Airavat-2 पहाड़ों पर सैनिकों को पहुंचा रहा रसद और अन्य सामग्री, जानें और विशेषता

Airavat-2 पहाड़ों पर सैनिकों को पहुंचा रहा रसद और अन्य सामग्री, जानें और विशेषता

<p><strong>Firozabad &nbsp;News:</strong> फिरोजाबाद के हजरत स्थित आयुध उपस्कर निर्माण फैक्ट्री ने एरावत-2 ड्रोन तैयार किया है. जहां देश के जवान ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों और बार्फिले इलाको में रहकर देश के बॉर्डर पर ड्यूटी कर देश की सुरक्षा कर रहे हैं. बारिश हो या बर्फबारी उन्हीं जवानों के लिए रसद पहुंचाने का काम ये ड्रोन कर रहा है. पहले यह सब घोड़े और खच्चरों की मदद से किया जाता था. अब फिरोजाबाद में बनाए गए एरावत ड्रोन से रसद पहुंचाया जा रहा है.</p>
<p>तेज बारिश और बर्फबारी की वजह से और कई बार तमाम समस्या आने के बाद 18 हजार फीट से ऊपर और दुर्गम इलाकों में बने देश की सीमाओं तक जवानों के लिए दवा, खाने की सामग्री और हथियार पहुंचाना घोड़े और खच्चरों का काम होता था लेकिन कभी-कभी वह भी यह सब पहुंचाने में नाकाम रहते थे. अब जवानों के पास खाने का सामान, दवा वा अन्य सामग्री और हथियारों को अब एरावत 2 ड्रोन की मदद से आसानी से पहुंचाया जा सकेगा.</p>
<p><strong>ये हैं एरावत-2 ड्रोन की विशेषताएं</strong><br />इस एरावत – 2 में 8 रोटर लगे हुए हैं जो ड्रोन को चारों तरफ घुमा सकते हैं यह ड्रोन 40 किलो वजन को लेकर 10 किलो मीटर राउंड ट्रिप करता है और 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर 40 मिनट तक हवा में रहने की क्षमता रखता है और हाई एल्टी ड्यूड इलाकों में तैनात सेना की टुकड़ियों और बोर्डर तक खान पान की सामग्री और दवाएं पहुंचाने का काम करता है. फिरोजाबाद की हजरतपुर स्थित आयुध उपस्कर निर्माण फैक्ट्री में एरावत- 2 को जिस तरह बनाया गया है उसकी बात ही अलग है.</p>
<p>एरावत को बनाने वाली टीम के जनरल मैनेजर अमित सिंह ने बताया कि 2024 में एरावत – 2 &nbsp;लॉजिस्टिक्स ड्रोन उत्तरी कश्मीर से उरी और कुपवाड़ा, और पूर्वी लद्दाख से न्योमा,और अरुणाचल प्रदेश से तवांग सेक्टर में 12 हजार 500 फीट तक इसका हाई डेल्टी ट्यूड इलाकों में सफल परीक्षण हो चुका है.और अभी जिस जिस जगह काफी ऊंची ऊंची पहाड़ियों पर बॉर्डर पर जवान है उन्हें रसद पहुंचाने का काम कर रहा है.</p>
<p><strong>एरावत-3 पर तेजी से चल रहा काम</strong><br />हजरतपुर स्थित आयुध उपस्कर फैक्ट्री में एरावत- 3 को लेकर भी बहुत तेजी से काम चल रहा है जिसमें 80 से 100 किलो वजन उठाने की क्षमता होगी. जो कि घायल सैनिकों को ले जाने का भी काम किया करेगा. वही एडवांस एरावत की बात करें तो यह बहुत ज्यादा टेक्निकल होगा इसमें खास बात यह रहेगी की इस एडवांस एरावत में मशीन गन को फिट किया जाएगा जो कि दुश्मनों को ढूंढ ढूंढ कर गोली से मारेगा.इस पर ऑडियंस फैक्ट्री कानपुर के वैज्ञानिक और फिरोजाबाद हजरतपुर स्थित आयुध उपस्कर फैक्ट्री के लोग मिलकर काम कर रहे हैं.</p>
<p>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/varanasi-bjp-mla-sushil-singh-support-keshav-prasad-maurya-statement-cm-yogi-adityanath-ann-2739850″><strong>BJP में तेज हुई कलह! केशव मौर्य के साथ आए विधायक सुशील सिंह, कह दी बड़ी बात</strong></a></p> <p><strong>Firozabad &nbsp;News:</strong> फिरोजाबाद के हजरत स्थित आयुध उपस्कर निर्माण फैक्ट्री ने एरावत-2 ड्रोन तैयार किया है. जहां देश के जवान ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों और बार्फिले इलाको में रहकर देश के बॉर्डर पर ड्यूटी कर देश की सुरक्षा कर रहे हैं. बारिश हो या बर्फबारी उन्हीं जवानों के लिए रसद पहुंचाने का काम ये ड्रोन कर रहा है. पहले यह सब घोड़े और खच्चरों की मदद से किया जाता था. अब फिरोजाबाद में बनाए गए एरावत ड्रोन से रसद पहुंचाया जा रहा है.</p>
<p>तेज बारिश और बर्फबारी की वजह से और कई बार तमाम समस्या आने के बाद 18 हजार फीट से ऊपर और दुर्गम इलाकों में बने देश की सीमाओं तक जवानों के लिए दवा, खाने की सामग्री और हथियार पहुंचाना घोड़े और खच्चरों का काम होता था लेकिन कभी-कभी वह भी यह सब पहुंचाने में नाकाम रहते थे. अब जवानों के पास खाने का सामान, दवा वा अन्य सामग्री और हथियारों को अब एरावत 2 ड्रोन की मदद से आसानी से पहुंचाया जा सकेगा.</p>
<p><strong>ये हैं एरावत-2 ड्रोन की विशेषताएं</strong><br />इस एरावत – 2 में 8 रोटर लगे हुए हैं जो ड्रोन को चारों तरफ घुमा सकते हैं यह ड्रोन 40 किलो वजन को लेकर 10 किलो मीटर राउंड ट्रिप करता है और 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर 40 मिनट तक हवा में रहने की क्षमता रखता है और हाई एल्टी ड्यूड इलाकों में तैनात सेना की टुकड़ियों और बोर्डर तक खान पान की सामग्री और दवाएं पहुंचाने का काम करता है. फिरोजाबाद की हजरतपुर स्थित आयुध उपस्कर निर्माण फैक्ट्री में एरावत- 2 को जिस तरह बनाया गया है उसकी बात ही अलग है.</p>
<p>एरावत को बनाने वाली टीम के जनरल मैनेजर अमित सिंह ने बताया कि 2024 में एरावत – 2 &nbsp;लॉजिस्टिक्स ड्रोन उत्तरी कश्मीर से उरी और कुपवाड़ा, और पूर्वी लद्दाख से न्योमा,और अरुणाचल प्रदेश से तवांग सेक्टर में 12 हजार 500 फीट तक इसका हाई डेल्टी ट्यूड इलाकों में सफल परीक्षण हो चुका है.और अभी जिस जिस जगह काफी ऊंची ऊंची पहाड़ियों पर बॉर्डर पर जवान है उन्हें रसद पहुंचाने का काम कर रहा है.</p>
<p><strong>एरावत-3 पर तेजी से चल रहा काम</strong><br />हजरतपुर स्थित आयुध उपस्कर फैक्ट्री में एरावत- 3 को लेकर भी बहुत तेजी से काम चल रहा है जिसमें 80 से 100 किलो वजन उठाने की क्षमता होगी. जो कि घायल सैनिकों को ले जाने का भी काम किया करेगा. वही एडवांस एरावत की बात करें तो यह बहुत ज्यादा टेक्निकल होगा इसमें खास बात यह रहेगी की इस एडवांस एरावत में मशीन गन को फिट किया जाएगा जो कि दुश्मनों को ढूंढ ढूंढ कर गोली से मारेगा.इस पर ऑडियंस फैक्ट्री कानपुर के वैज्ञानिक और फिरोजाबाद हजरतपुर स्थित आयुध उपस्कर फैक्ट्री के लोग मिलकर काम कर रहे हैं.</p>
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