<p style=”text-align: justify;”><strong>Accused of Rigging In Police Recruitment:</strong> बिहार विधानसभा के शीतकालीन की शुरुआत हुई है तो आंदोलन का दौर भी शुरू हो गया. कई संगठन के लोगों ने कई तरह की मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन और हंगामा शुरू कर दिया है. सरकार से अपनी मांग को मनवाने के लिए हाल ही में रिजल्ट जारी हुए बिहार पुलिस अभ्यर्थी भी धरने के लिए पहुंच गए और जारी हुए रिजल्ट में केंद्रीय चयन पर धांधली करने का आरोप लगाया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस अभ्यर्थियों का आरोप है कि एनसीएल और ईडब्ल्यूएस के तहत फॉर्म भरे गए अभ्यर्थियों का रिजल्ट उसके तहत नहीं आया है, इसलिए अविलंब उस आधार पर रिजल्ट जारी करना चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं को 10 लाख से अधिक सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया और उसके तहत बिहार सरकार के गृह विभाग ने 21391 पदों के लिए जुलाई 2024 में 6 चरणों में सिपाही भर्ती का लिखित परीक्षा ली थी, जिसका रिजल्ट जारी भी कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>14 नवंबर को रिजल्ट जारी कर दिया गया. इस रिजल्ट में 107000 के करीब अभ्यर्थी चयन किए गए. केंद्रीय चयन परिषद ने 21 नवंबर को फिजिकल परीक्षा के लिए भी समय निर्धारित कर दिया जो 9 दिसंबर से 10 मार्च तक है, लेकिन अब उस रिजल्ट पर भी हंगामों का दौर शुरू हो चुका है. पुलिस अभ्यर्थियों में NCL और EWS आरक्षण के तहत फॉर्म भरने वाले अभ्यर्थियों ने केंद्रीय चयन परिषद पर आरोप लगाया है कि हमलोग का रिजल्ट उस आरक्षण के तहत नहीं हुआ है, जबकि फॉर्म भरते समय उसका ऑप्शन था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभ्यर्थियों इसमें हम लोग लगभग 1 लाख अभ्यर्थी है, जिनका भविष्य अंधकारमय हो गया है. अभ्यर्थियों ने कहा कि हम लोग सरकार से मांग करते है कि उस आरक्षण के तहत हम लोग का रिजल्ट जारी करें नहीं तो हम लोग आंदोलन जारी रहेगा. हम लोग के साथ अन्याय हुआ है. अभ्यर्थियों का बड़ा आरोप है कि सिपाही भर्ती परीक्षा का फॉर्म ऑनलाइन भरना था, जिसमें ओबीसी, एसटी, महिला दिव्यांग के अलावा NCL और EWS का भी कॉलम था, लेकिन जो रिजल्ट जारी किया गया है उसमें ओबिसी, एससी, एसटी, महिला, दिव्यांग का आरक्षण के तहत रिजल्ट आया है और NCL और EWS के तहत रिजल्ट जारी नहीं किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि समाज में एक विशिष्ट समूह से संबंधित व्यक्तियों को एक गैर-क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र मिलता है, जिसे आम तौर पर एनसीएल प्रमाणपत्र के रूप में जाना जाता है. यह प्रमाणपत्र विशेष रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के लोगों के लिए है, जिससे उन्हें स्कूलों और रोजगार में आरक्षण लाभ प्राप्त करने की अनुमति मिलती है. तो आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS) जो अनारक्षित श्रेणी से संबंधित है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Accused of Rigging In Police Recruitment:</strong> बिहार विधानसभा के शीतकालीन की शुरुआत हुई है तो आंदोलन का दौर भी शुरू हो गया. कई संगठन के लोगों ने कई तरह की मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन और हंगामा शुरू कर दिया है. सरकार से अपनी मांग को मनवाने के लिए हाल ही में रिजल्ट जारी हुए बिहार पुलिस अभ्यर्थी भी धरने के लिए पहुंच गए और जारी हुए रिजल्ट में केंद्रीय चयन पर धांधली करने का आरोप लगाया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस अभ्यर्थियों का आरोप है कि एनसीएल और ईडब्ल्यूएस के तहत फॉर्म भरे गए अभ्यर्थियों का रिजल्ट उसके तहत नहीं आया है, इसलिए अविलंब उस आधार पर रिजल्ट जारी करना चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं को 10 लाख से अधिक सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया और उसके तहत बिहार सरकार के गृह विभाग ने 21391 पदों के लिए जुलाई 2024 में 6 चरणों में सिपाही भर्ती का लिखित परीक्षा ली थी, जिसका रिजल्ट जारी भी कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>14 नवंबर को रिजल्ट जारी कर दिया गया. इस रिजल्ट में 107000 के करीब अभ्यर्थी चयन किए गए. केंद्रीय चयन परिषद ने 21 नवंबर को फिजिकल परीक्षा के लिए भी समय निर्धारित कर दिया जो 9 दिसंबर से 10 मार्च तक है, लेकिन अब उस रिजल्ट पर भी हंगामों का दौर शुरू हो चुका है. पुलिस अभ्यर्थियों में NCL और EWS आरक्षण के तहत फॉर्म भरने वाले अभ्यर्थियों ने केंद्रीय चयन परिषद पर आरोप लगाया है कि हमलोग का रिजल्ट उस आरक्षण के तहत नहीं हुआ है, जबकि फॉर्म भरते समय उसका ऑप्शन था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभ्यर्थियों इसमें हम लोग लगभग 1 लाख अभ्यर्थी है, जिनका भविष्य अंधकारमय हो गया है. अभ्यर्थियों ने कहा कि हम लोग सरकार से मांग करते है कि उस आरक्षण के तहत हम लोग का रिजल्ट जारी करें नहीं तो हम लोग आंदोलन जारी रहेगा. हम लोग के साथ अन्याय हुआ है. अभ्यर्थियों का बड़ा आरोप है कि सिपाही भर्ती परीक्षा का फॉर्म ऑनलाइन भरना था, जिसमें ओबीसी, एसटी, महिला दिव्यांग के अलावा NCL और EWS का भी कॉलम था, लेकिन जो रिजल्ट जारी किया गया है उसमें ओबिसी, एससी, एसटी, महिला, दिव्यांग का आरक्षण के तहत रिजल्ट आया है और NCL और EWS के तहत रिजल्ट जारी नहीं किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि समाज में एक विशिष्ट समूह से संबंधित व्यक्तियों को एक गैर-क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र मिलता है, जिसे आम तौर पर एनसीएल प्रमाणपत्र के रूप में जाना जाता है. यह प्रमाणपत्र विशेष रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के लोगों के लिए है, जिससे उन्हें स्कूलों और रोजगार में आरक्षण लाभ प्राप्त करने की अनुमति मिलती है. तो आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS) जो अनारक्षित श्रेणी से संबंधित है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम है.</p> बिहार विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली में प्रदूषण के लिए AAP को ठहराया जिम्मेदार, कहा- ‘इमरजेंसी को लेकर CM की मांग हास्यास्पद’