तेज प्रताप यादव पर FIR दर्ज, नामांकन के बाद चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप

तेज प्रताप यादव पर FIR दर्ज, नामांकन के बाद चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप <p style=”text-align: justify;”>राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे और जनशक्ति जनता दल के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव की मुश्किलें बढ़ गयीं हैं. तेज प्रताप पर बिहार के वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिला पुलिस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें यादव को 16 अक्टूबर को नामांकन जुलूस के दौरान पुलिस लोगो और नीली लाल बत्ती लगी एक एसयूवी का उपयोग करते हुए देखा गया. इसके बाद महुआ के क्षेत्र अधिकारी ने संबंधित थाने में एक शिकायत दर्ज कराई. इसमें कहा गया कि इसकी गहन जांच की गई और पाया गया कि वाहन पर लगा पुलिस लोगो और नीली लाल बत्ती निजी थी. इसलिए चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>क्या था पूरा मामला ?</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>जन शक्ति दल नेता तेज प्रताप यादव 16 अक्टूबर को अपना नामाकंन कराने वैशाली पहुंचे थे. उनके साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक और कार्यकर्ता भी थे. नामाकंन के दौरान उनके काफिले में एक गाड़ी पर नीली बत्ती और पुलिस का लोगो लगा था. जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. इसे अचार संहिता का उल्लंघन बताया गया.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने गाड़ी मालिक पर लिखा मुकदमा </strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>डीएसपी 1 राज कुमार शाह ने बताया कि &nbsp;जन शक्ति जनता दल के नेता और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की रैली में पुलिस के लोगो और बत्ती लगी एक गाड़ी का वीडियो वायरल हुआ था. चुनाव प्रचार में इस्तेमाल की गई यह गाड़ी सिद्धनाथ सिंह के बेटे प्रमोद कुमार यादव की निजी गाड़ी निकली. निजी गाड़ी पर पुलिस की बत्ती लगाना एक गंभीर और संज्ञेय अपराध है. भोजपुर ज़िले में गाड़ी मालिक और ड्राइवर के ख़िलाफ़ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और गाड़ी ज़ब्त कर ली गई है.</p>

हिमाचल का शापित गांव, जहां सदियों से नहीं मनाई जा रही है दीपावली, जानें क्या है कहानी

हिमाचल का शापित गांव, जहां सदियों से नहीं मनाई जा रही है दीपावली, जानें क्या है कहानी <p style=”text-align: justify;”>जब देशभर में दीपों का पर्व दीपावली रोशनी, मिठास और खुशियों के साथ मनाया जाता है, तब हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले का एक गांव सन्नाटे में डूबा रहता है. जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित सम्मू गांव को लोग आज भी ‘शापित गांव’ के नाम से जानते हैं. यहां दीपावली का नाम लेते ही लोगों के चेहरों पर डर और उदासी छा जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गांव के बुजुर्गों के मुताबिक, यह परंपरा नहीं बल्कि सैकड़ों साल पुराना श्राप है. कहा जाता है कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान दीपावली के दिन गांव की एक गर्भवती महिला अपने मायके जाने के लिए निकली थी. उसी समय उसके पति, जो सेना में तैनात थे, युद्ध के दौरान शहीद हो गए. जब ग्रामीण उनका शव लेकर लौटे, तो उस महिला ने यह दृश्य देखकर खुद को संभाल नहीं पाया और सती हो गई. जाते-जाते उसने गांव को श्राप दिया कि अब इस गांव में कभी दीपावली नहीं मनाई जाएगी.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>सती के श्राप से डरा है सम्मू गांव</h3>
<p style=”text-align: justify;”>मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तब से लेकर आज तक सम्मू गांव में किसी ने दीपावली नहीं मनाई. न घरों में दीये जलते हैं, न मिठाइयां बनती हैं और न ही कोई उत्सव का माहौल होता है. गांव के निवासी रघुवीर सिंह रंगड़ा बताते हैं, “हमारे बुजुर्गों से सुना है कि जो भी दीपावली मनाने की कोशिश करता है, उसके बाद कोई अनहोनी जरूर होती है – कभी किसी की अचानक मौत, तो कभी बड़ी दुर्घटना. हमने कई बार पूजा-पाठ करवाए, लेकिन श्राप से मुक्ति नहीं मिली.”</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>दीपावली पर पसरा रहता है सन्नाटा</h3>
<p style=”text-align: justify;”>गांव की महिला विद्या देवी की आवाज में भी दर्द झलकता है. वह कहती हैं कि दीपावली का दिन हमारे लिए खुशी नहीं, एक बोझ जैसा लगता है. जब चारों ओर दीपों की रौनक होती है, तब हमारे घरों में सन्नाटा पसरा रहता है. बच्चे भी समझ चुके हैं कि उस दिन दीये नहीं जलाए जाते है.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”>कई सालों से गांव में नहीं मनाई गई दीपावली- पूजा देवी</h3>
<p style=”text-align: justify;”>भोरंज पंचायत की प्रधान पूजा देवी भी इस परंपरा की पुष्टि करती हैं. उन्होंने कहा कि सम्मू गांव में आज तक किसी ने दीपावली नहीं मनाई. लोग अब भी उस सती के श्राप के डर में जी रहे हैं. सभी यही चाहते हैं कि किसी तरह इस श्राप से गांव को मुक्ति मिले ताकि एक दिन यहां भी दीपों की रोशनी फैल सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सदियों पुराना यह डर आज भी सम्मू गांव की पहचान बना हुआ है. जहां देश का हर कोना दीपों से जगमगाता है, वहीं हिमाचल का यह छोटा सा गांव अंधेरे में डूबा रहकर चुपचाप उस दिन के इंतजार में है, जब श्राप की बेड़ियां टूटें और पहली बार दीपावली का दीया जल सके.</p>

अयोध्या में दीपोत्सव पर जगमग हुई रामनगरी, 26 लाख से अधिक दीपक जले, तस्वीरों में देखें भव्य झलक

अयोध्या में दीपोत्सव पर जगमग हुई रामनगरी, 26 लाख से अधिक दीपक जले, तस्वीरों में देखें भव्य झलक अयोध्या में दीपोत्सव पर जगमग हुई रामनगरी, 26 लाख से अधिक दीपक जले, तस्वीरों में देखें भव्य झलक

25 फोटो में देखें अयोध्या की रिकॉर्ड दीपोत्सव:26 लाख दीये जले, 15 मिनट तक ड्रोन से निगरानी; लेजर शो में दिखे रामायण के प्रसंग

25 फोटो में देखें अयोध्या की रिकॉर्ड दीपोत्सव:26 लाख दीये जले, 15 मिनट तक ड्रोन से निगरानी; लेजर शो में दिखे रामायण के प्रसंग राममय अयोध्या ने 19 अक्टूबर यानी रविवार को 9वें दीपोत्सव में 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड बने। पहला सरयू के किनारे राम की पैड़ी से जुड़े 55 घाट पर 26 लाख 17 हजार 215 दीप जले। जबकि 2128 अर्चकों ने सरयू की महाआरती करके दूसरा रिकॉर्ड बनाया। राम की पैड़ी पर लेजर लाइट शो के जरिए रामायण का प्रसंग दिखाया गया। जबकि 11 सौ ड्रोन से विशेष शो का आयोजन हुआ। इसके बाद नयाघाट पर आतिशबाजी से आसमान जगमगा उठा इससे पहले दीपोत्सव की शुरुआत राम राज्याभिषेक शोभायात्रा से हुई। सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंचे। जहां उन्होंने हेलिकॉप्टर स्वरूप पुष्पक विमान से उतरे प्रभु राम, सीता व लक्ष्मण का स्वागत किया। उनके रथ को हाथ से खींचा और पूरी भव्यता के साथ उन्हें दीपोत्सव के लिए सजे मंच पर लेकर आए। वहीं शोभायात्रा में 22 झांकियां निकलीं। तस्वीरों में देखें अयोध्या का दीपोत्सव… ————————
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दीपावली पर तांत्रिक परंपराएं और जीव बलि; उल्लू-कछुए जैसे जीवों के लिए क्यों काल बन जाती है अमावस्या की रात? दीपावली की रात तांत्रिक सिद्धियों के लिए जानी जाती है। मान्यता है, अमावस्या की रात तंत्र क्रियाओं से मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है। यही वजह है कि कुछ खास जीव-जंतुओं के लिए यह रात जानलेवा साबित होती है। विशेषकर उल्लू और कछुए जैसे जीवों के लिए। इनको मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। पढ़िए पूरी खबर

Ayodhya Deepotsav: अयोध्या में दीपोत्सव पर बने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, 26 लाख दीयों से जगमग हुई रामनगरी

Ayodhya Deepotsav: अयोध्या में दीपोत्सव पर बने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, 26 लाख दीयों से जगमग हुई रामनगरी <p style=”text-align: justify;”>पवित्र नगरी अयोध्या में रविवार शाम दिव्य नजारा देखने को मिला. दीपोत्सव के नौवें संस्करण में भगवान श्री राम की पावन धरा को 26 लाख 17 हजार 215 दीपों से जगमगा कर एक नया विश्व कीर्तिमान बनाया गया. देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने ‘श्री राम, जय राम, जय जय राम’ के जयकारों से शहर को गुंजायमान कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, श्रद्धालुओं ने सरयू नदी के तट पर पूजा-अर्चना की. इस अवसर पर अयोध्या का हर मंदिर, गली और घर भक्ति की आभा से जगमगा उठा. मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने दो नए &lsquo;गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड&rsquo; बनाए. पहला, शहर भर में 26 लाख 17 हजार 215 दीप जलाने का और दूसरा 2,128 वेदाचार्यों, पुजारियों और साधकों द्वारा एक साथ मां सरयू की आरती करने का. बयान के मुताबिक, दोनों उपलब्धियों की ड्रोन के जरिए गणना करके पुष्टि की गई और उन्हें &lsquo;गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स&rsquo; के प्रतिनिधियों द्वारा प्रमाणित किया गया.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>32 हजार से अधिक वालंटियर्स लगे </strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय और स्थानीय संगठनों के 32 हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने इस उपलब्धि को संभव बनाया. आदित्यनाथ के आह्वान पर अयोध्या भर के घरों, मंदिरों, मठों, आश्रमों और सार्वजनिक चौराहों पर दीप जलाए गए. शाम का समापन रामकथा पार्क में एक भव्य आरती के साथ हुआ, जहां मुख्यमंत्री, उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों और संतों ने भगवान श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान की पूजा की.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>हेलिकॉप्टर से की गयी पुष्पवर्षा </strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>जैसे ही पृष्ठभूमि में ‘राम आए अवध की ओर सजनी’ की गूंज हुई, हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई और श्री राम के प्रतीकात्मक राज्याभिषेक ने वातावरण को भक्ति और गौरव से भर दिया. इस आध्यात्मिक क्षण में जब भगवान श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता ‘पुष्पक विमान’ (हेलीकॉप्टर) से उतरे तो मुख्यमंत्री ने स्वयं पवित्र रथ को खींचा. भक्तों ने इस दृश्य को दिव्य और अविस्मरणीय बताते हुए कहा, ‘आज अयोध्या वास्तव में त्रेता युग की भावना को प्रतिबिंबित करती है. इस समारोह में साधु-संत और गणमान्य लोग भी शामिल हुए जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी को आशीर्वाद दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रमुख रूप से उपस्थित लोगों में महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. रामविलास वेदांती, राघवाचार्य महाराज, कमल नयन दास महाराज और संतोषाचार्य महाराज (सतुआ बाबा) शामिल थे. चंपत राय और महापौर गिरीश पति त्रिपाठी सहित कई राज्य मंत्री और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के पदाधिकारी भी समारोह में शामिल हुए.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>सीएम योगी ने बताया और आस्था और एकता का पर्व </strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन की शुरुआत और अंत भगवान राम, माता सीता, मां सरयू और हनुमान जी की स्तुति के साथ किया और कहा कि अयोध्या का दीपोत्सव ‘सनातन धर्म में आस्था, एकता और गौरव’ का प्रतीक है. इससे पहले, रामायण के प्रसंगों को दर्शाती 22 झांकियां और रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कलाकारों के साथ-साथ 2,000 से अधिक भारतीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया. सड़कों को फूलों और रंगोली से सजाया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रात में अयोध्या का आसमान 1,100 स्वदेशी ड्रोन उत्कृष्ट शो से जीवंत हो उठा. इसमें भगवान राम के दिव्य स्वरूप और रामायण के दृश्यों को रोशनी के माध्यम से आकाश पटल पर उकेरा गया. इन दृश्यों ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके बाद में सीएम योगी &nbsp;ने श्री <a title=”राम मंदिर” href=”https://www.abplive.com/topic/ram-mandir” data-type=”interlinkingkeywords”>राम मंदिर</a> में दर्शन किए. साथ ही गर्भगृह और राम की पैड़ी पर पूजा-अर्चना की और आरती की.</p>

हरियाणा में सहायक जिला अटॉर्नी एग्जाम रद्द:हाईकोर्ट ने दिया आदेश; कहा- एग्जाम में लॉ सब्जेक्ट के सवाल ही नहीं, ये मनमानी

हरियाणा में सहायक जिला अटॉर्नी एग्जाम रद्द:हाईकोर्ट ने दिया आदेश; कहा- एग्जाम में लॉ सब्जेक्ट के सवाल ही नहीं, ये मनमानी हरियाणा सरकार को बड़ा झटका देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य के अभियोजन विभाग में सहायक जिला अटॉर्नी (ADA) के 255 पदों के लिए पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि जनरल नॉलेज पर आधारित स्क्रीनिंग टेस्ट का नौकरी के लिए आवश्यक कानूनी कौशल से कोई संबंध नहीं है और इसमें योग्य उम्मीदवारों को अनुचित तरीके से बाहर रखा गया है। जस्टिस संदीप मौदगिल ने 36 पेजों के विस्तृत आदेश में कहा कि एग्जाम का सिलेबस, जिसमें सामान्य विज्ञान, समसामयिक घटनाएं, इतिहास, भूगोल और बुनियादी गणित शामिल थे। लॉ सब्जेक्ट की अनदेखी की गई। ये मनमानी है और नौकरी की जरूरतों से उसका कोई तर्कसंगत संबंध नहीं है। जस्टिस ने कहा, कानूनी ज्ञान से रहित छलनी से महत्वाकांक्षी कानूनी विशेषज्ञों को छांटना भर्ती के मूल उद्देश्य के साथ विश्वासघात है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी प्रक्रिया “मनमाने ढंग से और चयन के उद्देश्य से बिना किसी तर्कसंगत संबंध के संचालित होती है। 8 अगस्त को हुआ था एग्जाम लखन सिंह, नवेंद्र और अमन दलाल सहित अन्रू वकीलों द्वारा इस मामले को लेकर याचिकाएं दाखिल की गई थी। जिन्होंने हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) के 8 अगस्त, 2025 के विज्ञापन और उसी दिन परीक्षा पैटर्न की रूपरेखा वाली एक संबंधित घोषणा को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि पिछली भर्तियों के विपरीत, जहां स्क्रीनिंग टेस्ट में मुख्य रूप से कानून से संबंधित प्रश्न शामिल थे, नए प्रारूप ने इसे सामान्य विषयों तक सीमित कर दिया है, जो उनके अनुसार अनुचित है और विशेष कानूनी पद से असंबंधित है। कोर्ट ने एग्जाम को बहिष्कारक प्रथा बताया जस्टिस ने सहमति जताते हुए कहा कि एडीए की भूमिका के लिए आपराधिक कानून, साक्ष्य और प्रक्रिया में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। आदेश में कहा गया है, स्क्रीनिंग परीक्षा से कानून को पूरी तरह से बाहर करके, आयोग ने चयन के तरीके और प्राप्त किए जाने वाले उद्देश्य के बीच के तर्कसंगत संबंध को नष्ट कर दिया है। अदालत ने कहा कि यह परीक्षा बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को उनके कानूनी ज्ञान का आकलन किए बिना ही पहले चरण में ही बाहर कर देगी। अदालत ने इसे एक “बहिष्कारक प्रथा” बताया जो “उम्मीदवारों को प्रतिस्पर्धा करने का एक सार्थक अवसर प्रदान करने से वंचित करती है और संवैधानिक रूप से अस्थिर है।” ऐसे भरे जाने थे ये पद इस भर्ती में विभिन्न श्रेणियों के रिक्त पदों को भरा जाना था, 134 जनरल, 26 अनुसूचित जाति और 54 पिछड़ा वर्ग (BCA और BCB) के पद। इसके लिए उम्मीदवारों के पास कानून की डिग्री, 10वीं कक्षा तक हिंदी या संस्कृत का अध्ययन और अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत होना आवश्यक था। इस प्रक्रिया में तीन चरण शामिल थे, 100 बहुविकल्पीय प्रश्नों की एक स्क्रीनिंग परीक्षा (अर्हता प्राप्त करने के लिए कम से कम 25 प्रतिशत अंक आवश्यक), एक विषय ज्ञान परीक्षा जिसमें 87.5 प्रतिशत अंक सिविल और आपराधिक कानून पर केंद्रित थे, और एक साक्षात्कार जिसमें 12.5 प्रतिशत अंक थे। पदों की संख्या के चार गुना तक के उम्मीदवार ही दूसरे चरण में आगे बढ़ सकते थे। HPSC ने ये दिए तर्क एचपीएससी ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उसे शॉर्ट लिस्टिंग के तरीके तय करने का विवेकाधिकार है और स्क्रीनिंग टेस्ट केवल एक योग्यता चरण है, कानूनी ज्ञान का मूल्यांकन बाद में किया जाएगा। उसने तर्क दिया कि ग्रुप बी के अधिकारियों के रूप में एडीए को व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है क्योंकि उन्हें अक्सर अदालती काम से परे सरकारी विभागों में प्रतिनियुक्त किया जाता है। कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया और कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बोझ को कम करने जैसी प्रशासनिक सुविधा, सार्वजनिक रोजगार में निष्पक्ष अवसर के अभ्यर्थियों के अधिकार को खत्म नहीं कर सकती।

पंजाब में 4-5 दिन सामान्य रहेगा तापमान:प्रदूषण से हवा की गुणवत्ता खराब; AQI 149 पहुंचा; पटाखे जलने के बाद और बिगड़ेंगे हालात

पंजाब में 4-5 दिन सामान्य रहेगा तापमान:प्रदूषण से हवा की गुणवत्ता खराब; AQI 149 पहुंचा; पटाखे जलने के बाद और बिगड़ेंगे हालात पंजाब के तापमान में अधिक बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 4-5 दिन भी खास बदलाव देखने को नहीं मिलेंगे। अधिकतर शहरों के तापमान 16 से 33 डिग्री के करीब बने रहने का अनुमान है। मौसम शुष्क रहेगा और हल्की हवाएं बहती रहेंगी। लेकिन इसी बीच पंजाब की हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है। पंजाब में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगभग 149 है, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। पीएम 2.5 का स्तर 95 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और पीएम 10 का स्तर 130 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। इस प्रदूषण के कारणों में मुख्य रूप से पराली जलाना, उद्योगों से निकलने वाला धुआं, वाहनों का प्रदूषण और कचरा जलाना शामिल हैं। पंजाब के शहरों का AQI… पाकिस्तान बन रहा प्रदूषण का बड़ा कारण
अभी हाल ही में सितंबर 15 से अक्टूबर 18 तक पंजाब में 241 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुई हैं, जो प्रदूषण में वृद्धि का मुख्य कारण बनी हैं। लेकिन पाकिस्तान की तरफ पराली जलाने की घटनाएं बहुत बड़ी हैं। उच्च प्रदूषण स्तर के दौरान हवा मुख्यतः पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र से पश्चिम तथा उत्तर-पश्चिम दिशा से बह रही है, जिससे प्रदूषक कण पंजाब के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में पहुंच रहे हैं। इस मौसम में हवा की गति लगभग 7 किमी प्रति घंटे है, जो प्रदूषण को फैलाने या रोकने में प्रभाव डालती है। पंजाब के प्रमुख शहरों का तापमान जानें पंजाब में कैसा रहेगा मौसम अमृतसर- आसमान साफ रहेगा, धूप खिली रहेगी। तापमान 19 से 31 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। जालंधर- आसमान साफ रहेगा, धूप खिली रहेगी। तापमान 19 से 31 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। लुधियाना- आसमान साफ रहेगा, धूप खिली रहेगी। तापमान 18 से 32 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। पटियाला- आसमान साफ रहेगा, धूप खिली रहेगी। तापमान 19 से 34 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। मोहाली- आसमान साफ रहेगा, धूप खिली रहेगी। तापमान 20 से 33 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है।

हिमाचल में शाम 5 बजे से नहीं चलेगी लोकल बसें:यात्रा प्लान करके घर से निकलना होगा; HRTC के ड्राइवर-कंडक्टर भी मना सकेंगे दिवाली

हिमाचल में शाम 5 बजे से नहीं चलेगी लोकल बसें:यात्रा प्लान करके घर से निकलना होगा; HRTC के ड्राइवर-कंडक्टर भी मना सकेंगे दिवाली हिमाचल प्रदेश में दिवाली पर आज शाम पांच बजे के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) लोकल बसें नहीं चलाएगा। इससे लोगों को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। लोकल बसे कल सुबह 8 बजे के बाद चलाई जाएगी। इस अवधि में लौंग रूट की भी कम बसें ही चलेगी। परिवहन निगम ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि HRTC के ड्राइवर-कंडक्टर भी दिवाली पर्व को अपने घर पर परिवार के साथ मना सके। aहिमाचल में 3000 सरकारी बसें, अधिकांश नहीं चलेगी प्रदेश में HRTC की लगभग 3000 बसें है। इनमें से अधिकांश बसें शाम पांच बजे के बाद नहीं दौड़ेगी। हिमाचल में 95 प्रतिशत से ज्यादा हिंदू आबादी है। इसलिए, यहां अधिकांश लोग दिवाली को हर्षोल्लास से मनाते हैं। ऐसे में प्राइवेट बसें भी कम ही सड़कों पर नजर आएगी। यात्रा प्लान करके घरों से निकले इसे देखते हुए लोगों को अपनी यात्रा पहले ही प्लान करके घर से निकलना होगा। या फिर सरकारी बसों का इंतजार नहीं करना होगा। दिवाली पर 257 स्पेशल बसें चलाई वहीं निगम ने हिमाचल से बाहर दूसरे राज्यों में रोजगार को गए लोगों को दिवाली पर वापस घर लाने के लिए 17 से 19 नवंबर तक 257 स्पेशल बसें चलाई। इनमें से अधिकांश बसें हिमाचल वापस लौट आई है।

हिमाचल के पूर्व IC बोले- RTI कमजोर कर रही सरकार:CIC-IC पद 4 महीने से खाली;​​​​​​​ इनफॉर्मेशन-कमीशन में अपील के लगे ढेर; एक्ट की अवहेलना

हिमाचल के पूर्व IC बोले- RTI कमजोर कर रही सरकार:CIC-IC पद 4 महीने से खाली;​​​​​​​ इनफॉर्मेशन-कमीशन में अपील के लगे ढेर; एक्ट की अवहेलना हिमाचल प्रदेश में चार महीने से मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) और सूचना आयुक्त (IC) दोनों नहीं है। इनके बगैर, सूचना आयोग सफेद हाथी साबित हो रहा है। ‘राइट टू इनफॉर्मेशन’ (RTI) एक्ट के तहत आयोग के पास अब अपीलों के ढेर लग गए हैं। मगर इनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। कांग्रेस ने एक सप्ताह पहले देशभर में मोदी सरकार पर RTI को कमजोर करने के आरोप जड़े और हिमाचल में खुद सत्तारूढ़ कांग्रेस चार महीने से अधिक समय से सीआईसी और आईसी की तैनाती नहीं कर पाई। इससे, सूचना आयोग के पास आरटीआई के तहत जानकारी नहीं देने की लगभग एक हजार अपील पेंडिंग हो गई है। हिमाचल के पूर्व आईसी केडी बातिश ने बताया- सीआईसी और आईसी न लगाकर सरकार RTI को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा- हिमाचल के पूर्व CIC भीमसेन ने बताया- पूर्व में यदि CIC नहीं रहा तो IC जरूर होता था। दोनों में से एक जरूर रहा है, लेकिन अभी दोनों नहीं है। इनके बगैर अपील की सुनवाई संभव नहीं है। नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए CIC-IC दोनों की जल्द नियुक्ति होनी चाहिए। 4 प्वाइंट में समझे क्यों जरूरी है CIS-IC हिमाचल में कब से और क्यों खाली पड़ी सीआईसी-आईसी के पद हिमाचल में पूर्व आईएएस अधिकारी एसएस गुलेरिया आईसी थे और आरडी धीमान सीआईसी थे। एसएस गुलेरिया 3 जुलाई को रिटायर हो गए। इसके बाद से सरकार नया आईसी नहीं लग पाई। इसी तरह जुलाई में ही पूर्व सीआईसी आरडी धीमान रेरा (रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण) चेयरमैन लगाए गए। तब से लेकर सीआईसी का पद भी खाली पड़ा है। 22 दावेदारों ने कर रखा आवेदन एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म डिपार्टमेंट ने बीते 28 जून को ही सीआईसी और आईसी के लिए पात्र लोगों से आवेदन मांग रखे हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, लगभग 22 लोगों ने इनके लिए आवेदन कर रखा है। इसके बाद, एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म डिपार्टमेंट ने भी सरकार को इनकी तैनाती के लिए फाइल भेज रखी है। मगर सरकार ने अब तक तैनाती नहीं की। कौन बन सकता है सीआईसी और आईसी? मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) और सूचना आयुक्त (IC) बनने के लिए व्यक्ति को सार्वजनिक जीवन में प्रतिष्ठित व्यक्ति होना चाहिए, जिसके पास विधि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, समाज सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंचार माध्यम या प्रशासन और शासन जैसे क्षेत्रों में व्यापक ज्ञान और अनुभव हो। यह व्यक्ति संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं हो सकता है।

हरियाणा में दिवाली पर बिजली गई तो नपेंगे अफसर:24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेंगे कर्मचारी, मंत्री विज खुद रख रहे नजर

हरियाणा में दिवाली पर बिजली गई तो नपेंगे अफसर:24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेंगे कर्मचारी, मंत्री विज खुद रख रहे नजर हरियाणा में दिवाली के मौके पर बिजली विभाग ने निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने सभी अफसरों और कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रखा है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि किसी भी क्षेत्र में दिवाली के दिन बत्ती गुल होगी, तो संबंधित अफसर के खिलाफ कार्रवाई होगी। विभाग ने बिजली चोरी रोकने और फॉल्ट जल्दी ठीक करने के लिए टीमों को फील्ड में तैनात किया है। हर जिले में 6 लाख यूनिट तक खपत की आशंका दिवाली के दिन हर जिले में छह लाख यूनिट तक बिजली खपत का विभाग का अनुमान है। इसको देखते हुए सूबे में बिजली की डिमांड 13 हजार मेगा वाट तक पहुंच सकती है। डिमांड को देखते हुए विभाग ने बैकअप प्लान भी बनाया है। साथ ही सप्लाई बाधित न हो इसको लेकर भी तैयारी की गई है। हरियाणा में इस बार जुलाई में सबसे ज्यादा बिजली की डिमांड बढ़ी थी, इस कारण से 16 हजार मेगावाट लोड पहुंच गया था। अब पढ़िए विभाग की प्लानिंग