देखने पहुंचते थे। लेकिन इस बार मौसम मेहरबान नहीं हो रहा। IMD ने 22 तारीख को प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया है।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के अधिकांश इलाकों में अगले चार दिन तक बारिश बर्फबारी के कोई आसार नहीं है। वहीं बिलासपुर और मंडी जिला में घनी धुंध का येलो अलर्ट जरूर जारी किया गया है। 46 दिन में 1 मिलीमीटर बारिश भी नहीं हुई वहीं प्रदेश में बीते 46 दिन से चला आ रहा ड्राइ स्पेल नहीं टूट पाया। मौसम विभाग (IMD) ने बीते 16 और 17 नवंबर को बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया था। लेकिन कहीं पर भी बारिश-बर्फबारी नहीं हुई। आज से आगामी 22 तारीख तक मौसम के पूरी तरह साफ बने रहने का पूर्वानुमान है। 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर हुई गेहूं की बुआई प्रदेश में इससे सूखे के कारण हालात खराब होते जा रहे है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। प्रदेश में गेंहू की बुआई का उचित समय बीत चुका है। मगर इस बार 10 फीसदी जमीन पर ही किसान गेंहू की बुआई कर पाए है। कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में बीते साल गेंहू की फसल 3.26 लाख हेक्टेयर भूमि पर थी। इस बार मुश्किल से 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर ही इसकी बुआई हो पाई है। जिन किसानों ने गेंहू की बुआई की थी, उनकी फसल भी जमीन में नमी नहीं होने के कारण खराब होने लगी है। पानी के स्त्रोत सूखने लगे है। इससे किसान सिंचाई भी नहीं कर पा रहे है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर