Bihar Bhumi: बिहार सरकार की लाखों एकड़ जमीन हुई ऑनलाइन रिकॉर्ड, सुरक्षा को लेकर विभाग अलर्ट

Bihar Bhumi: बिहार सरकार की लाखों एकड़ जमीन हुई ऑनलाइन रिकॉर्ड, सुरक्षा को लेकर विभाग अलर्ट

<p style=”text-align: justify;”><strong> Bihar Government Land:</strong> बिहार में सरकार सरकारी जमीनों की सुरक्षा के लिए काफी सजग है. सरकारी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सत्यापन की जिम्मेदारी राजस्व कर्मचारियों, राजस्व पदाधिकारियों और अंचलाधिकारियों को दी गई है. बीते दिनों ही सरकारी जमीन से जुड़ी तमाम जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करा दी गई हैं, जिसके मुताबिक राज्य के कुल 45,859 मौजा में से 1,355 मौजा में ऑनलाइन एंट्री का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विभाग के सचिव ने डीएम को दिया निर्देश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि सरकारी जमीन की सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीर है, इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. सरकारी भूमि को विभाग के पोर्टल पर इंट्री कर ऑनलाइन किया गया जाए और जल्द ही इसे सत्यापित करने का काम किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>28 जनवरी को मुख्य सचिव स्तर पर इस मुद्दे की समीक्षा की गई थी, जिसमें पाया गया कि राज्य के कुल 45859 मौजों में से 1355 मौजों में ऑनलाइन इंट्री का काम अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है, जो प्रविष्टि की गई है उससे अभी तक कुल 3160947 सरकारी खेसरों की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनका कुल रकबा 1786276 एकड़ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं राजस्व विभाग का कहना है कि विभिन्न सरकारी विभागों के भवन निर्माण व अन्य परियोजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता है. विभाग कानून के तहत उनकी आवश्यकता के अनुसार सरकारी भूमि उपलब्ध कराएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पूर्व विभाग स्तर पर सरकारी भूमि को चिह्नित किए जाने की आवश्यकता को देखते हुए हर जिला के सभी मौजों की सरकारी भूमि की सूची तैयार करने के लिए विभाग के जरिए सॉफ्टवेयर का निर्माण किया गया था. पिछले सर्वे में खतियान को आधार बनाकर सभी तरह की सरकारी भूमि की ऑनलाइन इंट्री का काम किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ई-जमाबंदी लॉगिन में आवश्यक प्रावधान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विभाग ने सत्यापन मॉड्यूल विकसित कर ई-जमाबंदी लॉगिन में आवश्यक प्रावधान किए हैं. यह मॉड्यूल पूर्व की भांति मेकर, चेकर और एप्रूवर के रूप में काम करेगी. राजस्व कर्मचारी मेकर, राजस्व अधिकारी चेकर और अंचल अधिकारी एप्रूवर के रूप में कार्य करेंगे. उनके द्वारा पूर्व में दर्ज किए गए सरकारी भूमि के विवरण को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन पंजी से मिलान कर उसका सत्यापन किया जा सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/rohtas-accident-news-devotees-going-to-mahakumbh-in-car-hit-by-truck-1-dead-8-injured-ann-2875789″>रोहतास में ट्रक से टकराई महाकुंभ जा रहे श्रद्धालुओं की कार, मची चीख-पुकार, एक की मौत, 8 घायल</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong> Bihar Government Land:</strong> बिहार में सरकार सरकारी जमीनों की सुरक्षा के लिए काफी सजग है. सरकारी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सत्यापन की जिम्मेदारी राजस्व कर्मचारियों, राजस्व पदाधिकारियों और अंचलाधिकारियों को दी गई है. बीते दिनों ही सरकारी जमीन से जुड़ी तमाम जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करा दी गई हैं, जिसके मुताबिक राज्य के कुल 45,859 मौजा में से 1,355 मौजा में ऑनलाइन एंट्री का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विभाग के सचिव ने डीएम को दिया निर्देश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि सरकारी जमीन की सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीर है, इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. सरकारी भूमि को विभाग के पोर्टल पर इंट्री कर ऑनलाइन किया गया जाए और जल्द ही इसे सत्यापित करने का काम किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>28 जनवरी को मुख्य सचिव स्तर पर इस मुद्दे की समीक्षा की गई थी, जिसमें पाया गया कि राज्य के कुल 45859 मौजों में से 1355 मौजों में ऑनलाइन इंट्री का काम अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है, जो प्रविष्टि की गई है उससे अभी तक कुल 3160947 सरकारी खेसरों की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनका कुल रकबा 1786276 एकड़ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं राजस्व विभाग का कहना है कि विभिन्न सरकारी विभागों के भवन निर्माण व अन्य परियोजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता है. विभाग कानून के तहत उनकी आवश्यकता के अनुसार सरकारी भूमि उपलब्ध कराएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पूर्व विभाग स्तर पर सरकारी भूमि को चिह्नित किए जाने की आवश्यकता को देखते हुए हर जिला के सभी मौजों की सरकारी भूमि की सूची तैयार करने के लिए विभाग के जरिए सॉफ्टवेयर का निर्माण किया गया था. पिछले सर्वे में खतियान को आधार बनाकर सभी तरह की सरकारी भूमि की ऑनलाइन इंट्री का काम किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ई-जमाबंदी लॉगिन में आवश्यक प्रावधान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विभाग ने सत्यापन मॉड्यूल विकसित कर ई-जमाबंदी लॉगिन में आवश्यक प्रावधान किए हैं. यह मॉड्यूल पूर्व की भांति मेकर, चेकर और एप्रूवर के रूप में काम करेगी. राजस्व कर्मचारी मेकर, राजस्व अधिकारी चेकर और अंचल अधिकारी एप्रूवर के रूप में कार्य करेंगे. उनके द्वारा पूर्व में दर्ज किए गए सरकारी भूमि के विवरण को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन पंजी से मिलान कर उसका सत्यापन किया जा सकेगा.</p>
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