<p style=”text-align: justify;”><strong>Farmers Protest:</strong> किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं. 6 दिसंबर को किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करेंगे. एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर किसान 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर के साथ ही खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. किसानों का 13 फरवरी को दिल्ली कूच था, मगर उन्हें हरियाणा पुलिस और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज ने आगे बढ़ने से रोक दिया था, जिसके बाद वे शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हो धारण दे रहे हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Farmers Protest:</strong> किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं. 6 दिसंबर को किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करेंगे. एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर किसान 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर के साथ ही खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. किसानों का 13 फरवरी को दिल्ली कूच था, मगर उन्हें हरियाणा पुलिस और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज ने आगे बढ़ने से रोक दिया था, जिसके बाद वे शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हो धारण दे रहे हैं.</p> हरियाणा यूपी उपचुनाव में सपा को नहीं मिल रहा इंडिया गठबंधन का साथ! अकेले पड़े अखिलेश यादव
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23 साल बाद लौटा वतन, पासपोर्ट खोने पर लेबनान में फंसा पंजाबी ऐसे आया अपने देश <p style=”text-align: justify;”><strong>Ludhiana Man Return From Lebanon:</strong> गुरतेज सिंह पंजाब में अपने परिवार के भविष्य के लिए बेहतर आजीविका कमाने के लिए जब लेबनान गए थे, तो उन्हें शायद ही पता होगा कि अपने परिवार से मिलने के लिए 23 साल तक इंतजार करना पड़ेगा. लुधियाना जिले के मत्तेवाड़ा गांव के मूल निवासी सिंह 2001 में अपने गांव के पांच-छह लोगों के साथ लेबनान चले गए थे. 2006 में लेबनान में युद्ध छिड़ने के बाद बाकी लोग घर लौट आए, लेकिन सिंह पासपोर्ट खो जाने के कारण वहीं फंस गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब 55 साल के हो चुके गुरतेज सिंह ने कहा, “अपने परिवार को बेहतर जीवन देने के लिए 2001 में काम के लिए लेबनान गया था.” उन्होंने शनिवार (21 सितंबर) को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “(जब युद्ध छिड़ा) मैं भी भारत लौटना चाहता था. मैं कई बार भारतीय दूतावास गया, लेकिन मुझे (डुप्लीकेट पासपोर्ट हासिल करने के लिए) कुछ सबूत पेश करने को कहा गया.’’</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”pa”>24 ਸਾਲਾਂ ਤੋਂ ਲੇਬਨਾਨ ਵਿੱਚ ਫਸੇ ਰਹਿਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਆਪਣੇ ਘਰ ਪਰਤਿਆ ਪੰਜਾਬੀ। ਘਰ ਦਾ ਗੁਜ਼ਾਰਾ ਔਖਾ ਹੁੰਦਾ ਦੇਖ 2001 ਦੌਰਾਨ ਵਿਦੇਸ਼ ਜਾਣ ਦੇ ਲਏ ਫੈਸਲਾ ਨੇ ਉਸਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੇ 24 ਸਾਲਾਂ ਮਨਫੀ ਕਰ ਦਿੱਤੇ, ਜਦੋਂ ਉਸਦਾ ਪਾਸਪੋਰਟ ਉੱਥੇ ਖੋਹ ਗਿਆ ਸੀ। ਪਾਸਪੋਰਟ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪੁਰਾਣਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਉਹ ਵਾਪਸੀ ਦੀ ਉਡੀਕ ਛੱਡ ਚੁੱਕਾ ਸੀ। <a href=”https://t.co/JmSpGoUTfc”>pic.twitter.com/JmSpGoUTfc</a></p>
— Sant Balbir Singh Seechewal (@SantSeechewal63) <a href=”https://twitter.com/SantSeechewal63/status/1837135555873714429?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 20, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बलबीर सिंह सीचेवाल ने उठाया था मुद्दा</strong><br />‘आप’ के राज्यसभा सदस्य बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा विदेश मंत्रालय के समक्ष यह मुद्दा उठाए जाने के बाद वह अंततः छह सितंबर को भारत लौट आए. सांसद बलबीर सीचेवाल ने कहा कि उन्होंने इस मामले को संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाया, जिसके बाद सिंह को खोए हुए पासपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराई गई और वह अंततः वापस लौट सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परिवार ने भी उनकी वापसी की की थी कोशिश </strong><br />गुरतेज सिंह ने स्वीकार किया कि पासपोर्ट खो जाने के कारण उन्हें पकड़े जाने का निरंतर भय बना रहता था. उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा लगता था कि पासपोर्ट न होने की स्थिति में वह भारत कैसे लौटेंगे. भारत में उनके परिवार ने भी उनकी वापसी की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले वह लुधियाना में करते थे काम</strong><br />उन्होंने ने कहा कि ‘डुप्लीकेट’ पासपोर्ट न मिलने पर उन्हें लगता था कि शायद वह अपने परिवार से कभी नहीं मिल पाएंगे. गुरतेज सिंह कहा, ‘‘मैं सोचता था कि मैं भारत कैसे वापस जाऊंगा. वह लेबनान में सब्जी के खेत में मजदूर के रूप में काम करते थे. लेबनान जाने से पहले वह लुधियाना में स्वेटर बनाने वाली एक फैक्टरी में कार्यरत थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिंह ने बताया कि जब वह लेबनान गए थे, तब उनका बड़ा बेटा छह साल जबकि छोटा बेटा तीन साल का था. अब मेरे बड़े बेटे का छह साल का एक बेटा है. उनके छोटे बेटे की अभी शादी नहीं हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”पंजाब में प्राइवेट अस्पतालों ने किया 600 करोड़ रुपये के बकाये का दावा, स्वास्थ्य मंत्री ने दिया ये जवाब” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/punjab-health-minister-balbir-singh-rejects-claim-of-dues-of-600-rupees-crore-under-ayushman-scheme-2787195″ target=”_self”>पंजाब में प्राइवेट अस्पतालों ने किया 600 करोड़ रुपये के बकाये का दावा, स्वास्थ्य मंत्री ने दिया ये जवाब</a></strong></p>
भाजपा आज मनाएगी काला दिवस:जिलों में होगा संगोष्ठियों का आयोजन, प्रदेश सरकार के मंत्री रहेंगे मौजूद
भाजपा आज मनाएगी काला दिवस:जिलों में होगा संगोष्ठियों का आयोजन, प्रदेश सरकार के मंत्री रहेंगे मौजूद कांग्रेस के शासनकाल में लगाए गए इमरजेंसी के विरोध में भाजपा आज पूरे प्रदेश में काला दिवस मनाएगी।वही इस मायके पर उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में इमरजेंसी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को युवाओं को भी दिखाने का काम करेगी। 25 जून 1975 में कांग्रेस के शासनकाल में आपातकाल लगाया गया था। जिसके बारे में डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से बताने का काम किया जाएगा। आज देशभर में दिखाई जाएगी डॉक्यूमेंट्री कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत तमाम विपक्ष इस बात को लेकर दावे करते हैं कि वर्तमान समय की स्थिति अघोषित आपातकाल की तरह ही है। वही बीजेपी अब इन आरोपों का जवाब कांग्रेस के शासनकाल में लगाए गए इमरजेंसी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाने की तैयारियां की है। बीजेपी अपने जनसंपर्क महा अभियान के दौरान 25 जून को देश भर में कांग्रेस शासनकाल में लगाए गए इमरजेंसी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाएगी। प्रदेश सरकार के मंत्री जिलों में होंगे मौजूद प्रदेश उपाध्यक्ष त्रयम्बक त्रिपाठी ने बताया कि 25 जून को पार्टी द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों में प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर सभी मंत्रियों की अलग-अलग जनपदों में ड्यूटी लगाई गई है। जहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी लखनऊ महानगर में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य झांसी में, ब्रजेश पाठक लखनऊ जिला में काला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में सम्मिलित होंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष त्रयम्बक त्रिपाठी ने बताया पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में प्रदेश सरकार के मंत्रिगण, पार्टी पदाधिकारी व वरिष्ठ नेता सम्मिलित होंगे। नई पीढ़ी को डॉक्यूमेंट्री दिखाकर करेगी जागरूक बीजेपी ने इस फिल्म को दिखाने के लिए आज की तारीख इसलिए भी निर्धारित की है क्योंकि इसी दिन 1975 में देश में 21 महीने का इमरजेंसी लगाया गया था। बीजेपी जहां पर भी इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाएगी वहां पर युवाओं को इकट्ठा करेगी इसके साथ ही उन लोगों को एकजुट करेगी जिनका जन्म 1975 के बाद हुआ है जो इस इमरजेंसी को नहीं जानते है। जिन्होंने इमरजेंसी में देश के हालात नहीं देखे थे उन सभी लोगों को बीजेपी यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाने का काम करेगी। इमरजेंसी का दौर देखे लोगों को भी बुलाया जाएगा 25 जून 1975 को जब देश में इमरजेंसी घोषित किया गया था। इमरजेंसी 21 महीने के लिए देश में लागू था। उस समय के क्या हालात थे किस तरह से लोग अपनी जीवन जी रहे थे। उनकी मनोस्थिति क्या थी यह सारी चीजें डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दिखाई जाएगी इसमें उन लोगों को भी बुलाया जाएगा जिन्होंने इमरजेंसी का वक्त देखा है। संगोष्ठी के माध्यम से बीजेपी बताएगी क्या होती है इमरजेंसी बीजेपी ऐसे लोगों से दूसरों को इमरजेंसी के वक्त के आंखों देखी हालात हो बताने का काम करेगी असल में बीजेपी लोगों को यह संदेश भी देना चाहती है की आपातकाल क्या होता है उस वक्त का दौर कैसा था? कांग्रेस शासनकाल में जब आपातकाल लगाया गया तो किस तरह से लोगों की आजादी को छीना गया। जिसके लिए जनपदों में संगोष्ठियों का आयोजन किया गया है। प्रदेश उपाध्यक्ष त्र्यंबक त्रिपाठी बोलें कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की थी.. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष त्रयम्बक त्रिपाठी ने बताया कि 25 जून 1975 में कांग्रेस शासन द्वारा आपातकाल लागू किया गया तथा लोकतंत्र की हत्या, मानवाधिकारों का हनन एवं देशवासियों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार देश के इतिहास में काला दिवस के रूप में जाना जाता है।वही आपातकाल विरोध दिवस पर पार्टी द्वारा जिला स्तर पर गोष्ठियां आयोजित की जायेंगी। आपातकाल के दौरान जो अत्याचार हुए उन्हें याद करते हुए जिला स्तर पर मीसा बंदियों को सम्मानित करने का कार्यक्रम पार्टी द्वारा आयोजित किया जाएगा।
यूपी में नवंबर महीने में जमकर छुट्टियां!15 और 20 नवंबर को भी बंद रहेंगे स्कूल, जानें- क्यों?
यूपी में नवंबर महीने में जमकर छुट्टियां!15 और 20 नवंबर को भी बंद रहेंगे स्कूल, जानें- क्यों? <p style=”text-align: justify;”><strong>UP School Holiday:</strong> नवंबर के महीने में इस बार जमकर छुट्टियां पड़ रही है. दीपावली और छठ पूजा के त्योहार के बाद यूपी के स्कूलों में दो और दिनों की छुट्टी का ऐलान किया गया है. नए अवकाश की घोषणा के अनुसार 15 नवंबर शुक्रवार और 20 नवंबर बुधवार को भी स्कूल बंद रहेंगे. योगी सरकार ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है, इस ख़ास अवसर पर योगी सरकार द्वारा स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया गया है. इस दिन स्कूलों की छुट्टी रहेगी. जबकि 20 नवंबर को यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं जिसे देखते हुए स्कूल बंद रहेंगे. हालांकि 20 नवंबर को पूरे यूपी में स्कूल बंद नहीं रहेंगे बल्कि ये स्कूल सिर्फ उन्ही जिलों के बंद रहेंगे, जिन जिलों में उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है. ताकि इस क्षेत्र के मतदाता उपचुनाव के लिए अपना वोट डाल सकें. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>20 नवंबर को इन जिलों में बंद रहेंगे स्कूल</strong><br />20 नवंबर करहल, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग होंगी. ऐसे में मैनपुरी, कानपुर शहर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, फूलपुर, मिर्जापुर, अंबेडकर नगर, अलीगढ़ और मुजफ्फरनगर जिलों के स्कूलों में छुट्टी रहेंगी, बाकी जनपदों में रोजाना की तरह ही स्कूल खुले रहेंगे. इन दिनों में इसलिए छुट्टी का ऐलान किया गया है ताकि यहां के मतदाता बिना किसी बाधा के अपने मत का प्रयोग कर सकें. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले दीपावली के त्योहार पर भी तीन दिन की छुट्टियां घोषित की गई है. जिसके बाद छठ पूजा के लिए सात नवंबर को भी स्कूलों में छुट्टी रखी गई थी और अब कार्तिक मास की पूर्णिमा और उपचुनाव की वजह से दो और दिन तक स्कूलों में अवकाश रहेगा. इसी महीने में गुरुनानक जयंती भी पड़ रही है. लेकिन वो इस बार रविवार को है. जिसकी वजह से एक छुट्टी बच गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/nagina-mp-chandrashekhar-azad-meet-azam-khan-song-abdullah-azam-in-hardoi-jail-ann-2821296″>आजम खान के बेटे अब्दुल्ला से मिलकर सांसद चंद्रशेखर आजाद बोले- ‘मेरा भाई बहुत…'</a></strong></p>