<p style=”text-align: justify;”><strong>Ambedkar Jayanti 2025:</strong> बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डॉ. अंबेडकर नगर (महू) में स्थित उनकी जन्मस्थली पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया और उनके अस्थिकलश पर पुष्प वर्षा कर बुद्ध वंदना में भाग लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “बाबा साहेब न केवल संविधान निर्माता थे, बल्कि समाज के सभी वर्गों को न्याय और समानता दिलाने वाले महान समाज सुधारक भी थे. महू की यह धरती केवल जन्मस्थली नहीं, बल्कि भारत की सामाजिक क्रांति का प्रतीक है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार बाबा साहेब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री के साथ भन्ते धर्मशील की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया गया, जो बौद्ध परंपरा और अंबेडकर के बौद्ध धर्म ग्रहण के ऐतिहासिक निर्णय को स्मरण करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्य सरकार अंबेडकर विचारों के प्रसार के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार बाबा साहेब के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए महू को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के सामाजिक न्याय केंद्र के रूप में विकसित करने के प्रयास कर रही है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले समय में युवाओं और विद्यार्थियों के लिए अंबेडकर अध्ययन केंद्रों की स्थापना की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा, “महू केवल एक नगर नहीं, यह भारत के सामाजिक न्याय आंदोलन की जन्मस्थली है. यहीं जन्म लेकर बाबा साहेब ने भारत को संविधान दिया, दलितों, शोषितों और महिलाओं को अधिकारों का संरक्षण दिया, और एक समतामूलक समाज की नींव रखी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मौके पर उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके, महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया और पूर्व मंत्री उषा ठाकुर भी उपस्थित रहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कार्यक्रम में शामिल भव्य झांकियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और बौद्ध परंपरा से जुड़े आयोजनों ने समूचे महू को अंबेडकरमय बना दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महू: वह धरती जहां सामाजिक न्याय का बीज पनपा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू छावनी में हुआ था, जो उस समय ब्रिटिश सेना की महत्वपूर्ण छावनियों में से एक थी. उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे. जातीय भेदभाव और सामाजिक अन्याय को स्वयं भुगतने वाले डॉ. अंबेडकर ने आगे चलकर उसे मिटाने के लिए आजीवन संघर्ष किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महू स्थित जन्मस्थली अब “भीम जन्मभूमि” के रूप में विकसित की गई है, जहां हर वर्ष लाखों की संख्या में अनुयायी और श्रद्धालु बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देने पहुँचते हैं. यह स्थान केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल बन चुका है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Ambedkar Jayanti 2025:</strong> बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डॉ. अंबेडकर नगर (महू) में स्थित उनकी जन्मस्थली पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया और उनके अस्थिकलश पर पुष्प वर्षा कर बुद्ध वंदना में भाग लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “बाबा साहेब न केवल संविधान निर्माता थे, बल्कि समाज के सभी वर्गों को न्याय और समानता दिलाने वाले महान समाज सुधारक भी थे. महू की यह धरती केवल जन्मस्थली नहीं, बल्कि भारत की सामाजिक क्रांति का प्रतीक है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार बाबा साहेब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री के साथ भन्ते धर्मशील की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया गया, जो बौद्ध परंपरा और अंबेडकर के बौद्ध धर्म ग्रहण के ऐतिहासिक निर्णय को स्मरण करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्य सरकार अंबेडकर विचारों के प्रसार के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार बाबा साहेब के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए महू को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के सामाजिक न्याय केंद्र के रूप में विकसित करने के प्रयास कर रही है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले समय में युवाओं और विद्यार्थियों के लिए अंबेडकर अध्ययन केंद्रों की स्थापना की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा, “महू केवल एक नगर नहीं, यह भारत के सामाजिक न्याय आंदोलन की जन्मस्थली है. यहीं जन्म लेकर बाबा साहेब ने भारत को संविधान दिया, दलितों, शोषितों और महिलाओं को अधिकारों का संरक्षण दिया, और एक समतामूलक समाज की नींव रखी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मौके पर उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके, महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया और पूर्व मंत्री उषा ठाकुर भी उपस्थित रहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कार्यक्रम में शामिल भव्य झांकियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और बौद्ध परंपरा से जुड़े आयोजनों ने समूचे महू को अंबेडकरमय बना दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महू: वह धरती जहां सामाजिक न्याय का बीज पनपा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू छावनी में हुआ था, जो उस समय ब्रिटिश सेना की महत्वपूर्ण छावनियों में से एक थी. उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे. जातीय भेदभाव और सामाजिक अन्याय को स्वयं भुगतने वाले डॉ. अंबेडकर ने आगे चलकर उसे मिटाने के लिए आजीवन संघर्ष किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महू स्थित जन्मस्थली अब “भीम जन्मभूमि” के रूप में विकसित की गई है, जहां हर वर्ष लाखों की संख्या में अनुयायी और श्रद्धालु बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देने पहुँचते हैं. यह स्थान केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल बन चुका है.</p> मध्य प्रदेश Nagpur News: नागपुर में डॉक्टर पति बन गया जल्लाद! चरित्र पर शक की वजह से पत्नी की कर दी हत्या
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