सोनीपत की गोहाना के गुढ़ा गांव में रोहतक मोड़ के पास करीब 70 ब्लड बैग मिले हैं। जिसे देखकर आसपास के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ब्लड बैग को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल भेजा दिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक ब्लड बैग पर सैंपल लेने की तारीख 13 नवंबर लिखी हुईं है। 25 नवंबर को एक्सपायरी डेट लिखी हुई है। जहां ब्लड सैंपल से संबंधित सिरिंज व अन्य सभी सैंपल किट और ब्लड किट संबंधित अन्य सामान कोई डालकर चला गया। उन्होंने कहा कि रक्त को हम लोगों की जान बचाने के लिए डोनेट करते हैं। उसको बड़ी बेक़द्री के साथ इस प्रकार डाला गया है। मामले को लेकर जांच करने की भी मांग स्थानीय लोगों ने उठाई है। लोगों का यह भी आरोप है कि यह किसी कैंप में लिया गया ब्लड सैंपल हो सकता है। वर्ल्ड यूनिट की कुछ थैलियों में मिला रक्त सिविल हॉस्पिटल गोहाना के एसएमओ संजय छिक्कारा ने कहा कि वर्ल्ड यूनिट की कुछ थैलियों में रक्त है। अन्य बायो वेस्ट का सामान पड़ा हुआ मिला है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से ब्लड यूनिट की थैंलियों को नहीं डाला जा सकता। नंबर के आधार पर लगाया जा रहा हॉस्पिटल का पता उन्होंने यह भी बताया कि मित्रा नाम की एक कंपनी के यूनिट बैग हैं। वहां से नंबर के आधार पर पता लगवाया जाएगा कि किस हॉस्पिटल में यह बैग भेजे गए थे। संबंधित हॉस्पिटल के खिलाफ ऐसा गलत काम करने के एवज में भी कार्रवाई की जाएगी। कुलदीप सिंह ने कहा कि सिविल सर्जन डिप्टी सिविल सर्जन और ड्रग इंस्पेक्टर संज्ञान में मामला लाया गया है। सोनीपत की गोहाना के गुढ़ा गांव में रोहतक मोड़ के पास करीब 70 ब्लड बैग मिले हैं। जिसे देखकर आसपास के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ब्लड बैग को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल भेजा दिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक ब्लड बैग पर सैंपल लेने की तारीख 13 नवंबर लिखी हुईं है। 25 नवंबर को एक्सपायरी डेट लिखी हुई है। जहां ब्लड सैंपल से संबंधित सिरिंज व अन्य सभी सैंपल किट और ब्लड किट संबंधित अन्य सामान कोई डालकर चला गया। उन्होंने कहा कि रक्त को हम लोगों की जान बचाने के लिए डोनेट करते हैं। उसको बड़ी बेक़द्री के साथ इस प्रकार डाला गया है। मामले को लेकर जांच करने की भी मांग स्थानीय लोगों ने उठाई है। लोगों का यह भी आरोप है कि यह किसी कैंप में लिया गया ब्लड सैंपल हो सकता है। वर्ल्ड यूनिट की कुछ थैलियों में मिला रक्त सिविल हॉस्पिटल गोहाना के एसएमओ संजय छिक्कारा ने कहा कि वर्ल्ड यूनिट की कुछ थैलियों में रक्त है। अन्य बायो वेस्ट का सामान पड़ा हुआ मिला है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से ब्लड यूनिट की थैंलियों को नहीं डाला जा सकता। नंबर के आधार पर लगाया जा रहा हॉस्पिटल का पता उन्होंने यह भी बताया कि मित्रा नाम की एक कंपनी के यूनिट बैग हैं। वहां से नंबर के आधार पर पता लगवाया जाएगा कि किस हॉस्पिटल में यह बैग भेजे गए थे। संबंधित हॉस्पिटल के खिलाफ ऐसा गलत काम करने के एवज में भी कार्रवाई की जाएगी। कुलदीप सिंह ने कहा कि सिविल सर्जन डिप्टी सिविल सर्जन और ड्रग इंस्पेक्टर संज्ञान में मामला लाया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में विधेयक लाकर युवाओं की नौकरी बचाएगी सरकार:सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद CM सैनी का प्रेस कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस पर साधा निशाना
हरियाणा में विधेयक लाकर युवाओं की नौकरी बचाएगी सरकार:सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद CM सैनी का प्रेस कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस पर साधा निशाना हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) के तहत मिलने वाली सभी नौकरियों पर कोई संकट नहीं है। हरियाणा सरकार पूरी तरह से युवाओं के साथ खड़ी है। यह कहना है हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का। हरियाणा में सरकारी भर्ती परीक्षा में सामाजिक-आर्थिक आधार पर पिछड़े अभ्यर्थियों को 5 बोनस अंक देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सोमवार को दिए फैसले में कोर्ट ने कहा- यह असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा कि भाजपा की हरियाणा सामाजिक और आर्थिक नीति अंत्योदय पर आधारित है। इसके तहत नौकरियों में शामिल हुए हजारों युवाओं के साथ सरकार पूरी तरह से है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सीईटी परीक्षा पर कोई प्रश्नचिह्न नहीं है। कांग्रेस के लोग इस फैसले पर गंदी राजनीति कर रहे हैं। हमारी सरकार गरीबों की लड़ाई लड़ रही है। हम विधानसभा में रिव्यू पिटीशन या बिल लाकर इसे कायम रखेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस गरीबों का मजाक उड़ा रही मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि कांग्रेस सीईटी पर भ्रम फैला रही है। हमारी सरकार गरीबों के हक की लड़ाई लड़ रही है। अंत्योदय की भावना से जिन गरीबों को लाभ दिया गया है, उनके साथ खड़ी है। लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान किसी गरीब परिवार को नौकरी नहीं दी गई। हमारी सरकार ने ऐसे लोगों को नौकरी दी जो अनाथ हैं, परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है, अगर इस योजना के लाभ से उनके घर में चिराग जले हैं तो कांग्रेस के लोग किस बात से उत्साहित हैं। इससे पता चलता है कि कांग्रेस गरीबों का मजाक उड़ा रही है। कांग्रेस ने भाई-भतीजावाद से नौकरियां दीं मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि कांग्रेस सरकार में भाई-भतीजावाद से नौकरियां दी जाती थीं। क्षेत्रवाद और जातिवाद हावी था। नौकरियों की नीलामी होती थी। जिसके पास ज्यादा पैसा और रसूख था, उसे नौकरी मिल जाती थी। कांग्रेस के राज में युवाओं में हताशा थी। युवा पढ़ाई करने की बजाय इधर-उधर भागने में व्यस्त रहते थे। उनके नेता उन्हें आस-पास के गांवों के लोगों के साथ घुमाते थे। गरीब लोग जिनके पास पैसे नहीं थे, वे सिर्फ वोट के लिए थे। एक भी गरीब बच्चे को सरकारी नौकरी नहीं दी गई, जिसके पास पैसे नहीं थे। लेकिन आज भाजपा सरकार ने योग्यता के आधार पर एक लाख 32 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। कांग्रेस के समय में सिफारिशें ढूंढते थे, हमारे समय में लाइब्रेरी ढूंढते हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि आज युवाओं में एक नई उम्मीद और विकास का संचार हुआ है। अब नौकरी के लिए किसी नेता के सामने हाथ फैलाना नहीं पड़ता है। आज युवा सिर ऊंचा करके स्वाभिमान के साथ नौकरी कर रहे हैं। पहले युवा सिफारिशें ढूंढते थे, आज वे लाइब्रेरी ढूंढते हैं। कांग्रेस और हमारी सरकार में यही अंतर है। 7 दिसंबर 2018 को हमारे हाईकोर्ट की डबल बेंच ने हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई सामाजिक-आर्थिक नीति के तहत दिए जाने वाले 5 सूत्रीय प्रारूप की प्रशंसा की थी। लेकिन कांग्रेस भर्ती रोको गैंग के तहत अड़चनें पैदा करती रही है। कांग्रेस भ्रम न फैलाए। हमने सरकारी नौकरियां देते समय प्रदेश के गरीब परिवारों का ध्यान रखा है। मुख्यमंत्री ने सुरजेवाला पर लगाया भ्रम फैलाने का आरोप मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के एक नेता के पास अधूरी जानकारी है। वह फैसलों की जड़ में जाने की बजाय भ्रम फैलाते हैं। पहले कांग्रेस सरकार को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। यह नेता कांग्रेस कार्यकाल में मंत्री भी रह चुके हैं। सैनी ने कहा कि सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि ग्रुप डी में 13 लाख 50 हजार ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसमें कुल 13 हजार 557 पद थे। सुरजेवाला ने सही बात कही, हम गलत नहीं कह रहे। लेकिन मैं सुरजेवाला को बताना चाहता हूं कि 13 लाख 50 हजार अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। साढ़े नौ लाख युवाओं ने पेपर दिया और 4 लाख 20 हजार क्वालिफाई हुए। सीईटी का पेपर तीन साल के लिए वैध होता है। जरूरत पड़ने पर हम सीईटी से बच्चों को लेकर नौकरी देते हैं। ऐसे 11 हजार युवा नौकरी में आ चुके हैं। इसमें से 2657 छात्र ऐसे थे, जिन्हें ज्वाइन करना था, लेकिन हमने रिजल्ट रोक दिया था। जो 11 हजार छात्र जुड़ गए हैं, उनको कोई परेशानी नहीं है। इसी तरह ग्रुप सी में CET क्वालिफाई करने वाले सभी छात्रों को हमने नौकरी दी है। आइए समझते हैं क्या है CET हरियाणा की खट्टर सरकार ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछड़े आवेदकों को 5 बोनस अंक देने का फैसला किया था। यह फैसला 5 मई 2022 से लागू हो गया। इसके तहत ऐसे परिवार के आवेदक को 5 अतिरिक्त अंकों का लाभ मिलता है, जिसका कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है और परिवार की आय 1.80 लाख रुपये सालाना से कम है। हरियाणा सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग की कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में 1.80 लाख सालाना आय वाले परिवारों को बोनस अंकों का लाभ दिया था। यह लाभ सिर्फ राज्य के परिवार पहचान पत्र (PPP) वाले युवाओं को मिला था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वर्ष 2023 में जारी ग्रुप सी और डी में नियुक्ति पाने वाले 23 हजार युवाओं को दोबारा परीक्षा देनी होगी। अगर वे पास नहीं हो पाते हैं तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। उन्हें नियुक्ति भी भर्ती वाले साल में ही दी गई थी।
हिसार में साले ने की जीजा की पिटाई:घर से बाहर ले जाकर बीयर की बोतल मारी, बहन से चल रहे विवाद पर भड़का
हिसार में साले ने की जीजा की पिटाई:घर से बाहर ले जाकर बीयर की बोतल मारी, बहन से चल रहे विवाद पर भड़का हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद क्षेत्र के गांव भकलाना में साले द्वारा जीजा को घर से बाहर ले जाकर लाकर बीयर की बोतल व डंडे से मारपीट करने का मामला सामने आया है। बास थाना पुलिस ने घायल के बयान दर्ज कर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। भकलाना निवासी विजय ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह खेतीबाड़ी करता है और शादी शुदा है। उसका एक 3 साल का बेटा रुद्र है। उसकी शादी भिवानी जिले के तालू गांव निवासी प्रियंका के साथ हुई थी। कुछ समय से विजय और प्रियंका के बीच अनबन चल रही है। एक साल से उसकी पत्नी अपने मायके में रह रही है। विजय ने बताया कि, 18 जून को उसका साला तालू निवासी सोमबीर उसके घर आया और फिर बाइक पर बैठाकर आईटीआई भकलाना के पास ले गया। दोनों वहां पर बैठकर आपस में बातचीत करने लगे और उसके साले ने वहीं पर पड़ी बियर की बोतल उठाकर उसके बाएं गाल पर मार दी। इसके बाद डंडा उठाकर उसके हाथ, पैर व कमर पर मारे। बाद में फोन करके भतीजे को वहां पर बुला लिया। भतीजा उसे और सोमबीर को घर पर ले आया। घर पहुंचकर पीड़ित ने डायल 112 पर अपने साथ हुई मारपीट की सूचना दी। जिस पर उसका साला मौके से भाग अया। आरोप है कि जाते जाते आरोपी साल जान से मारने की धमकी देकर गया है। पिटाई से घायल विजय को इलाज के लिए नारनौंद के नागरिक अस्पताल में ले जाया गया, जहां से उसे हिसार रेफर कर दिया। जहां पर उसका इलाज चल रहा है। बास थाना पुलिस ने विजय के बयानों के आधार पर सोमबीर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अटेली में आरती राव की राह आसान नहीं:बाहरी प्रत्याशी से नाराज हुए BJP नेता-वर्कर; राव इंद्रजीत की साख दांव पर
अटेली में आरती राव की राह आसान नहीं:बाहरी प्रत्याशी से नाराज हुए BJP नेता-वर्कर; राव इंद्रजीत की साख दांव पर दक्षिण हरियाणा में वर्चस्व की लड़ाई एक बार फिर अपने चरम पर पहुंचने लगी है। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बीजेपी की लिस्ट में आधा दर्जन से अधिक को टिकट दिलाकर अपना लोहा मनवाया है। अटेली के मौजूदा विधायक सीताराम यादव की टिकट पर कैंची चलाने के साथ ही अपनी बेटी आरती राव को चुनावी रण में उतारकर राव इंद्रजीत ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। हालांकि अटेली में आरती राव को बाहरी बताने का दौर शुरू हो गया है। वहीं टिकट कटने से पार्टी से इस्तीफे के साथ ही निर्दलीय भी ताल ठोकने का ऐलान शुरू हो गया है। रामपुरा हाउस से जुड़े लोगों की कार्यप्रणाली से स्थानीय लोग नाराज बताए जाते हैं और लोगों में चर्चा है कि इसका खामियाजा कहीं आरती राव को न भुगतना पड़ जाए। मौजूदा विधायक सीताराम यादव संघ व बीजेपी के करीबी थे। वे अपने सरल स्वभाव व हर दम लोगों के लिए मौजूद रहने के चलते लोग उनकी ही टिकट चाह रहे थे। यहां तक सीताराम यादव ने बीजेपी के जिन भी नेताओं से मुलाकात की, सभी ने उनको आश्वासन दिया कि उनकी टिकट पक्की है। हालांकि आरती राव करीब डेढ़ माह पहले ही सार्वजनिक मंच पर अपने अटेली से चुनाव लड़ने का ऐलान कर बीजेपी नेतृत्व को चुनौती दे चुकीं थीं। हालांकि केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने दक्षिण हरियाणा में अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया और काफी हद तक सफल भी रहे। नांगल चौधरी से अभय सिंह यादव अपनी टिकट बचाने में सफल तो र,हे लेकिन इस बार उन्हें विपक्षी पार्टी के साथ ही दूसरे राव साहब की भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। रामपुरा हाउस से जुड़े लोग अटेली में लंबे समय से सक्रिय हैं। लेकिन उनकी कार्यप्रणाली से स्थानीय लोग खासे नाराज हैं। इसी के चलते जैसे ही आरती राव ने अटेली से चुनाव लड़ने का शंखनाद किया, वैसे ही उनका विरोध शुरू हो गया था। लोगों ने महापंचायत कर निर्णय लिया था कि वह बाहरी प्रत्याशी बर्दाश्त नहीं करेंगे। साथ ही चेतावनी दी थी कि बीजेपी अटेली विधानसभा के 107 गांव से किसी को भी टिकट दे दे, वह उसका पूरा साथ देंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब यहां पर बाहरी का मुद्दा गर्माया हुआ है। इसके चलते यह तो साफ है कि आरती राव के यहां से आसानी से चुनाव जीतना इतना आसान नहीं रहने वाला। नाराज दावेदारों की लंबी सूची
अटेली से मौजूदा विधायक सीताराम यादव, पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव, जसवंत सिंह बब्लू, नरेश यादव, सुनील राव, कुलदीप यादव सहित आधा दर्जन से अधिक नेता आरती राव को टिकट देने से खासे नाराज हैं। कुछ पार्टी छोड़ रहे हैं, तो कुछ अब घर पर बैठने का मन बना रहे हैं। हालांकि सीताराम यादव खुद को बीजेपी का सिपाही बताते हुए साथ देने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि उनके समर्थक व आम लोग कितने सक्रिय रहते हैं। सुनील राव ने इस्तीफा दे दिया है, तो बाकी कतार में हैं। इसके चलते अटेली सीट किसी भी सूरत में आरती राव के लिए सेफ नजर नहीं आ रही हैं। कहीं ऐसा ना हो कि वह यहां आकर फंस जाएं। निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष
अटेली से टिकट मांग रहीं पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव इस समय नारनौल टिकट का ऐलान होने का इंतजार कर रहीं हैं। उनको उम्मीद है कि शायद पार्टी उनको नारनौल से टिकट दे सकती है। यदि वहां से किसी दूसरे को टिकट मिला तो फिर संतोष यादव निर्दलीय चुनावी रण में कूद सकती हैं। दो दिन इंतजार के बाद नाराज नेता उठाएंगे बड़े कदम अटेली विधानसभा सीट से टिकट कटने से कई बीजेपी नेता नाराज हैं। खुलकर सड़कों पर नाराजगी जता रहे हैं। बीजेपी वर्कर्स के साथ ही आम लोग भी आरती राव को बाहरी प्रत्याशी बताकर नाराजगी जता रहे हैं। नाराज नेता 2 दिन इंतजार कर रहे हैं ताकि बीजेपी कोई बदलाव कर दे। यदि बदलाव नहीं हुआ तो फिर यह निर्दलीय चुनावी रण में उतरने का ऐलान कर सकते हैं। ऐसा हुआ तो आरती राव के लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो सकती है। पूर्व मंत्री यादव को बुजुर्ग कह टिकट की रेस से किया बाहर
कुछ दिन पूर्व आरती राव ने नारनौल में मौजूदा विधायक ओमप्रकाश यादव को बुजुर्ग कहते हुए कहा कि अब उनकी जगह युवा को मौका मिलना चाहिए। इस अवसर पर विधायक यादव भी मौके पर मौजूद थे। इसके पहले अटेली विधायक सीताराम यादव की जगह आरती ने खुद अटेली से चुनाव लड़ने की बात मंच पर कही थी। इन बयानों के बाद से राव इंद्रजीत सिंह और उनकी बेटी आरती राव को लेकर दक्षिण हरियाणा में नाराजगी का दौर चल रहा है।