ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष हाजी शौकत अली ने कांवड़ यात्रा और कांवड़ियों को लेकर बड़ा बयान दिया। उनके बयान पर स्वामी जितेंद्रानंद ने पलटवार किया है। वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा- मियां जी को वहां नमाज पढ़नी चाहिए, जहां इन्होंने वक्फ के नाम पर जमीनों पर कब्जा किया है। सड़कें नमाज पढ़ने के लिए नहीं होती। शौकत अली के पेट में दर्द क्यों हो रहा है। स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा- AMIMI के नेता शौकत अली ने जो कहा वो घोर निंदनीय है। उन्होंने कहा कि दो मिनट हम सड़कों पर नमाज पढ़ लें तो दिक्कत होती है और कांवड़िए दो महीने पैदल चलते हैं, तो इनके पांव धोए जाते हैं। बता दें मियां जी कि सड़कें चलने के लिए होती है। नमाज पढ़ने के लिए नहीं। पहले जानते हैं शौकत पाशा के बयान के बारे में सोमवार को मुरादाबाद की कुंदरकी में शौकत पाशा ने जनसभा की। उन्होंने कहा- कांवड़िए पूरा-पूरा महीने हाईवे को जाम करके चिलम फूंक कर हुडदंग करते हैं। जबकि मुसलमानों को सड़क पर 5 मिनट के लिए नमाज नहीं पढ़ने दी जाती। शौकत पाशा ने कहा- सड़कें किसी एक धर्म या मजहब के लोगों की नहीं हैं। सड़क पर हर एक वर्ग के लोगों का बराबर अधिकार है। अब स्वामी जितेंद्रानंद पढ़िए जितेंद्रानंद का पलटवार 9 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्जा किया वाराणसी में जितेंद्रानंद ने कहा- मियां जी…नमाज के लिए तुम लोगों ने वक्फ के नाम पर संपत्तियों पर कब्जा किया है। 9 लाख एकड़ से ज्यादा भूमि तुम लोगों ने जबरिया कब्जा की है, उसमें नमाज क्यों नहीं पढ़ते। सड़कें नमाज पढ़ने के लिए नहीं होतीं, जिस काम के लिए होती हैं कांवड़िया वही काम करते हैं। उस पर चलते हैं। कांवड़ियों के कारण जो सत्ता में आए हैं वो फूल बरसाते हैं
जब कांवड़िए चलते हैं, तो उनके पैर में छाले पड़ते हैं। तब श्रद्धालु और भक्तजन उनकी सेवा करते हैं। जो कांवड़ियों की वजह से सत्ता में आए हैं, वो उन पर फूल बरसाते हैं। पैरों में मरहम लगाते हैं। तो तुम्हारे पेट में दर्द क्यों होता है। ………………….. यह खबर भी पढ़ें AIMIM नेता बोले- कांवड़िए चिलम फूंककर हुड़दंग करते हैं: मुसलमानों को सड़कों पर नमाज पढ़ने नहीं दी जाती शौकत अली कहा- कांवड़िए पूरा-पूरा महीने हाईवे को जाम करके चिलम फूंक कर हुडदंग करते हैं। जबकि मुसलमानों को सड़क पर 5 मिनट के लिए नमाज नहीं पढ़ने दी जाती। पढ़ें और देखें पूरा बयान… ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष हाजी शौकत अली ने कांवड़ यात्रा और कांवड़ियों को लेकर बड़ा बयान दिया। उनके बयान पर स्वामी जितेंद्रानंद ने पलटवार किया है। वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा- मियां जी को वहां नमाज पढ़नी चाहिए, जहां इन्होंने वक्फ के नाम पर जमीनों पर कब्जा किया है। सड़कें नमाज पढ़ने के लिए नहीं होती। शौकत अली के पेट में दर्द क्यों हो रहा है। स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा- AMIMI के नेता शौकत अली ने जो कहा वो घोर निंदनीय है। उन्होंने कहा कि दो मिनट हम सड़कों पर नमाज पढ़ लें तो दिक्कत होती है और कांवड़िए दो महीने पैदल चलते हैं, तो इनके पांव धोए जाते हैं। बता दें मियां जी कि सड़कें चलने के लिए होती है। नमाज पढ़ने के लिए नहीं। पहले जानते हैं शौकत पाशा के बयान के बारे में सोमवार को मुरादाबाद की कुंदरकी में शौकत पाशा ने जनसभा की। उन्होंने कहा- कांवड़िए पूरा-पूरा महीने हाईवे को जाम करके चिलम फूंक कर हुडदंग करते हैं। जबकि मुसलमानों को सड़क पर 5 मिनट के लिए नमाज नहीं पढ़ने दी जाती। शौकत पाशा ने कहा- सड़कें किसी एक धर्म या मजहब के लोगों की नहीं हैं। सड़क पर हर एक वर्ग के लोगों का बराबर अधिकार है। अब स्वामी जितेंद्रानंद पढ़िए जितेंद्रानंद का पलटवार 9 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्जा किया वाराणसी में जितेंद्रानंद ने कहा- मियां जी…नमाज के लिए तुम लोगों ने वक्फ के नाम पर संपत्तियों पर कब्जा किया है। 9 लाख एकड़ से ज्यादा भूमि तुम लोगों ने जबरिया कब्जा की है, उसमें नमाज क्यों नहीं पढ़ते। सड़कें नमाज पढ़ने के लिए नहीं होतीं, जिस काम के लिए होती हैं कांवड़िया वही काम करते हैं। उस पर चलते हैं। कांवड़ियों के कारण जो सत्ता में आए हैं वो फूल बरसाते हैं
जब कांवड़िए चलते हैं, तो उनके पैर में छाले पड़ते हैं। तब श्रद्धालु और भक्तजन उनकी सेवा करते हैं। जो कांवड़ियों की वजह से सत्ता में आए हैं, वो उन पर फूल बरसाते हैं। पैरों में मरहम लगाते हैं। तो तुम्हारे पेट में दर्द क्यों होता है। ………………….. यह खबर भी पढ़ें AIMIM नेता बोले- कांवड़िए चिलम फूंककर हुड़दंग करते हैं: मुसलमानों को सड़कों पर नमाज पढ़ने नहीं दी जाती शौकत अली कहा- कांवड़िए पूरा-पूरा महीने हाईवे को जाम करके चिलम फूंक कर हुडदंग करते हैं। जबकि मुसलमानों को सड़क पर 5 मिनट के लिए नमाज नहीं पढ़ने दी जाती। पढ़ें और देखें पूरा बयान… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर