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Shimla Mosque Row: संजौली में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती, प्रदर्शनकारियों को रोकने का लगा आरोप
Shimla Mosque Row: संजौली में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती, प्रदर्शनकारियों को रोकने का लगा आरोप <div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>Shimla Mosque Latest Update:</strong> हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला (Shimla) के संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के खिलाफ सुबह 11 बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है. इससे पहले स्थानीय प्रशासन ने यहां धारा 163 लागू कर दी है. यहां पांच या पांच से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी है. संजौली इलाके में 1000 से ज्यादा जवान सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाले हुए हैं. जिला प्रशासन ने यहां किसी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है. बावजूद इसके हिंदू संगठनों के लोगों ने यहां जुड़ने का आह्वान किया है.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>हिंदू संगठन के नेता विजय शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार तानाशाही पर उतर आई है. शिमला से बाहर से यहां संजौली में एकत्रित होने के लिए आ रहे लोगों को रोका जा रहा है. पुलिस सनातन से डर गई है और तानाशाही पर उतर आई है. विजय शर्मा ने कहा कि किसी भी हालत में यहां धरना प्रदर्शन होगा. उन्होंने कहा कि यह इलाके के लोगों के भविष्य का सवाल है. आह्वान के मुताबिक यहां बड़ा प्रदर्शन होगा.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>शिमला पुलिस ने दी यह जानकारी</strong></div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>जिला दंडाधिकारी अनुपम कश्यप ने कहा कि संजौली में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता- 2023 की धारा- 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिया गया है. इसके तहत जिला के संजौली क्षेत्र में कानून व्यवस्था कायम रखने के साथ शांति व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा. जिला शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने बताया कि यहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती रहेगी उन्होंने कहा कि पुलिस यहां कानून व्यवस्था सुनिश्चित करेगी.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>सीएम सुक्खू का आया था यह बयान</strong></div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>इस घटनाक्रम को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कल बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि इस मामले को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है. राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का अधिकार सभी को हैं. राज्य में सभी समुदाय की रक्षा भी राज्य सरकार का दायित्व है.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें - <a title=”‘किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं’, संजौली में प्रदर्शन से पहले बोले CM सुक्खू” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-cm-sukhvinder-singh-sukhu-on-hindu-organizations-protest-in-sanjauli-of-shimla-ann-2780647″ target=”_self”>’किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं’, संजौली में प्रदर्शन से पहले बोले CM सुक्खू</a> </strong></div>
पाकिस्तानी तालिबान के अफगानिस्तान में महफूज ठिकाने:जब ड्रग्स तस्कर आपस में सहयोग कर सकते हैं तो हुकूमतें क्यों नहीं?
पाकिस्तानी तालिबान के अफगानिस्तान में महफूज ठिकाने:जब ड्रग्स तस्कर आपस में सहयोग कर सकते हैं तो हुकूमतें क्यों नहीं? पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) सूबे के मुख्यमंत्री हैं अली अमीन गंडापुर। यह वह सूबा है, जिसकी काफी लंबी सरहद अफगानिस्तान के साथ लगती है। वे जेल में बंद विपक्षी नेता इमरान खान के बहुत भरोसेमंद दोस्त हैं।
गंडापुर के पास उस सूबे की कमान है, जो 80 के दशक की शुरुआत से ही आतंकवाद से मुब्तला रहा है। उनकी पार्टी साल 2013 से केपीके पर हुकूमत कर रही है। बदकिस्मती से वे इस सूबे में कानून और व्यवस्था के हालात को काबू करने में विफल रहे हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान पाकिस्तानी तालिबान ने केपीके में पुलिस और फौज के खिलाफ भयावह हमले किए हैं। पाकिस्तानी तालिबान के अफगानिस्तान में महफूज ठिकाने हैं। उन्हें अपने अफगान बिरादरों से सुरक्षा मिलती है, क्योंकि उन्होंने रूस और अमेरिका के खिलाफ अफगान तालिबान की मदद की थी। गंडापुर ने कई बार कहा है कि केंद्रीय हुकूमत को पाकिस्तानी तालिबान को काबू में करने के लिए अफगान तालिबान के साथ बात करनी चाहिए। लेकिन वजीर-ए-आजम शहवा शरीफ उनकी नहीं सुन रहे हैं, क्योंकि आर्मी लीडरशिप को लगता है कि ये आतंकी समूह हमेशा अपने असर को बढ़ाने के लिए बातचीत का सहारा लेते हैं। हाल ही में गंडापुर ने एलान किया है कि अगर केंद्रीय हुकूमत अफगान तालिबान के साथ बातचीत शुरू नहीं करती है तो वो खुद ही उनसे बातचीत करेंगे। इसके बाद गंडापुर ने पेशावर में अफगान महावाणिज्यदूत से मुलाकात की और अशांत इलाकों में अमन बहाली के लिए सरहद के दोनों ओर के वरिष्ठ कबाइली लीडर्स की एक बड़ी बैठक का प्रस्ताव रख दिया। सिर्फ आतंकवाद ही मसला नहीं है, जो गंडापुर को परेशान कर रहा है। वे अपने सूबे में ड्रग्स, खासकर क्रिस्टल मेथ जिसे ‘आइस’ के नाम से भी जाना जाता है। उसकी तस्करी को काबू में करने के लिए भी अफगान तालिबान से मदद चाहते हैं। यह खतरनाक ड्रग न केवल केपीके, बल्कि पूरे पाकिस्तान में बड़ी आसानी से मुहैया है। संयुक्त राष्ट्र के ड्रग एवं अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) के मुताबिक म्यांमार के बाद अफगानिस्तान दुनिया में अफीम का दूसरा सबसे बड़ा प्रोड्यूसर है। अफगानिस्तान से अफीम की सालाना तस्करी लगभग 330 टन है। अफगानिस्तान में गोपनीय ड्रग्स लैब्स न केवल हेरोइन और हशीश, बल्कि इफेड्रा पौधे से क्रिस्टल मेथ भी बना रही हैं, जो अफगानिस्तान में हर जगह आसानी से उपलब्ध है। क्रिस्टल मेथ बहुत सस्ती होती है, लेकिन होती बेहद खतरनाक। एंटी नारकोटिक्स फोर्स (एएनएफ) और पुलिस ने ऐसे कई तस्करों को पकड़ा है, जो इस जानलेवा ड्रग को हिंदुस्तानी पंजाब में भेजने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे थे। अफगान ड्रग माफिया अनेक पाकिस्तानी, भारतीय, ईरानी, श्रीलंकाई और ताजिक तस्करों के संपर्क में हैं। वे यूएई से काम करते हैं। हाल ही में एएनएफ ने इस्लामाबाद की एक यूनिवर्सिटी से एक महिला को गिरफ्तार किया है। वह यूनिवर्सिटी कैंटीन का इस्तेमाल क्रिस्टल मेथ बेचने के लिए कर रही थी। जांच के दौरान उसने अफगान तस्करों के एक और नेटवर्क के बारे में बताया। उनमें से दो को तब गिरफ्तार किया गया, जब वे यूनिवर्सिटी के अंदर ड्रग्स की सप्लाई करने आए थे। उन अफगानों ने एक तीसरे नेटवर्क के बारे में जानकारी दी, जो समुद्री रास्तों के जरिए कराची से ईरान और भारत तक ड्रग्स की तस्करी करता है। मुझे नहीं लगता कि गंडापुर अकेले अफगानिस्तान से बात करके आतंकवाद और ड्रग तस्करी के मसले को हल कर सकते हैं। वे केपीके की सरहद को सील कर सकते हैं, लेकिन बलूचिस्तान का क्या? यह सूबा भी अफगानिस्तान के साथ एक लंबी सरहद साझा करता है। अफगान तस्कर बलूचिस्तान और सिंध से पाकिस्तानी मछुआरों का इस्तेमाल अपने भारतीय समकक्षों को ड्रग्स की बड़ी खेप पहुंचाने के लिए करते हैं। वे समुद्री जल में सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल करते हैं। अफगानिस्तान से ड्रग्स की आमद को रोकने के लिए पाकिस्तान की केंद्रीय हुकूमत को बेशक एक रणनीति बनाने की दरकार है। पाकिस्तान में 90 लाख से भी ज्यादा ड्रग एडिक्ट हैं, जिनमें से 20 लाख तो 15 से 25 साल की उम्र के हैं। पाकिस्तान में हर दिन लगभग 700 लोग नशीले पदार्थों से जुड़ी जटिलताओं के कारण मौत के मुंह में चले जाते हैं। आतंकवाद से ज्यादा पाकिस्तानियों की जान अवैध ड्रग्स के कारण जा रही है। पाकिस्तानी सरकार को यूएनओडीसी की मदद से इस खतरे के खिलाफ एक क्षेत्रीय रणनीति बनानी चाहिए। यूएनओडीसी पहले से ही अफगान तालिबान के साथ काम कर रहा है, लेकिन इसे अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत और ईरान की एंटी नारकोटिक्स एजेंसियों के बीच कामकाजी रिश्ते बनाने चाहिए। इन देशों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन दक्षिण एशिया में ड्रग माफिया को हराने के लिए उन्हें आपस में सहयोग करना चाहिए। अगर पाकिस्तानी तस्कर भारतीय तस्करों के साथ सहयोग कर सकते हैं, तो इन देशों की सरकारें ड्रग माफिया को हराने के लिए सहयोग क्यों नहीं कर सकतीं? ये कॉलम भी पढ़ें… लाला लाजपत राय पाकिस्तान में भी हीरो:लाहौर में आज भी जिंदा है लाला लाजपत राय का ख्वाब, मां के नाम पर बना अस्पताल आज भी चल रहा
शराब के शौकीनों के लिए जरूरी खबर, दिल्ली में इन चार दिन नहीं होगी बिक्री, जानें डिटेल
शराब के शौकीनों के लिए जरूरी खबर, दिल्ली में इन चार दिन नहीं होगी बिक्री, जानें डिटेल <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली में शराब के शौकीन लोगों के लिए जरूरी खबर है. दरअसल, दिल्ली सरकार ने जुलाई से सितंबर के बीच धार्मिक त्योहारों और स्वतंत्रता दिवस समेत चार दिन ड्राई डे घोषित किए हैं. शराब पीने वाले लोगों को ये जानना जरूरी है कि वह कौन-कौन से चार दिन हैं जब दिल्ली में शराब नहीं मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा कि 17 जुलाई को मुहर्रम, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, 26 अगस्त को जन्माष्टमी और 16 सितंबर को ईद-ए-मिलाद के मौके पर शराब की दुकानें बंद रहेंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस पर शराब की दुकानों के अलावा, होटल, क्लब, रेस्तरां-बार में भी शराब नहीं परोसी जाएगी. हालांकि, एल-15 और एल-15एफ लाइसेंस वाले होटलों के शराब परोसने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली सरकार में एक्साइज कमिश्नर की तरफ से जारी किए गए ऑफिशियर ऑर्डर के मुताबिक दिल्ली में जुलाई एक और अगस्त के महीने में दिन ड्राई डे रहेगा. इसके अलावा सितंबर में एक दिन ड्राई डे रहेगा. उन्होंने बताया कि इस महीने 17 जुलाई को होने वाले मुहर्रम के दिन शराब की दुकानें खुलने पर पाबंदी रहेगी, जबकि अगस्त में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी शराब की दुकानें बंद रहेंगी. इसके अलावा उन्होंने बतया कि 26 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन भी ड्राई डे रहेगा और 16 सितंबर को ईद ए मिलादुन्नबी के दिन भी शराब की बिक्री नहीं हो सकेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतबल है कि दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग की तरफ से हर तीन महीने में पड़ने वाले ड्राई डे सूची जारी की जाती है, जिससे शराब के शौकीन लोगों को ये पता चल जाता है कि राष्ट्रीय राजधानी में किस-किस दिन शराब की ब्रिकी नहीं होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Delhi News: दिल्ली में हुई बारिश से लोगों को मिली राहत, मौसम विभाग ने जताई भारी बारिश की आशंका” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-weather-update-news-heavy-rain-imd-predicts-heavy-rainfall-2729260″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi News: दिल्ली में हुई बारिश से लोगों को मिली राहत, मौसम विभाग ने जताई भारी बारिश की आशंका</a></strong></p>