जहां राम सबसे ज्यादा रहे, वहां का ड्रोन VIDEO:लंका जीतने के बाद दिवाली मनाने यहीं आए; 50 लाख भक्त करते हैं कामदगिरि की परिक्रमा

जहां राम सबसे ज्यादा रहे, वहां का ड्रोन VIDEO:लंका जीतने के बाद दिवाली मनाने यहीं आए; 50 लाख भक्त करते हैं कामदगिरि की परिक्रमा चित्रकूट, जहां भगवान राम अपने 14 साल के वनवास के दौरान सबसे ज्यादा यहां रहे। मान्यता है, लंका पर विजय हासिल करने के बाद प्रभु श्रीराम ने चित्रकूट में आकर दीपदान किया था। इसी उपलक्ष्य में यहां 5 दिन का मेला लगता है। यहां पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। देशभर से 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु कामदगिरि की परिक्रमा करते हैं और मंदाकिनी तट पर पहुंचते हैं। लोग सती अनुसुइया, हनुमान धारा और सीता रसोई जैसे पौराणिक स्थलों के दर्शन भी करते हैं। जहां भगवान राम, माता सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ रुके। लोगों की श्रद्धा उन जगहों के साथ आज भी जुड़ी है। देखें VIDEO…

आज अखबार नहीं, UP की कल की 15 बड़ी खबरें:मंत्री बोले- योगीजी ने मेरी जान बचाई, बिना टोल के निकलीं 5 हजार गाड़ियां, चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या

आज अखबार नहीं, UP की कल की 15 बड़ी खबरें:मंत्री बोले- योगीजी ने मेरी जान बचाई, बिना टोल के निकलीं 5 हजार गाड़ियां, चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या आज नो न्यूज पेपर डे है। कल दिवाली थी। आज अखबार नहीं आएगा। लेकिन, आपको उत्तर प्रदेश की हर जरूरी खबर दैनिक भास्कर एप पर मिलेगी। पढ़िए, कल की 15 बड़ी खबरें… 1- योगी ने वनटांगियों के बीच मनाई दिवाली, चित्रकूट में 30 लाख लोग पहुंचे यूपी में सोमवार को धूमधाम से दिवाली मनाई गई। वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने श्रीराम की आरती की। चित्रकूट में कामदगिरि परिक्रमा के लिए करीब 30 लाख श्रद्धालु पहुंचे। सीएम योगी ने गोरखपुर में वनटांगिया समाज के लोगों के साथ दिवाली मनाई। वह घर-घर जाकर लोगों से मिले और उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने अयोध्या पहुंचकर मलिन बस्तियों के लोगों से मुलाकात की। पढ़ें पूरी खबर 2- मंत्री निषाद बोले- अखिलेश सरकार में मुझे मारने की कोशिश हुई, योगीजी ने बचाया यूपी के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा- अखिलेश सरकार में मुझे जान से मारने की प्लानिंग थी। उन्होंने कहा रामभक्तों पर गोली चलवाने वालों ने हम पर भी गोली चलवाई थी। हमें जेल में मरवाने की कोशिश की गई। मेरा परिवार तब तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के पास गया था। उन्होंने ही हमें बचाया। मंत्री निषाद सोमवार को गोरखपुर के वनटांगिया गांव पहुंचे थे। 3- ग्रेटर नोएडा में चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या, पीटने के बाद 8 राउंड फायरिंग की ग्रेटर नोएडा में नाली के झगड़े में चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पहले दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। फिर एक पक्ष के लोगों ने गुस्से में दूसरे पक्ष पर फायरिंग कर दी। इसमें चाचा-भतीजे समेत एक अन्य युवक घायल हो गया। घटना के बाद आरोपी थार और स्विफ्ट कार से भाग निकले। लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने चाचा-भतीजे को मृत घोषित कर दिया। पूरी खबर पढ़ें 4- बोनस नहीं मिला तो टोल का गेट खोला, एक्सप्रेस-वे पर फ्री में निकलीं 5 हजार गाड़ियां आगरा में लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर 5000 से ज्यादा गाड़ियां बिना टोल दिए निकल गईं। फतेहाबाद टोल टैक्स के कर्मचारियों को दीपावली पर बोनस नहीं मिला। नाराज कर्मचारियों ने टोल मैनेजर से कहा कि उनको बोनस दिया जाए, लेकिन उन्होंने बात को अनसुना कर दिया। भड़के कर्मचारियों ने टोल गेट खोल दिए। 2 घंटे में कंपनी को 25 से 30 लाख रुपए का नुकसान हो गया। पढ़ें पूरी खबर 5- वाराणसी में युवक का LIVE सुसाइड, VIDEO कॉल पर फिनायल पीया वाराणसी में एक युवक ने लाइव सुसाइड कर लिया। युवक जयसिंह ने फिनायल पीते हुए एक वीडियो बनाते हुए कहा- ‘मैं जहर खा रहा हूं। इसकी जिम्मेदार मेरी पत्नी और सास है। पत्नी किसी लड़के से बात करती है। उसकी मां से शिकायत की तो वह उल्टा मुझे फंसाने की धमकी देने लगी।’ पुलिस वीडियो देखते ही मौके पर पहुंची। युवक को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई। पूरी खबर पढ़ें 6- लखनऊ में कारोबारी की पत्नी की मौत, मां बोली- सतीश महाना ताऊ, इसलिए डरी पुलिस लखनऊ में कारोबारी की पत्नी की मौत मामले में ससुरालवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। मायकेवालों का आरोप है कि पति ने 10 लाख के दहेज के लिए हत्या की। फिर शव अपोलो अस्पताल में छोड़कर भाग गया। निकिता की मां का आरोप है कि यूपी विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना पार्थ के सगे ताऊ हैं। इसीलिए पुलिस दबाव में है और कार्रवाई में ढिलाई बरत रही। पढ़ें पूरी खबर 7- जान दूंगी, तलाक नहीं, गोंडा में सुसाइड से पहले बोली- दो शादी वालों की इज्जत नहीं होती ​​​​गोंडा में 30 साल की महिला ने घर में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मरने से पहले उसने रोते हुए 4 मिनट का वीडियो बनाया। इसमें वह पति की प्रताड़ना और बार-बार तलाक लेने का दबाव बनाने की बात कही। उसने रोते हुए कहा- भले ही मर जाऊंगी, लेकिन तलाक नहीं दूंगी। मुझे तलाक लेकर 10 लोगों के साथ नहीं रहना। एक के साथ रहने की तमन्ना थी। इसलिए ये कदम उठा रही हूं। पढ़ें पूरी खबर 8- लखीमपुर में भीषण सड़क हादसा, 3 की मौत, परिजन बोले- शवों को कुत्ते चाट रहे थे लखीमपुर में भीषण सड़क हादसे में बाइक सवार 3 लोगों की मौत हो गई। उन्हें तेज रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में 2 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तीनों को टेंपो में भरकर सीएचसी भेज दिया। कोई पुलिसकर्मी वहां नहीं पहुंचा। एक घायल की सांस चल रही थी, डॉक्टर ने उसे भी नहीं देखा। पढ़ें पूरी खबर 9- जगुआर से 6 को रौंदने वाला करोड़पति का बेटा, प्रयागराज पुलिस ने 24 घंटे बाद नामजद FIR की प्रयागराज में जगुआर कार से 6 को कुचलने वाला शख्स रचित मध्यान नामी कारोबारी का बेटा और जाने माने डॉक्टर का दामाद निकला। धूमनगंज थाना पुलिस ने देर रविवार देर रात मृतक के भाई दिलीप की तहरीर पर अज्ञात चालक के खिलाफ FIR दर्ज की। जबकि, पुलिस ने ही रचित को ड्राइविंग सीट से पकड़ा था। हालांकि, पुलिस ने 24 घंटे बाद रचित को नामजद किया। पढ़ें पूरी खबर 10- दिवाली पर ट्रेनें फुल, यात्री बोले- पंजाब से बिहार टॉयलेट में बैठकर जा रहे कानपुर सेंट्रल से जाने आने वाली ट्रेनों में दीपावली के त्योहार पर घर जाने वाले यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी । रविवार को पूरे दिन बिहार और पूर्वांचल की तरफ जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ देखी गई। स्थिति यह थी कि एक टॉयलेट में चार से पांच लोग खड़े होकर सफर कर रहे थे। पैसेंजर्स ने बताया कि इसी तरह से ट्रेन के हर टॉयलेट में यात्री सफर कर रहे हैं। लोग त्योहार मनाने अपने घर लौट रहे। पढ़ें पूरी खबर 11- आगरा-दिल्ली हाईवे पर चलती बस में लगी आग, 3 झुलसे, दिवाली पर घर जा रहे थे यात्री मथुरा में आगरा-दिल्ली नेशनल हाईवे पर रविवार रात चलती बस में आग लग गई। आग इतनी भयानक थी कि पूरी बस जलकर खाक हो गई। सिर्फ उसका ढांचा ही बचा। बस में 50 से 60 लोग सवार थे। सभी दिवाली पर अपने-अपने घर जा रहे थे। यात्रियों ने कूदकर अपनी जान बचाई। इस दौरान 3 लोग झुलस गए। यात्रियों ने बताया- पीछे बैठे कुछ यात्री सिगरेट पी रहे थे जिस वजह से आग लगी। पूरी खबर पढ़ें 12- सहारनपुर में डॉक्टर निकला बच्चा चोर, 3.50 लाख में बेचने का किया था सौदा सहारनपुर में बीएएमएस डॉक्टर ही बच्चा चोर निकला। उसने 3.50 लाख में बच्चे को बेचने का सौदा किया था। उत्तराखंड के रुड़की में एक दंपती को बच्चा बेचने की प्लानिंग थी। गिरोह में डॉक्टर, उसका बेटा, तीन महिलाएं और दो अन्य आरोपी शामिल थे। पुलिस ने सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मासूम बच्चे को सकुशल बरामद कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। पूरी खबर पढ़ें 13- मऊ में डीह बाबा की मूर्ति को कटर से काटा, गुस्साए गांववालों ने हाईवे जाम किया मऊ में रविवार देर रात ग्राम देवता डीह बाबा की मूर्ति को कटर मशीन से काट दिया गया। आरोपियों ने इसे मंदिर परिसर में ही फेंक दिया। सुबह घटना की जानकारी मिलते ही गुस्साए गांव वालों ने सोमवार सुबह मऊ-बलिया हाईवे पर जाम लगा दिया। रास्ते पर गाड़ियों की डेढ़ Km लंबी लाइन लग गई। सूचना पर 4 थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। किसी तरह गांव वालों को समझाकर जाम खुलवाया। पूरी खबर पढ़ें 14- प्रतापगढ़ में छज्जा गिरने से दादी-पोते की मौत, दिवाली पर झालर लगा रहे थे प्रतापगढ़ के रामपुर मुश्तर्का गांव में दीपावली की सुबह एक हादसा हो गया। घर का छज्जा गिरने से 10 वर्षीय मासूम की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई 48 साल की दादी की भी इलाज के दौरान प्रयागराज में मौत हो गई। घटना कोतवाली देहात क्षेत्र की है। परिवार वालों ने बताया कि दिवाली पर झालर लगाई जा रही थी तभी अचानक घर का छज्जा भरभराकर गिर पड़ा। पूरी खबर पढ़ें 15- बिजनौर में प्रेमी युगल ने साथ जहर खाकर दी जान, दो बच्चों की मां थी महिला बिजनौर में प्रेमी युगल ने जहर खाकर जान दे दी। इनमें महिला दो बच्चों की मां थी। उसका गांव के ही युवक से अफेयर था। 10 अक्टूबर को वह अपने प्रेमी संग घर से भाग गई थी। उस समय पुलिस ने दोनों को बरामद कर लिया था। महिला दोबारा से अपने प्रेमी के साथ भाग निकली। दोनों ने जहर खा लिया। गांव वालों ने दोनों को तड़पते देखा। उन्हें अस्पताल लेकर भागे, जहां दोनों की मौत हो गई। पूरी खबर पढ़ें —————- यह खबर भी पढ़ें… ग्रेटर नोएडा में चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या, लाठी-डंडों से पीटा, 8 राउंड फायरिंग की ग्रेटर नोएडा में चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नाली के झगड़े में दो पक्षों के बीच मारपीट हुई। एक पक्ष के लोगों ने गुस्से में दूसरे पक्ष पर फायरिंग कर दी। इसमें चाचा-भतीजे समेत एक अन्य युवक घायल हो गया। घटना के बाद आरोपी थार और स्विफ्ट कार से भाग निकले। लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने चाचा-भतीजे को मृत घोषित कर दिया। पूरी खबर पढ़ें

OPD में लगे ठुमके, डॉक्टर पटाखे जलाते रहे:कांग्रेसी पूनम पंडित तोड़ देंगी सगाई, मंत्रीजी ने सुतली बम पर लगाई अगरबत्ती

OPD में लगे ठुमके, डॉक्टर पटाखे जलाते रहे:कांग्रेसी पूनम पंडित तोड़ देंगी सगाई, मंत्रीजी ने सुतली बम पर लगाई अगरबत्ती ऊपर Video पर क्लिक करें और देखें… आज यूपी की राजनीति और सरकारी विभागों की कौन सी बात खरी है….

भाजपा के गले की फांस बनेगा कोटे में कोटा मुद्दा:कुर्मी, लोध, मौर्य, शाक्य, सैनी और जाट समाज की नाराजगी का खतरा

भाजपा के गले की फांस बनेगा कोटे में कोटा मुद्दा:कुर्मी, लोध, मौर्य, शाक्य, सैनी और जाट समाज की नाराजगी का खतरा अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कोटे में कोटा निर्धारित करने का मुद्दा भाजपा के गले की फांस बन रहा है। भाजपा के सहयोगी दल भी इसको लेकर एकमत नहीं हैं। अपना दल (एस) संख्याबल के आधार पर आरक्षण के निर्धारण की मांग कर रहा है। वहीं सुभासपा कोटे में कोटा लागू करने के लिए दबाव बना रही है। वहीं, निषाद पार्टी ओबीसी में कोटे में कोटा के खिलाफ है, उनकी मांग है कि निषाद, मल्लाह, केवट समाज को पहले अनुसूचित जाति का दर्जा दिया उसके बाद ही कोटे में कोटा लागू किया जाए। वहीं, भाजपा और रालोद ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। जानकार मानते हैं कि कोटे में कोटा लागू होने पर सबसे ज्यादा नुकसान यादव, कुर्मी, मौर्य, सैनी, शाक्य और कुशवाहा समाज को होगा ऐसे में भाजपा और सपा इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। पढ़िए खास खबर… पहले जानिए भाजपा के लिए ये मुद्दा कितना अहम यूपी में अनुसूचित जाति में सबसे बड़ी आबादी जाटव समाज की है। वहीं ओबीसी में सबसे बड़ी संख्या यादव समाज की है, उसके बाद कुर्मी, लोध, जाट, शाक्य, सैनी, कुशवाह समाज की आबादी है। सरकारी नौकरियों में भी आरक्षित वर्ग को मिले लाभ का रिकॉर्ड यही बताता है कि एससी वर्ग में जाटव समाज सबसे आगे रहा। जबकि पिछड़े वर्ग में यादव, लोधी, शाक्य, सैनी, कुशवाह, मौर्य समाज के युवाओं को दूसरी पिछड़ी जातियों से अधिक फायदा मिला। ऐसा माना जाता है कि शिक्षित और जागरूक होने के कारण आरक्षण का सबसे अधिक फायदा इन्हीं जातियों को होता है। यादव समाज जहां सपा का वोट बैंक है, इसलिए समाजवादी पार्टी हमेशा से ‘जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी’ की बात करती है। ताकि आरक्षण में यादव समाज के लोगों का हित सुरक्षित रहे। वहीं कुर्मी, लोध, मौर्य, शाक्य, सैनी समाज को बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है। कोटे में कोटा लागू किया गया तो इन जातियों को सबसे अधिक नुकसान होगा, यह जातियां सीधे तौर पर भाजपा के खिलाफ हो जाएंगी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करना प्रदेश की योगी सरकार के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं हैं। सुप्रीम फैसले के बाद उम्मीद बढ़ी सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2024 को एक ऐतिहासिक फैसले में कोटे में कोटा यानी आरक्षण के भीतर आरक्षण की व्यवस्था को मंजूरी दी। अदालत ने कहा कि सभी अनुसूचित जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। इसके अंदर एक जाति दूसरे से ज्यादा पिछड़ी हो सकती है इसलिए उनके उत्थान के लिए राज्य सरकार सब-क्लासिफिकेशन कर अलग से आरक्षण दे सकती है। इसके साथ ही अदालत ने एससी, एसटी वर्ग के आरक्षण से क्रीमीलेयर को चिह्नित कर बाहर करने की जरूरत पर भी जोर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से अपना फैसला सुनाते हुए 2004 के अपने निर्णय को पलट दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि अनुसूचित जातियों (एससी) में पिछड़ापन ‘वास्तविक समानता’ हासिल करने की राह में रोड़ा है और कोटे के अंदर कोटा (उप-वर्गीकरण) इसे हासिल करने के साधनों में से एक है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, बीआर गवई, विक्रम नाथ, बेला एम त्रिवेदी, पंकज मित्तल, मनोज मिश्रा और सतीश चंद्र शर्मा की सात सदस्यीय पीठ ने इस मुद्दे पर लंबित करीब दो दर्जन याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2004 के अपने पुराने फैसले को पलट दिया। हरियाणा ने सबसे पहले लागू किया अब जानिए भाजपा के लिए मुसीबत क्या? निषाद पार्टी: संजय निषाद बोले- कोटे में कोटे का हम पूरा विरोध कर रहे निषाद पार्टी ने आरक्षण में आरक्षण का विरोध किया है। पार्टी के अध्यक्ष एवं प्रदेश सरकार में मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने दैनिक भास्कर डिजिटल से बातचीत में कहा कि देश संविधान से चलता है, संविधान में जिसे आरक्षण दिया गया है उसे मिलना चाहिए। उनका कहना है कि यूपी के राज्यपाल ने 31 दिसंबर 2016 को एक नोटिफिकेशन जारी कर माझी, मल्लाह, केवट समाज को पिछड़ी जातियों से बाहर निकाल दिया, लेकिन सरकार ने उन्हें अनुसूचित जाति में शामिल नहीं किया। जबकि 8 अगस्त 1950 को भी इन जातियों को पिछड़ी जातियों से बाहर निकालकर अनुसूचित जातियों में शामिल करने का आदेश जारी हुआ था। संजय निषाद का कहना है कि सरकार पहले निषाद, मल्लाह, केवट, मांझी, राजभर समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करे। इन जातियों को अनुसूचित जाति में आरक्षण में आरक्षण दिया जाए तो निषाद पार्टी उसका समर्थन करेगी। आरक्षण में कोटे में कोटे का हम पूरा विरोध कर रहे हैं, सरकार करके देखे… पूरा नुकसान होगा। कुर्मी यादव अलग हो जाएगा, जो जातियां एससी की सूची में हैं, पिछली सरकारों ने उन्हें ओबीसी में डाल दिया। राज्यपाल ने भी कह दिया कि उन्हें ओबीसी में आरक्षण दीजिए। उनका कहना है कि यदि रामचरित्र निषाद को दिल्ली से लाकर मछलीशहर में एससी सीट से चुनाव लड़ाया जाएगा और यूपी के निषाद के साथ दोहरा चरित्र अपनाया जाएगा तो हम उसका विरोध करेंगे। बंटवारा करके देख ले,जो भइया बांटने की बात कर रहे हैं, उनका भी एजेंडा है, जब पार्टी लेकर आए तो कहा था कि तरमाली की उप जाति है राजभर, खिचड़ी खाने के लिए समाज पैदा नहीं हुआ है हमें अपना अधिकार चाहिए। यदि एससी में आएंगे तो हमारे बच्चे भी प्रधान, आईएएस, डॉक्टर, इंजीनियर बनेंगे। संजय निषाद ने कहा कि हमें लटकू राम बनाकर रखा है, जब राष्ट्रपति और राज्यपाल ने कह दिया कि मछुआ समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करो तो फिर हमें लटूक राम क्यों बनाकर रखा है, अब यदि सरकार को भी लटकना हो तो ओबीसी में हमारा बंटवारा कर दें? अधिकारियों के चक्कर में रहेंगे तो नुकसान होगा। मैं झूठ नहीं बोलता, नदियों के किनारे सोता हूं। हम समाज के साथ रहेंगे, समाज नहीं रहेगा तो मंत्री रहकर क्या करेंगे? अंबेडकर का नाम लेने वाले जितने लोग है, अंबेडकरवादी पार्टी बताने वाली सपा, बसपा, कांग्रेस को भी इसका समर्थन करना चाहिए। सुभासपा: पंचायत चुनाव से ही लागू करने की मांग पंचायतीराज मंत्री और सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर तो आगामी पंचायत चुनाव से ही एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण में कोटे में कोटा व्यवस्था लागू करने की मांग उठा चुके हैं। राजभर ने इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है। सुभासपा के महासचिव अरुण राजभर ने कहा कि उनकी पार्टी आरक्षण में आरक्षण की पक्षधर है। उनका कहना है कि सरकार को रोहिणी आयोग की रिपोर्ट लागू करनी चाहिए। आयोग की रिपोर्ट अब संसद में भी पेश हो चुकी है। उस रिपोर्ट के लागू होने के बाद ही वंचित वर्ग को सामाजिक न्याय मिलेगा। अरुण राजभर ने कहा कि उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा की अध्यक्ष मायावती सहित सभी दलों के प्रमुखों को पत्र लिखा है कि आरक्षण में आरक्षण लागू करने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। अपना दल (एस) : संख्याबल के हिसाब से मिले आरक्षण अपना दल (एस) के उपाध्यक्ष एवं प्रदेश सरकार में प्रौद्योगिकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल का कहना है कि उनका पार्टी का मत है कि पिछड़े वर्ग से आने वाली सभी जातियों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। उनका कहना है कि अपना दल (एस) गठन ही जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के संकल्प के साथ हुआ था। उनका कहना है कि लेकिन सभी जातियों का एक आंकड़ा आना चाहिए। वह जातीय जनगणना के बाद स्पष्ट हो जाएगा। जातियों की संख्या वैज्ञानिक आधार निश्चित होनी चाहिए वह जातीय जनगणना से ही होगा। रालोद का मत तय नहीं रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी का कहना है कि बिहार में कर्पूरी ठाकुर फॉर्मूले पर आरक्षण में आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है। लेकिन यूपी में इसे लागू करने को लेकर रालोद ने अपनी अपना मत तय नहीं किया है। जब सरकार की ओर से विषय जाएगा तो पार्टी इसमें अपनी राय देगी। अब आखिर में जानिए…क्या ये व्यवस्था संभव है….अगर हां तो कैसे? समाज कल्याण विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति में कोटे में कोटा लागू करने से पहले आकलन किया जाएगा कि पिछड़ी जाति, अति पिछड़ी जाति वर्ग में आने वाली जातियों की आबादी कितनी है। ————————- ये खबर भी पढ़ें… केशव मौर्य-ब्रजेश पाठक नाराज, अयोध्या दौरा कैंसिल किया:दीपोत्सव विज्ञापन में नाम नहीं छपा, अखिलेश बोले- डिप्टी सीएम पद खत्म हो गए क्या? अयोध्या दीपोत्सव में योगी सरकार के दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक शामिल नहीं होंगे। दोनों ने अपना अयोध्या दौरा कैंसिल कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, अयोध्या दीपोत्सव के विज्ञापन में दोनों डिप्टी सीएम का नाम नहीं छपा। इससे दोनों डिप्टी सीएम नाराज हो गए। सूत्रों के मुताबिक, दोनों ने इसकी जानकारी पार्टी के प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व को भी दे दी है। दीपावली पर इस घटनाक्रम ने योगी सरकार की गुटबाजी और खींचतान को सामने ला दिया है। पढ़ें पूरी खबर

आपका पूजा वाला घी जानवरों की चर्बी से बना:यूपी के स्लाटर हाउसों से भगवान के दीपक तक पहुंच रहा, कैमरे में देखिए प्रोसेस

आपका पूजा वाला घी जानवरों की चर्बी से बना:यूपी के स्लाटर हाउसों से भगवान के दीपक तक पहुंच रहा, कैमरे में देखिए प्रोसेस ‘ये चर्बी वाला तेल (जानवरों की पिघली हुई चर्बी) है, जो जम गई है, इसे गर्म किया, अब इसमें थोड़ा-सा देसी घी मिलाएंगे, इससे देशी घी वाली खुशबू आएगी। अब ये तैयार है। डिब्बों में पैक कर बाजार में बेच सकते हैं। ये हम 90 रुपए किलो देंगे। बाजार में 150 से 200 रुपए किलो बिकता है। ये यूपी सहित दूसरे प्रदेशों में भी जाता है। पूरे देश में ये ही चल रहा है।’ ये कहना है पूजा में उपयोग होने वाला घी बनाने वालों का। ये जानवरों की पिघली हुई चर्बी से घी तैयार कर रहे हैं। ये यूपी में खूब बिक रहा है। इसकी 2 वजह हैं। पहली- बड़े से बड़े शॉपिंग मॉल से लेकर छोटी से छोटी दुकान पर ये आसानी से मिल रहा है। दूसरी- खाने वाले देसी घी की तुलना में इसकी कीमत आधी से भी कम है। इसलिए लोग इसे बगैर सोचे-समझे खरीद रहे हैं और भगवान के सामने घी का दीपक लगाकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश कर रहे हैं। यूपी में ये अपवित्र घी कहां बन रहा है? कैसे बन रहा है? जानवरों की चर्बी कहां से आ रही है? बस, इन्हीं सवालों के जवाब के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने 15 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़िए, पूरा खुलासा… कुछ महीने पहले आगरा के एत्मादपुर में पुलिस ने 3 घरों से देसी घी लिखे टीन के 82 डिब्बे जब्त किए। यहां जानवरों की चर्बी और हडि्डयां भी मिलीं। जांच में सामने आया कि यहां गाय, भैंसों को मारकर उनकी चर्बी से घी बनाकर ब्रांडेड कंपनी के देसी घी के नाम से बेचा जा रहा था। हमने आगरा से इन्वेस्टिगेशन शुरू किया। यहां से पता चला कि कानपुर और उन्नाव के स्लाटर हाउस में ये काम धड़ल्ले से हो रहा है। हम लखनऊ से 90 किमी दूर कानपुर–उन्नाव की बाॅर्डर पर बिजलामऊ पहुंचे। यहां ऊबड़खाबड़ और कांटेदार झाड़ियों वाले रास्ते मिले। 1 किलोमीटर के दायरे में एक दर्जन चिमनियां धुआं उगल रही थीं। यहां जानवरों के चमड़ों के छोटे-छोटे टुकड़े कर खाद बनाई जा रही थी। किसी बाहरी व्यक्ति का कारखानों में प्रवेश प्रतिबंधित था। यहां हमारी कहानी का पहला किरदार मिला– राहुल। इससे हमारी बातचीत शुरू हुई… रिपोर्टर: यहां चर्बी वाला घी कहां मिलता है? राहुल: वो तो बंथर में। यहां तो खाद बनती है। रिपोर्टर: बंथर कहां है? राहुल: यहां से उन्नाव रोड पर 3 किलोमीटर पर है, यूपीएसआईडी (Uttar Pradesh State Industrial Development Authority) में। रिपोर्टर: कोई है जो काम करा दे? राहुल: हां, एक आदमी है जो ये सब काम करता है। बात करते हैं उससे। (किसी व्यक्ति को फोन लगाकर) हेलो… हमारे पास व्यापारी हैं, जो चर्बी वाले घी का काम करना चाहते हैं, कोई सिस्टम हो तो करवा दीजिए। पूजा वाला घी का काम करेंगे ये। हम नंबर दिए दे रहे हैं। ये आपसे बात कर लेंगे। रिपोर्टर: क्या नाम है उसका? राहुल: आतिफ भाई… ये नंबर है उसका। वो आपका काम करा देगा। रिपोर्टर: ठीक है। यहां से हम तत्काल निकलना चाहते थे, क्योंकि चारों ओर चमड़ा जलने की बदबू आ रही थी। हम मेन रोड पर पहुंचे और आतिफ को फोन मिलाया। रिपोर्टर: राहुल ने आपका नंबर दिया है। आतिफ: जी हां, फोन किया था उसने। रिपोर्टर: राहुल ने जो बताया है, वही वाला घी चाहिए। आतिफ: घी बनाने के लिए कायदे से ये आइटम (चर्बी) तो है ही नहीं। बस ये है कि ये हिन्दुस्तान है। यहां सब कुछ होता है। रिपोर्टर: हमको साबुन वाला नहीं, वही (पूजा) वाला चाहिए। आतिफ: साबुन वाले में हल्की महक होगी। वो (पूजा) वाले में महक नहीं होगी। बस यही अंतर है। और महक ऐसी होगी कि आपको उसमें यह नहीं पता चलेगा कि ये चर्बी वाला है। वो महक थोड़ा दूसरे टाइप की होगी। रिपोर्टर: यानी कि हमको वहां से केवल गली हुई चर्बी मिलेगी। आतिफ: हां, गली हुई चर्बी मिलेगी। आपको उसको सिर्फ पैक करना होगा। हम लाेग भी टैलो का काम करते हैं। पैकिंग में मार्जिन है। हम आपको विकास भाई का नंबर देंगे। वो रिसेल का काम करते हैं। वो स्लाटर हाउस से टैलो लेकर पैकिंग करके सप्लाई करते हैं। आपको कुछ नहीं करना है, उनसे माल लेकर बेचना रहेगा। रिपोर्टर: ठीक है तो कल मिलो आप। आतिफ: सुनो, विकास भाई का नंबर दे देते हैं आपको। उनसे बना बनाया माल मिल जाएगा। ले जाकर बेचिए। हम कल उनसे आपकी बात करा देंगे। आप कल आओ… मिलो। उनसे बात करा देंगे। आपका आसानी से काम हो रहा है कि यहां आना भी न पड़े और आपको माल भी मिल जाए। रिपोर्टर: अच्छा। आतिफ: हम लोग भी टैलो का काम करते हैं, जो साबुन वाला है। 25 हजार लीटर हफ्ते में टैंकर बेचते हैं। अगले दिन भी आतिफ सामने नहीं आया अगले दिन हम आतिफ से मिलने पहुंचे। फोन लगाया लेकिन वह सामने नहीं आया। जब शाम को हमने मैसेज किया तो उसने जुनैद का नंबर दिया। जुनैद में एक घंटे बाद हमको चांदपुर इंडस्ट्रियल एरिया में रुस्तम फैक्ट्री के पास बुलाया। हमने एक गैलेन (डिब्बा) खरीदा और शाम सात बजे इंडस्ट्रियल एरिया पहुंचे। जुनैद आगे और हम पीछे चल रहे थे। रास्ते में जुनैद ने दिलीप को बाइक पर बैठाया। वे दोनों हमें एक फैक्ट्री पर ले गए। जुनैद और दिलीप ने गेट पर किसी से बात की। अंदर से बताया कि टैलो मिल जाएगा, लेकिन क्वालिटी ठीक नहीं है। दोनों दूसरे स्लाटर हाउस ले गए। यह बहुत बड़ा था। यहां मंसूर से हमारी बात हुई। रिपोर्टर: मंसूर भाई आप हैं? मंसूर: जी भैया। रिपोर्टर: टैलो चाहिए। मंसूर: ठीक है, अभी दूसरी जगह से दिला देते हैं। रिपोर्टर: यहां से नहीं मिल पाएगा? मंसूर: यहीं का तेल दूसरी जगह से मिलेगा। रिपोर्टर: दरअसल, हमको मिल रहा था पर वह ओरिजिनल नहीं था। मंसूर: इस टाइम मुश्किल है। ये जम जाता है तो इसे गर्म करना पड़ता है। आप मॉर्निंग में ले लीजिएगा। रिपोर्टर: देखिए, अभी दिलवा दीजिए। मंसूर: ठीक है, अभी वो टैंकर लेकर जाएगा। उसको बोल दिया हूं। आप जाकर ले लीजिएगा। स्टैंडर्ड फ्रोजन स्लाटर फैक्ट्री के अंदर से जानवरों की चर्बी से बने घी का टैंकर निकला और एक दूसरे स्लाटर हाउस पहुंचा। ड्राइवर शकील गेट खोलकर बाहर आया। शकील: आपकी भाई से बात हुई है? रिपोर्टर: हां, मंसूर ने आपके मालिक शमशाद भाई से बात कर ली है। शकील: ठीक है, वही जानना चाहते हैं। रिपोर्टर: आप जो पैसा कहेंगे, वो दे देंगे। शकील: 77 रुपए किलो का रेट लगेगा। रिपोर्टर: बढ़िया वाला ही रहेगा न? शकील: उसमें कोई दिक्कत होगी तो हमारा गला पकड़ लीजिएगा। हमारे पास यही माल आता है। चाहें टैंकर से भेजें या टीना में भरें। रिपोर्टर: जम तो जाएगा न? शकील: अगर न जमे तो कहिएगा। गारंटी दे रहा हूं। पन्नी में लाकर तौलें। रिपोर्टर: नहीं, गैलन (डिब्बे) में लाकर दीजिए। शकील: ठीक है, ये टैंकर वाला माल गर्म है। इसका बिल बाउचर बन गया है। ये बाहर जाएगा। यही माल टीन में रखा है। उसी को गर्म करके दे रहे हैं। गार्ड बोला– टैलो के बारे में कुछ नहीं बता सकते शकील चर्बी वाला घी लेने चला गया। गार्ड रुम में गार्ड से हमने पूछा– यह टैलो कहां जाएगा? उसने कहा– इस बारे में न तो हम कुछ बता सकते हैं, न ही बताने का परमिशन है। जो भी बात करना है, आप मालिक से कर सकते हैं। मतलब इसके विषय में बातचीत नहीं कर सकते। ये क्या है, कहां से आता है, कहां जाता है। इस विषय में कोई जानकारी नहीं दे सकते। ये ऑर्डर नहीं है हमको। इसी बीच शकील चर्बी वाला घी लेकर आ गया। अपना ब्रांड बनाकर बेचें चर्बी वाला घी शकील: ये लीजिए घी। रिपोर्टर: कितना होगा? शकील: यही, साढ़े छह किलो होगा। माल बहुत अच्छा है। चाहें तो आप चलकर देख लीजिए। रिपोर्टर: हां, चलिए… पास से देख लें। शकील: ये देखिए। कितना बढ़िया माल है। अब ये पूरी तरह से तैयार है। रिपोर्टर: यानी अपने ब्रांड में ले जाकर बेचें? शकील: हां, अपने डिब्बे में पैक कर लेना। रिपोर्टर: यह माल कहां जाएगा? शकील: यह टैंकर असम जाएगा। रिपोर्टर: अब इसमें कुछ डालने की जरूरत है कि नहीं? शकील: नहीं, एकदम तैयार है। यदि इससे थोड़ा और अच्छा करना है तो इसमें हाइड्रोजन डाल सकते हैं। ये जितना है, इसमें प्लास्टिक के गिलास से एक गिलास बहुत है। रिपोर्टर: कहां मिलता है? शकील: हम लोग कानपुर से लाते हैं। दो नंबर वाले माल में डालने के लिए लाते हैं। रिपोर्टर: इसमें कुछ और डालना होगा। शकील: नहीं एकदम तैयार है। इसमें कोई जरूरत ही नही है। अपनी कंपनी के ब्रांड में डालकर बेचें। अब सबसे अहम सवाल… चर्बी से पूजा का घी कैसे बनता है? आइए जानते हैं शकील से साढ़े छह किलो चर्बी वाला घी यानी टैलो लेकर हम जाजमऊ के एक घर ले गए। यहां मुजाहिद ने पूजा का घी बनाने का तरीका बताया। उसने चेहरे पर नकाब बांध रखा था। मुजाहिद: ये चर्बी वाला तेल है, जो जम गया है। इसे गर्म कर रहे हैं। रिपोर्टर: गर्म करके क्या करोगे? मुजाहिद: गर्म करके इसमें देसी घी मिलाएंगे। रिपोर्टर: देशी घी क्यों? मुजाहिद: देशी घी डाल देने से खुशबू देशी घी जैसे आने लगेगी। रिपोर्टर: कितना डालना होता है? मुजाहिद: इतने (छह किलो) में ढाई सौ ग्राम। रिपोर्टर: और इसमें क्या-क्या डालेंगे? मुजाहिद: इसमें पहले से ही सबकुछ पड़ा हुआ है। रिपोर्टर: अब क्या करेंगे? मुजाहिद: इसको अब डिब्बों में भर देंगे। रिपोर्टर: इस पीछे वाले कमरे में भी आपने माल रखा है क्या? मुजाहिद: माल हमारा सप्लाई हो चुका है। यह सैंपल के तौर पर है। रिपोर्टर: हमको कितने में मिल जाएगा? मुजाहिद: 90 रुपए किलो मिल जाएगा। बाहर हमारा माल 150 से 200 रुपए किलो बिकता है। रिपोर्टर: यह माल कहां-कहां तक जाता है? मुजाहिद: कानपुर, उन्नाव, लखनऊ के अलावा दूसरे जिलों और प्रदेशों में। पूरे देश में ये ही चल रहा है। 100 ग्राम से लेकर 1 लीटर तक का पैक आपको मिल जाएगा। चलिए, अब दुकानों पर… जहां ये बिक रहा लखनऊ के यहियागंज मार्केट में जब हमने व्यापारियों से पूछा कि चर्बी वाला घी पूजा के लिए क्यों बेच रहे हैं तो उनका कहना था– हम लोग बेचना नहीं चाहते, लेकिन लोग पूजा के लिए सस्ता वाला घी मांगते हैं। तेजाबी चर्बी से कैंसर का खतरा राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल काॅलेज (एनएचएमसी), लखनऊ के प्रोफेसर डॉ. डीके सोनकर का कहना है कि तेजाबी चर्बी से बनने वाला घी खाने से उल्टी, दस्त, एनीमिया, चर्मरोग हो सकते हैं। चर्बी में केमिकल रिएक्शन से फीनॉल एवं एपॉक्सी बन जाता है। इसमें स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक ट्रांस फैट, एल्केनॉल भी होते हैं। प्रदूषण की वजह बन रहा चर्बी वाला घी लखनऊ विवि के रसायन शास्त्र विभाग के प्रोफेसर भरत कुमार का कहना है कि जानवरों की चर्बी या वसा को जलाने पर कार्बन डाईऑक्साइड (CO₂), मीथेन (CH₄) और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों के साथ-साथ डाई ऑक्सिन जैसे परसिसटेंट एनवायरमेंटल पॉल्यूटेंट्स (Persistent Environmental Pollutants) निकलते हैं। ये सभी प्रदूषक मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक माने गए हैं। डाई ऑक्सिन विशेष रूप से खतरनाक रासायनिक यौगिक है, जो जानवरों की वसा में पाया जाता है। यह लंबे समय तक पर्यावरण तथा मानव शरीर में बने रहते हैं। इससे कैंसर, हार्मोनल असंतुलन और इम्यून सिस्टम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। अब पढ़िए, क्या बोल रहे हैं अफसर उन्नाव में स्लॉटर हाउस से चर्बी वाला घी बनने के मामले पर भास्कर ने सहायक खाद्य सुरक्षा आयुक्त प्रियंका सिंह से बातचीत की। जब उनसे पूछा कि स्लॉटर हाउस से चर्बी वाला घी निकलता है, आप कार्रवाई क्यों नहीं कर रहीं? इस पर उन्होंने जवाब दिया मैं अभी नई आई हूं। ———————- भास्कर इन्वेस्टिगेशन की ये खबरें भी पढ़ें- आपकी पूजा में केमिकल वाला नकली चंदन:यूपी में खिन्नी की लकड़ी पर परफ्यूम; ऐसे 100 कारखाने, कैमरे में देखिए ठगी ये लकड़ी होती है… खिन्नी की, इसमें कोई महक नहीं होती। इसमें कंपाउंड (केमिकल मिक्सचर) मिलाया जाता है चंदन का… फिर यह महकती है चंदन जैसी। जब जलइयो चंदन-सी खुशबू होगी। अगर इसमें असली चंदन की लकड़ियां मिला दें, तो पहचानना मुश्किल हो जाता है। हम ही लोग पहचान पाते हैं। ये हैं यूपी के चंदन के बड़े कारोबारी, लेकिन ये चंदन होता नकली है। पढ़ें पूरी खबर महिलाएं कागजों पर ‘नेता’, कुर्सी पर पति का कब्जा:भास्कर टीम मिलने पहुंची तो पति बोले- हम ही सबकुछ संवैधानिक पदों पर महिलाओं को आरक्षण देने के बाद महिलाएं कितनी एक्टिव हुई हैं? क्या ये अपने क्षेत्र का काम खुद संभाल रही हैं? इन सवालों के जवाब के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने कुशीनगर, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर में 10 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। हम कुशीनगर से 25 किमी दूर सेवरही ब्लॉक पहुंचे। ऑफिस में भीड़ थी। अंदर गए तो महिला ब्लॉक प्रमुख अनु तिवारी की कुर्सी खाली थी। पढ़िए पूरी खबर मंत्री-विधायकों के गांवों में भी नहीं पहुंचा ‘हर घर जल’:विधायक की मां हैंडपंप से भर रहीं पानी; यूपी के जलशक्ति मंत्री का गांव भी प्यासा ‘रामप्यारी देवी। उम्र 75 साल, लेकिन जोर लगाकर हैंडपंप से पानी भरने को मजबूर। रामप्यारी देवी कोई आम महिला नहीं। हमीरपुर के भाजपा विधायक डॉ. मनोज कुमार प्रजापति की मां हैं। इनके घर में जल जीवन मिशन की टोटी है, लेकिन पानी नहीं। पौथिया बुजुर्ग गांव विधायक डॉ. मनोज प्रजापति का पैतृक गांव है। सरकारी रिकॉर्ड में यहां जल जीवन मिशन का काम 100% हो गया है। अफसरों का दावा है कि यहां हर घर में पानी आ रहा है। पढ़ें पूरी खबर

संजय निषाद बोले-धनंजय सिंह, ब्रजेश सिंह संरक्षक:मोदी-शाह ही हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व, भाजपा को मछुआ समाज को जवाब देना होगा

संजय निषाद बोले-धनंजय सिंह, ब्रजेश सिंह संरक्षक:मोदी-शाह ही हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व, भाजपा को मछुआ समाज को जवाब देना होगा निषाद पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार में मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि धनंजय सिंह और ब्रजेश सिंह किसी के लिए बाहुबली हो सकते हैं, लेकिन उनके लिए संरक्षक हैं। निषाद पार्टी को बड़ा और खड़ा करने में उनकी बड़ी भूमिका है, यदि कोई कानूनी अड़चन नहीं हुई तो वह उन्हें चुनाव लड़ने का मौका देंगे। निषाद का कहना है कि मछुआ समाज को अनुसूचित जाति में आरक्षण देने का भाजपा का पुराना वादा है, यदि वादा पूरा नहीं हुआ तो भाजपा को इसका जवाब देना होगा। संजय निषाद ने बिहार चुनाव सहित अन्य मुद्दों पर दैनिक भास्कर से विस्तार से बात की। संजय निषाद ने एक बार फिर दोहराया है कि सरकार में ऐसे अफसर बैठे हैं जो बाहर से खुद को कमल के साथ दिखाते हैं लेकिन अंदर से हाथी और साइकिल वाले हैं। ऐसे अफसरों को चिह्नित कर हटाना चाहिए। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल : बिहार चुनाव का आगाज हो गया है, आपकी पार्टी की क्या भूमिका रहेगी? संजय निषाद: हम लोग केंद्रीय नेतृत्व से गवर्न होते हैं। जेपी नड्‌डा, अमित शाह, पीएम नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्र के विकास के लिए काम करते हैं। हम 24 कैरेट के राष्ट्रवादी हैं, मुगलों को मौत के घाट उतारने वाले और भगवान राम को पार उतारने वाले लोग हैं। लोकतंत्र में जीत के माध्यम से ही समस्या का समाधान हो सकता है। निषाद समाज की समस्या तब ही दूर होगी जब लोकतंत्र में हमारी जीत होगी। बिहार में भी बहार आए, निषाद समाज को आरक्षण का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा है। बिहार के 18 फीसदी निषाद एनडीए के साथ रहेंगे। सवाल: क्या अमित शाह, जेपी नड्‌डा आपका भी राष्ट्रीय नेतृत्व है? संजय निषाद: हमें जॉइन तो जेपी नड्‌डा साहब ने कराया था। हम लोग 2017, 2018 में भाजपा से अलग चुनाव लड़े थे, हम 2019 में भाजपा के साथ आए। हमें तो शीर्ष नेतृत्व जहां कहता है वहीं हम जाते हैं। जितनी भी संवैधानिक समस्याएं थीं चाहे वह राम मंदिर का मुद्दा हो या जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति हो, यह मुद्दे भाजपा ने ही सुलझाए हैं जबकि अन्य दल इन मुद्दों को उलझा रहे थे। सवाल: पिछले दिनों एक आदेश के तहत जातियों का नाम लिखने पर रोक लगाई गई थी, आपने इसका विरोध भी किया था, अब क्या कर रहे हैं? संजय निषाद: निषाद, ठाकुर, ब्राह्मण यदि जाति नहीं लिखेगा तो क्या करेगा, इन्हें जाति मानें या धर्म। अभी क्षत्रिय महासभा का सम्मेलन हुआ था तो कौनसा उन पर मुकदमा हो गया। जाति के नाम पर एक होना चाहिए। जैसे सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट कहती है कि ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण पर मिल्क मैन का कब्जा है, एससी के 22 फीसदी आरक्षण पर लैदर-मैन का कब्जा है। तो अदर मैन कहां जाएगा? यदि धोबी, पासी, वाल्मीकि एकत्रित नहीं हुआ तो क्या करेंगे? केवट, मल्लाह एकजुट नहीं होगा तो क्या करेगा। यदि हाथी और मिल्क-मैन को सभी का हिस्सा खिलाना हो तो इस तरह की रोक लगाएं। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट कहती है कि यादव और जाटव अपनी संख्या से सौ गुना से अधिक सरकारी नौकरियों पर कब्जा किए हैं। कब्जा वापस लेने के लिए समूह में एकत्रित होना होगा, यदि कब्जा कराना हो तो जाति लिखने पर रोक लगाएं। सरकार को इसके खिलाफ अपील में जाना चाहिए, विचार करना चाहिए। सरकार को इन जातियों के साथ खड़े रहना चाहिए। सवाल: पंचायत चुनाव में निषाद समाज की क्या भूमिका रहेगी? संजय निषाद: पंचायत चुनाव बिना सिंबल का होता है, जब सदस्य जीतकर आते हैं तो ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए गठबंधन करेंगे। सदस्य का चुनाव अलग लड़ेंगे, यदि भाजपा कहेगी तो तालमेल मिलाया जाएगा। सवाल: आप कहते हैं कि सरकार में सपा के अधिकारी बैठे हैं, तो क्या आपने उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार से बात की? संजय निषाद: अभी देखिए अधिकारियों ने जाति नहीं लिखने का आदेश जारी कर दिया, अभी क्षत्रिय महासभा की बैठक हुई है यदि उन पर मुकदमा दर्ज होता तो प्रदेश का क्षत्रिय तो नाराज हो जाता। अभी जिन जातियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा क्या वह भाजपा के साथ रहेंगी, यह आदेश वही अधिकारी जारी कर रहे हैं जो सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं? जापान में एक लड़की को स्कूल ले जाने और लाने के लिए ट्रेन चलती है लेकिन यहां स्कूल बंद करा दिए गए हैं। यदि कोई स्कूल चल रहा था तो उसे प्राइवेट को देते थे, अब बच्चे दस किलोमीटर स्कूल जाएंगे। यह छोटे-छोटे निर्णय काफी प्रभावित करते हैं, अधिकारी तो वोट मांगने जाते नहीं हैं, अधिकारी ऐसे निर्णय लेते हैं कि वोट खराब हो जाए। 2020 में चौरीचौरा में दो निषाद ब्लॉक का चुनाव जीते थे, दूसरे दिन प्रमाण पत्र लेने गए तो यादव अधिकारी ने उनका प्रमाण पत्र ही बदल दिया। जब जिले के निषादों ने आंदोलन किया तो वह एसडीएम जेल गया था, जब उससे पूछा गया तो उसने कहा कि सरकार आएगी तो वापस बहाल हो जाएंगे, हमारा काम ही यह है। सोचिए कि यदि इस सोच के लोग तहसील, कचहरी और थाना में रहेंगे तो क्या होगा? अंदर से हाथी-साइकिल है बाहर से कमल है, लेकिन जब वह नुकसान करते हैं तो पता चलता है। सीएम योगी समय-समय पर ऐसे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई भी करते हैं। ऐसे अफसरों को चिह्नित कर हटाना जाहिए। सवाल: आप बीजेपी के नेताओं की बयानबाजी से नाराज थे, क्या कुछ सुधार आया है अब? संजय निषाद: अभी बहुत कुछ सुधार हुआ है। कुछ आयातित नेता हैं, उनका काम ही है कि सत्ता में साथ आना और मलाई खाना। जो नेता सपा के साथ रहा हो तब निषादों का आरक्षण छीन लिया, बहनजी ने जमीन छीन ली थी। अब वही लोग भाजपा को गुमराह कर रहे हैं कि झउआ भर वोट हैं, पौव्वा पीएगा और वोट दिलाएगा। 2019 और 2022 में निषाद ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाई है। निषाद नेता आरक्षण पर क्यों नहीं बोलते हैं। आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा 45 सीट हार गई, हम भाजपा के सहयोगी हैं इसलिए यह हमारी भी हार है। हमने निषाद का महत्व बढ़ाया है, निषाद पार्टी के कारण उनकी पूछ हो रही है। भाजपा को अपने कैडर लीडर को आगे बढ़ाना चाहिए जो संघ से आया हो। दूसरे दल से आए हैं उन्हें अवसर नहीं दें। सवाल: आपका 2019 से बीजेपी से गठबंधन है, आपकी मांगों को कितना पूरा किया गया जिनके लिए आपने निषाद समाज से बीजेपी को वोट देने की अपील की थी? संजय निषाद: यह भाजपा का खुद का मुद्दा है। मछुआ विजन 2014 में बनाया था। योगी जी खुद आवाज उठाते रहे हैं कि निषाद को एससी में आरक्षण मिलना चाहिए। आज जब भाजपा खुद सरकार में है, मैं तो वकील हूं अपनी मांग करूंगा। जवाब तो भाजपा को देना होगा। पहली बार है कि सीएम योगी ने आरजीआई को पत्र लिखा है। आरजीआई ने कह दिया है कि केवल, मल्लाह, माझी को एससी में आरक्षण दिया। सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय इसका नोडल विभाग है, भाजपा को इसे हल करना चाहिए। हमारा कहना है कि ओबीसी से हमारा नाम खारिज करो और अनुसूचित में जोड़ने का आदेश जारी करो। राज्यपाल और राष्ट्रपति ने भी आदेश दिया है, इसका पालन करना चाहिए। इससे 2027 की जीत आसान हो जाएगी। सवाल: बाहुबली धनंजय सिंह और ब्रजेश सिंह आपके संपर्क में हैं, क्या आपकी पार्टी उन्हें टिकट देगी? संजय निषाद: कांग्रेस, सपा का कितना आतंक था कि वह किसी दूसरे दल को खड़ा नहीं होने देते थे। हमारे लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जाता था। यह लोग आपके लिए बाहुबली हो सकते हैं, लेकिन यह लोग उस समय हमारे संरक्षक रहे हैं, हमारी पार्टी को खड़ा-बड़ा करने में उनकी भूमिका है। हमारे समाज को संरक्षण दिया था। यदि उन लोगों ने साथ दिया है कि वह हमारे मित्र हैं। यदि न्यायालय रोकेगा तो रुक जाएंगे, लेकिन लोकतंत्र में मिलना-जुलना जारी रहना चाहिए। वह लोग सरकार के साथ हैं, हम भी सरकार के साथ हैं। ——————— ये खबर भी पढ़ें… महिला बोली- कामदगिरि की परिक्रमा से दूर हुई गरीबी:जो मांगते हैं, मिलता है; दिवाली तक चित्रकूट 40 लाख श्रद्धालु आएंगे ‘हम पिछले 16 साल से रोज कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा कर रहे हैं। यह हमारी आस्था का प्रतीक है। यहां आने के बाद हम एक विशेष ऊर्जा से भर जाते हैं। हम सामाजिक और जनहित में जो भी काम करते हैं। ऐसा लगता है कि उसमें हमें यहां की ईश्वरीय शक्ति सहयोग करती है। आगे हमेशा ऐसे ही करते रहेंगे।’ ये कहना है श्रद्धालु अक्षांश पंडित का। अक्षांश की ही तरह ही हजारों लोग चित्रकूट के कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा कर रहे हैं। दीपावली तक इस परिक्रमा में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 40 लाख तक पहुंच जाती है। पढ़ें पूरी खबर

पंजाब का तापमान में नहीं दिखा बदलाव:वेस्टर्न डिस्टरबेंस हो रहा एक्टिव, मैदानी इलाकों में नहीं दिखेगा असर; आने वाले दिनों में रातें होंगी ठंडी

पंजाब का तापमान में नहीं दिखा बदलाव:वेस्टर्न डिस्टरबेंस हो रहा एक्टिव, मैदानी इलाकों में नहीं दिखेगा असर; आने वाले दिनों में रातें होंगी ठंडी पंजाब के तापमान में सोमवार भी कोई बदलाव देखने को नहीं मिला। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार नया पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) एक्टिव हो रहा है। लेकिन इसका असर सिर्फ ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों तक ही सीमित रहने वाला है। लेकिन आने वाले दिनों में मौसम में हल्का बदलाव भी देखने को मिल रहा है। राज्य के कई इलाकों में आने वाले 4 से 5 दिनों में रात का तापमान 2 डिग्री तक कम हो सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पंजाब के औसत अधिकतम तापमान में मात्र 0.2 डिग्री की हल्की बढ़ौतरी देखने को मिली है। जबकि बठिंडा का तापमान लगातार बढ़ रहा है और बीती शाम 35 डिग्री को पार कर 35.5 डिग्री तक पहुंच गया। वहीं, न्यूनतम तापमान में भारी कमी देखने को मिल रही है। न्यूनतम तापमान 0.1 डिग्री तक गिरा है, जो सामान्य के करीब बना हुआ है। जबकि सबसे कम तापमान श्री आनंदपुर साहिब में 14.9 डिग्री दर्ज किया गया। पंजाब के प्रमुख शहरों का तापमान- हल्की-हल्की ठंड बढ़नी होगी शुरू मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अभी तापमान में बढ़ा बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। लेकिन अब रात के तापमान में हल्की-हल्की कमी देखने को मिलेगी। आने वाले 4 दिनों में तापमान 4 डिग्री तक गिरने के आसार बन रहे हैं। जिसके बाद सुबह शाम के समय हल्की ठंड बढ़ेगी। वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर पंजाब पर नहीं होगा। 26 अक्टूबर तक राज्य में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है और बारिश के असार ना के बराबर हैं। पंजाब के प्रमुख शहरों का मौसम अमृतसर- आसमान साफ रहेगा, धूप खिलेगी। तापमान 19 से 31 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। जालंधर- आसमान साफ रहेगा, धूप खिलेगी। तापमान 19 से 31 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। लुधियाना- आसमान साफ रहेगा, धूप खिलेगी। तापमान 18 से 32 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। पटियाला- आसमान साफ रहेगा, धूप खिलेगी। तापमान 18 से 33 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। मोहाली- आसमान साफ रहेगा, धूप खिलेगी। तापमान 18 से 33 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है।

हिमाचल के DC नहीं मानते हाईकोर्ट-सरकार के ऑर्डर:पंचायतों में नहीं लगाया रिजर्वेशन रोस्टर; 25 सितंबर तक लगाना था, इलेक्शन पर संशय

हिमाचल के DC नहीं मानते हाईकोर्ट-सरकार के ऑर्डर:पंचायतों में नहीं लगाया रिजर्वेशन रोस्टर; 25 सितंबर तक लगाना था, इलेक्शन पर संशय हिमाचल सरकार और सभी जिलों के DC हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना कर रहे हैं। पंचायतीराज विभाग के सेक्रेटरी के आदेशों के बावजूद पंचायत चुनाव के लिए किसी भी DC ने अब तक आरक्षण रोस्टर नहीं लगाया, जबकि आरक्षण रोस्टर 25 सितंबर तक हर हाल में लगना जरूरी था। हिमाचल हाईकोर्ट ने मनीष धर्मेक बनाम स्टेट केस में साल 2020 में पंचायत और नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण रोस्टर कमेंसमेंट ऑफ इलेक्शन प्रोसेस से 90 दिन पहले लगाने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा- चुनाव प्रोसेस होने से तीन महीने पहले आरक्षण रोस्टर लगाया जाए, ताकि किसी व्यक्ति को यदि आरक्षण रोस्टर पर आपत्ति है और वह उसे कोर्ट में चुनौती देना चाहता है, इससे व्यक्ति आरक्षण रोस्टर के खिलाफ अदालत में अपील कर सकेगा। कोर्ट को भी आरक्षण रोस्टर पर मिलने वाली अपील के निपटारे के लिए वक्त मिलेगा। यदि आरक्षण रोस्टर देरी से लगेगा और इधर इलेक्शन कमीशन चुनाव की तिथियां घोषित कर दी गई तो अपीलकर्ता से आरक्षण रोस्टर को चुनौती देने का अधिकार छिन जाएगा या फिर इससे इलेक्शन में देरी होगी। 25 सितंबर को लगना जरूरी थी आरक्षण रोस्टर हिमाचल में साल 2020 में पंचायतों की पहली मीटिंग 1 फरवरी 2021 को हुई। लगभग 35 दिन का वक्त चुनावी प्रक्रिया संपन्न करने में लगा। इस लिहाज से तीन महीने पहले यानी 25 सितंबर को हर हाल में आरक्षण रोस्टर लगाना जरूरी था। सेक्रेटरी पंचायतीराज ने भी 15 सितंबर को अपने आदेशों को हाईकोर्ट का जिक्र करते हुए सभी जिलों के DC को पत्र लिखा। इसमें 25 सितंबर तक प्रधान, वार्ड मेंबर, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए आरक्षण रोस्टर लगाने के निर्देश दिए। पंचायत सेक्रेटरी द्वारा तय तिथि से लगभग 28 दिन अधिक हो गए। मगर अब तक रोस्टर नहीं लग पाया। पंचायत में उप प्रधान ऐसा पद होता है जिसके लिए आरक्षण रोस्टर नहीं लगता। ‌BJP बार बार सरकार को घेरती रही आरक्षण रोस्टर में देरी पर भारतीय जनता पार्टी बार बार सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरती रही है। बीजेपी का आरोप है कि चुनाव में हार के डर से कांग्रेस सरकार चुनाव नहीं कराना चाह रही। सीएम-मंत्री के दावे भी अब तक झूठे वहीं सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी कई बार कह चुके हैं कि चुनाव तय समय पर होंगे। मगर अब तक आरक्षण रोस्टर नहीं लगाया जा सका। इससे चुनाव समय पर होंगे, इस पर संशय बना हुआ है। अपील के निपटारे को वक्त मिलेगा मनीष धर्मेक बनाम स्टेट केस में हाईकोर्ट ने कहा- चुनाव प्रोसेस होने से तीन महीने पहले आरक्षण रोस्टर लगना चाहिए, ताकि यदि किसी व्यक्ति को आरक्षण रोस्टर पर आपत्ति है और वह उसे कोर्ट में चुनौती देना चाहता है, तो 90 दिन का वक्त होने से व्यक्ति ऐसा कर पाएगा। कोर्ट को भी आरक्षण रोस्टर पर मिलने वाली अपील के निपटारे को वक्त मिलेगा। दिसंबर-जनवरी में प्रस्तावित चुनाव हिमाचल में 3577 पंचायतें है। इनमें इसी साल दिसंबर में चुनाव होने हैं। मौजूदा प्रतिनिधियों का कार्यकाल 23 जनवरी 2026 को पूरा हो रहा है। स्टेट इलेक्शन कमीशन को 23 जनवरी से पहले चुनाव कराना संवैधानिक बाध्यता है। इलेक्शन कमीशन दिसंबर में ही वोटिंग करवाना चाह रहा है, क्योंकि जनवरी में शिमला, मंडी, लाहौल स्पीति, किन्नौर, कांगड़ा, कुल्लू और सिरमौर जिला के कई भागों में भारी बर्फबारी होती है। बर्फबारी में चुनाव करा पाना टेडी खीर साबित हो सकता है।

हिमाचल में धूमधाम से मनाई दिवाली:मणिकर्ण के कसौल इन में होटल आग; लाखों रुपए का नुकसान, रामपुर में 4 दुकानें जलकर राख

हिमाचल में धूमधाम से मनाई दिवाली:मणिकर्ण के कसौल इन में होटल आग; लाखों रुपए का नुकसान, रामपुर में 4 दुकानें जलकर राख हिमाचल प्रदेश में दिवाली पर्व को उत्साह के साथ मनाया गया। दिनभर लोगों ने बाजार में पटाखें और मिठाइयों की खरीददारी की। रात में 8 से 10 बजे तक खूब पटाखे फोड़े। वहीं दिवाली पर कई जगह आग की घटनाओं से लाखों रुपए का नुकसान भी देखने को मिला है। कुल्लू जिला के मणिकर्ण में बहुमंजिला कसोल इन होटल में रात को भीषण आग लग गई। इससे होटल की ऊपरी मंजिल जलकर राख हो गई। मणिकर्ण में कसोल इन होटल में भड़की आग दमकल विभाग की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। इससे अफरा-तफरी मच गई। होटल की ऊपरी मंजिल में आग से लाखों रुपए का नुकसान हो गया। बताया जा रहा है कि आतिशबाजी की वजह से होटल में आग लगी है। रामपुर में चार दुकानें जलकर राख शिमला जिला के रामपुर बुशहर के खोपड़ी मंदिर के पास चार-पांच दुकानों में आग भड़क गई। इससे दुकानों में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाकर इसे आसपास फैलने से रोका। हिमाचल में दिवाली सेलिब्रेशन के PHOTOS…

हिमाचल के ऊंचे क्षेत्रों में आज बर्फबारी के आसार:निचले इलाकों में आंधी-तूफान की चेतावनी; शिमला से ठंडी हुई ऊना-धर्मशाला व हमीरपुर की रातें

हिमाचल के ऊंचे क्षेत्रों में आज बर्फबारी के आसार:निचले इलाकों में आंधी-तूफान की चेतावनी; शिमला से ठंडी हुई ऊना-धर्मशाला व हमीरपुर की रातें हिमाचल प्रदेश में आज से वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा। अधिक ऊंचाई वाले भागों में इसका असर तीन दिन नजर आएगा। आज अधिक ऊंचे और मैदानी इलाकों में हल्की बारिश व तूफान चल सकता है। मध्यम ऊंचाई वाले भागों में मौसम साफ रहेगा। मौसम विभाग ने आज चार जिले चंबा, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में आंधी व तूफान चलने का यलो अलर्ट जारी किया है। किन्नौर, लाहौल स्पीति और चंबा के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में हल्का हिमपात होने का पूर्वानुमान है। बारिश-बर्फबारी के बाद कम होगा तापमान मौसम में बदलाव के बाद तापमान में कमी आएगी। अभी अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों ही सामान्य से ज्यादा है। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 1.1 डिग्री अधिक और न्यूनतम तापमान नॉर्मल से 0.3 डिग्री ज्यादा है। ऊना का अधिकतम तापमान अभी 33.4 डिग्री ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश के बाद तापमान में कमी आएगी। अभी लाहौल स्पीति के कुकुमसैरी का न्यूनतम तापमान सबसे कम 1.2 डिग्री और ऊना का अधिकतम तापमान सबसे ज्यादा 33.4 डिग्री सेल्सियस है। शिमला से ठंडी हुई धर्मशाला-सोलन व हमीरपुर की रातें अभी तक शिमला से ज्यादा ठंडी रातें धर्मशाला, मनाली, पालमपुर, ऊना, हमीरपुर, सोलन में है। न्यूनतम तापमान में सामान्य की तुलना में सबसे 2.3 डिग्री का उछाल शिमला के तापमान में है, जबकि धर्मशाला, ऊना, पालमपुर, हमीरपुर और सोलन में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे गिर गया है।