अयोध्या में दुकानदारों ने कांस्टेबल को पीटा:खौलती चाय फेंकी, बिल्ला नोचकर वर्दी फाड़ दी, पेट में लात-घूसे मारे, अतिक्रमण हटाने गया था

अयोध्या में दुकानदारों ने कांस्टेबल को पीटा:खौलती चाय फेंकी, बिल्ला नोचकर वर्दी फाड़ दी, पेट में लात-घूसे मारे, अतिक्रमण हटाने गया था अयोध्या में दुकानदारों ने आज जमकर हंगामा किया। अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस से भिड़ गए। समझाने पर धक्का-मुक्की की। सख्ती करने पर पुलिस वाले पर खौलती चाय फेंक दी। फिर घेरकर पीटा। बिल्ला नोचकर वर्दी फाड़ दी। कॉलर पकड़कर पेट में कई बार लात घूसे मारे। पुलिस वाले बचाने दौड़े तो उनसे भी हाथापाई की। कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची तब जाकर उपद्रवी शांत हुए। पुलिस ने महिला समेत 4 लोगों को हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। सबसे पहले तीन तस्वीरें देखिए अतिक्रमण हटाने को बोला तो कांस्टेबल पर फेंकी चाय सीओ अयोध्या आशुतोष तिवारी के अनुसार कजियाना में आज दोपहर 1 बजे पुलिस अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। वहां पर सावित्री नाम की महिला ने फुटपाथ पर दुकान लगाई थी। पुलिस ने उससे अतिक्रमण हटाने को कहा। जिस पर मां-बेटे नाराज हो गए। दोनों ने विरोध किया। पुलिस ने जब सख्ती की तो कांस्टेबल के ऊपर चाय फेंक दी। कांस्टेबल ने उसे डांटा तो मां-बेटे ने उसे दुकान के पास से धक्का दे दिया। वह लड़खड़ाकर जमीन पर गिर पड़ा। मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। लाठी-डंडों से किया हमला इतने में महिला के घर से कुछ और लोग वहां पहुंच गए। उन्होंने उसकी कॉलर पकड़ ली। कांस्टेबल उनके आगे बार-बार छोड़ने की गुहार लगाता रहा लेकिन वे नहीं माने। बिल्ला नोचकर वर्दी फाड़ दी। उसे बचाने के लिए वहां खड़े पुलिसकर्मी दौड़े तो वे लाठी-डंडे लेकर खड़े गए। इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई। थोड़ी ही देर में फोर्स घटना स्थल पर पहुंची। उपद्रवी देखते ही इधर उधर भागने लगे। पुलिस ने मौके से महिला, उसके पति, बेटे और देवर को पकड़ लिया। आरोपी महिला बोलीं- पुलिस ने पहले डंडे से बेटे को मारा था वहीं इस मामले में आरोपी महिला सवित्री का कहना है- हम लोग काफी समय से यहां दुकान लगाए हुए हैं। पुलिस ने दोपहर में आकर दुकान हटाने के लिए बोला। हम लोगों ने आश्वासन दिया कि दुकान हटा ली जाएगी। थोड़ी देर फिर से कुछ और पुलिस वाले आए। उन्होंने डंडे से मारना शुरू कर दिया। विरोध करने पर बेटे की पिटाई करने लगे। उसे बचाने के लिए दौड़ी तो मेरे साथ गाली गलौज और मारपीट की। पुलिस के आरोप बेबुनियाद है। SHO बोले- पूछताछ के बाद कानूनी कार्रवाई करेंगी SHO अभिमन्यु शुक्ला का कहना है कि महिला समेत चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। उसके बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। ……………………. ये खबर भी पढ़ें- किन्नर अखाड़े ने 5 महंत बनाए, महामंडलेश्वर ने नृत्य किया:अखिलेश बोले- आंकड़े छिपाना अपराध; भगदड़ की जांच करने पहुंचा न्यायिक आयोग महाकुंभ का आज 19वां दिन है। सुबह 10 बजे तक 43.5 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। 13 जनवरी से अब तक 29.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया है। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने महामंडलेश्वर और श्रीमहंत बनाने के समारोह में नृत्य किया। इधर, मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की जांच करने के लिए न्यायिक आयोग आज प्रयागराज पहुंच गया है। रिटायर्ड जज हर्ष कुमार के नेतृत्व वाली 3 सदस्यों की टीम मेला क्षेत्र पहुंची है। आयोग एक महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। पढ़ें पूरी खबर

महाकुंभ में भगदड़ से घबराए महाकाल के पुजारी, सिंहस्थ 2028 को लेकर सीएम से की ये चार बड़ी मांग

महाकुंभ में भगदड़ से घबराए महाकाल के पुजारी, सिंहस्थ 2028 को लेकर सीएम से की ये चार बड़ी मांग <p style=”text-align: justify;”><strong>Maha Kumbh Stampede:</strong> प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद अब उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के पंडित और पुरोहितों को सिंहस्थ 2028 की चिंता सताने लगी है. इसी को ध्यान में रखते हुए महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर कर सुझाव भेजे हैं. इसमें सबसे प्रमुख सुझाव अखाड़े को अभी से शिप्रा तट के घाट सौंपे जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकालेश्वर मंदिर के पंडित महेश पुजारी के मुताबिक प्रयागराज <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> में काफी बड़े इंतजाम के बावजूद भगदड़ की वजह से कई श्रद्धालुओं की जान चली गई. 2 साल बाद धार्मिक नगरी उज्जैन में सिंहस्थ का मेला लगने वाला है. पुजारियों ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को चार प्रमुख मांगों के साथ पत्र भेजा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसमें सबसे प्रमुख मांग यह की गई है कि त्रिवेणी घाट से रामघाट तक 13 अखाड़ों को अलग-अलग घाटों पर स्नान की व्यवस्था अभी से सुनिश्चित की जाना चाहिए ताकि उस समय भीड़ प्रबंधन काफी अच्छे ढंग से किया जा सके. पुजारी ने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि चारों शंकराचार्य रामघाट पर शिप्रा तट में स्नान करें, बाकी सभी अखाड़ों के साधु संतों को अलग-अलग घाटों पर स्नान की व्यवस्था की जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वैभव के साथ निकल जाने वाली पेशवाई बंद करने की मांग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी महेश गुरु ने बताया कि पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि जिस तरीके से साधु संतों द्वारा वैभव का परिचय देते हुए शाही अंदाज में पेशवाई निकाली जाती है उसे पर भी रोक लगाई जाना चाहिए. साधु संत त्याग के प्रतीक होते हैं, ऐसी स्थिति में उन्हें पैदल शिप्रा तक जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. पेशवाई में किसी प्रकार का लाव लश्कर नहीं होना चाहिए, जिसकी वजह से श्रद्धालुओं को स्नान में दिक्कत का सामना करना पड़े.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अखाड़े के साथ यजमान को जाने की अनुमति नहीं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पंडित महेश गुरु ने बताया कि 13 अखाड़े के साधु संत अपने साथ यजमान को भी पेशवाई के साथ स्नान करवाने के लिए ले जाते हैं. इस पर भी रोक लगना चाहिए. इस संबंध में भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का ध्यान आकर्षित किया गया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-news-singrauli-bus-accident-returning-from-prayagraj-maha-kumbh-2025-woman-died-many-injured-2874507″>प्रयागराज से MP लौट रही बस दुर्घटनाग्रस्त, एक महिला की मौत और 22 घायल, सीएम ने जताया दुख</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p>

गुरुग्राम बम ब्लास्ट मामले में NIA की कुरुक्षेत्र में छापेमारी:एकता विहार कॉलोनी में खंगाली फुटेज, युवक की गिरफ्तारी का मामला

गुरुग्राम बम ब्लास्ट मामले में NIA की कुरुक्षेत्र में छापेमारी:एकता विहार कॉलोनी में खंगाली फुटेज, युवक की गिरफ्तारी का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम गुरुग्राम में हुई एक घटना से जुड़े सुराग तलाशने हरियाणा के कुरुक्षेत्र के सलारपुर रोड पर पहुंचीं। यहां टीम ने एकता विहार कॉलोनी में एक घर में सीसीटीवी फुटेज खंगाली। इससे पहले टीम कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की रिजल्ट ब्रांच में गई थी। कुरुक्षेत्र के DTP, एसडीओ PWD और सुभाष मंडी चौकी पुलिस के इंचार्ज भी टीम के साथ शामिल है। ​​​​​​ ​जानकारी के अनुसार, गत माह 10 दिसंबर को गुरुग्राम में हुए बम ब्लास्ट मामले में STF ने लोकेशन ट्रेस करके तीन दिन बाद 13 दिसंबर को युवक भाविश को कुरुक्षेत्र में उसकी रिश्तेदारी से हिरासत लिया था। मामले में परिजनों के आरोप लगाया कि STF ने युवक को अवैध रूप से कई दिनों तक हिरासत में रखा और 18 दिसंबर को अदालत में पेश किया। आरोप लगाया इस दौरान भाविश काे टॉर्चर किया। इस संबंध में परिजनों ने गुरुग्राम अदालत में शिकायत दायर की थी। अदालत ने कुरुक्षेत्र स्थित घर के आसपास लगे कैमरों की जांच के आदेश दिए ताकि मामले की सटीक तारीख स्पष्ट हो सके।

महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं के लिए खुले मस्जिदों और दरगाहों के दरवाजे, खाने-पीने से लेकर रहने का किया इंतजाम

महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं के लिए खुले मस्जिदों और दरगाहों के दरवाजे, खाने-पीने से लेकर रहने का किया इंतजाम <p><strong>Maha Kumbh 2025 Stampede:</strong></p>
<p>मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आए श्रद्धालुओं की भीड़ से मेला क्षेत्र के साथ ही पूरा प्रयागराज शहर भी पटा हुआ था. शहर की सड़कों के साथ ही गलियों में भी तिल रखने तक की जगह नहीं बची थी. क्राउड मैनेजमेंट के लिए रास्ते रोके जाने से लोगों को और भी दिक्कत हो रही थी. ऐसे में शहर के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इन श्रद्धालुओं के लिए अपनी इबादतग़ाहों के दरवाजे खोल दिए.&nbsp;</p>
<p>मस्जिदों और दरगाहों से लेकर तमाम मदरसों में भी श्रद्धालुओ को ठहराया गया. यहां उनके लिए खाने-पीने के साथ ही ठहरने और बिस्तर के भी इंतजाम किए गए. रास्तों और सीढ़ियों से लेकर अंदर की उन जगहों पर भी श्रद्धालुओं को ठहराया गया, जहां रोजाना पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है. शहर की सबसे बड़ी मस्जिद कहीं जाने वाली चौक इलाके की जामा मस्जिद, खुल्दाबाद इलाके की शाही मस्जिद, डफरिन अस्पताल के सामने की मस्जिद, रोशन बाग इलाके की मस्जिद के साथ ही तीन दर्जन से ज्यादा मस्जिदों – मदरसों और दरगाहों को तीन से चार दिनों तक आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था.&nbsp;</p>
<p>इतना ही नहीं प्रयागराज में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कई जगहों पर महाकुंभ के लिए आए श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत व अभिनंदन किया. कई जगहों पर लंगर और भंडारे का आयोजन किया गया. कुछ जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने श्रद्धालुओं को अंग वस्त्रम भेंट कर उनका अभिनंदन किया.&nbsp;</p>
<p>श्रद्धालुओं को इबादतग़ाहों में रोके जाने के तमाम वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. लोग इन वीडियो को देखकर प्रयागराज की गंगा जमुनी तहजीब की जमकर तारीफ कर रहे हैं. प्रयागराज के मदरसों और मस्जिदों से जुड़े लोगों का कहना है कि श्रद्धालु इन इबादत ग़ाहों में रुक कर काफी भावुक हो गए थे. उनका कहना था कि मानवता से बड़ा कोई दूसरा धर्म नहीं होता है और इसे यहां प्रयागराज के मुसलमानों ने साबित करके भी दिखाया है. बहरहाल संगम नगरी की इबादत ग़ाहों में महाकुंभ के श्रद्धालुओं को &nbsp;ठहराकर उनका स्वागत व सत्कार किए जाने के मामले ना सिर्फ सुर्खियों में हैं बल्कि लोगों का दिल भी जीत रहे हैं.&nbsp;</p>
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सोनीपत कोर्ट परिसर में वकील की धुनाई:पत्नी का केस लड़ने पर भड़का व्यक्ति; फैमिली कोर्ट में थी आज पहली सुनवाई, FIR

सोनीपत कोर्ट परिसर में वकील की धुनाई:पत्नी का केस लड़ने पर भड़का व्यक्ति; फैमिली कोर्ट में थी आज पहली सुनवाई, FIR हरियाणा के सोनीपत के गन्नौर में स्थानीय कोर्ट परिसर में एक वकील के साथ मारपीट और जान से मारने की धमकी का गंभीर मामला सामने आया है। वकील एक महिला के तलाक से जुडे मामले में केस लड रहा है।पुलिस को महिला और वकील दोनों ने शिकायत दी और पुलिस ने वकील की शिकायत पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। खिजरपुर अहीर निवासी वकील राजीव यादव ने बताया कि वह दोपहर करीब 12 बजे अपनी क्लाइंट अखविंद्र कौर के साथ लिटिगेशन हॉल में केस की चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान महिला क्लाइंट के पति सुंदर सिंह ने अचानक वहां पहुंचकर अश्लील गालियां देते हुए उनका गला पकड़ लिया और बाहर की तरफ खींचने लगा। पहले से ही हृदय रोगी एडवोकेट यादव की तबीयत बिगड़ने लगी। मौके पर मौजूद अन्य वकीलों ने बीच-बचाव कर उन्हें छुड़ाया। इस दौरान आरोपी के पिता रामकिशन ने भी वहां पहुंचकर गाली-गलौज की और सार्वजनिक रूप से जान से मारने की धमकियां दीं। क्या है मामला वकील ने बताया कि वह जिस महिला का केस लड़ रहे हैं। उसके पति महिला के साथ मारपीट करते थे और जिसके चलते महिला ने अपने पति से तलाक लेने का फैसला किया है। आज फैमिली कोर्ट में पहली तारीख थी। उसी के कारण महिला के पति ने वकील को धमकी दी है। वहीं पूरे मामले को लेकर आज महिला ने भी पुलिस को शिकायत दी है। महिला ने भी पुलिस को लिखित शिकायत देकर जान-माल की रक्षा के साथ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने किया मामला दर्ज वकील यादव ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि उन्हें आरोपियों से कोर्ट के बाहर, गांव या रास्ते में कहीं भी जान का खतरा है। पुलिस ने खेड़ी रोड गन्नौर निवासी पिता-पुत्र के खिलाफ धारा 115(2), 296, 351(3), 3(5) BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसएचओ गन्नौर का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। जल्द ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

Uttarakhand News: वनाग्नि की घटना में कमी लाने के लिए धामी सरकार ने बनाई खास रणनीति, जानें क्या है वन विभाग की तैयारी

Uttarakhand News: वनाग्नि की घटना में कमी लाने के लिए धामी सरकार ने बनाई खास रणनीति, जानें क्या है वन विभाग की तैयारी <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Foreste Fire:</strong> उत्तराखंड में जंगलों में आग लगने की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग ने कमर कस ली है. फायर सीजन 15 फरवरी से शुरू माना जाता है, और इससे पहले ही तैयारियों को परखने के लिए सात जिलों में 13 फरवरी को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी. मॉक ड्रिल से पहले 11 फरवरी को एक अहम बैठक होगी, जिसमें इसकी तैयारियों की समीक्षा की जाएगी. इस पूरी प्रक्रिया में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) सहयोग कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ ही, वन विभाग ने फायर सीजन से पहले जिलों में वनाग्नि नियंत्रण और प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है. इस बार 10 प्रमुख वन संरक्षक, अपर प्रमुख वन संरक्षक और मुख्य संरक्षक स्तर के अधिकारियों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है. वन विभाग ने वनाग्नि नियंत्रण और प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है, जो फायर सीजन से पहले जिलेवार तैयारियों की समीक्षा करेंगे. इन अधिकारियों का मुख्य कार्य वनाग्नि घटनाओं की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए जरूरी कदम उठाना होगा. साथ ही, वे जिलास्तरीय वन विभाग की टीमें तैयार करने और उन्हें आग से निपटने के लिए प्रशिक्षित करने का कार्य भी करेंगे</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उत्तराखंड के सात जिलों में होगी मॉकड्रिल</strong><br />वन विभाग के अनुसार, इस बार मॉक ड्रिल प्रदेश के सात जिलों में आयोजित की जाएगी. इस दौरान विभिन्न विभागों के कर्मचारी और अधिकारी भी इसमें भाग लेंगे. यह मॉक ड्रिल जंगलों में आग से निपटने की तैयारियों की जांच करने के लिए की जाएगी, जिससे किसी भी आपात स्थिति में सभी एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय हो सके. वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस ड्रिल के जरिए यह देखा जाएगा कि वन कर्मी और आपदा प्रबंधन की टीमें कितनी तेजी से आग बुझाने की प्रक्रिया शुरू कर पाती हैं और क्या सभी सुरक्षा उपकरणों और संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल हो रहा है या नहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वन विभाग इस साल फायर सीजन में एक नई रणनीति भी अपना रहा है. अल्मोड़ा वन प्रभाग के अंतर्गत शीतलाखेत में पहले से ही एक सफल वनाग्नि प्रबंधन मॉडल लागू किया जा चुका है, जिसे अब प्रदेश के अन्य वन प्रभागों में भी लागू किया जाएगा. शीतलाखेत मॉडल के तहत स्थानीय वन कर्मियों और वनाग्नि प्रबंधन समितियों के सदस्यों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है. उन्हें आग लगने की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने, आग फैलने से रोकने और इसे नियंत्रित करने के लिए जरूरी उपाय अपनाने की जानकारी दी जाती है. इस मॉडल को प्रभावी बनाने के लिए वन कर्मियों और समिति के सदस्यों को भ्रमण भी कराया जा रहा है, ताकि वे इस तकनीक को अपने क्षेत्रों में लागू कर सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वनाग्नि की घटना रोकने के लिए बनाई व्यापक रणनीति</strong><br />वन विभाग और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने इस बार जंगल की आग को रोकने और उसे नियंत्रित करने के लिए व्यापक योजना बनाई है. इसके तहत वन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जाएगी और आग लगने की घटनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए विशेष टीमें तैनात की जाएंगी. स्थानीय समुदायों को जागरूक किया जाएगा, ताकि वे जंगलों में आग लगने से रोकने में सहयोग कर सकें. आधुनिक उपकरणों और तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे आग बुझाने की प्रक्रिया तेज और प्रभावी हो सके.वनाग्नि नियंत्रण समितियों को और मजबूत किया जाएगा, ताकि वे स्थानीय स्तर पर तुरंत कार्रवाई कर सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फायर सीजन को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने जंगलों में कड़ी निगरानी शुरू कर दी है. राज्य सरकार की योजना है कि जंगलों में आग की घटनाओं को न्यूनतम किया जाए और इसके लिए सभी विभागों को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए हैं. वन अधिकारियों का कहना है कि इस बार मॉक ड्रिल के जरिए आग से निपटने की तैयारियों को परखा जाएगा और यदि किसी भी स्तर पर कोई कमी पाई जाती है, तो उसे समय रहते दूर किया जाएगा. सरकार इस दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वन मंत्री सुबोध उनियाल ने क्या कहा?</strong><br />वन मंत्री सुबोध उनियाल ने एबीपी लाइव को बताया कि, उत्तराखंड में इस वर्ष अग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा, ताकि उत्तराखंड की वन संपदा बर्बाद न हो इसके.लिए अभी से हमारे अधिकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे रहे है साथ ही जन सहभागिता के.लिए भी कार्य किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttar-pradesh-tableau-gets-first-position-in-republic-day-parade-ann-2874209″><strong>गणतंत्र दिवस की परेड में महाकुंभ की झांकी ने किया आकर्षित, यूपी को मिला पहला स्थान</strong></a></p>

उत्तरकाशी में फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके, 6 दिन में नौवीं बार हिली धरती, दहशत में लोग

उत्तरकाशी में फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके, 6 दिन में नौवीं बार हिली धरती, दहशत में लोग <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarkashi News:</strong> उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार सुबह एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.07 मापी गई. बीते 6 दिनों में यह नौवां झटका है, जिससे क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है. हालांकि, किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है. भूकंप के झटके से लोगों में डर का माहौल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शुक्रवार सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर आए इस भूकंप का केंद्र बड़कोट तहसील के सरुताल झील, फुच-कंडी और यमुनोत्री रेंज वन क्षेत्र में था. जिला आपदा कंट्रोल रूम के अनुसार, गुरुवार शाम को भी उत्तरकाशी मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप महसूस किया गया था. गुरुवार को आए झटके की तीव्रता 2.7 मापी गई और इसका केंद्र भी यमुनोत्री रेंज में ही था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशासन भूकंप के प्रभावों का आकलन कर रहा है<br /></strong>उत्तरकाशी के लोग बीते छह दिनों से बार-बार आ रहे भूकंप के झटकों से डरे हुए हैं. इससे पहले 24 और 25 जनवरी को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस दौरान वरुणावत पर्वत के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से मलबा और पत्थर गिरने की घटनाएं सामने आई थीं. उन झटकों की तीव्रता क्रमशः 3.0 और 2.0 मापी गई थी. लगातार झटकों के कारणों से स्थानीय लोग आशंकित हैं. कई लोगों ने घरों से बाहर रहना शुरू कर दिया है, तो कुछ लोग भूकंप से बचाव के उपायों को लेकर चर्चा कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और भूकंप के प्रभावों का आकलन कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भूवैज्ञानिकों का मानना है कि लगातार आ रहे छोटे झटके बड़े भूकंप की संभावना को कम भी कर सकते हैं, लेकिन यह किसी बड़े भूकंप का संकेत भी हो सकते हैं. उत्तरकाशी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील जोन में आता है और 1991 में यहां 6.8 तीव्रता का भयानक भूकंप आया था, जिसमें भारी तबाही हुई थी. विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि भूकंप के समय घबराने के बजाय खुले स्थान पर जाना चाहिए और मजबूत संरचनाओं से दूर रहना चाहिए. प्रशासन भी भूकंप से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर विचार कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिला प्रशासन ने अफवाहों पर ध्यान ने देने की बात कही<br /></strong>जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सतर्क रहें. उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा कि प्रशासन की टीम हर झटके के बाद स्थिति का आकलन कर रही है और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्रों में बार-बार भूकंप के झटकों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि, फिलहाल किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन बार-बार कांप रही धरती लोगों को डराने लगी है. स्थानीय लोग प्रशासन से इस स्थिति पर ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/maha-kumbh-three-stampedes-occurred-on-mauni-amavsya-snan-crack-on-pontoon-bridge-2874349″>महाकुंभ में एक नहीं तीन भगदड़ मची! पांटून ब्रिज में भी आई थी दरार, चश्मदीद बोले- पुलिस नदारद, गंगाजल छिड़क कर बचाई जान</a></strong></p>

Nainital News: रामनगर वन प्रभाग में फेज 4 तकनीक से बाघों की गणना, 350 कैमरा ट्रैप में कैद हुई बाघों की चहल-कदमी

Nainital News: रामनगर वन प्रभाग में फेज 4 तकनीक से बाघों की गणना, 350 कैमरा ट्रैप में कैद हुई बाघों की चहल-कदमी <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड के रामनगर वन प्रभाग में पहली बार फेज 4 विधि से बाघों की गणना की जा रही है. अब तक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बाहर इस तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया जाता था, लेकिन इस बार रामनगर वन प्रभाग के जंगलों में भी आधुनिक तकनीक का उपयोग कर बाघों की सही संख्या का आकलन किया जा रहा है. इसके लिए 350 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं, जिनमें से हर एक में बाघों की चहलकदमी दर्ज हुई है. इससे यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि रामनगर वन प्रभाग में बाघों की संख्या संतोषजनक है और संभवतः बढ़ भी रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ दिगंत नायक ने बताया कि फेज 4 विधि के तहत गणना का काम दिसंबर 2024 में शुरू हुआ था. पहले चरण में रामनगर वन प्रभाग की तीन प्रमुख रेंज- कोसी, कोटा और देचौरी- में 110 प्वाइंट चिन्हित किए गए थे, जहां 220 कैमरा ट्रैप लगाए गए. इन सभी कैमरा ट्रैप में बाघों की उपस्थिति दर्ज की गई, जिससे वन विभाग काफी उत्साहित है. डीएफओ नायक के अनुसार, इस पहल का मुख्य उद्देश्य बाघों की सही संख्या जानने के साथ-साथ उनकी गतिविधियों और संरक्षण के लिए आवश्यक कदमों को तय करना है. इससे पहले, रामनगर वन प्रभाग को बाघों की गणना के लिए हर चार साल में एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) द्वारा कराई जाने वाली ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन रिपोर्ट पर निर्भर रहना पड़ता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कालाढूंगी और फतेहपुर रेंज में 65 प्वाइंट किए गए चिन्हित</strong><br />पहले चरण की सफलता के बाद अब वन विभाग दूसरे चरण की तैयारियों में जुट गया है. दूसरे चरण में रामनगर वन प्रभाग के कालाढूंगी और फतेहपुर रेंज में 65 प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं. यहां 1 फरवरी से 130 और कैमरा ट्रैप लगाए जाएंगे, जिससे जंगल के इन हिस्सों में बाघों की उपस्थिति का पता लगाया जा सके. वन विभाग का मानना है कि इस गणना से पहले के मुकाबले अधिक बाघों की मौजूदगी सामने आ सकती है. पिछली बार 2022 में ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन के तहत हुई गणना में रामनगर वन प्रभाग में 67 बाघों की मौजूदगी पाई गई थी. अब जबकि फेज 4 विधि से हर साल गणना होगी, तो इससे बाघों की सही संख्या का पता लग सकेगा और उनके संरक्षण के लिए उचित कदम उठाए जा सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फेज 4 विधि एक अत्याधुनिक तकनीक है, जिसका उपयोग हर साल टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना के लिए किया जाता है. इसके तहत जंगल के अलग-अलग हिस्सों में हाई-रिजॉल्यूशन कैमरा ट्रैप लगाए जाते हैं, जो जंगल में घूमने वाले बाघों की तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड करते हैं. इन कैमरों को विशेष तकनीक से इस तरह सेट किया जाता है कि जब भी कोई बाघ उनके सामने से गुजरता है, तो उसकी तस्वीर खींची जाती है. इन तस्वीरों का विश्लेषण कर बाघों की संख्या और उनकी पहचान की जाती है. यह विधि अधिक सटीक मानी जाती है, क्योंकि इससे दोबारा गिनती की संभावना कम रहती है और बाघों की स्पष्ट पहचान हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नई तकनीक से वन विभाग को है काफी उम्मीदें</strong><br />बाघों की गणना के लिए अपनाई गई इस नई तकनीक से वन विभाग को काफी उम्मीदें हैं. डीएफओ दिगंत नायक ने बताया कि शुरुआती आंकड़े उत्साहजनक हैं और संकेत दे रहे हैं कि रामनगर वन प्रभाग में बाघों की संख्या बढ़ रही है. वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अलावा रामनगर वन प्रभाग भी बाघों के लिए उपयुक्त पर्यावास बन चुका है. यहां घने जंगल, पानी के स्रोत और पर्याप्त शिकार उपलब्ध होने के कारण बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि, वन विभाग इस इलाके में बाघों और इंसानों के टकराव को रोकने के लिए विशेष कदम उठा रहा है, ताकि जंगल से लगे गांवों में सुरक्षा बनी रहे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वन विभाग के मुताबिक, यह गणना मार्च 2025 के अंत तक पूरी कर ली जाएगी. इसके बाद मिले आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा और फिर नियमानुसार नतीजों की घोषणा होगी. यदि इस गणना में बाघों की संख्या बढ़ी हुई पाई जाती है, तो यह वन्यजीव संरक्षण के लिए एक बड़ी सफलता मानी जाएगी. इस पहल से वन विभाग को न केवल बाघों की सटीक संख्या का पता चलेगा, बल्कि यह भी समझने में मदद मिलेगी कि किन क्षेत्रों में बाघ अधिक सक्रिय हैं और कहां पर विशेष संरक्षण की जरूरत है. यह पहली बार है जब कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बाहर किसी अन्य वन क्षेत्र में इस विधि से गणना हो रही है, जिससे यह प्रक्रिया ऐतिहासिक बन गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मार्च में आने वाले नतीजों पर टिकी सबकी निगाहें</strong><br />रामनगर वन प्रभाग में पहली बार फेज 4 विधि से बाघों की गणना होना वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह पहल भविष्य में बाघों के संरक्षण की रणनीतियों को तय करने में मदद करेगी. प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, रामनगर वन प्रभाग में बाघों की मौजूदगी संतोषजनक है, और यह संभावना जताई जा रही है कि इनकी संख्या बढ़ी हुई मिलेगी. अब सभी की नजरें मार्च में आने वाले नतीजों पर टिकी हैं, जिससे यह साफ होगा कि रामनगर वन प्रभाग में बाघों की वास्तविक स्थिति क्या है. यदि यह गणना सफल होती है, तो भविष्य में अन्य वन क्षेत्रों में भी इसी तरह की तकनीक अपनाई जा सकती है, जिससे बाघों के संरक्षण को और मजबूती मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें : <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/maha-kumbh-stampede-case-cbi-may-inquire-case-the-matter-reached-the-court-2874321″><strong>महाकुंभ भगदड़ मामले में होगी सीबीआई की एंट्री? कोर्ट पहुंचा मामला, जल्द हो सकती है सुनवाई</strong></a></p>

Moradabad News: मुरादाबाद में रेप पीड़िता ने छत से लगाई छलांग, अस्पताल में कराया गया भर्ती, आरोपी गिरफ्तार

Moradabad News: मुरादाबाद में रेप पीड़िता ने छत से लगाई छलांग, अस्पताल में कराया गया भर्ती, आरोपी गिरफ्तार <p style=”text-align: justify;”><strong>Moradabad Crime:</strong> उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में ब्लैकमेलिंग से परेशान रेप पीड़िता छात्रा ने छत से छलांग लगा दी, आरोपी उसे वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल कर रहा था. &nbsp;बदनामी के डर से वह चुप्प रहती थी, अपने परिवार को भी अपने साथ हुई घटना के बारे में नहीं बताया था. अस्पताल में भर्ती पीड़िता के बयान के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. मामला मझोला थाना क्षेत्र के जयंतीपुर मोहल्ले में ब्रह्मपुरी कालोनी का है. यहां रहने वाली आठवीं की एक छात्रा ने छत से छलांग लगा दी, परिजन उसे लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छात्रा के पिता ने पुलिस को बताया कि, उनकी आठवीं में पढ़ने वाली 15 साल की बेटी कुछ दिन पहले रोजाना की तरह घर से स्कूल जाने के लिए निकली थी, रास्ते में जयंतीपुर मोहल्ले में शराब की हट्टी वाली गली में रहने वाले चेतन ने उसे रोक लिया और कहा, मेरी बहन तुझे घर पर बुला रही है. चेतन ने छात्रा को घर में बंद कर उसके साथ रेप किया. आरोपी ने उसे धमकी दी कि अगर घर जाकर किसी को इस घटना के बारे में बताया तो वीडियो वायरल कर देगा. इससे परेशान होकर छात्रा गुमसुम रहने लगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर भेजा</strong> जेल<br />परिजनों का आरोप है कि इसी वीडियो के दम पर आरोपी चेतन ने कई बार छात्रा के साथ रेप किया, इससे परेशान छात्रा कल घर की छत से कूद गई. नाजुक हालत में छात्रा को शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. छात्रा के दोनों पैरों की हड्डियां टूट गई हैं और रीढ़ की हड्डी में भी फ्रैक्चर है. इस मामले में मझोला पुलिस ने पीड़िता के पिता की शिकायत मिलते ही आरोपी चेतन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया है. मुरादाबाद के एसपी सिटी कुमार रण विजय सिंह ने बताया कि आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है. आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. आगे की वैधानिक कार्यवाही जारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttar-pradesh-tableau-gets-first-position-in-republic-day-parade-ann-2874209″><strong>गणतंत्र दिवस की परेड में महाकुंभ की झांकी ने किया आकर्षित, यूपी को मिला पहला स्थान</strong></a></p>

फर्जी एनकाउंटर केस में 2 पूर्व पुलिसकर्मी दोषी:मोहाली सीबीआई कोर्ट 4 फरवरी को सुनाएगी सजा; आर्मी जवान और नाबालिग को मारा था

फर्जी एनकाउंटर केस में 2 पूर्व पुलिसकर्मी दोषी:मोहाली सीबीआई कोर्ट 4 फरवरी को सुनाएगी सजा; आर्मी जवान और नाबालिग को मारा था पंजाब के अमृतसर जिले में 1992 में दो लोगों के फर्जी एनकाउंटर से जुड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दो पूर्व पुलिस मुलाजिमों को दोषी ठहराया है। दोषियों में पुरुषोत्तम सिंह तत्कालीन थानेदार मजीठा और एसआई गुरभिंदर सिंह शामिल हैं। उन्हें हत्या व साजिश रचने के आरोप में दोषी करार दिया गया है। दोषियों को सजा 4 फरवरी को सुनाई जाएगी। जबकि इंस्पेक्टर चमन लाल और डीएसपी एसएस सिद्धू को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। हालांकि उस समय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा दावा किया गया था कि उक्त दोनों कट्टर आतंकवादी थे, जिन पर इमाम घोषित था । वे हत्या, जबरन वसूली, डकैती आदि के सैकड़ों मामलों में शामिल थे। हरभजन सिंह उर्फ ​​शिंदी यानी पंजाब की बेअंत सिंह सरकार में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री गुरमेज सिंह के बेटे की हत्या भी शामिल था। हालांकि असल में इनमें एक आर्मी का जवान और दूसरा 16 साल का नाबालिग था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू की जांच इस मामले की जांच सीबीआई ने 1995 ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू की थी। सीबीआई की जांच में सामने आया कि बलदेव सिंह उर्फ ​​देबा को 6 अगस्त 1992 एसआई मोहिंदर सिंह और हरभजन सिंह, तत्कालीन एसएचओ पीएस छहरटा के नेतृत्व वाली पुलिस पार्टी ने गांव बसेरके भैनी में उसके घर से उठाया था। इसी तरह लखविंदर सिंह उर्फ ​​लक्खा फोर्ड निवासी गांव सुल्तानविंड को भी 12 सितंबर 1992 को प्रीत नगर अमृतसर में उसके किराए के घर से कुलवंत सिंह नामक एक व्यक्ति के साथ पकड़ा गया था, जिसका नेतृत्व एसआई गुरभिंदर सिंह, तत्कालीन एसएचओ पीएस मजीठा के नेतृत्व वाली पुलिस पार्टी ने किया था, लेकिन बाद में कुलवंत सिंह को छोड़ दिया गया था। फौजी छुट्‌टी पर घर आया हुआ था अमृतसर जिले के भैणी बासकरे के फौजी जवान बलदेव सिंह देवा को जब वह छुट्‌टी आया हुआ था। पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया था। इसके बाद झूठा पुलिस मुकाबला दिखाकर उसकी हत्या कर दी थी। दूसरा मामला 16 साल के नाबालिग लखविदंर सिंह की हत्या से जुड़ा हुआ था। उसे भी इसी भी तरह घर से उठाकर मारा था। लेकिन इसके बाद उसका कोई सुराग नहीं लग पाया था। काफी समय तक परिवार वाले उनकी तलाश करते रहे। उन्होंने इस मामले में अदालत तक जंग लड़ी। इसके बाद इन मामलों की जांच पर पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। CBI जांच में पुलिस की कहानी पड़ गई झूठी जांच के दौरान, सीबीआई ने पाया कि पुलिस स्टेशन छेहरटा की पुलिस ने मंत्री के बेटे की हत्या के मामले में देबा और लक्खा को झूठा फंसाया। जिसकी हत्या 23.7.1992 को हुई थी और उसके बाद 12.9.1992 को छेहरटा पुलिस ने उस हत्या के मामले में बलदेव सिंह उर्फ ​​देबा की गिरफ्तारी दिखाई थी और 13.9.1992 को दोनों मारे गए और पुलिस ने कहानी गढ़ी कि हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी के लिए बलदेव सिंह उर्फ ​​देबा को गांव संसारा के पास ले जाते समय आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई। इसमें बलदेव सिंह उर्फ ​​देबा और एक हमलावर मारा गया, जिसकी बाद में पहचान लखविंदर सिंह उर्फ ​​लक्खा उर्फ ​​फोर्ड के रूप में हुई। सीबीआई ने निष्कर्ष निकाला कि दोनों को उठाया गया, अवैध हिरासत में रखा गया और फिर फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया। पोस्टमार्टम से भी पुलिस का झूठा आया सामना सीबीआई ने यह भी पाया कि पुलिस द्वारा दिखाए गई मुठभेड़ की कथित घटना पर पुलिस वाहनों के दौरे के बारे में लॉग बुक में कोई प्रविष्टि नहीं थी। यहां तक ​​कि पुलिस ने यह भी दिखाया कि मुठभेड़ के दौरान मारे गए अज्ञात हमलावर आतंकवादी की पहचान घायल बलदेव सिंह देबा ने की थी,। हालांकि देबा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसकी तुरंत मृत्यु हो गई थी, इसलिए उसके द्वारा पहचान की दलील नहीं उठती। 32 गवाहों से 19 की हो चुकी है मौत 30.8.1999 को सीबीआई ने एसएस सिद्धू, हरभजन सिंह, मोहिंदर सिंह, पुरुषोत्तम लाल, चमन लाल, गुरभिंदर सिंह, मोहन सिंह, पुरुषोत्तम सिंह और जस्सा सिंह के खिलाफ अपहरण, आपराधिक साजिश, हत्या, झूठे रिकॉर्ड तैयार करने के लिए चार्जशीट दायर की। लेकिन गवाहों के बयान 2022 के बाद दर्ज किए गए। क्योंकि इस अवधि के दौरान उच्च न्यायालयों के आदेशों पर मामला स्थगित रहा। पीड़ित परिवार के वकील सरबजीत सिंह वेरका ने कहा कि हालांकि सीबीआई ने इस मामले में 37 गवाहों का हवाला दिया था, लेकिन मुकदमे के दौरान केवल 19 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं क्योंकि सीबीआई द्वारा उद्धृत अधिकांश गवाहों की देरी से सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी और अंत में घटना के 32 साल बाद न्याय मिला है। इसी तरह इस विलंबित मुकदमे के दौरान, आरोपी हरभजन सिंह, मोहिंदर सिंह, पुरुषोत्तम लाल, मोहन सिंह और जस्सा सिंह की भी मृत्यु हो गई थी और आरोपी एसएस सिद्धू तत्कालीन डीएसपी, अमृतसर, चमन लाल तत्कालीन सीआईए इंचार्ज, अमृतसर, गुरभिंदर सिंह तत्कालीन एसएचओ पीएस मजीठा और एएसआई पुरुषोत्तम सिंह ने इस मामले में मुकदमे का सामना किया।