पंजाब के मुक्तसर में बैंक मैनेजर हत्याकांड के विरोध में किसानों ने एसएसपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। करीब 33 दिन पहले एक बैंक मैनेजर सिमरनदीप सिंह बराड़ अपने दोस्तों के साथ नहरों पर चेकिंग करने गए थे, जिसके बाद बैंक मैनेजर एवं उसकी कार संदिग्ध हालातों में गायब हो गई थी। दो दिन की तलाश के बाद बैंक मैनेजर की कार व लाश पुलिस ने नहर में से बरामद की थी। इस संबंधी बैंक मैनेजर के परिवार का आरोप था कि उसके 8 दोस्तों ने उसके बेटे का कत्ल करके उसकी लाश को नहर में फेंका दिया था। उसके बाद पुलिस ने 6 डॉक्टरों सहित 8 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी हैं। इसके बाद पीड़ित परिवार ने उक्त आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बार-बार प्रशासन से मीटिंग की, लेकिन 33 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। जिसके रोष स्वरूप पीड़ित परिवार ने संयुक्त किसान मोर्चे एवं भरातरी संगठनों के साथ मंगलवार को मुक्तसर के एसएसपी कार्यालय के समक्ष धरना लगाकर इंसाफ की मांग की। इस धरने दौरान संगठनों ने कहा कि मृतक बैंक मैनेजर के परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए उन्होंने बार बार प्रशासन को अपील की परंतु उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और उन्हें मजबूर होकर आज यह धरना लगाना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर अब भी कोई हल न हुआ तो यह संघर्ष और भी तीखा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनकी ओर से एक कमेटी बनाई गई है, जिसकी पुलिस प्रशासन से मीटिंग चल रही है, जो भी फैसला लेगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई आरंभ की जाएगी। पंजाब के मुक्तसर में बैंक मैनेजर हत्याकांड के विरोध में किसानों ने एसएसपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। करीब 33 दिन पहले एक बैंक मैनेजर सिमरनदीप सिंह बराड़ अपने दोस्तों के साथ नहरों पर चेकिंग करने गए थे, जिसके बाद बैंक मैनेजर एवं उसकी कार संदिग्ध हालातों में गायब हो गई थी। दो दिन की तलाश के बाद बैंक मैनेजर की कार व लाश पुलिस ने नहर में से बरामद की थी। इस संबंधी बैंक मैनेजर के परिवार का आरोप था कि उसके 8 दोस्तों ने उसके बेटे का कत्ल करके उसकी लाश को नहर में फेंका दिया था। उसके बाद पुलिस ने 6 डॉक्टरों सहित 8 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी हैं। इसके बाद पीड़ित परिवार ने उक्त आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बार-बार प्रशासन से मीटिंग की, लेकिन 33 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। जिसके रोष स्वरूप पीड़ित परिवार ने संयुक्त किसान मोर्चे एवं भरातरी संगठनों के साथ मंगलवार को मुक्तसर के एसएसपी कार्यालय के समक्ष धरना लगाकर इंसाफ की मांग की। इस धरने दौरान संगठनों ने कहा कि मृतक बैंक मैनेजर के परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए उन्होंने बार बार प्रशासन को अपील की परंतु उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और उन्हें मजबूर होकर आज यह धरना लगाना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर अब भी कोई हल न हुआ तो यह संघर्ष और भी तीखा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनकी ओर से एक कमेटी बनाई गई है, जिसकी पुलिस प्रशासन से मीटिंग चल रही है, जो भी फैसला लेगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई आरंभ की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बठिंडा की रमन गोयल को हाईकोर्ट से राहत नहीं:अविश्वास प्रस्ताव के जरिए मेयर पद से हटाई गई, अदालत ने खारिज कर याचिका बठिंडा में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए नगर निगम बठिंडा के मेयर के पद से हटाई गई रमन गोयल के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को याचिका खारिज कर दी है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे इस मामले में बुधवार को सुनवाई थी, इसमें हाईकोर्ट ने तत्कालीन मेयर को किसी तरह की राहत देने से मना कर दिया और पूर्व में जरनल हाउस की तरफ से पारित अविश्वास प्रस्ताव को सही ठहराते उनकी तरफ से उठाई आपत्ति को खारिज कर दिया। इस तरह से नगर निगम में पिछले 9 माह से मेयर को लेकर चल रही अनिश्चितता का माहौल भी समाप्त हो गया है। इससे पहले नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर अशोक कुमार मेयर का कार्यकारी पदभार संभाल रहे थे। अब कोर्ट के फैसले के बाद नए मेयर का चयन करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। 15 नवंबर को लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव इससे पहले स्थानीय निकाय विभाग ने भी नगर निगम अधिकारियों को हिदायत दी थी, कि जब तक मामला कोर्ट के विचाराधीन है तब तक यथास्थिति को बनाए रखे और नए मेयर के चुनाव की प्रक्रिया को अमल में लाने से गुरेज करे। गौरतलब है कि बीती 15 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए मेयर पद से हटाई गई रमन गोयल ने इस फैसले के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रस्ताव को असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी दी थी। उन्होंने अदालत में उक्त प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग रखी थी। इसे लेकर 8 माह से हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मेयर की याचिका पर सुनवाई करते दूसरे पक्ष को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने नहीं दिया स्टे ऑर्डर हाईकोर्ट की तरफ से किसी तरह का स्टे ऑर्डर जारी नहीं किया गया था। मामला अदालत में चलने के कारण नगर निगम में नए मेयर के चयन को लेकर पूरी प्रक्रिया अगले आदेश तक अमल में नहीं लाई जा रही थी। इस बाबत पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से निगम अधिकारियों को जारी किए गए एक पत्र में भी आग्रह कर दिया था।
पंजाब में अकाली दल का विधायक AAP में शामिल:CM भगवंत मान ने पार्टी कराया जॉइन, बोले- दोआबा में पार्टी हुई मजबूत
पंजाब में अकाली दल का विधायक AAP में शामिल:CM भगवंत मान ने पार्टी कराया जॉइन, बोले- दोआबा में पार्टी हुई मजबूत पंजाब की शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को झटका लगा है। बंगा से पार्टी के विधायक डॉ. खुखविंदर सिंह सुखी आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। सीएम भगवंत मान ने उन्हें पार्टी जॉइन करवाई है। इस मौके पर सीएम ने कहा कि वह डॉ. अंबेडकर की सोच को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। वह हमेशा अपने लोगों और हल्के की सेवा करते हैं। वह अपने क्लीनिक में लोगों का मुफ्त इलाज करते हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में भी वह अपने हल्के के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते थे। उनकी बात टू द पॉइंट होती थी, इसलिए स्पीकर साहब उन्हें ज्यादा समय देते थे। वह किसी तरह के विवाद में नहीं पड़ते। उन्होंने कहा कि डॉ. सुखी को और जिम्मेदारियां दी जाएंगी। डॉ. सुखी ने कहा कि अकाली दल में उन्हें पूरा सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि जब भी मैं किसी काम के लिए सीएम के पास गया, मैंने उसे पूरा किया। वहीं, उन्होंने विधानसभा में एक भ्रष्ट तहसीलदार का मुद्दा उठाया था। इसके बाद सीएम ने उन्हें उसी दिन सस्पेंड कर दिया था। लेकिन हल्के का विकास उनकी प्राथमिकता है। उनके पार्टी छोड़ने को शिरोमणि अकाली दल के लिए झटका माना जा रहा है। अब चार नहीं पांच सीटों पर होंगे उप चुनाव डॉ. सुखविंदर सिंह सुक्खी ने अभी तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। लेकिन यह साफ है कि वह आने वाले समय में इस्तीफा देंगे। ऐसे में राज्य में पांच विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होंगे। इनमें एक डॉ. सुखी जहां से विधायक है, उस सीट पर दोबारा चुनाव होंगे। इसके अलावा चार विधायक जीतकर सांसद बन गए हैं। उन्होंने विधायक पदों से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में उनकी सीटों पर भी चुनाव होने हैं। इनमें राज कुमार चब्बेवालअब होशियापुर से सांसद है। उनकी सीट चब्बेवाल पर चुनाव होने हैं। इसी तरह डेरा बाबा नानक के विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा गुरदासपुर से एमपी बने गए हैं। गिदड़बाहा के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग अब लुधियाना के सांसद हैं। जबकि बरनाला के विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर संगरूर के सांसद बन गए हैं। इन सभी सीटों पर उप चुनाव होने हैं। अकाली दल के रह दो विधायक पंजाब विधानसभा के अंदर अकाली दल के पास अब दो विधायक ही रह गए हैं। क्योंकि डॉ. सुक्खी आप में शामिल हो गए हैं। ऐसे में अब मजीठा की विधायक गनीव कौर व मनप्रीत कौर अयाली शेष रह गए हैं। इससे पार्टी को बड़ा नुकसान माना जा रहा है।
दो बार लगातार बने विधायक
डॉ. सुखविंदर कुमार सुखी पहले अकाली दल में थे। वह पेशे से डॉक्टर है। 2017 और 2022 में , वे बंगा विधानसभा क्षेत्र से पंजाब विधानसभा के सदस्य चुने गए । 2023 में, उन्होंने शिअद और बसपा गठबंधन के टिकट से जालंधर लोकसभा का उपचुनाव लड़ा था, लेकिन आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार रिंकू से हार गए थे । उनके आप में शामिल होने की चर्चाएं चल रही थी।
गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी:कहा-इंटरव्यू के लिए वाईफाई, स्टूडियो जैसे इंतजाम किए गए, नई SIT गठित करने के आदेश
गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी:कहा-इंटरव्यू के लिए वाईफाई, स्टूडियो जैसे इंतजाम किए गए, नई SIT गठित करने के आदेश पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस अधिकारियों पर कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा- पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई को जेल के अंदर से टीवी इंटरव्यू और उसके लिए वाईफाई अरेंज करवाने की अनुमति दी है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस और लॉरेंस बिश्नोई के बीच सांठगांठ और साजिश की आगे की जांच करने के लिए एक नई विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब पुलिस अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करने की अनुमति दी और टीवी इंटरव्यू आयोजित करने के लिए स्टूडियो जैसी सुविधा प्रदान किए गए। जो अपराध का महिमामंडन करता है कोर्ट बोली- मामले में आगे भी जांच की अवश्यकता पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी के कार्यालय का उपयोग इंटरव्यू आयोजित करने के लिए स्टूडियो के रूप में किया गया। इंटरव्यू आयोजित करने के लिए CIA स्टाफ के परिसर में आधिकारिक वाई-फाई प्रदान किया गया। जो आपराधिक साजिश की ओर इशारा करता है। साथ ही कोर्ट ने कहा- मामले में आगे की जांच की आवश्यकता है कि ऐसा किस विचार से किया गया तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराधों के विभिन्न पहलुओं के अलावा अन्य अपराधों की भी जांच की जानी चाहिए। पुलिस हिरासत से टीवी इंटरव्यू देने से संबंधित मामले में लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ दायर की गई निरस्तीकरण रिपोर्ट पुलिस अधिकारियों और अपराधी के बीच सांठगांठ और साजिश का संदेह पैदा करती है। इंटरव्यू सीआईए स्टाफ खरड़, एसएएस नगर के परिसर में आयोजित किया गया था। कोर्ट ने पंजाब पुलिस के डीजीपी को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए ऐसे बयान के आधार पर हलफनामे पर खुलासा करने का निर्देश देते हैं। मामले को आगे के विचार के लिए 19 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही है। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।