<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Education System:</strong> बिहार सरकार ने शिक्षा में गुणवत्ता के लिए राज्य के सभी पंचायत में एक माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूल बनाने का निर्णय लिया और लगभग अधिकांश पंचायत में एक माध्यमिक स्कूल बनाया गया है. इसके साथ ही 2 लाख से अधिक शिक्षकों की नई बहाली भी हो चुकी है और सभी स्कूलों में भरपूर शिक्षक हो चुके हैं, लेकिन स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ लेखा-जोखा और अन्य काम मास्टर साहब ही करते हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गैर पढ़ाई का काम मास्टर साहब नहीं करेंगे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकारी स्कूलों में किसी काम के लिए कार्यालय का चक्कर शिक्षकों को ना लगाना पड़े और वो सिर्फ बच्चों को पढ़ाने का काम करें, इसके लिए राज्य के शिक्षा विभाग ने बड़ा निर्णय लिया है. अब सरकारी स्कूलों में गैर पढ़ाई का काम मास्टर साहब नहीं करेंगे, बल्कि उसके लिए क्लर्क की अलग से बहाली होगी. इसकी नियुक्ति के लिए आज राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूरी भी मिल गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य के माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूलों में लिपिक के पद पर जल्द नियुक्ति होगी. इसके लिए बिहार राज्य विद्यालय लिपिक संवर्ग नियमावली-2025 की स्वीकृति कैबिनेट ने आज प्रदान कर दिया है. इस नियुक्ति में सेवाशर्त एवं अनुशासनिक कार्रवाई के साथ होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभी पदों की संख्या घोषित नहीं की गई है. जितने भी पद होंगे इसके अंतर्गत कुल स्वीकृत पदों में 50 % पद अनुकंपा और शेष आधे पद सीधी नियुक्ति से भरे जाएंगे. इसी तरह सरकारी स्कूलों में परिचारी (चपरासी) के खाली पदों को भरा जाएगा. इसमें भी आधे पद अनुकंपा और आधे पद सीधी बहाली से भरे जाएंगे. इसके अलावा सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में पुस्तकालयाध्यक्ष (लाइब्रेरियन) के पद को मंजूरी दी गई है. इनकी नियुक्ति सीधे राज्य सरकार के स्तर से आयोग के माध्यम से की जाएगी .</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताते चलें कि राज्य में पहले माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों की संख्या बहुत कम थी, प्रखंड स्तर पर एक या दो हाई स्कूल हुआ करते थे. हालांकि उन स्कूलों में क्लर्क बहाल थे, लेकिन नीतीश सरकार ने हाई स्कूल की संख्या में बढ़ोतरी किया और राज्य में एक पंचायत पर एक माध्यमिक विद्यालय का निर्णय लिया जो बड़े मिडिल स्कूलों में स्थानांतरित किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्कूलों में अब तक क्लर्क की बहाली नहीं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य में 8463 पंचायत है, इनमें 6000 से अधिक पंचायत में माध्यमिक विद्यालय बनाए जा चुके हैं. बिहार में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों की कुल संख्या 9,360 है. इनमें से कुछ विद्यालय 9वीं से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई कराते हैं, लेकिन नए पंचायत स्तर पर बने हाई स्कूलों में अब तक क्लर्क की बहाली नहीं हुई थी. क्लर्क का काम मास्टर साहब ही करते थे. अब इस बहाली से मास्टर साहब को सिर्फ पढ़ने का काम रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-elections-2025-bjp-eyes-on-votes-of-pasmanda-muslims-rjd-raised-questions-2964032#google_vignette”>चुनावी वर्ष में महागठबंधन के लिए खतरे की घंटी? RJD के मुस्लिम वोट बैंक में BJP करेगी सेंधमारी!</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Education System:</strong> बिहार सरकार ने शिक्षा में गुणवत्ता के लिए राज्य के सभी पंचायत में एक माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूल बनाने का निर्णय लिया और लगभग अधिकांश पंचायत में एक माध्यमिक स्कूल बनाया गया है. इसके साथ ही 2 लाख से अधिक शिक्षकों की नई बहाली भी हो चुकी है और सभी स्कूलों में भरपूर शिक्षक हो चुके हैं, लेकिन स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ लेखा-जोखा और अन्य काम मास्टर साहब ही करते हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गैर पढ़ाई का काम मास्टर साहब नहीं करेंगे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकारी स्कूलों में किसी काम के लिए कार्यालय का चक्कर शिक्षकों को ना लगाना पड़े और वो सिर्फ बच्चों को पढ़ाने का काम करें, इसके लिए राज्य के शिक्षा विभाग ने बड़ा निर्णय लिया है. अब सरकारी स्कूलों में गैर पढ़ाई का काम मास्टर साहब नहीं करेंगे, बल्कि उसके लिए क्लर्क की अलग से बहाली होगी. इसकी नियुक्ति के लिए आज राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूरी भी मिल गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य के माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूलों में लिपिक के पद पर जल्द नियुक्ति होगी. इसके लिए बिहार राज्य विद्यालय लिपिक संवर्ग नियमावली-2025 की स्वीकृति कैबिनेट ने आज प्रदान कर दिया है. इस नियुक्ति में सेवाशर्त एवं अनुशासनिक कार्रवाई के साथ होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभी पदों की संख्या घोषित नहीं की गई है. जितने भी पद होंगे इसके अंतर्गत कुल स्वीकृत पदों में 50 % पद अनुकंपा और शेष आधे पद सीधी नियुक्ति से भरे जाएंगे. इसी तरह सरकारी स्कूलों में परिचारी (चपरासी) के खाली पदों को भरा जाएगा. इसमें भी आधे पद अनुकंपा और आधे पद सीधी बहाली से भरे जाएंगे. इसके अलावा सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में पुस्तकालयाध्यक्ष (लाइब्रेरियन) के पद को मंजूरी दी गई है. इनकी नियुक्ति सीधे राज्य सरकार के स्तर से आयोग के माध्यम से की जाएगी .</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताते चलें कि राज्य में पहले माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों की संख्या बहुत कम थी, प्रखंड स्तर पर एक या दो हाई स्कूल हुआ करते थे. हालांकि उन स्कूलों में क्लर्क बहाल थे, लेकिन नीतीश सरकार ने हाई स्कूल की संख्या में बढ़ोतरी किया और राज्य में एक पंचायत पर एक माध्यमिक विद्यालय का निर्णय लिया जो बड़े मिडिल स्कूलों में स्थानांतरित किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्कूलों में अब तक क्लर्क की बहाली नहीं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य में 8463 पंचायत है, इनमें 6000 से अधिक पंचायत में माध्यमिक विद्यालय बनाए जा चुके हैं. बिहार में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों की कुल संख्या 9,360 है. इनमें से कुछ विद्यालय 9वीं से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई कराते हैं, लेकिन नए पंचायत स्तर पर बने हाई स्कूलों में अब तक क्लर्क की बहाली नहीं हुई थी. क्लर्क का काम मास्टर साहब ही करते थे. अब इस बहाली से मास्टर साहब को सिर्फ पढ़ने का काम रहेगा.</p>
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