Bakrid: महंत राजू दास ने की कुर्बानी पर बैन की मांग, कहा- ‘बकरीद पर हमारी आस्था को…’
Bakrid: महंत राजू दास ने की कुर्बानी पर बैन की मांग, कहा- ‘बकरीद पर हमारी आस्था को…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Eid al-Adha 2025:</strong> विश्व हिंदू परिषद ने बकरीद पर होने वाली पशुओं की कुर्बानी का विरोध करते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है, जिसके बाद इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है. इस बीच उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बॉलीवुड स्टार्स पर निशाना साधते हुए कहा कि वो होली-दिवाली पर तो लोगों को रंग खेलने या पटाखे जलाने से रोकते हैं तो फिर बकरीद पर होने वाली जीव हिंसा पर कुछ क्यों नहीं बोलते. उन्होंने तत्काल इस पर रोक लगाने की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महंत राजू दास ने कहा, “बकरीद पर लगातार जीव हिंसा को लेकर बुद्धिजीवी वर्ग और तमाम संगठनों ने कहा है कि जीव हिंसा नहीं होनी चाहिए. मैं पूछना चाहता हूं उन फिल्मी कलाकारों से जो होली से पहले ज्ञान देने चले आते हैं कि रंग से स्किन में दिक्कत होती है और पानी से पर्यावरण को नुकसान होता है. दीपावली पर भी कूदकर चले आते हैं कि पटाखे मत फोड़ो, पटाखे फोड़ने से पर्यावरण को नुकसान होता है. बकरीद पर भी आपका कुछ आना चाहिए या नहीं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जीव हिंसा जरूरी है क्या- महंत राजू दास</strong><br />महंत ने कुर्बानी को लेकर सवाल उठाते हुए कहा, “जीव हिंसा जरूरी है क्या? परमात्मा, अल्लाह, ईश्वर, देवता किसी हत्या या बलि देने से प्रसन्न नहीं हो सकते. अगर वो इससे प्रसन्न होते तो बहुत सारे लोगों के ढेर सारे काम हो गए होते. इसके नाते जीव हिंसा पर बैन लगना चाहिए और बकरीद पर तो तत्काल बैन लगना चाहिए, क्यों बकरीद पर तो हमारी आस्था को आहत करने वाला काम भी किया जाता है. गोमाता की बलि देते हैं और काटते हैं, इसके नाते बकरीद पर तो जीव हिंसा पर तत्काल बैन होना चाहिए, प्रतिबंध लगना चाहिए.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>विश्व हिंदू परिषद की मांग के बाद बकरीद को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है. बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी जीव हिंसा को निंदनीय बताते हुए बलि प्रथा का विरोध किया है. वहीं सपा नेता एसटी हसन ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि हर बार त्योहारों पर इस तरह के राजनीतिक विवाद होते हैं. ये एक-दूसरे के बीच दूरियां पैदा करने वाले विवाद हैं, जो लोगों को एक दूसरे से अलग करने का काम करते हैं, वो धार्मिक व्यक्ति नहीं हो सकते.</p>