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अब यूपी में डिजिटल अटेंडेंस लागू होना मुश्किल:पहले भी शिक्षकों के आंदोलन पर 4 कमेटी बनीं, किसी पर फैसला नहीं आया
अब यूपी में डिजिटल अटेंडेंस लागू होना मुश्किल:पहले भी शिक्षकों के आंदोलन पर 4 कमेटी बनीं, किसी पर फैसला नहीं आया प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस का आदेश स्थगित हो गया है। कमेटी को 2 महीने में रिपोर्ट देनी है, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम ही है कि रिपोर्ट पर सरकार कोई एक्शन लेगी। वजह- बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों और शिक्षा मित्रों की मांगों को लेकर पहले भी चार कमेटी गठित हुईं। लेकिन, आज तक न तो उन कमेटियों की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई। न ही उन कमेटी की सिफारिश पर शिक्षकों और शिक्षा मित्रों को कोई राहत मिली। ऐसे में मुख्य सचिव के निर्देश पर गठित होने वाली 5वीं महत्वपूर्ण कमेटी का भविष्य क्या होगा, इसको लेकर संशय है। पढ़िए यूपी में डिजिटल अटेंडेंस का भविष्य क्या है? लागू नहीं होने की वजह क्या होगी? पहले किस तरह की मांगों पर कमेटी बनीं… उससे पहले जानें पहले वो कौन सी 4 कमेटियां हैं, जिनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की गई… इसलिए लागू होने की संभावना न के बराबर
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इन चार कमेटियों के हश्र से अंदाजा लगाया जा सकता है कि डिजिटल अटेंडेंस का क्या होने वाला है? जब 6 लाख से ज्यादा शिक्षक और जनप्रतिनिधियों का दबाव हो तो सरकार इसे लागू करके रिस्क क्यों लेना चाहेगी। जोखिम मोल नहीं लेगी सरकार
जानकार मानते हैं कि आगामी विधानसभा उप-चुनाव और उसके बाद 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार अब डिजिटल अटेंडेंस को लागू करने का जोखिम मोल नहीं लेगी। वह शिक्षकों को किसी तरह से नाराज नहीं करना चाहती। सपा-कांग्रेस इसे शिक्षकों के उत्पीड़न से जोड़कर प्रचार कर रही हैं। भाजपा को डर है कि कहीं शिक्षक लामबंद होकर सपा-कांग्रेस का सपोर्ट चुनावों में न कर दें। शिक्षक पब्लिक ओपिनियन माने जाते हैं। चुनावों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अटेंडेंस को छोड़ शेष कार्य ऑनलाइन करेंगे
शिक्षक संघ के एक पदाधिकारी का कहना है कि शिक्षक डिजिटल अटेंडेंस को छोड़कर शेष कार्य ऑनलाइन करेंगे। विद्यार्थी उपस्थिति रजिस्टर, एडमिशन रजिस्टर, मिड-डे-मील रजिस्टर, निशुल्क सामग्री वितरण रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर, आय-व्यय एवं चेक इश्यू रजिस्टर, बैठक रजिस्टर, निरीक्षण रजिस्टर, पत्र व्यवहार रजिस्टर, बाल गणना रजिस्टर और पुस्तकालय एवं खेलकूद रजिस्टर ऑनलाइन ही मेंटेन किया जाएगा। ये खबर भी पढ़ें प्राइमरी टीचर अभी रजिस्टर में ही लगाएंगे अटेंडेंस:15 राज्यों में लागू है डिजिटल अटेंडेंस, आखिर यूपी में क्यों झुक रही सरकार यूपी सरकार को 8 दिन में ही शिक्षक और शिक्षामित्रों के आगे यू-टर्न लेना पड़ा। डिजिटल अटेंडेंस को अगले आदेश तक टाल दिया गया है। मुख्य सचिव मनोज सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है, जो 2 महीने में जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इसके बाद सरकार इस पर फैसला लेगी। ऐसा नहीं है कि यूपी पहला राज्य है, जहां स्कूलों में शिक्षक और स्टूडेंट के डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था बनाई गई है। 15 राज्यों में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है। बिहार में भी इसे हाल ही में लागू करने का आदेश जारी किया गया है। आखिर किस दबाव में योगी सरकार झुक गई। इसे भास्कर एक्सप्लेनर से समझिए…
लुधियाना में SHO जगजीत सिंह पर FIR दर्ज:होटल मालिक से मांगे 2.70 हजार;ASI चरणजीत का विजिलें में खुलासा,इंस्पेक्टर के कहने पर मांगी रिश्वत
लुधियाना में SHO जगजीत सिंह पर FIR दर्ज:होटल मालिक से मांगे 2.70 हजार;ASI चरणजीत का विजिलें में खुलासा,इंस्पेक्टर के कहने पर मांगी रिश्वत पंजाब के लुधियाना में विजिलेंस ब्योरों ने शनिवार रात भ्रष्टाचार के आरोप में डिवीजन नंबर 5 पुलिस स्टेशन में तैनात ASI चरणजीत सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने के एक महीने बाद विजिलेंस ब्यूरो ने इंस्पेक्टर जगजीत सिंह नागपाल पर भी मामला दर्ज किया। 8 जुलाई को होटल मालिक से मांगी 2 लाख 70 हजार रिश्वत यह कार्रवाई ASI चरणजीत सिंह के बयान के बाद की गई है, जिन्हें 8 जुलाई को एक होटल मालिक से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में सतर्कता ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। एएसआई ने कहा कि उसने इंस्पेक्टर के कहने पर रिश्वत की मांग की थी। SHO नागपाल है फरार इंस्पेक्टर जगजीत सिंह नागपाल फरार हैं.जब विजिलेंस ब्यूरो ने एएसआई को गिरफ्तार किया, तब वह डिवीजन नंबर 5 पुलिस स्टेशन में SHO के रूप में तैनात थे। बाद में उनका तबादला पुलिस लाइन कर दिया गया। जैसे ही इंस्पेक्टर को पता चला कि उसे निगरानी ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है, वह विभाग को सूचित किए बिना भाग गया। SSP रविंदरपाल सिंह ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। उन्होंने पाया कि आरोपी इंस्पैक्टर विभाग को सूचित किए बिना ड्यूटी से अनुपस्थित था। सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान विजिलेंस ब्योरो को यह भी पता चला कि इंस्पेक्टर किराये के आलीशान मकान में रह रहा था, जिसका मासिक किराया लाखों रुपये है। विजिलेंस ब्योरो ने भी घर को लेकर जांच शुरू की। ये पढ़े पूरा मामला जवाहर नगर कैंप में होटल ताज के मालिक कमलजीत आहूजा की शिकायत के बाद सतर्कता ब्यूरो (वीबी) ने 2 जुलाई को 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में एएसआई चरणजीत सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि एएसआई ने उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ उक्त पुलिस स्टेशन में पहले से दर्ज एक मामले में आईपीसी की धारा 307, 379-बी जोड़ने के लिए उससे धमकी देकर अवैध रिश्वत ली थी और अधिक रिश्वत की मांग कर रहे थे। जांच के दौरान विजिलेंस ब्योरो ने पाया कि यह साबित हो गया है कि एएसआई चरणजीत सिंह ने इस थाने के SHO के नाम पर 2,70,000 रुपये की रिश्वत ली थी और शिकायतकर्ता को अनुमति देने के लिए प्रति माह 2 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। एएसआई ने 8 जुलाई को विजिलेंस ब्यूरो के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। पूछताछ के दौरान एएसआई ने खुलासा किया कि उसने इंस्पेक्टर के कहने पर रिश्वत ली थी।
Telugu origin candidates lose in UK parliamentary elections
Telugu origin candidates lose in UK parliamentary elections Uday Nagaraju and Chandra Kanneganti contesting from Labour and Conservative parties respectively, lost their elections to their opponents.