AAP सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में रखी भगत सिंह को भारत रत्न देने की मांग, जानें क्या कहा?

AAP सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में रखी भगत सिंह को भारत रत्न देने की मांग, जानें क्या कहा?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Raghav Chadha News:</strong> स्वतंत्रता संग्राम के नायक और क्रांति के प्रतीक शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को भारत रत्न देकर उनके बलिदान को राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान देने की मांग संसद में उठी. बुधवार (4 दिसंबर) को आम आदमी पार्टी के युवा सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में भगत सिंह के बलिदान और योगदान को याद करते हुए सरकार से आग्रह किया कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राघव चड्ढा ने कहा कि भगत सिंह ने अपनी जवानी, अपने सपने, और अपनी पूरी जिंदगी इस देश की आजादी के लिए कुर्बान कर दी. उनकी शहादत को लगभग 93 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी हम उन्हें उनके हिस्से का सम्मान नहीं दे पाए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’भगत सिंह की शहादत आज भी प्रेरणा देती है'</strong><br />राघव चड्ढा ने भगत सिंह के बारे में कहा, “शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी को मैं अपना आदर्श मानता हूं. वो भारत माता के सच्चे लाल थे. उनकी क्रांतिकारी सोच और अदम्य साहस ने न सिर्फ अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा दी. उनकी इंकलाबी बोलियों से अंग्रेज थर-थर कांपते थे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>राघव चड्ढा ने कहा कि भगत सिंह ने मात्र 23 साल की उम्र में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. उनका जीवन और उनकी शहादत आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उनके हौसले के आगे ब्रिटिश साम्राज्य के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ भी झुक गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’भारत रत्न की बढ़ेगी गरिमा'</strong><br />राघव चड्ढा ने जोर देते हुए कहा कि अगर भगत सिंह को भारत रत्न दिया जाता है, तो यह उनके सम्मान के साथ-साथ इस पुरस्कार की गरिमा को भी बढ़ाएगा. ये सिर्फ एक सम्मान नहीं होगा, बल्कि उनके बलिदान को पहचान देने का एक सशक्त कदम होगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान राघव चड्ढा ने एक कविता भी पढ़ी&mdash;&nbsp;<br />”लिख रहा हूं मैं जिसका अंजाम, कल आगाज़ आएगा<br />मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लायेगा.<br />मैं रहूं ना रहूं, ये वादा है तुझसे मेरा<br />मेरे बाद वतन पे मिटने वालों का सैलाब आएगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’फैसला लेने में देर न करे सरकार’- राघव चड्ढा</strong><br />राघव चड्ढा ने कहा कि भगत सिंह सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि भारत के युवाओं के लिए एक आदर्श भी हैं. उनके विचार और उनका जीवन हमें सिखाता है कि किस तरह से हमें अपने देश के लिए कार्य करना चाहिए. “आज के समय में, जब दुनिया इतनी तेजी से बदल रही है, भगत सिंह के विचार हमें सही राह दिखा सकते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>राघव चड्ढा ने कहा कि सरकार को यह कदम उठाने में देर नहीं करनी चाहिए. अगर ये कार्य होता है, तो भारतवर्ष की आने वाली पीढ़ियां इस महान सदन को दुआएं देंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-neb-sarai-triple-murder-20-year-old-man-kills-mother-father-and-sister-with-army-knife-on-wedding-anniversary-2836344″>Delhi Triple Murder: मां-बाप की सालगिरह पर बेटे का खूनी खेल, बहन को भी सुलाया मौत की नींद, रूह कंपाने वाली घटना</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Raghav Chadha News:</strong> स्वतंत्रता संग्राम के नायक और क्रांति के प्रतीक शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को भारत रत्न देकर उनके बलिदान को राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान देने की मांग संसद में उठी. बुधवार (4 दिसंबर) को आम आदमी पार्टी के युवा सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में भगत सिंह के बलिदान और योगदान को याद करते हुए सरकार से आग्रह किया कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राघव चड्ढा ने कहा कि भगत सिंह ने अपनी जवानी, अपने सपने, और अपनी पूरी जिंदगी इस देश की आजादी के लिए कुर्बान कर दी. उनकी शहादत को लगभग 93 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी हम उन्हें उनके हिस्से का सम्मान नहीं दे पाए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’भगत सिंह की शहादत आज भी प्रेरणा देती है'</strong><br />राघव चड्ढा ने भगत सिंह के बारे में कहा, “शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी को मैं अपना आदर्श मानता हूं. वो भारत माता के सच्चे लाल थे. उनकी क्रांतिकारी सोच और अदम्य साहस ने न सिर्फ अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा दी. उनकी इंकलाबी बोलियों से अंग्रेज थर-थर कांपते थे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>राघव चड्ढा ने कहा कि भगत सिंह ने मात्र 23 साल की उम्र में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. उनका जीवन और उनकी शहादत आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उनके हौसले के आगे ब्रिटिश साम्राज्य के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ भी झुक गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’भारत रत्न की बढ़ेगी गरिमा'</strong><br />राघव चड्ढा ने जोर देते हुए कहा कि अगर भगत सिंह को भारत रत्न दिया जाता है, तो यह उनके सम्मान के साथ-साथ इस पुरस्कार की गरिमा को भी बढ़ाएगा. ये सिर्फ एक सम्मान नहीं होगा, बल्कि उनके बलिदान को पहचान देने का एक सशक्त कदम होगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान राघव चड्ढा ने एक कविता भी पढ़ी&mdash;&nbsp;<br />”लिख रहा हूं मैं जिसका अंजाम, कल आगाज़ आएगा<br />मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लायेगा.<br />मैं रहूं ना रहूं, ये वादा है तुझसे मेरा<br />मेरे बाद वतन पे मिटने वालों का सैलाब आएगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’फैसला लेने में देर न करे सरकार’- राघव चड्ढा</strong><br />राघव चड्ढा ने कहा कि भगत सिंह सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि भारत के युवाओं के लिए एक आदर्श भी हैं. उनके विचार और उनका जीवन हमें सिखाता है कि किस तरह से हमें अपने देश के लिए कार्य करना चाहिए. “आज के समय में, जब दुनिया इतनी तेजी से बदल रही है, भगत सिंह के विचार हमें सही राह दिखा सकते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>राघव चड्ढा ने कहा कि सरकार को यह कदम उठाने में देर नहीं करनी चाहिए. अगर ये कार्य होता है, तो भारतवर्ष की आने वाली पीढ़ियां इस महान सदन को दुआएं देंगी.</p>
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