UP Caste Census: यूपी में जनगणना के दौरान आ सकती है चुनौती, ये आंकड़े दर्ज करने में आएगी दिक्कत!
UP Caste Census: यूपी में जनगणना के दौरान आ सकती है चुनौती, ये आंकड़े दर्ज करने में आएगी दिक्कत! <p style=”text-align: justify;”><strong>Caste Census in UP:</strong> देश में एक बार फिर जनगणना की गाड़ी रफ्तार भरने वाली है. केंद्र सरकार ने इसे दो चरणों में करने का ऐलान किया है. सबसे पहले घर-गृहस्थी की गिनती होगी और उसके बाद व्यक्तियों की. खास बात ये है कि इस बार जाति के साथ उपजातियों का भी ब्योरा दर्ज किया जाएगा. यूपी में इसके लिए 4.50 लाख से ज्यादा कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी. राज्य सरकार और स्थानीय निकायों के अफसरों ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको बता दें कि देश में आखिरी बार जनगणना साल 2011 में हुई थी. इसके बाद 2021 में जनगणना प्रस्तावित थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे टाल दिया गया. अब दोबारा प्रक्रिया शुरू हो रही है. इस बार पहली बार ऐसा होगा जब घरों का डेटा सीधे मोबाइल ऐप से फीड होगा. इससे कागजी प्रक्रिया में लगने वाला वक्त बचेगा और सटीकता भी बढ़ेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दो चरणों में की जाएगी जाति जनगणना</strong><br />सरकार ने पहाड़ी राज्यों के लिए जनगणना की तारीख 1 अक्टूबर 2026 और मैदानी राज्यों के लिए 1 मार्च 2027 तय की है. यूपी समेत सभी मैदानी राज्यों में पहले चरण का काम मई-जून 2026 में होगा. इसमें हर घर की हालत, सुविधाएं, बिजली, पानी, शौचालय जैसी बुनियादी जानकारी जुटाई जाएंगी. इस काम में करीब 30 से 45 दिन लगेंगे. दूसरे चरण में जनवरी-फरवरी 2027 में हर व्यक्ति की जानकारी ली जाएगी, जैसे उम्र, पेशा, रोजगार और जाति.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों का कहना है कि इस बार सबसे बड़ी चुनौती जाति के साथ उपजातियों की सही गिनती होगी. अभी तक सिर्फ एससी-एसटी का ही जातिगत आंकड़ा लिया जाता था. लेकिन, अब हर जाति और उपजाति का भी पता लगाया जाएगा. ओबीसी और एससी-एसटी की तो सूची पहले से तय है, लेकिन सामान्य वर्ग में बहुत सी उपजातियां हैं, जिनका कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं होता. इनमें कई बार लोग अपने नाम के आगे अलग-अलग टाइटल लगाते हैं. ऐसे में सरकार को इन्हें सही तरीके से दर्ज करने में दिक्कत आ सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपी में इस समय 1.04 लाख गांव और 783 निकाय हैं. इन्हें इकाई मानकर जनगणना होगी. जनगणना से पहले 31 दिसंबर 2026 तक कोई नया निकाय या तहसील नहीं बनेगा. हर निकाय या गांव को एक ‘चार्ज’ माना जाएगा और वहां चार्ज अफसर तैनात होंगे. इसके अलावा, कुछ गांव जो तेजी से शहरों की तरह बढ़ रहे हैं, उन्हें ‘जनगणना नगर’ का दर्जा दिया जाएगा. इसमें वे गांव आएंगे जिनकी आबादी 5,000 से ज्यादा है, घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है और 75% लोग खेती के अलावा दूसरे काम करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकारी सूत्रों का कहना है कि पहले सभी कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. फिर गांव-शहर की मैपिंग होगी और उसके बाद फील्ड में जाकर काम होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhilesh-yadav-raised-questions-on-cm-yogi-adityanath-after-new-report-on-death-in-maha-kumbh-stampede-2959780″>महाकुंभ पर नई रिपोर्ट के बाद योगी सरकार पर भड़के अखिलेश यादव, मिला कांग्रेस का भी साथ, पूछे 8 सवाल</a></strong></p>