Bihar News: चिराग पासवान का साथ छोड़ मैदान में उतरे राकेश रौशन, तिरहुत स्नातक विधान परिषद उपचुनाव के लिए किया नॉमिनेश

Bihar News: चिराग पासवान का साथ छोड़ मैदान में उतरे राकेश रौशन, तिरहुत स्नातक विधान परिषद उपचुनाव के लिए किया नॉमिनेश

<p style=”text-align: justify;”><strong>Tirhut Graduate Legislative Council By-Election:</strong> लोजपा (रामविलास) के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश रौशन ने (12 नवंबर) को तिरहुत स्नातक विधान परिषद उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया. नामांकन भरने के बाद समर्थकों के बीच एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही. राकेश रौशन ने हाल ही में लोजपा रामविलास के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दिया था और अपनी राजनीति तिरहुत के विकास लिए करने की घोषणा की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हाल ही में एलजेपीआर से दिया था इस्तीफा&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राकेश रोशन को 28000 स्नातक मतदाताओं ने अपना समर्थन दिया है, जिस कारण उपचुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है. राकेश ने कहा कि गठबंधन की राजीनीति के कारण यह संभव नहीं था कि वह चुनाव यहां से लड़ कर अपने लोगों की मदद कर पाएं. इस वजह से उन्होंने लोजपा (रामविलास) के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दिया और चुनाव में उतरने का निर्णय लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राकेश रौशन बिहार के लोकप्रिय नेता स्वर्गीय बृजनाथी सिंह के बेटे हैं. 2020 विधानसभा चुनाव में राघोपुर विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के खिलाफ 25,000 वोट लाकर सबको चौंका चुके हैं. अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए राकेश रौशन ने कहा कि उनका उद्देश्य युवाओं, छात्रों और शिक्षित वर्ग की आवाज को एक सशक्त राजनीतिक मंच देना है. उन्होंने कहा, “मैं समाज के हर वर्ग का सहयोग चाहता हूं, ताकि हम एक साथ प्रगति की दिशा में कदम बढ़ा सकें”.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के लक्ष्य पर जोर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा राकेश रौशन ने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट&rsquo; के लक्ष्य पर जोर दिया, लेकिन उन्होंने गठबंधन की सीमाओं को इस दिशा में रुकावट बताया और बिहार की दुर्दशा के लिए गठबंधन की राजीनीत पर भी प्रश्न उठाए. नामांकन दाखिल के दौरान बड़ी संख्या में समर्थक उनके साथ थे. समर्थकों का कहना है कि राकेश रौशन तिरहुत स्नातक क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद बनकर उभरे हैं और उनके नेतृत्व से क्षेत्र को नई दिशा मिल सकती है. इस चुनाव में स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा भी उठ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-rjd-leader-ali-ashraf-fatmi-gives-credit-to-tejashwi-yadav-for-foundation-stone-of-darbhanga-aiims-ann-2821941″>Bihar Politics: 13 नवंबर उपचुनाव के दिन ही दरभंगा AIIMS के शिलान्यास पर सवाल, RJD ने दिया तेजस्वी यादव को श्रेय!</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Tirhut Graduate Legislative Council By-Election:</strong> लोजपा (रामविलास) के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश रौशन ने (12 नवंबर) को तिरहुत स्नातक विधान परिषद उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया. नामांकन भरने के बाद समर्थकों के बीच एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही. राकेश रौशन ने हाल ही में लोजपा रामविलास के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दिया था और अपनी राजनीति तिरहुत के विकास लिए करने की घोषणा की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हाल ही में एलजेपीआर से दिया था इस्तीफा&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राकेश रोशन को 28000 स्नातक मतदाताओं ने अपना समर्थन दिया है, जिस कारण उपचुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है. राकेश ने कहा कि गठबंधन की राजीनीति के कारण यह संभव नहीं था कि वह चुनाव यहां से लड़ कर अपने लोगों की मदद कर पाएं. इस वजह से उन्होंने लोजपा (रामविलास) के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दिया और चुनाव में उतरने का निर्णय लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राकेश रौशन बिहार के लोकप्रिय नेता स्वर्गीय बृजनाथी सिंह के बेटे हैं. 2020 विधानसभा चुनाव में राघोपुर विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के खिलाफ 25,000 वोट लाकर सबको चौंका चुके हैं. अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए राकेश रौशन ने कहा कि उनका उद्देश्य युवाओं, छात्रों और शिक्षित वर्ग की आवाज को एक सशक्त राजनीतिक मंच देना है. उन्होंने कहा, “मैं समाज के हर वर्ग का सहयोग चाहता हूं, ताकि हम एक साथ प्रगति की दिशा में कदम बढ़ा सकें”.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के लक्ष्य पर जोर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा राकेश रौशन ने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट&rsquo; के लक्ष्य पर जोर दिया, लेकिन उन्होंने गठबंधन की सीमाओं को इस दिशा में रुकावट बताया और बिहार की दुर्दशा के लिए गठबंधन की राजीनीत पर भी प्रश्न उठाए. नामांकन दाखिल के दौरान बड़ी संख्या में समर्थक उनके साथ थे. समर्थकों का कहना है कि राकेश रौशन तिरहुत स्नातक क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद बनकर उभरे हैं और उनके नेतृत्व से क्षेत्र को नई दिशा मिल सकती है. इस चुनाव में स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा भी उठ रहा है.</p>
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