Bharat Bandh: आज भारत बंद के बीच मायावती की पहली प्रतिक्रिया, कहा- ‘BJP और कांग्रेस…’

Bharat Bandh: आज भारत बंद के बीच मायावती की पहली प्रतिक्रिया, कहा- ‘BJP और कांग्रेस…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Bharat Bandh:</strong> दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है. इस ‘भारत बंद’ का समर्थन कई राजनीतिक दल कर रहे हैं. बीएसपी चीफ मायावती ने भी ‘भारत बंद’ का समर्थन करते हुए पहली प्रतिक्रिया दी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मायावती ने अपने सोशल मीडिया के जरिए लिखा, ‘बीएसपी का भारत बंद को समर्थन, क्योंकि भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों के आरक्षण विरोधी षडयंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण 1 अगस्त 2024 को SC/ST के उपवर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर सम्बंधी मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध इनमें रोष व आक्रोश.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>[tw]https://x.com/Mayawati/status/1826080020382494831[/tw]</p>
<p style=”text-align: justify;”>&lsquo;नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स&rsquo; (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/samajwadi-party-leader-amarnath-maurya-hooliganism-video-viral-candidate-from-phoolpur-seat-ann-2765413″>सपा के टिकट पर लड़ा था लोकसभा का चुनाव, अब गुंडागर्दी का Video वायरल, नगर निगम कर्मचारियों को राइफल लेकर दौड़ाया</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कलह</strong><br />संगठन ने हाल में उच्चतम न्यायालय की सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले के प्रति विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है. संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नये कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि कोर्ट का फैसला आने के बाद एनडीए के सहयोगी दलों ने भी इसका विरोध किया था, जिसके बाद सरकार के ओर से आश्वासन दिया गया था. हालांकि इसके बाद भी चिराग पासवान की पार्टी ने बुधवार को भारत बंद का समर्थन करने का फैसला किया है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bharat Bandh:</strong> दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है. इस ‘भारत बंद’ का समर्थन कई राजनीतिक दल कर रहे हैं. बीएसपी चीफ मायावती ने भी ‘भारत बंद’ का समर्थन करते हुए पहली प्रतिक्रिया दी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मायावती ने अपने सोशल मीडिया के जरिए लिखा, ‘बीएसपी का भारत बंद को समर्थन, क्योंकि भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों के आरक्षण विरोधी षडयंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण 1 अगस्त 2024 को SC/ST के उपवर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर सम्बंधी मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध इनमें रोष व आक्रोश.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>[tw]https://x.com/Mayawati/status/1826080020382494831[/tw]</p>
<p style=”text-align: justify;”>&lsquo;नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स&rsquo; (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/samajwadi-party-leader-amarnath-maurya-hooliganism-video-viral-candidate-from-phoolpur-seat-ann-2765413″>सपा के टिकट पर लड़ा था लोकसभा का चुनाव, अब गुंडागर्दी का Video वायरल, नगर निगम कर्मचारियों को राइफल लेकर दौड़ाया</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कलह</strong><br />संगठन ने हाल में उच्चतम न्यायालय की सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले के प्रति विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है. संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नये कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि कोर्ट का फैसला आने के बाद एनडीए के सहयोगी दलों ने भी इसका विरोध किया था, जिसके बाद सरकार के ओर से आश्वासन दिया गया था. हालांकि इसके बाद भी चिराग पासवान की पार्टी ने बुधवार को भारत बंद का समर्थन करने का फैसला किया है.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड महाकाल के दरबार में पहुंचीं ‘थलाइवा’ रजनीकांत की बेटी सौंदर्या, भस्म आरती के किए दर्शन