<p style=”text-align: justify;”><strong>Diarrhea outbreak In Nawada:</strong> नवादा के हिसुआ के गांधी टोला में डायरिया का प्रकोप फैल गया है. स्थानीय लोगों से मिल रही जानकारी के अनुसार गांधी टोला में तालाब के पास बसे लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं. इससे करीब 30-40 लोग पीड़ित हो गए हैं, जिसमें दर्जन भर से अधिक लोगों को इलाज के लिए सदर अस्पताल नवादा में भर्ती कराया गया है. अन्य कई लोग अपने-अपने घरों व निजी क्लीनिकों में इलाज करवा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सदर अस्पताल में टाइगर कुमार, अंजली कुमारी, संदीप, मिनता कुमारी, शांति देवी, गोलू मांझी, मायावती आदि का इलाज चल रहा है। उन लोगों को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है. टोले के भरत मांझी ने बताया कि बुधवार की रात बारिश होने के बाद लोगों को उल्टी व दस्त की शिकायतें होने लगी. देखते ही देखते टोले के कई लोग इस बीमारी की चपेट में आ गए, जिसके बाद टोले में दहशत व्याप्त हो गया. बीमार लोगों की स्थिति बिगड़ने के बाद दर्जन भर लोगों को सदर अस्पताल नवादा में भर्ती कराया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आर्थिक रूप से संपन्न कई लोग निजी क्लीनिकों में इलाज करवा रहे हैं. कुछ लोगों का इलाज ग्रामीण चिकित्सक घरों पर ही कर रहे हैं. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि हिसुआ में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई पहल नहीं की जा सकी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जमीन पर लेटाकर किया गया इलाज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या अधिक हो जाने के बाद कुछ डायरिया पीड़ितों को जमीन पर लिटाकर इलाज किया गया, जबकि कुछ बेड पर एक के बजाए दो-तीन मरीज भर्ती रहे. अफरा-तफरी के बीच मरीजों को स्लाइन चढ़ाया जा रहा है, ग्रामीण भरत मांझी ने बताया कि अचानक बड़ी संख्या में लोगों के बीमार पड़ने के बाद टोले में दहशत व्याप्त हो गया है. ग्रामीण ने स्वास्थ्य विभाग से टोले में एहतियाती कदम उठाने और मेडिकल टीम भेजने की मांग की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है अस्पताल के उपाधीक्षक का कहना?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मिल रही जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल में जिले के कई प्रखंडों से आए डायरिया पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है. सदर प्रखंड समेत रूपौ, कौआकोल, नवादा, गोविंदपुर आदि जगहों से मरीज सदर अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं. माना जा रहा है कि मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. नवादा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अजय कुमार ने कहा कि फिलहाल हमारे पास 29 मरीज भर्ती हुए हैं. बेड की कुछ कमियां हैं जो काफी दिन से मरीज हैं, उसे दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है. इमरजेंसी वार्ड में ज्यादा बेड नहीं है, जिस कारण थोड़ी परेशानी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाचन से जुड़ी समस्या है डायरिया </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डायरिया (अतिसार या दस्त) एक पाचन समस्या है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला, पानी जैसा मल त्याग होता है. यह एक लक्षण है, न कि स्वयं एक रोग, और इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं। डायरिया, जिसे हिंदी में दस्त या अतिसार कहा जाता है, एक सामान्य पाचन समस्या है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला, पानी जैसा मल त्याग होता है. यह एक लक्षण है, न कि स्वयं एक रोग, और इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं. डायरिया आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन यदि यह लंबे समय तक बना रहे या गंभीर हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डायरिया के लक्षण </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिन में कई बार पानी जैसा या बहुत ही पतला मल त्याग होना, पेट में अचानक से दर्द होना या ऐंठन महसूस होना, उल्टी आना या मतली महसूस होना, शरीर का तापमान बढ़ना और बुखार आना, तेजी से वजन घट जाना, खासकर बच्चों में, शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना और थकावट रहना. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Diarrhea outbreak In Nawada:</strong> नवादा के हिसुआ के गांधी टोला में डायरिया का प्रकोप फैल गया है. स्थानीय लोगों से मिल रही जानकारी के अनुसार गांधी टोला में तालाब के पास बसे लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं. इससे करीब 30-40 लोग पीड़ित हो गए हैं, जिसमें दर्जन भर से अधिक लोगों को इलाज के लिए सदर अस्पताल नवादा में भर्ती कराया गया है. अन्य कई लोग अपने-अपने घरों व निजी क्लीनिकों में इलाज करवा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सदर अस्पताल में टाइगर कुमार, अंजली कुमारी, संदीप, मिनता कुमारी, शांति देवी, गोलू मांझी, मायावती आदि का इलाज चल रहा है। उन लोगों को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है. टोले के भरत मांझी ने बताया कि बुधवार की रात बारिश होने के बाद लोगों को उल्टी व दस्त की शिकायतें होने लगी. देखते ही देखते टोले के कई लोग इस बीमारी की चपेट में आ गए, जिसके बाद टोले में दहशत व्याप्त हो गया. बीमार लोगों की स्थिति बिगड़ने के बाद दर्जन भर लोगों को सदर अस्पताल नवादा में भर्ती कराया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आर्थिक रूप से संपन्न कई लोग निजी क्लीनिकों में इलाज करवा रहे हैं. कुछ लोगों का इलाज ग्रामीण चिकित्सक घरों पर ही कर रहे हैं. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि हिसुआ में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई पहल नहीं की जा सकी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जमीन पर लेटाकर किया गया इलाज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या अधिक हो जाने के बाद कुछ डायरिया पीड़ितों को जमीन पर लिटाकर इलाज किया गया, जबकि कुछ बेड पर एक के बजाए दो-तीन मरीज भर्ती रहे. अफरा-तफरी के बीच मरीजों को स्लाइन चढ़ाया जा रहा है, ग्रामीण भरत मांझी ने बताया कि अचानक बड़ी संख्या में लोगों के बीमार पड़ने के बाद टोले में दहशत व्याप्त हो गया है. ग्रामीण ने स्वास्थ्य विभाग से टोले में एहतियाती कदम उठाने और मेडिकल टीम भेजने की मांग की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है अस्पताल के उपाधीक्षक का कहना?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मिल रही जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल में जिले के कई प्रखंडों से आए डायरिया पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है. सदर प्रखंड समेत रूपौ, कौआकोल, नवादा, गोविंदपुर आदि जगहों से मरीज सदर अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं. माना जा रहा है कि मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. नवादा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अजय कुमार ने कहा कि फिलहाल हमारे पास 29 मरीज भर्ती हुए हैं. बेड की कुछ कमियां हैं जो काफी दिन से मरीज हैं, उसे दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है. इमरजेंसी वार्ड में ज्यादा बेड नहीं है, जिस कारण थोड़ी परेशानी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाचन से जुड़ी समस्या है डायरिया </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डायरिया (अतिसार या दस्त) एक पाचन समस्या है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला, पानी जैसा मल त्याग होता है. यह एक लक्षण है, न कि स्वयं एक रोग, और इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं। डायरिया, जिसे हिंदी में दस्त या अतिसार कहा जाता है, एक सामान्य पाचन समस्या है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला, पानी जैसा मल त्याग होता है. यह एक लक्षण है, न कि स्वयं एक रोग, और इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं. डायरिया आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन यदि यह लंबे समय तक बना रहे या गंभीर हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डायरिया के लक्षण </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिन में कई बार पानी जैसा या बहुत ही पतला मल त्याग होना, पेट में अचानक से दर्द होना या ऐंठन महसूस होना, उल्टी आना या मतली महसूस होना, शरीर का तापमान बढ़ना और बुखार आना, तेजी से वजन घट जाना, खासकर बच्चों में, शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना और थकावट रहना. </p> बिहार सतना में गायों को नदी में छोड़ने के मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, नाबालिग समेत 4 गिरफ्तार