Azamgarh News: आजमगढ़ में महिला की मौत पर परिजनों का हंगामा, अस्पताल प्रबंधन पर लगाया गलत इलाज का आरोप

Azamgarh News: आजमगढ़ में महिला की मौत पर परिजनों का हंगामा, अस्पताल प्रबंधन पर लगाया गलत इलाज का आरोप

<p style=”text-align: justify;”><strong>Azamgarh News:</strong> आजमगढ़ के सिधारी स्थित एक अस्पताल में भर्ती महिला मरीज को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के कारण मौत हो गई. महिला की तबीयत बिगड़ने पर उसे वाराणसी के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी. महिला की मौत से गुस्साए परिजनों ने सिधारी थाने में शव लेकर पहुंच गए. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. मृतका का नाम तृप्ति मिश्रा बताया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नगर कोतवाली क्षेत्र के हीरा पट्टी निवासी नवीन मिश्रा ने बताया कि, उनकी पत्नी तृप्ति मिश्रा की तबीयत खराब हो गई थी. जिसके चलते 9 दिसंबर को उन्हें सिधारी स्थित सरोज हॉस्पिटल में उसे भर्ती कराया गया. हीमोग्लोबिन काफी कम होने की वजह से मरीज को ब्लड चढ़ाने की सलाह डॉक्टर ने दी. इसके बाद अस्पताल कर्मियों ने तृप्ति का ब्लड ग्रुप ए बी पॉजिटिव होने की बात कहते हुए ब्लड बैंक से ब्लड ले आने के लिए कहा गया. तृप्ति को चार यूनिट ए बी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया गया. तृप्ति की तबीयत में सुधार न होने की वजह से परिजन चिंतित होने लगे और उसे &nbsp;उपचार के लिए वाराणसी ले गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने का आरोप</strong><br />वाराणसी में डॉक्टर अखिलेश सिंह ने मरीज को देखने के बाद पुनः सीबीसी की जांच कराई तो ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव आया. जिसके आधार पर &nbsp;IMA वाराणसी के ब्लड बैंक ने ए पॉजीटिव ब्लड उपलब्ध कराया. जब ए पॉजिटिव ब्लड मरीज को चढ़ाने के लिए आया तो इसे लेकर संदेह उत्पन्न हुआ की आजमगढ़ में चिकित्सकों ने ए बी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया है, तो ऐसी दशा में मरीज का ब्लड ए पॉजिटिव कैसे हो गया. आजमगढ़ के अस्पताल में गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाए जाने की बात उपचार कर रहे डॉक्टर को पता चली तो उन्होंने मरीज की स्थिति और गंभीरता को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद परिजन तृप्ति को लेकर वाराणसी के अपेक्स हॉस्पिटल पहुंचे यहां पर ब्लड की फिर जांच हुई तो तृप्ति का ब्लड ए पॉजिटिव ही पाया गया. उसके बाद मरीज को ए पॉजिटिव ब्लड वाराणसी में चढ़ाया गया, लेकिन पूर्व में गलत ग्रुप के चढ़ाए गए ब्लड के चलते क्लॉटिंग की समस्या बढ़ती गई &nbsp;और तृप्ति ने दम तोड़ दिया. तृप्ति की मौत के बाद परिजन काफी गुस्से में है और वह डॉक्टर की शिकायत लेकर आजमगढ़ के सिधारी थाने पहुंचे, जहां उन्होंने डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एसपी सिटी बोलें- जांच के बाद होगी कार्रवाई</strong><br />एसपी सिटी शैलेंद्र लाल ने बताया कि, अस्पताल में गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाए जाने के कारण एक मरीज की मौत होने की बात सामने आई है, जिसको लेकर परिजनों ने सिधारी थाने में तहरीर दी है. जिसके आधार पर जांच के उपरांत जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले पर सरोज हॉस्पिटल के डॉक्टर पंकज जयसवाल ने एबीपी न्यूज़ से फोन पर बात की, उन्होंने कहा कि यदि ब्लड ग्रुप को लेकर कोई समस्या होती तो खून चढ़ाते समय ही परिणाम दिखने लगते हैं. इतनी लंबे समय बाद ब्लड ग्रुप को लेकर इस तरह की समस्या नहीं आनी चाहिए, मरीज अस्पताल से ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है. पूरे मामले की जांच होने के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो पाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/weather-update-today-31-december-up-imd-forecast-cold-day-lucknow-noida-meerut-ka-mausam-2853228″><strong>UP Weather: यूपी में पड़ने लगी हाड़ कंपाने वाली सर्दी, मौसम विभाग ने दी चेतावनी</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Azamgarh News:</strong> आजमगढ़ के सिधारी स्थित एक अस्पताल में भर्ती महिला मरीज को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के कारण मौत हो गई. महिला की तबीयत बिगड़ने पर उसे वाराणसी के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी. महिला की मौत से गुस्साए परिजनों ने सिधारी थाने में शव लेकर पहुंच गए. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. मृतका का नाम तृप्ति मिश्रा बताया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नगर कोतवाली क्षेत्र के हीरा पट्टी निवासी नवीन मिश्रा ने बताया कि, उनकी पत्नी तृप्ति मिश्रा की तबीयत खराब हो गई थी. जिसके चलते 9 दिसंबर को उन्हें सिधारी स्थित सरोज हॉस्पिटल में उसे भर्ती कराया गया. हीमोग्लोबिन काफी कम होने की वजह से मरीज को ब्लड चढ़ाने की सलाह डॉक्टर ने दी. इसके बाद अस्पताल कर्मियों ने तृप्ति का ब्लड ग्रुप ए बी पॉजिटिव होने की बात कहते हुए ब्लड बैंक से ब्लड ले आने के लिए कहा गया. तृप्ति को चार यूनिट ए बी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया गया. तृप्ति की तबीयत में सुधार न होने की वजह से परिजन चिंतित होने लगे और उसे &nbsp;उपचार के लिए वाराणसी ले गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने का आरोप</strong><br />वाराणसी में डॉक्टर अखिलेश सिंह ने मरीज को देखने के बाद पुनः सीबीसी की जांच कराई तो ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव आया. जिसके आधार पर &nbsp;IMA वाराणसी के ब्लड बैंक ने ए पॉजीटिव ब्लड उपलब्ध कराया. जब ए पॉजिटिव ब्लड मरीज को चढ़ाने के लिए आया तो इसे लेकर संदेह उत्पन्न हुआ की आजमगढ़ में चिकित्सकों ने ए बी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया है, तो ऐसी दशा में मरीज का ब्लड ए पॉजिटिव कैसे हो गया. आजमगढ़ के अस्पताल में गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाए जाने की बात उपचार कर रहे डॉक्टर को पता चली तो उन्होंने मरीज की स्थिति और गंभीरता को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद परिजन तृप्ति को लेकर वाराणसी के अपेक्स हॉस्पिटल पहुंचे यहां पर ब्लड की फिर जांच हुई तो तृप्ति का ब्लड ए पॉजिटिव ही पाया गया. उसके बाद मरीज को ए पॉजिटिव ब्लड वाराणसी में चढ़ाया गया, लेकिन पूर्व में गलत ग्रुप के चढ़ाए गए ब्लड के चलते क्लॉटिंग की समस्या बढ़ती गई &nbsp;और तृप्ति ने दम तोड़ दिया. तृप्ति की मौत के बाद परिजन काफी गुस्से में है और वह डॉक्टर की शिकायत लेकर आजमगढ़ के सिधारी थाने पहुंचे, जहां उन्होंने डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एसपी सिटी बोलें- जांच के बाद होगी कार्रवाई</strong><br />एसपी सिटी शैलेंद्र लाल ने बताया कि, अस्पताल में गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाए जाने के कारण एक मरीज की मौत होने की बात सामने आई है, जिसको लेकर परिजनों ने सिधारी थाने में तहरीर दी है. जिसके आधार पर जांच के उपरांत जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले पर सरोज हॉस्पिटल के डॉक्टर पंकज जयसवाल ने एबीपी न्यूज़ से फोन पर बात की, उन्होंने कहा कि यदि ब्लड ग्रुप को लेकर कोई समस्या होती तो खून चढ़ाते समय ही परिणाम दिखने लगते हैं. इतनी लंबे समय बाद ब्लड ग्रुप को लेकर इस तरह की समस्या नहीं आनी चाहिए, मरीज अस्पताल से ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है. पूरे मामले की जांच होने के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो पाएगी.</p>
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