UP Caste Census: यूपी में जनगणना के दौरान आ सकती है चुनौती, ये आंकड़े दर्ज करने में आएगी दिक्कत!

UP Caste Census: यूपी में जनगणना के दौरान आ सकती है चुनौती, ये आंकड़े दर्ज करने में आएगी दिक्कत! <p style=”text-align: justify;”><strong>Caste Census in UP:</strong> देश में एक बार फिर जनगणना की गाड़ी रफ्तार भरने वाली है. केंद्र सरकार ने इसे दो चरणों में करने का ऐलान किया है. सबसे पहले घर-गृहस्थी की गिनती होगी और उसके बाद व्यक्तियों की. खास बात ये है कि इस बार जाति के साथ उपजातियों का भी ब्योरा दर्ज किया जाएगा. यूपी में इसके लिए 4.50 लाख से ज्यादा कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी. राज्य सरकार और स्थानीय निकायों के अफसरों ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको बता दें कि देश में आखिरी बार जनगणना साल 2011 में हुई थी. इसके बाद 2021 में जनगणना प्रस्तावित थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे टाल दिया गया. अब दोबारा प्रक्रिया शुरू हो रही है. इस बार पहली बार ऐसा होगा जब घरों का डेटा सीधे मोबाइल ऐप से फीड होगा. इससे कागजी प्रक्रिया में लगने वाला वक्त बचेगा और सटीकता भी बढ़ेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दो चरणों में की जाएगी जाति जनगणना</strong><br />सरकार ने पहाड़ी राज्यों के लिए जनगणना की तारीख 1 अक्टूबर 2026 और मैदानी राज्यों के लिए 1 मार्च 2027 तय की है. यूपी समेत सभी मैदानी राज्यों में पहले चरण का काम मई-जून 2026 में होगा. इसमें हर घर की हालत, सुविधाएं, बिजली, पानी, शौचालय जैसी बुनियादी जानकारी जुटाई जाएंगी. इस काम में करीब 30 से 45 दिन लगेंगे. दूसरे चरण में जनवरी-फरवरी 2027 में हर व्यक्ति की जानकारी ली जाएगी, जैसे उम्र, पेशा, रोजगार और जाति.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों का कहना है कि इस बार सबसे बड़ी चुनौती जाति के साथ उपजातियों की सही गिनती होगी. अभी तक सिर्फ एससी-एसटी का ही जातिगत आंकड़ा लिया जाता था. लेकिन, अब हर जाति और उपजाति का भी पता लगाया जाएगा. ओबीसी और एससी-एसटी की तो सूची पहले से तय है, लेकिन सामान्य वर्ग में बहुत सी उपजातियां हैं, जिनका कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं होता. इनमें कई बार लोग अपने नाम के आगे अलग-अलग टाइटल लगाते हैं. ऐसे में सरकार को इन्हें सही तरीके से दर्ज करने में दिक्कत आ सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपी में इस समय 1.04 लाख गांव और 783 निकाय हैं. इन्हें इकाई मानकर जनगणना होगी. जनगणना से पहले 31 दिसंबर 2026 तक कोई नया निकाय या तहसील नहीं बनेगा. हर निकाय या गांव को एक &lsquo;चार्ज&rsquo; माना जाएगा और वहां चार्ज अफसर तैनात होंगे. इसके अलावा, कुछ गांव जो तेजी से शहरों की तरह बढ़ रहे हैं, उन्हें &lsquo;जनगणना नगर&rsquo; का दर्जा दिया जाएगा. इसमें वे गांव आएंगे जिनकी आबादी 5,000 से ज्यादा है, घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है और 75% लोग खेती के अलावा दूसरे काम करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकारी सूत्रों का कहना है कि पहले सभी कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. फिर गांव-शहर की मैपिंग होगी और उसके बाद फील्ड में जाकर काम होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhilesh-yadav-raised-questions-on-cm-yogi-adityanath-after-new-report-on-death-in-maha-kumbh-stampede-2959780″>महाकुंभ पर नई रिपोर्ट के बाद योगी सरकार पर भड़के अखिलेश यादव, मिला कांग्रेस का भी साथ, पूछे 8 सवाल</a></strong></p>

गुरुग्राम में फ्लिपकार्ट कंपनी के कर्मचारी ने किया सुसाइड:5 दिन पहले किराए पर रहने आया, दरवाजे से खून निकलता देख मालिक को हुआ शक

गुरुग्राम में फ्लिपकार्ट कंपनी के कर्मचारी ने किया सुसाइड:5 दिन पहले किराए पर रहने आया, दरवाजे से खून निकलता देख मालिक को हुआ शक गुरुग्राम जिले के फर्रुखनगर में एक युवक ने किराए के मकान में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। एक चौंकाने वाली बात ये है कि मकान मालिक के पास न तो मृतक की कोई आईडी है और न ही उसका नाम पता मालूम है। मकान मालिक को उसने बताया कि वह फ्लिपकार्ट कंपनी में काम करता है। जानकारी के अनुसार युवक पांच दिन पहले ही फर्रुखनगर के वार्ड 14 में श्याम मंदिर के पास स्थित राधे श्याम के मकान में किराए पर रहने आया था। उसने मकान मालिक को अपनी आईडी बाद में देने की बात कही थी। मकान मालिक राधे श्याम इसके बाद खाटू श्याम चले गए। आज जब वह वापस लौटे तो युवक को अपने कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया। मृतक की पहचान कराने में जुटी पुलिस सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा तैयार कर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाने की तैयारी की है। फिलहाल पुलिस मृतक की पहचान और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए जांच कर रही है। आईडी लेने पहुंचा मालिक तो पता चला खाटू श्याम जी से आने के बाद राधेश्याम अपने किराएदारों के लिए बनाए मकान पर पहुंचा तो मुख्य गेट बंद मिला। मुख्य गेट खोलकर वह अंदर गया और कमरे पर लगा जाली का गेट खोलने का प्रयास किया, लेकिन वह अंदर से बंद था। उसने गेट खटखटाया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। खून देख कर शक हुआ राधेश्याम ने दैनिक भास्कर को बताया कि जैसे ही वह कमरे के दरवाजे के पास पहुंचा तो उसे बदबू आने लगी। पहले उसने सोचा की शायद कोई चूहा मरा होगा, लेकिन उसे दरवाजे के पास खून निकलता दिखाई दिया। जिसे देखकर उसके होश उड़ गए। उसने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 पर दी। जिसके बाद पुलिस पहुंची। इंसानियत के नाते बिना आईडी के रूम दिया राधे श्याम ने बताया कि वह भारतीय सेना से रिटायर्ड है और उसने अपने प्लॉट में कमरा बना रखा है। पांच जून को उसके पास 24-25 साल का एक युवक आया और याचना करते हुए रूम किराए पर मांगा। जब उसकी आईडी मांगी तो उसने कहा कि वह फ्लिपकार्ट कंपनी में काम करता है और उसका आधार कार्ड कंपनी में जमा है। कंपनी से आधार कार्ड जारी करवा कर वह दे देगा। वह जरूरतमंद लग रहा था और रात गुजारने के लिए उसके पास ठिकाना नहीं था। इसलिए उसने इंसानियत के नाते उसे रूम दे दिया। उसे नहीं पता था कि वह उसके कमरे पर सुसाइड कर लेगा। पत्नी को साथ लाने की बात कही मकान मालिक ने बताया कि युवक ने उससे कहा था कि वह एक दो दिन में अपनी पत्नी को लेकर आएगा, इसलिए सेपरेट रूम की जरूरत है। आपका कमरा सही है, इसलिए मुझे ही यह कमरा किराए पर चाहिए। इसके बाद उसने किराया दिया और रहने लग गया। मकान मालिक उसी दिन खाटू श्यामजी चला गया था, इसलिए आने के बाद कॉन्टैक्ट किया तो फोन रिसीव नहीं किया।

Jharkhand News: ‘मैं फांसी लगाने जा रही हूं…’ बॉयफ्रेंड को इतना कहकर फंदे से झूल गई तलाकशुदा महिला

Jharkhand News: ‘मैं फांसी लगाने जा रही हूं…’ बॉयफ्रेंड को इतना कहकर फंदे से झूल गई तलाकशुदा महिला <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand Murder News:</strong> झारखंड के झुमरी तिलैया में एक तलाकशुदा महिला का शव सोमवार (9 जून) को उसके लिव-इन पार्टनर हर्ष सोनकर के घर पर मिला. बताया जा रहा है कि आयुषी चावला की लाश कमरे के अंदर फंदे से लटकी मिली. घटना की जानकारी सामने आते ही इलाके में सनसनी फैल गई और सूचना पाते ही मौके पर पहुंची पुलिस घटना के विभिन्न पहलुओं पर जांच में जुट गई है. शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पांच साल बाद हुआ तलाक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आयुषी के लिव-इन पार्टनर और घरवालों से इस संबंध में पूछताछ की जा रही है. जानकारी के मुताबिक, आयुषी कोडरमा जिले के जयनगर थाना क्षेत्र के परसाबाद की रहने वाली थी. उसकी शादी 2018 में झुमरी तिलैया निवासी एक शख्स के साथ हुई थी, लेकिन यह रिश्ता चल नहीं पाया. पांच साल बाद उसका तलाक हो गया. इसके बाद पिछले दो साल से वह झुमरी तिलैया शहर के चित्रगुप्त नगर निवासी हर्ष सोनकर के साथ उसके घर पर रह रही थी. हर्ष झुमरी तिलैया में फलों की दुकान चलाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उसने पुलिस को बताया कि रात को वह आयुषी के साथ था. सुबह छह बजे वह अपनी दुकान पर चला गया. इसी दौरान आयुषी ने उसे फोन कर बताया कि वह फांसी लगाने जा रही है. वह भागकर घर पहुंचा, जहां वह अपने कमरे में पंखे के सहारे फंदे से लटकी मिली. जब तक वह उसे उतारता, उसकी मौत हो चुकी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> बॉयफ्रेंड ने हत्या करके सुसाइड का रूप देने की कोशिश की</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना की जानकारी हर्ष ने ही पुलिस और आयुषी के परिजनों को दी. आयुषी की मां का कहना है कि उसके बॉयफ्रेंड ने उसकी हत्या कर इसे सुसाइड का रूप देने की कोशिश की है. उन्होंने बताया है कि तलाक होने के बाद वह झुमरी तिलैया के अड्डी बांग्ला रोड स्थित वृद्धाश्रम में बतौर कोऑर्डिनेटर काम करती थी और झुमरी तिलैया में ही किराए के मकान में रहती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आयुषी का छह साल का एक बेटा है, जो ननिहाल में रहता है. परिजनों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों से जब हमने उससे दूसरी शादी करने की बात की तो वह तैयार हो गई. इसके बाद हमने उसके लिए लड़के की तलाश शुरू की थी. बहरहाल, पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि आयुषी ने खुद फांसी लगाई या फिर उसकी हत्या कर उसे फंदे पर लटकाया गया.</p>

Uttarakhand News: नैनीताल में लंबे जाम ने रोक दी शख्स की सांसें, ट्रैफिक की वजह से 4 दिनों में दूसरी मौत

Uttarakhand News: नैनीताल में लंबे जाम ने रोक दी शख्स की सांसें, ट्रैफिक की वजह से 4 दिनों में दूसरी मौत <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> पर्यटन सीजन में लग रहे लंबे-लंबे जाम के कारण उत्तराखंड में चार दिनों में दूसरी मौत दर्ज की गयी है, जिसमें नैनीताल जिले में समय से चिकित्सकीय सहायता न मिल पाने के कारण एक व्यापारी की एंबुलेंस में ही जान चली गयी. धनियाकोट के 40 साल के दुकानदार जगमोहन सिंह पिनारी को रविवार शाम को खून की उल्टी होने के बाद उनके परिवार ने 108 एंबुलेंस को बुलाया था. हालांकि, रास्ते में ही एंबुलेंस खराब हो गयी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैंचीधाम के पास लंबे यातायात जाम में फंसी थी एंबुलेंस</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उसके बाद जगमोहन पिनारी को निजी एंबुलेंस से भेजा गया, लेकिन वह कैंचीधाम के पास लंबे यातायात जाम में फंस गयी और उन्होंने हल्द्वानी अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया. जगमोहन पिनारी के पुत्र लाभांशु पिनारी ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस शाम साढ़े चार बजे हल्द्वानी के लिए चली थी, लेकिन वह हल्द्वानी रात साढ़े नौ बजे पहुंची और डॉक्टर ने उसके पिता को मृत घोषित कर दिया .</p>
<p style=”text-align: justify;”>लाभांशु ने कहा, &lsquo;&lsquo;सड़क पर मिले लंबे जाम और उसके पहले एंबुलेंस में आई खराबी के कारण उसके पिता को समय से इलाज नहीं मिला और उनकी मौत हो गयी .&rsquo;&rsquo; नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच कराई जा रही है कि अगर नयी एंबुलेंस उपलब्ध थी तो मरीज के लिए पुरानी एंबुलेंस क्यों भेजी गयी .</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैंचीधाम में 14 जून को होने वाला मेला चिंता का विषय बना&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>चार दिन पहले गुरुवार को एक और पर्यटन स्थल मसूरी में भी सड़क पर वाहनों की लंबी कतारों की वजह से दिल्ली के एक पर्यटक को कथित तौर पर समय से चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पायी थी और उसकी मृत्यु हो गयी थी . पर्यटन सीजन शुरू होने के बाद से स्थानीय लोगों और टूरिस्ट के लिए जाम एक मुसीबत बन गया है. नैनीताल में पुलिस अपनी पूरी क्षमता से यातायात को संभालने की कोशिश कर रही है और माइक पर इस बात की घोषणा की जा रही है कि नैनीताल पूरा भरा हुआ है और लोग घर लौट जाएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले कुछ सालों में कैंचीधाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है, जिससे क्षेत्र में यातायात प्रबंधन समस्या बन गया है. कैंचीधाम में 14 जून को होने वाला मेला भी प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है क्योंकि इससे सामान्य दिनों की अपेक्षा और यातायात जाम होगा .</p>
<p style=”text-align: justify;”>नैनीताल की जिलाधिकारी ने अधिकारियों को समय रहते श्रद्धालुओं और यातायात प्रबंधन के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि नैनीताल, भवाली, भीमताल और कैंचीधाम में सड़क पर खाद्य पदार्थों के वाहनों को खड़ा करने की अनुमति नहीं होगी .</p>

Maharashtra News: ‘धारावी पुनर्विकास परियोजना नागरिकों के लिए नहीं, अदाणी के लिए है’- आदित्य ठाकरे

Maharashtra News: ‘धारावी पुनर्विकास परियोजना नागरिकों के लिए नहीं, अदाणी के लिए है’- आदित्य ठाकरे <p style=”text-align: justify;”><strong>Aditya Thackeray News:</strong> शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने सोमवार (9 जून) को यह आरोप लगाया कि धारावी पुनर्विकास परियोजना का उद्देश्य धारावी के निवासियों का कल्याण नहीं, बल्कि अदाणी समूह को लाभ पहुंचाना है. मुंबई के उत्तर-पूर्वी हिस्से मुलुंड में एक बैठक को संबोधित करते हुए ठाकरे ने यह कहा, “धारावी के लोगों को बसाने के नाम पर जमीन अदाणी समूह को दी जा रही हैं. यह कहां की इंसानियत है? जब हमारी सरकार ने जंगलों को बचाने के लिए मेट्रो कार शेड को आरे से स्थानांतरित करना चाहा तो केंद्र सरकार ने अनुमति ही नहीं दी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>500 वर्ग फुट से कम के मकानों का संपत्ति कर माफ – आदित्य ठाकरे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आदित्य ठाकरे ने यह कहा, “जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब 500 वर्ग फुट से कम के मकानों का संपत्ति कर माफ कर दिया गया था. लेकिन बीजेपी सरकार बनने के बाद यह फैसला वापस ले लिया गया था. दूसरी ओर, अदाणी समूह को मुंबई की जमीनें लगभग मुफ्त में दी जा रही हैं. बृह्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) देवनार डंपिंग ग्राउंड को सौंपना नहीं चाहती थी, लेकिन अदाणी समूह ने अपने सरकारी संपर्कों के जरिए यह जमीन भी हासिल कर ली.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुंबई के लोगों को अपने शहर के लिए एकजुट होना होगा- आदित्य ठाकरे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आदित्य ठाकरे ने यह दावा किया कि देवनार डंपिंग ग्राउंड की सफाई के बाद वह जमीन अदाणी समूह को सौंपी जाएगी और उसकी सफाई की लागत आम नागरिकों से &lsquo;कचरा कर&rsquo; के रूप में वसूली जाएगी. आदित्य ठाकरे ने यह कहा, “मुंबई के लोगों को अपने शहर के लिए एकजुट होना ही होगा. यह सिर्फ किसी राजनीतिक पार्टी की लड़ाई नहीं है. अगर लोगों को कहीं और बसाया जाएगा, तो धारावी में अदाणी समूह क्या करेगा?”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें -</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/mumbai-wadala-bakrid-mobile-theft-stabbing-between-three-friends-two-injured-one-arrested-ann-2959686″>Maharashtra: मुंबई में बकरीद पर चाकूबाजी, मोबाइल चोरी के संदेह में 3 दोस्तों ने एक दूसरे पर किया हमला</a></strong></p>

हरियाणा के पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पर भड़के सेतिया:बोले- चुनाव में मुझे हराने का प्रयास किया, राहुल नाव में छेद करने वाले को स्टेज पर बैठा रहे

हरियाणा के पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पर भड़के सेतिया:बोले- चुनाव में मुझे हराने का प्रयास किया, राहुल नाव में छेद करने वाले को स्टेज पर बैठा रहे हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में तंवर ने कांग्रेस प्रत्याशी के बजाय गोपाल कांडा का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने एक ऑडियो क्लिप भी चलाया, जिसमें दावा किया कि तंवर गोपाल कांडा के समर्थन में किसी कार्यकर्ता से बात कर रहे हैं। हालांकि दैनिक भास्कर इस ऑडियो क्लिप की पुष्टि नहीं करता। मीडिया से बात करते हुए सेतिया ने कहा – पार्टी अभी भी कुछ नेताओं की पहचान नहीं कर पाई है, इन्होंने पार्टी की गोबी खोदने का काम किया लेकिन राहुल गांधी इन्हें ही स्पेशल बुलाते हैं और स्टेज पर बैठाते हैं जब तंवर से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- नो कमेंट्स। उधर, गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा ने कहा- ऐसा कुछ नहीं है। यह झूठ है। उस समय अशोक तंवर बीजेपी में थे इसलिए उन्होंने गोपाल कांडा के लिए वोट मांगे। अब जानिए ऑडियो क्लिप में क्या बात हुई…. वर्कर- नमस्कार एमपी साहब अशोक तंवर- नमस्कार। ठीक-ठाक है जी। वर्कर- हांजी। ठीक है। अशोक तंवर- क्या बना रहे हो। वर्कर- कुछ नहीं। आप बताइए क्या आदेश है। अशोक तंवर- आदेश स्पष्ट है, गोपाल कांडा जी की मदद करो बढ़िया से। वर्कर- प्रोग्राम करवा दिया था एक तो। अशोक तंवर- अच्छा। वर्कर- गोपाल जी का खुद का मेरे पास भी फोन आया था। अशोक तंवर- अच्छा, प्रोग्राम होने वाला था। वर्कर- प्रोग्राम करवा दिया था, हमने बोल भी दिया था। अशोक तंवर- और प्रोग्राम कहां करवा सकते हैं, कोई रिश्तेदारी में। एक बार और देख लो। दो से तीन और बचे हैं बस। वर्कर- एक-दो प्रोग्राम के लिए और करवा दूंगा, यह बोल दिया था। अशोक तंवर – ठीक। वर्कर- मेरे वाला करवा दिया था तो कह रहे थे कि हमारे परिवार के 200-250 वोट हैं। अशोक तंवर- कोई नी चलो। दूसरी पार्टी से जो भी है, उनको भी लेकर आओ। आप भी हमारा परिवार हैं। कोई कसर नहीं छोड़नी है। इन्होंने पूरी मदद की है लोकसभा चुनाव में। वर्कर- हांजी बिल्कुल जी। कल भी हमारी मीटिंग थी। अशोक तंवर- पूरा जोर लगा दो जी। वर्कर- हांजी। आपके जैसे आदेश होंगे वैसे तैयार है। अशोक तंवर- चलो ठीक है, मैं आऊंगा एक-दो दिन में चाय पीने। सेतिया ने कहीं 3 अहम बातें… 1. अध्यक्ष बनाएंगे तो हमारा काम हो लिया
विधायक सेतिया ने कहा कि जब तंवर को पता था कि कांग्रेस में आना है, तो क्यों खुद फोन किया। अगर, रातोंरात डैमेज कर दिया और कांग्रेस जॉइन करने का मूड बन गया था तो। अगले दिन डैमेज कंट्रोल कर लेते। मेरे से क्या लड़ाई या दुश्मनी थी। अगर राहुल गांधी इनको स्टेज पर लाकर बैठाते हैं। रात को लिस्ट में इनका नाम डालते हैं तो मैं समझता हूं कि पार्टी को फिर से मंथन करना चाहिए। 2. अच्छा व्यवहार नहीं किया
सेतिया ने कहा कि जब अशोक तंवर सिरसा से लोकसभा का चुनाव लड़े। तब भी हमने डटकर इनकी मदद की। इसके बाद उन्होंने जितने पुराने कांग्रेसी थे, उनके साथ इन्होंने अच्छा व्यवहार नहीं किया। चाहे वो मेरी फैमिली के हों या बेशक केवी सिंह की फैमिली या भरत सिंह की फैमिली हो। बेशक वो चौधरी रणजीत सिंह की फैमिली हो। 3. बेइज्जती कोई नहीं सहेगा, मुझे पार्टी छोड़नी पड़ी
उन्होंने कहा कि सबके साथ इन्होंने (अशोक तंवर) ये प्रयास किया कि इनको जो लोग काटने वाले हैं, उनको पहले लेफ्ट करें। इनको खत्म करें। बेइज्जती कोई नहीं सहेगा। खासकर जब बात अपने बुजुर्गों की हो। उस समय मैं राहुल गांधी से मिलने के लिए दिल्ली भी गया था, लेकिन उस समय मेरी सुनवाई नहीं हो पाई। मजबूरन वो फिर पार्टी छोड़नी पड़ी। राहुल ने रातों रात जुड़वाया था तंवर का नाम
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी 4 जून को हरियाणा दौरे पर आए थे। चंडीगढ़ में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत उन्होंने राज्यों के नेताओं और पर्यवेक्षकों की मीटिंग ली थी। उस मीटिंग में शामिल होने वाले नेताओं की लिस्ट में अशोक तंवर का नाम शामिल नहीं था। लेकिन मीटिंग से पहले रातोंरात अशोक तंवर का नाम लिस्ट में शामिल हुआ। जब राहुल गांधी ने नेताओं और पर्यवेक्षकों की मीटिंग ली थी उस दौरान उनके साथ अशोक तंवर भी मौजूद रहे। सेतिया का परिवार पुराना कांग्रेसी
गोकुल सेतिया का परिवार पुराना कांग्रेसी परिवार है। इनके नाना लक्ष्मण दास अरोड़ा कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहे हैं और पांच बार अलग-अलग समय में विधायक रहे। 2019 में बीजेपी से टिकट न मिलने पर गोकुल सेतिया ने भाजपा को छोड़ दिया था। इसके बाद 2024 के विधानसभा चुनाव में नामांकन से कुछ दिन पहले ही दोबारा कांग्रेस में आ गए और कांग्रेस की टिकट विधानसभा चुनाव जीत लिया। 2024 में भाजपा से लड़ा एमपी का चुनाव, मिली हार
अशोक तंवर ने कांग्रेस पार्टी में ही राजनीति की शुरुआत की है। वह राहुल गांधी के चहेते और करीबी रहे हैं। इसके चलते वह हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर भी रहे हैं। अशोक तंवर ने 2024 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा जॉइन कर ली थी। भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव में सिरसा से टिकट दिया, लेकिन कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी सैलजा ने उन्हें हरा दिया। इसके बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अशोक तंवर ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली। मगर चुनाव नहीं लड़ा। संगठन बनाने की जिम्मेदारी मिली लेकिन सफल नहीं हुए
2014 में अशोक तंवर को हरियाणा कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। उनकी दिल्ली दरबार में पहुंच थी। पत्नी अवंतिका तंवर कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय माकन की बहन और राष्ट्रपति रहे शंकर दयाल शर्मा की नातिन हैं। राहुल गांधी के कोटे से तंवर को मौका मिला। दो साल की मेहनत के बाद साल 2016 में उन्होंने हाईकमान को हरियाणा में संगठन की लिस्ट सौंपी। लेकिन ये सूची कभी जारी ही नहीं हुई। उसी साल दिल्ली में एक रैली में हुड्‌डा समर्थकों की तंवर से झड़प हो गई। खटास बढ़ती गई। 2019 विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में नहीं चली तो तंवर ने पद और पार्टी छोड़ दी।

Rajasthan: रणथंभौर में बाघ के हमले में मंदिर के पूजारी की माैत, झाड़ियों में मिला शव, अब तक 3 की जा चुकी है जान

Rajasthan: रणथंभौर में बाघ के हमले में मंदिर के पूजारी की माैत, झाड़ियों में मिला शव, अब तक 3 की जा चुकी है जान <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान के रणथंभौर बाघ अभयारण्य में सोमवार को बाघ हमले में राधेश्याम की मौत हो गई है. अभयारण्य के जोगी महल इलाके में दो महीने से भी कम समय में यह तीसरी ऐसी मौत है, जिसे यहां मनुष्यों को जंगली जानवरों के बीच बढ़ते संघर्ष के रूप में देखा जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जैन मंदिर में काम करता था मृतक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने बताया कि 60 वर्ष के राधेश्याम रणथंभौर किले में स्थित जैन मंदिर में ‘देखभालकर्ता’ थे. पुलिस ने बताया कि वह सुबह-सुबह नित्य कर्म के लिए गए थे, तभी बाघ ने उन पर हमला कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रणथंभौर के एक अधिकारी ने बताया कि घटना सुबह लगभग 4.30 बजे हुई, पास में सो रहे दो गार्डों ने उसकी चीखें सुनी लेकिन वे कुछ नहीं कर पाए. उनकी गर्दन पर गहरे घाव थे. बाघ ने जांघों के आसपास और कई और जगह काटा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, &rsquo;&rsquo;राधेश्याम शेरपुर गांव के रहने वाले थे और दो दशकों से मंदिर में काम कर रहे थे. वह किले के परिसर में ही रहते थे. रणथंभौर प्रशासन ने बाघ की पहचान के लिए इलाके में कैमरा ट्रैप लगाए हैं. हमले में शामिल बाघ की पहचान के लिए घटनास्थल से बालों के नमूने एकत्र किए गए हैं और डीएनए जांच के लिए भेजे गए हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सवाई माधोपुर-कुंडेरा मार्ग को जाम कर दिया और वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया. कहा की, ऐसी घटनाओं को रोकने में विफल रहे हैं, जिसके कारण लोगों में डर बढ़ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>11 मई को ड्यूटी पर तैनात वन रेंजर देवेंद्र चौधरी की बाघ के हमले में मौत हो गई थी, जबकि 16 अप्रैल को त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास सात वर्षीय बालक को बाघ ने मार डाला था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हमलों की बढ़ती संख्या का हवाला देते हुए विशेषज्ञों ने रणथंभौर बाघ अभयारण्य में जोन-3 गेट के निकट जोगी महल के आसपास बाघिन एवं उसके शावकों के लिए शिकार के रूप में जीवित पशु छोड़ने की प्रथा पर चिंता जताई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बाघ हमले में अब तक तीन मौतें&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वन्यजीव विशेषज्ञ दिनेश वर्मा ने कहा, &lsquo;&lsquo;बाघ के हमलों में तीन मौतें हुई हैं जो बहुत दुखद और चिंताजनक है. सभी घटनाएं जोगी महल के आसपास के क्षेत्र में हुई हैं, जहां बीमार बाघिन और उसके बच्चों को भोजन के रूप में जीवित शिकार दिए जाते हैं.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकार में असमर्थ मादा बाघ और उसके तीन शावकों को वाहनों से भोजन दिया जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे शावकों में इंसानों के प्रति सतर्कता खत्म हो रही है, जिससे हमले बढ़ सकते हैं. वर्मा के अनुसार, इसका समाधान बाघों का स्थानांतरण है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रणथंभौर बाघ अभयारण्य में 72 बाघों की मौजूदगी से जोगी महल क्षेत्र पर दबाव बढ़ा है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि कुछ बाघों को अन्य क्षेत्रों में भेजा जाए. कभी जयपुर राजघराने की संपत्ति रहा यह उद्यान अरावली और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं के संगम पर स्थित है और अक्टूबर से जून तक बाघ सफारी के लिए विश्व प्रसिद्ध है.</p>

UP News: गोरखपुर के इस गांव में पहले गायब हुई बच्ची, अब पिता भी लापता, गहराया रहस्य

UP News: गोरखपुर के इस गांव में पहले गायब हुई बच्ची, अब पिता भी लापता, गहराया रहस्य <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttar Pradesh News:</strong> उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के पिपराइच इलाके से तीन दिन पहले तीन साल की बच्ची के लापता होने के बाद अब उसका पिता भी गायब हो गया है, जिससे रहस्य और गहरा गया है और गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है. पुलिस ने मंगलवार (10 जून ) को यह जानकारी दी. बच्ची की पहचान नित्या के रूप में हुई है, जो पिपराइच के अंबेडकर नगर वार्ड नंबर 4 में अपने नाना-नानी से मिलने आई थी. बच्ची शनिवार शाम करीब साढ़े छह बजे लापता हो गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तलाशी के बावजूद बच्ची का कोई सुराग नहीं मिल- पुलिस</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस की कई टीम के चलाए गए व्यापक तलाशी अभियान के बावजूद, बच्ची का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. पुलिस के मुताबिक, इस मामले में नया मोड़ तब आया जब उसके पिता जोगेंद्र भी रविवार को लापता हो गए, जो शुरू में तलाशी में मदद कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक, पेशे से मजदूर जोगेंद्र नित्या के लापता होने के बाद से संदिग्ध व्यवहार कर रहा था और बार-बार विभिन्न बहानों से तलाशी अभियान से खुद को दूर कर रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वह रविवार को पुलिस की निगरानी से भाग गया और तब से उसे नहीं देखा गया है. अपर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा, &lsquo;&lsquo;उसके अचानक लापता होने से गंभीर संदेह पैदा हो गया है. हम अब इसे दोहरे लापता मामले के रूप में देख रहे हैं और सभी पहलुओं से जांच की जा रही है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> मामले की जांच में पुलिस की छह टीम तैनात</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जोगेंद्र की पत्नी राधिका और सास गीता देवी का दावा है कि उन्हें उसके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. जब इंस्पेक्टर पुरुषोत्तम आनंद सिंह के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम ने इलाके का दौरा किया तो उसके पैतृक स्थान बोलचाहा, पडरौना (कुशीनगर जिले) के ग्रामीणों ने भी अनभिज्ञता जताई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिता-बेटी के लापता होने के मामले में जांच के लिए पुलिस की छह टीम तैनात है. अधिकारियों ने कहा कि अपहरण और परिवार की संलिप्तता सहित सभी संभावित कोणों से जांच की जा रही है. एएसपी श्रीवास्तव ने कहा, &lsquo;&lsquo;हमें जल्द बच्ची का पता लगने की उम्मीद है. हर पहलु से जांच की जा रही है.&rsquo;&rsquo;</p>

फरीदाबाद के बीके हॉस्पिटल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट का खुलासा:बिना सत्यापन के 70 से ज्यादा हार्ट सर्जरी की, तीन मरीजों की मौत

फरीदाबाद के बीके हॉस्पिटल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट का खुलासा:बिना सत्यापन के 70 से ज्यादा हार्ट सर्जरी की, तीन मरीजों की मौत फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल (बीके अस्पताल) में एक गंभीर लापरवाही और धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यहां एक फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर पंकज मोहन शर्मा ने पिछले वर्ष में जुलाई से इस वर्ष फरवरी तक लगभग 70 से 80 हार्ट सर्जरी कीं। डॉक्टर पर दूसरे के नाम और दस्तावेजों का दुरुपयोग कर नौकरी हासिल करने का आरोप है। इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब सर्जरी के बाद तीन मरीजों की मौत हुई और एक शिकायतकर्ता ने पूरे मामले की परतें खोलनी शुरू कीं। इस घोटाले का पर्दाफाश संजय गुप्ता नामक शिकायतकर्ता ने किया। उन्हें सूचना मिली थी कि बीके अस्पताल के मेडिट्रिना हार्ट सेंटर में कार्यरत डॉक्टर पंकज मोहन असली नहीं है। शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का दुरुपयोग कर ली नौकरी जब उन्होंने इसकी तह तक जाकर दस्तावेज खंगाले, तो पता चला कि डॉक्टर ने हमनाम असली डॉक्टर पंकज मोहन के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का दुरुपयोग कर खुद को कार्डियोलॉजिस्ट दिखाया और बीके अस्पताल में नियुक्ति पा ली। संजय गुप्ता ने अपने स्तर पर साक्ष्य इकट्ठा किए और तीन नंबर पुलिस चौकी व सिविल सर्जन कार्यालय को शिकायत दी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार उन्होंने डीसीपी एनआईटी मकसूद अहमद से मुलाकात की, जिन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया। अस्पताल और प्रशासन की लापरवाही यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि हरियाणा सरकार और मेडिट्रिना हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच 2018 में हुए समझौते के तहत बीके अस्पताल में पीपीपी मोड पर हार्ट सेंटर शुरू किया गया था। इस एग्रीमेंट में स्पष्ट प्रावधान था कि किसी भी डॉक्टर की नियुक्ति से पहले उसका सत्यापन सिविल सर्जन (CMO) और प्रधान चिकित्सा अधिकारी (PMO) कार्यालय से कराना अनिवार्य होगा। इसके बावजूद, बिना सत्यापन के एमबीबीएस डॉ. पंकज मोहन शर्मा को कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में नियुक्त कर दिया गया। सरकारी योजनाओं में भी धोखाधड़ी आरोप यह भी है कि फर्जी डॉक्टर ने केवल सर्जरी ही नहीं की, बल्कि बीपीएल कार्डधारकों, आरक्षित वर्गों और आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी बिल लगाकर सरकारी धन का भी गबन किया। जब मामले की गहराई से जांच की गई, तो सामने आया कि आरोपी डॉक्टर को फरवरी 2024 में चुपचाप हटा दिया गया था, लेकिन तब तक वह मरीजों की जान से खिलवाड़ कर चुका था। पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया डीसीपी मकसूद अहमद ने कहा है कि शिकायत पर संज्ञान लेते हुए दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. सत्येंद्र वशिष्ठ ने बताया कि पुलिस की मांग पर उन्होंने संबंधित कागजात पुलिस को सौंप दिए हैं और जांच प्रक्रिया जारी है।

बहन बोली- राजा की मौत के बाद रोया था राज:सोनम की सलामती के लिए मंदिर जाता, आखिरी बार घर आया तो नए कपड़े पहने

बहन बोली- राजा की मौत के बाद रोया था राज:सोनम की सलामती के लिए मंदिर जाता, आखिरी बार घर आया तो नए कपड़े पहने राज भैया आखिरी बार रविवार सुबह घर आए थे। यहां उसने नए कपड़े पहने। मुझसे कहा कि सफेद शर्ट और जींस दे दो, मंदिर जाना है। इसके बाद वह मंदिर चला गया। रात करीब 11 बजे भैया से सामान्य बात हुई थी। बस इसके बाद से ही भाई से अब तक कोई बात नहीं हुई। मेरा भाई बेकसूर है, उसे फंसाया जा रहा है। राज कुशवाह की नाबालिग बहन ने रोते हुए ये बात कही। उसने कहा कि जब से भाई का नाम इस मर्डर केस में आया है, मां चुन्नी बाई (52) बदहवास है। छोटी बहन की तबीयत भी खराब हो गई है। वो उठ भी नहीं पा रही है। उसने कहा, “हम सोनम से एक बार ही मिले थे। वो ऐसा नहीं कर सकती। गरबे के समय सोनम और उसकी टीम से मुलाकात हुई थी। इसके बाद हम नहीं मिले। सोनम कभी घर पर नहीं आई। मेरा भाई कभी भी इतना बुरा नहीं सोच सकता।” मकान मालिक बोले- मोहल्ले में सिर झुकाकर चलता था
राज के मकान मालिक ने बताया, “करीब 10 साल से राज और उसके परिवार को जानता हूं। राज की तीन बहनें हैं, एक बहन गांव में और दो साथ में रहती हैं। कोरोनाकाल में उसके पिता की मौत हो गई थी। तब हम सभी ने चंदा कर उनका अंतिम संस्कार करवाया था। वो लड़का आज तक सिर उठाकर मोहल्ले में नहीं चला। सुबह काम पर जाता और शाम को घर आ जाता था। उसे देखकर कभी ऐसा लगा ही नहीं कि वो इस तरह का कदम उठा सकता है।” बहन बोली- सोनम को दीदी कहता था राज
बहन ने बताया, “भाई दो-ढाई साल से काम कर रहा था। उसे कौन फंसा रहा है, हमें नहीं मालूम। हत्या के पहले और बाद में भैया बिल्कुल नॉर्मल रहा। राजा रघुवंशी की हत्या का पता चला तब भैया बहुत रो रहे थे। मां से कहा था कि राजा का परिवार बुरी तरह परेशान है। राजा के अंतिम संस्कार में राज भैया शामिल हुए थे। हमारा भाई ऐसा कर ही नहीं सकता। वह तो सोनम दीदी की सलामती के लिए घर के मंदिर में रोज दुआ करता था। रोता भी था। कहता था कि राजा भैया की तो लाश मिल गई, लेकिन दीदी कैसी होगी। वे राजा की शव यात्रा में भी गए थे। वहां से लौटकर दो घंटे तक रोए। बोले कि लुटेरों ने ऐसी हालत कर दी कि राजा का चेहरा भी नहीं देख पाया। विशाल-आकाश राज की बहनों के राखी भाई
बहन बोली, “मैं और मेरी छोटी बहन विशाल (विक्की) और आकाश को राखी बांधते थे। वे हमें छोटी बहन जैसा ही रखते थे। बाकी दो और कौन लोग हैं, मैं नहीं जानती। सोनम से हम इतना नहीं मिले कि उन्हें ज्यादा जान सकें, पर वो ऐसा न कर सकती है ना करवा सकती है। सोनम का फोन आता था, गाड़ी भरवानी है, बिल बनाना है, इतनी बात करके फोन काट देती थी। राज भैया हमेशा सोनम को दीदी कहते थे। मेरी मम्मी तो कभी सोनम से मिली भी नहीं। वह केवल एक बार ही हमारे घर आई है।” सोनम की शादी में नहीं गया था राज
बहन ने बताया कि सोनम की शादी 11 मई को हुई थी। इसी दिन 11 मई 2020 को हमारे पिता जी रामनजर सिंह की ब्रेन ट्यूमर से मौत हो गई थी। इस कारण हम इस दिन को किसी भी तरह से सेलिब्रेट नहीं करते हैं। इसलिए राज उस दिन सोनम की शादी में नहीं गया था। मां बदहवास, 3 दिन से पानी नहीं पिया
राज की मां एक ही बात कह रही है, “मेरा बच्चा कभी ऐसा काम नहीं कर सकता। वो मेरा इकलौता बेटा था। दो बेटियों में छोटी बेटी बार-बार बेहोश हो रही है। मैंने भी तीन दिन से पानी नहीं पिया। मेरे पति शांत हो गए, अब कोई मेरे आगे पीछे नहीं है। वह इतना भोला है कि जिसके भी पैर में जूते-चप्पल नहीं होते तो खुद अपने उतारकर दे देता था। वह नंगे पैर घर आता तो मैं चिल्लाती थी। उसे कहती थी कि खाना नहीं दूंगी, चप्पल कहां से लाऊं, पैसे नहीं है मेरे पास। सोनम के भाई की फैक्ट्री में काम करता था, वहीं पर सोनम भी काम करती थी। अब दोनों एक जगह काम करते हैं तो बातचीत तो होती ही है। उसे झूठा फंसा दिया।” राज ने अपनी दोनों बहन और मां को पहले ही उत्तरप्रदेश में कानपुर के पास रामपुर स्थित पैतृक गांव भेज दिया था। 8 दिन पहले ही दोनों लौटी हैं। विशाल ने भी अपने माता-पिता को गांव भेज दिया था। ये खबर भी पढ़ें… सोनम के सामने हुआ पति राजा का मर्डर:चीखकर कहा- मार दो इसे इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या पत्नी सोनम के ही सामने की गई थी। मेघालय पुलिस का कहना है कि चार आरोपियों में से एक विशाल चौहान ने राजा के सिर पर पीछे से हमला किया था। उस दौरान सोनम भी वहां मौजूद थी। उसने आरोपियों से चीखकर कहा था- ‘मार डालो इसे।’ पूरी खबर पढ़ें…