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महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस क्यों RSS की पहली पसंद? ये हैं कारण
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस क्यों RSS की पहली पसंद? ये हैं कारण <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Election Result 2024:</strong> महायुती को महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा, ये सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है. इस बीच मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस ही आरएसएस और बीजेपी आलाकमान की नेचुरल चॉइस होने की जानकारी सामने आ रही है. आखिर सीएम चेहरे के लिए देवेंद्र फडणवीस ही संघ की पहली पसंद क्यों? इसके कई कारण हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, बीजेपी कार्यकर्ताओं के जबरदस्त समर्थन के साथ देवेंद्र फडणवीस के नाम को महायुति के अंदर से भी समर्थन मिलता दिख रहा है. अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने देवेंद्र फडणवीस के नाम पर उनकी पार्टी को कोई आपत्ति ना होने की बात कही है. ऐसे में महाराष्ट्र के संभावित मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस के नाम को अनेक स्तरों पर समर्थन मिलता दिख रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लेकिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण समर्थन संघ का हो सकता है. हालांकि खुलकर संघ के किसी बड़े नेता ने अब तक ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन जो जानकारी संघ सूत्रों से मिल रही है, उसके मुताबिक संघ के स्वयंसेवक रहे देवेंद्र फडणवीस ही उनकी नेचरल चॉइस हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संघ से देवेंद्र फडणवीस के नाम को समर्थन मिलने के ये हैं कारण</strong></p>
<ul>
<li style=”text-align: justify;”>देवेंद्र फडणवीस खुद संघ के स्वयंसेवक हैं.</li>
<li style=”text-align: justify;”>हमेशा ही उन्होंने उनके राजकीय आचरण में संघ के अनुशासन का पालन किया है. </li>
<li style=”text-align: justify;”>राजकीय फायदे नुकसान की चिंता कर कभी भी फडणवीस ने खुद के लिए वे संघ के स्वयंसेवक होने की बात छुपाई नहीं.</li>
<li style=”text-align: justify;”>वे खुले तौर पर अक्सर संघ के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं.. विजयादशमी के संघ के समारोह में तो वे संघ के पूर्ण गणवेश में शामिल होते हैं…</li>
<li style=”text-align: justify;”>देवेंद्र फडणवीस नागपूर से होने की वजह से संघ के सभी स्तरों सरसंघचालक से लेकर निचले स्तर तक उनका सीधा संवाद है…</li>
<li style=”text-align: justify;”><a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a>ो में महाराष्ट्र में बीजेपी को मिली हार के बाद विधानसभा चुनावों में संघ और संघ परिवार के सभी संगठनों ने भाजपा के लिए जोरदार प्रयत्न किए… इस दौरान समन्वय के सभी प्रमुख स्तरों पर देवेंद्र फडणवीस ही संघ से सीधे संपर्क में थे… </li>
<li style=”text-align: justify;”>विधानसभा चुनावों में देवेंद्र फडणवीस ने हिंदुत्व का मुद्दा जोरशोर से उठाकर वे संघ के हिंदुत्व के मूल विचार के लिए राजनैतिक नफे नुकसान की परवाह नहीं करते यह जता दिया था.</li>
<li style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में विकास, हिंदुत्व और सभी जातियों को साथ लेकर सरकार चलाने की क्षमता फडणवीस की तुलना में महाराष्ट्र के अन्य नेताओं में नहीं है.</li>
<li style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में पिछले 5 सालों में हुई राजनीतिक उठापठक में भी बीजेपी विधायकों को एक साथ रखने में फडणवीस कामयाब हुए थे.</li>
<li style=”text-align: justify;”>फडणवीस के संबंध में यह सभी बातें संघ के साथ साथ भाजपा आलाकमान बखूबी जानता है.</li>
</ul>
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बसपा की बैठक में आकाश आनंद शामिल नहीं:चुनाव में भी नहीं किया था प्रचार, मायावती बोलीं- सत्ता की मास्टर चाबी के लिए संघर्ष करें
बसपा की बैठक में आकाश आनंद शामिल नहीं:चुनाव में भी नहीं किया था प्रचार, मायावती बोलीं- सत्ता की मास्टर चाबी के लिए संघर्ष करें उपचुनाव में करारी हार के बाद मायावती ने अपने नेताओं के साथ लखनऊ में बसपा दफ्तर में मंथन किया। बैठक में यूपी और उत्तराखंड के 300 से ज्यादा पार्टी पदाधिकारी शामिल हुए। लेकिन, सबसे बड़ी बात यह कि उनके भतीजे और पार्टी के युवा नेता आकाश आनंद नजर नहीं आए। बैठक में उनके नहीं होने पर कई तरह के राजनीतिक सवाल उठ रहे हैं। मायावती ने पार्टी में उनको नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दे रखी है। चुनाव के दौरान भी उन्होंने प्रचार-प्रसार नहीं किया था। जानकारों का कहना है कि फेल्योर से बचाने के लिए मायावती अभी आकाश को इस तरह के चुनाव से दूर रख रही हैं। यह चुनाव भी मायावती ने दलित वोट बैंक को बचाने के लिए लड़ा था। पिछले कुछ चुनावों से लगातार बीएसपी से दलित वोट बैंक दूर जा रहा है। वहीं, बैठक में आज मायावती पहली बार भाजपा पर ज्यादा हमलावर दिखीं। सपा का नाम तक नहीं लिया। उन्होंने कहा कि दलित और अंबेडकरवादी बहुजन को एक होना होगा। सत्ता की मास्टर चाबी पाने के लिए संघर्ष को और ज्यादा मजबूत करना होगा। कांग्रेस की तरह बीजेपी से भी बहुत लोग नाराज हैं। लेकिन, बीजेपी पूंजीपतियों के समर्थन और गरीबी के विरोध में काम कर रही है। इस वजह से लोगों में नाराजगी है। लेकिन, लोगों का ध्यान बांटने के लिए बीजेपी तरह-तरह के नए जातिवादी और सांप्रदायिक हथकंडों का इस्तेमाल करती रहती है। इसका फायदा वह चुनाव में लेती है। अब पढ़िए बैठक में मायावती की कही बड़ी बातें यूपी के लोग गरीबी-बेरोजगारी में जीने को मजबूर
मायावती ने कहा- चुनाव के समय बीजेपी जो वादा करती है, उसे चुनाव के बाद भुला देती है। यूपी सरकार संवैधानिक दायित्वों को निभाने की जगह धर्म को आड़ बनाकर अपनी राजनीति साधने में लगी है। यही वजह है, यूपी के लोग आज गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा और पिछड़ेपन में जीने को लगातार मजबूर हैं। चुनाव पर जनता का भरोसा कम हुआ
मायावती ने कहा- चुनाव में धनबल, बाहुबल और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। पाक-साफ चुनाव कल की तरह आज भी बड़ी चुनौती है। ऐसे में आम जनता का चुनावी तंत्र पर विश्वास कम हो रहा है। यह संविधान और लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। संभल और अदानी मामले की वजह से मौजूदा शीतकालीन सत्र नहीं चल पा रहा है। यह गलत है। शीतकालीन सत्र चलना चाहिए। वोट बैंक के लिए तुष्टीकरण की राजनीति कर रही बीजेपी
मायावती ने कहा- बीजेपी वोट बैंक के लिए तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है। इससे क्या वह यूपी के लोगों को खुशी और खुशहाल जीवन दे पा रही है? भीमराव अंबेडकर मानवतावादी और कल्याणकारी संविधान की दुहाई सभी देते हैं, लेकिन संकीर्ण स्वार्थ के कारण कोई भी सरकार इस पर सही से अमल नहीं कर रही है। दलितों और अन्य बहुजनों के वास्तविक हित और कल्याण के लिए कतई तैयार नहीं है, बल्कि दिखावटी कार्य ज्यादा हैं। मायावती ने पूरे प्रदेश में 6 दिसंबर को परिनिर्माण दिवस मनाने की बात कही। इसमें लखनऊ में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटेंगे। हार के बाद मायावती ने कहा था- बसपा नहीं लड़ेगी उपचुनाव
उपचुनाव में करारी हार के बाद मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी अब किसी भी उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेगी। मायावती ने चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए कहा था कि फर्जी वोटिंग के जरिए परिणाम प्रभावित किए गए। जब तक चुनाव आयोग फर्जी मतदान रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाएगा, तब तक बसपा कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी। मायावती ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि हाल के उपचुनावों में व्यापक स्तर पर धांधली हुई है। पहले बैलेट पेपर के जरिए फर्जी वोट डाले जाते थे, अब ईवीएम का दुरुपयोग हो रहा है। यह लोकतंत्र के लिए बहुत ही चिंताजनक है।” मायावती ने सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों को भी गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि चुनाव में सत्ता पक्ष ने अनियमितताओं के जरिए जीत हासिल की है। उनका कहना था कि यह सब लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रहा है। उत्तर प्रदेश में 14 साल बाद विधानसभा उपचुनाव लड़ी बसपा अपने परंपरागत वोट हासिल करने में भी नाकाम नजर आई। 12 साल पहले पूर्ण बहुमत से सत्ता में रही बहुजन समाजपार्टी मात्र दो सीटों पर ही अपनी जमानत बचा सकी। बाकी सात सीटों पर उसके उम्मीदवार सपा और भाजपा के उम्मीदवारों के आसपास भी नजर नहीं आए। दो सीटें तो ऐसी रहीं जहां चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एमआईएम से भी पीछे रही और पांचवे स्थान से उसे संतोष करना पड़ा। बसपा केवल कटेहरी और मझंवा में अपनी जमानत बचा सकी। यहां उसे तीसरे स्थान पर रहना पड़ा। जबकि कुंदरकी और मीरापुर में बसपा का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक रहा। कुंदरकी में बसपा को अब तक का सबसे कम वोट मात्र 1051 वोट ही हासिल हुए। वहीं मीरापुर में बसपा साढ़े तीन हजार वोटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी। यहां उसे 3248 वोट मिले। कानपुर की सीसामऊ सीट जहां सपा की नसीम सोलंकी ने जीत हासिल की है, वहां बसपा को मात्र 1410 वोट ही मिले। ————————– यह खबर भी पढ़ें ब्रजेश पाठक ने ईंट से ईंट बजाकर तोड़ी:बोले- एक-एक चवन्नी वसूल करूंगा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शनिवार को पहले वाराणसी और फिर मुगलसराय के चंदौली पहुंचे। चंदौली के महेवा में बन रहे ट्रामा सेंटर का निरीक्षण करते समय ईंट की खराब क्वालिटी देखकर भड़क गए। उन्होंने दो ईंटों को आपस में टकरा कर कहा- ये कौन-सा ईंट यूज किया जा रहा है? ये बजाते ही टूट जाएगी। यहां पढ़ें पूरी खबर
UPPSC ने मानी छात्रों की मांग, RO-ARO परीक्षा स्थगित और एक दिन में होगा PCS एग्जाम
UPPSC ने मानी छात्रों की मांग, RO-ARO परीक्षा स्थगित और एक दिन में होगा PCS एग्जाम <p style=”text-align: justify;”><strong>UPPSC Protest:</strong> प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग के (UPPSC) बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. आयोग के अध्यक्ष संजय श्री नेत की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में फैसला लिया गया कि एक दिन पीसीएस की परीक्षा एक दिन में होगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ ही RO-ARO परीक्षा के के लिए केमिटी गठित की है, RO-ARO की परीक्षा स्थगित कर दी गई है. जिनको गिरफ्तार किया गया है उसे छोड़ा जा रहा है. सीएम योगी के दखल पर आयोग ने यूपी PCS 2024 की प्रारंभिक परीक्षा पहले की तरह एक दिन और एक शिफ्ट में कराने का ऐलान किया है. आयोग ने PCS के अभ्यर्थियों की मांग मान ली है, हालांकि RO-ARO 2023 की भर्ती परीक्षा को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. आयोग ने दिसंबर महीने में होने वाली इस परीक्षा को टाल दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज डीएम रवीन्द्र कुमार ने कहा, यूपीपीएससी द्वारा जल्द ही परीक्षा (पीसीएस) की तारीख जारी की जाएगी. परीक्षा पैटर्न तय करने के लिए कमेटी बनाने की बात कही है, प्रदर्शनकारी छात्र आयोग के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. छात्रों ने आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है, छात्र इसे डिवाइड एंड रुल बता रहे हैं और हजारों की संख्या में छात्र जमा हैं.</p>
<p><strong>क्या बोले प्रदर्शनकारी छात्र</strong></p>
<p>वहीं आयोग द्वारा सुनाए गए फैसले से छात्र असंतुष्ट हैं, छात्रों का कहना है की फूट डालो और राज करो वाली नीति के तहत आज का फैसला है. इसमें एक वर्ग को संतुष्ट किया गया है एक वर्ग को असंतुष्ट किया जा रहा है. छात्रों का कहना है कि जब तक RO/ARO को लेकर के फैसला नहीं आएगा वह तब तक अपना आंदोलन खत्म करने वाले नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोले अखिलेश यादव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>छात्रों के आंदोलन को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि “पढ़ने वाले लोगों को आज आंदोलन करना पड़ रहा है. अधिकारियों के माध्यम से अन्याय हो रहा है, बताओ दिव्यांग बेटी की बैसाखी छीन ली. इन लोगों ने आरोप भी लगाया कि यह राजनीति से प्रेरित आंदोलन है, इसमें समाजवादी संगठन के लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया लेकिन यह छात्रों का आंदोलन है, सरकार को यह समझना चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नॉर्मलाइजेशन के नाम पर गैर-पारदर्शी व्यवस्था अस्वीकार्य-राहुल गांधी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा-“प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों के साथ यूपी सरकार और उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग का रवैया बेहद असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है. नॉर्मलाइजेशन के नाम पर गैर-पारदर्शी व्यवस्था अस्वीकार्य है और एक पाली में परीक्षा की छात्रों की मांग बिल्कुल न्यायपूर्ण है. शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटी भाजपा सरकार की अक्षमता की कीमत आख़िर छात्र क्यों चुकायें? ‘पढ़ाई’ करने वाले छात्रों को सड़क पर ‘लड़ाई’ करने को मजबूर कर दिया गया है और अब उनका पुलिस के जरिए उत्पीड़न किया जा रहा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा “अपने और अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए घर से दूर रहकर साधना कर रहे युवाओं के साथ ये अन्याय हम स्वीकार नहीं करेंगे. हम प्रतियोगी छात्रों की मांग का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को तानाशाही से नहीं दबाया जा सकता.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uppsc-candidate-protest-akhilesh-yadav-called-it-yogi-government-biggest-mistake-2823070″>’आंदोलन तन से नहीं मन से लड़े जाते हैं’, प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों के लिए क्या-क्या बोले अखिलेश यादव?</a></strong></p>