Hathras Stampede: हाथरस मामले पर संत अवध गिरी महराज के शिष्य ने जताया शोक, बोले- ‘ये बाबा नहीं पांखड़ी है’

Hathras Stampede: हाथरस मामले पर संत अवध गिरी महराज के शिष्य ने जताया शोक, बोले- ‘ये बाबा नहीं पांखड़ी है’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Pilibhit News:</strong> भोले बाबा के सत्संग में भक्तो की मौत के बाद भोले बाबा के कारनामों को लेकर सन्तो में भारी रोष है. ऐसे में 2011में पीलीभीत के बिलसंडा गांव में हुए सत्संग के दौरान संख वाले बाबा अवध गिरी द्वारा उनके पंडाल में संख बजाए जाने पर उन्हें बंधक बनाकर पीटे जाने की घटना उनके शिष्यों को याद आ गई और भोलेबाबा साकार विश्व हरि पर कार्रवाई की मांग करते हुए गंभीर आरोप लगाए है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भोलेबाबा को लेकर सन्त समिति के अध्यक्ष श्री पंच दसनामी जूना अखड़ा के महंत सत्यगिरी महाराज ने 2011 में बिलसंडा ब्लाक में सत्संग आयोजित किया गया था. इस भोलेबाबा के सत्संग में जूना अखाड़े के संत रहे अवध गिरी महाराज जी द्वारा शंख बजाए जाने पर उन्हें भोलेबाबा की माजूदगी में शिष्यों द्वारा बंधक बनाकर पीटा गया था.जिसको लेकर संत समाज मे विरोध भी हुआ था. अवध गिरी के समर्थकों ने उस समय भोलेबाबा का पंडाल हटाने का विरोध किया था. लेकिन उस समय मामले में कोई करवाई नही हो सकी थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’ये बाबा नहीं पांखड़ी है'</strong><br />&nbsp;जैसे ही हाथरस कांड प्रकाश में आया तो ऐसे में मृतको के परिजनों को शांति सांत्वना देते हुए जूना अखाड़े के संत अवध गिरी महाराज के शिष्य सत्य गिरी महाराज ने ऐसे सत्संग का विरोध करते हुए अपील की है कि सत्संग परिवार में होता है. महिलाएं अपने घर सत्संग करें. न कि इन पांखडी बाबाओं के चक्कर मे न पड़े. बीते वर्षो पूर्व इस भोले बाबा ने सन्त शिरोमणि अवध गिरी का अपमान किया था. उस दौरान इसके कमरे में कई ऐसे चीजे मिली जिसे मैं नही बता सकता. यही नहीं इसकी सेवा में 18-18 साल की युवतियों से लगी रहती थी जो इस बाबा का पैर दबाती थी. ये बाबा नही पाखडी है. इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.</p>
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<p style=”text-align: justify;”>भोलेबाबा को लेकर सन्त समिति के अध्यक्ष श्री पंच दसनामी जूना अखड़ा के महंत सत्यगिरी महाराज ने 2011 में बिलसंडा ब्लाक में सत्संग आयोजित किया गया था. इस भोलेबाबा के सत्संग में जूना अखाड़े के संत रहे अवध गिरी महाराज जी द्वारा शंख बजाए जाने पर उन्हें भोलेबाबा की माजूदगी में शिष्यों द्वारा बंधक बनाकर पीटा गया था.जिसको लेकर संत समाज मे विरोध भी हुआ था. अवध गिरी के समर्थकों ने उस समय भोलेबाबा का पंडाल हटाने का विरोध किया था. लेकिन उस समय मामले में कोई करवाई नही हो सकी थी.&nbsp;</p>
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