AI से पेपर लीक रोकेगी योगी सरकार:परीक्षा को लेकर नई गाइडलाइन, 30 मिनट पहले तय होंगे टीचर; स्टेशन से 10 किमी की रेंज में होंगे सेंटर

AI से पेपर लीक रोकेगी योगी सरकार:परीक्षा को लेकर नई गाइडलाइन, 30 मिनट पहले तय होंगे टीचर; स्टेशन से 10 किमी की रेंज में होंगे सेंटर

पेपर लीक को रोकने के लिए यूपी सरकार ने नई गाइडलाइन बना ली है। योगी कैबिनेट जल्द इस पर मुहर लगा सकती है। इसके मुताबिक, अभ्यर्थियों के मिलान के लिए AI का इस्तेमाल किया जाएगा। रेलवे-बस स्टेशन के 10 किमी की रेंज में ही एग्जाम सेंटर बनाए जाएंगे। 30 मिनट पहले तय होगा कि टीचर को किस क्लास रूम में ड्यूटी करनी है। परीक्षा केंद्र पर 50 फीसदी का होगा। हर परीक्षा के लिए 2 से अधिक सेटों में प्रश्न-पत्र तैयार किए जाएंगे। हर सेट को अलग-अलग एजेंसियों से तैयार कराया जाएगा। यही नहीं, अलग-अलग छपवाया भी जाएगा। परीक्षा से 5 घंटे पहले तय किया जाएगा कि किस सेट का पेपर परीक्षा में इस्तेमाल किया जाएगा। डीएम की अध्यक्षता में समिति बनाकर परीक्षा केंद्रों का चयन करना होगा। विवादित स्कूल व कॉलेजों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा। सिर्फ उन्हीं केंद्रों पर ही प्रतियोगी परीक्षाएं कराई जाएं, जिन्हें परीक्षा कराने का 3 साल का अनुभव हो। इसे 2 वर्गों में बांटा गया है। इसके साथ ही परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों का आवंटन गृहमंडल से अलग किया जाएगा। परीक्षा केंद्रों का आवंटन रेंडम आधार पर किया जाएगा। जिन केंद्रों पर परीक्षा कराई जाएगी, उनपर ड्यूटी में तैनात 50 फीसदी से ज्यादा स्टॉफ बाहरी होंगे। ड्यूटी में तैनात कक्ष निरीक्षक को आधे घंटे पहले किस रूम में ड्यूटी करनी है इसकी जानकारी होगी। ये भी पढ़ें… यूपी में योगी का पेपर लीक कानून कैसा होगा?:उम्रकैद और 10 करोड़ जुर्माने जैसी सख्ती, गैंगस्टर एक्ट लगा तो चलेगा बुलडोजर पेपर लीक के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा की कई सीटों पर हार का एक बड़ा कारण ये भी माना जा रहा। भाजपा थिंक टैंक इसकी लगातार समीक्षा में भी लगा है। माना जा रहा है, लगातार हुए पेपर लीक से युवाओं में नाराजगी थी। इन सबके बीच सीएम योगी ने पेपर लीक के मामलों में नया और सख्त कानून बनाने का ऐलान कर दिया। पढ़ें पूरी खबर पेपर लीक को रोकने के लिए यूपी सरकार ने नई गाइडलाइन बना ली है। योगी कैबिनेट जल्द इस पर मुहर लगा सकती है। इसके मुताबिक, अभ्यर्थियों के मिलान के लिए AI का इस्तेमाल किया जाएगा। रेलवे-बस स्टेशन के 10 किमी की रेंज में ही एग्जाम सेंटर बनाए जाएंगे। 30 मिनट पहले तय होगा कि टीचर को किस क्लास रूम में ड्यूटी करनी है। परीक्षा केंद्र पर 50 फीसदी का होगा। हर परीक्षा के लिए 2 से अधिक सेटों में प्रश्न-पत्र तैयार किए जाएंगे। हर सेट को अलग-अलग एजेंसियों से तैयार कराया जाएगा। यही नहीं, अलग-अलग छपवाया भी जाएगा। परीक्षा से 5 घंटे पहले तय किया जाएगा कि किस सेट का पेपर परीक्षा में इस्तेमाल किया जाएगा। डीएम की अध्यक्षता में समिति बनाकर परीक्षा केंद्रों का चयन करना होगा। विवादित स्कूल व कॉलेजों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा। सिर्फ उन्हीं केंद्रों पर ही प्रतियोगी परीक्षाएं कराई जाएं, जिन्हें परीक्षा कराने का 3 साल का अनुभव हो। इसे 2 वर्गों में बांटा गया है। इसके साथ ही परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों का आवंटन गृहमंडल से अलग किया जाएगा। परीक्षा केंद्रों का आवंटन रेंडम आधार पर किया जाएगा। जिन केंद्रों पर परीक्षा कराई जाएगी, उनपर ड्यूटी में तैनात 50 फीसदी से ज्यादा स्टॉफ बाहरी होंगे। ड्यूटी में तैनात कक्ष निरीक्षक को आधे घंटे पहले किस रूम में ड्यूटी करनी है इसकी जानकारी होगी। ये भी पढ़ें… यूपी में योगी का पेपर लीक कानून कैसा होगा?:उम्रकैद और 10 करोड़ जुर्माने जैसी सख्ती, गैंगस्टर एक्ट लगा तो चलेगा बुलडोजर पेपर लीक के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा की कई सीटों पर हार का एक बड़ा कारण ये भी माना जा रहा। भाजपा थिंक टैंक इसकी लगातार समीक्षा में भी लगा है। माना जा रहा है, लगातार हुए पेपर लीक से युवाओं में नाराजगी थी। इन सबके बीच सीएम योगी ने पेपर लीक के मामलों में नया और सख्त कानून बनाने का ऐलान कर दिया। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर